मोटू और पतलू की गाड़ी की कहानी, kids kahani

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मोटू और पतलू की गाड़ी

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ये मोटू और पतलू की कहानी है , जो की बहुत मशहूर है. मोटू और पतलू की कहानिया तो सभी बच्चो को पसंद आती है. तो ऐसी ही एक कहानी आज मैं आप लोगो के लिए लेकर आया हु. जो की इस प्रकार है. एक बार की बात है जब मोटू अपनी गाड़ी में चावल के बोरे लादकर शहर ले जा रहा था. अभी गाँव से निकला ही था, कि कुछ दूर सड़क पर एक गहरा खड्डे में उसकी गाड़ी पलट गई.

मोटू गाड़ी को सीधी करने की कोशिश करने लगा. थोड़ी ही दूर पर एक पेड़ के नीचे बैठे एक राहगीर ने यह देखकर आवाज़ दी, अरे भाई, परेशान मत हो, आ जाओ मेरे साथ पहले खाना खा लो फिर मैं तुम्हारी गाड़ी सीधी करवा दूंगा. मोटू ने कहा धन्यवाद, पर मैं अभी नहीं आ सकता.

मेरा दोस्त पतलू नाराज़ हो जायेगा. राहगीर ने कहा अरे तुझसे अकेले नहीं उठेगी गाड़ी. तू आजा खाना खा ले फिर हम दोनों उठाएंगे. मोटू ने कहा नहीं, पतलू बहुत गुस्सा हो जायेगा. राहगीर ने कहा अरे मान भी जाओ. आ जाओ तुम मेरे पास. मोटू ने कहा ठीक है आप कहते हैं तो आ जाता हूँ.

 

मोटू ने जमकर खाना खाया फिर बोला, अब मैं चलता हूँ गाड़ी के पास और आप भी चलिए. पतलू गुस्सा हो रहा होगा. राहगीर ने मुस्कुराते हुए कहा, चलो पर तुम इतना डर क्यों रहे हो. वैसे अभी कहाँ होगा पतलू. मोटू ने कहा गाड़ी के नीचे दबा हुआ है . हाहाहाहाहा, तो आप लोगो को ये कहानी पढ़कर मजा आया, मुझे तो बहुत ही ज्यादा मजा आया था. आशा करता हु की आपको भी ये मोटू और पतलू की कॉमेडी कहानी अच्छी लगी होगी.

 

बीरबल ने ढूंढा चोर

मैं आपको बीरबल का एक बहुत ही मशहूर किस्सा बताने जा रहा हु, सायद जिसके बारे मैं आप लोग जानते भी होंगे या नहीं भी जानते होंगे. लेकिन जब आप इसे पढ़ेंगे तो जरूर जान जायेगे. जो की इस प्रकार है. एक समय भोपाल शहर में एक अमीर अनाज का व्यापारी रहता था. उसने अपनी पत्नी को खुश करने के लिए हीरों का एक हार गिफ्ट में दिया.

 

यह हार बहुत ही कीमती था और उसे बहुत पंसद था. वह अक्सर खास कार्यक्रमों में जब उसके दोस्त उससे मिलते आते थे, तब इस हार को पहनती थी. इस तरह औरतों की प्रशंसा से यह हार बहुत प्रसिद्ध हो गया. एक दिन जब वह औरत सुबह सोकर उठी तो उसे वह हार कहीं नहीं मिला. उसने हार को बहुत ढूंढा, पर हार कहीं दिखाई नहीं दिया. इस प्रकार उसने यह निष्कर्ष निकाला कि हार चोरी हो गया है.

 

व्यापारी ने सैनिकों को हार को चोरी करने वाले को ढूंढने भेजा. सैनिकों ने चोर की खोज शुरू की, लेकिन जिसने भी हार चोरी किया था, वह बहुत ज्यादा चालाक था. उसने सैनिकों के लिए कोई सुराग नहीं छोड़ा था. इससे व्यापारी की पत्नी दुख के कारण बीमार पड़ गई. व्यापारी को अपनी पत्नी के स्वास्थ्य की चिंता होने लगी. जब कोई विकल्प नहीं मिला तो उसने बीरबल को यह मामला सुलझाने के लिए बुलाया.

 

बीरबल व्यापारी का बहुत अच्छा दोस्त था. एक दिन बीरबल उसके यहां रात के खाने पर गया. बीरबल व्यापारी से बोला, वह हार हमेषा तुम्हारी पत्नी की अलमारी में रहता था. यदि यह चोरी हुआ है तो यह आप के नौकरों में से किसी ने किया है. अपने सभी नौकरों को बुलाओ, मुझे उनसे बात करनी है. नौकरों को भोजन कक्ष में बुलाया गया. बीरबल ने नौकरों से कहा, मेरे पास कुछ जादू की छडि़यां हैं. मैं आप में से प्रत्येक को एक-एक छड़ी दूंगा. कल आप ये छडि़यां मुझे वापिस कर देना.

 

नौकरों में से एक नौकर ने कहा, परंतु आप इन छडि़यों की सहायता से चोर का पता कैसे गायेंगे. बीरबल ने कहा, यह कोई मामूली छडि़यां नहीं हैं. चोर की छड़ी रातभर में दो इंच बढ़ जाएगी. इसलिए मैं कल जब तुम्हारी इन छडि़यों को नापूँगा, तो मुझे पता चल जाएगा कि चोर कौन है. यह सुनकर व्यापारी हैरान हो गया, लेकिन उसने कुछ नहीं कहा. अगले दिन नौकरों ने बीरबल को छडि़यां वापस कर दी.

 

बीरबल ने एक-एक करके छडि़यों का नापा और व्यापारी से कहा, तुम्हारा रसोइया चोर है. हर कोई हैरान था. व्यापारी ने कहा, तुम ऐसा कैसे कह सकते हो. बीरबल ने उत्तर दिया, मैंने इसको जो छड़ दी थी, वह दो इंच छोटी है. इसने सोचा क्योंकि यह चोर है, इसलिए इसकी छड़ी दो इंच बढ़ जाएगी. इसलिए इसने इसे दो इंच काट दिया ताकि पकड़ा न जाए. व्यापारी हंसा. रसोइये ने हार वापस कर दिया और अपनी नौकरी खो दी. हर किसी ने बीरबल की बुद्धिमानी की तारीफ की. तो दोस्तों आपको ये बीरबल का किस्सा केसा लगा , कैसे बीरबल ने इस हार के चोर का पता लगाया. और आपको ये कहानी कैसी लगी हमे जरूर बताये.

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