दादा जी का पेड़ मोरल कहानी, Hindi motivational stories

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Hindi motivational stories, सुरेश को अपने दादा जी का साथ बहुत ही अच्छा लगता है सुरेश के माता पिता दोनों ही उसके साथ रहते पर भी सुरेश को हमेशा दादा के साथ रहना ज्यादा पसंद है, वो अपने दादा के साथ खेलता है और उन्ही के साथ खाना खाता है,

दादा जी का पेड़ मोरल कहानी :- Hindi motivational stories

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अपने दादा जी के साथ सुरेश गाव में भी घूमता रहता है और दादा जी भी उसके लिए रोज कोई न कोई मीठा फल जरूर लेकर आते है उन फलो को देखर सुरेश खुश हो जाता, और बड़े ही मजे से खाता . दादा जी भी कभी भूलकर भी अपने पोते को नहीं डांटते,

बात का ध्यान रखना :-

एक दिन सुरेश ने पूछा की दादा जी अगर हम सभी फलो के पेड़ अपने घर के आँगन में ही लगा ले तो कितना अच्छा होता हम रोज रोज सभी फल तोड़कर खाते है. इस पर दादा जी ने कहा की देखो आज हम आम का पेड़ अपने आंगन में लगा देंगे और तुम्हे भी इस बात का ध्यान रखना होगा की तुम हर रोज उस पेड़ में पानी देना होगा और तुम्हे इस पेड़ का ख्याल रखना होगा, हां दादा जी में इस पेड़ का ख्याल जरूर रखूँगा,

और फिर सुरेश के दादा जी ने आँगन में पेड़ लगा दिया और समय बीतता चला गया और सुरेश भी काफी बड़ा हो गया था और पेड़ भी पर अब उसके दादा जी नहीं रहे, उनकी याद दिल में हमेशा बनी रहे इसके लिए सुरेश अपनी पढाई भी पेड़ के नीचे बैठ करता और उसी पेड़ के नीचे आराम भी करता.

पत्थरो का प्रयोग :-

मानो की सुरेश उसे अपने दादा जी की तरह ही प्यार करता था और

अपने दादा जी की बाते भी हमेशा सुरेश को याद है, की पेड़ से हमे कितने फायदे होते है और

ये हमारे कितने काम आता है, एक दिन पेड़ पर फल आये और गली के बच्चो ने आम तोड़ने के लिए पत्थरो का प्रयोग कर दिया इस पर सुरेश की माँ को पत्थर लगा और उनके सर पर घाव हो गया और सुरेश के पिताजी ने पेड़ को काटने के लिए कुछ लोग बुला लिए.

 

और जैसे ही पेड़ काटने के लिए कुल्हाड़ी पेड़ पर लगायी तो सुरेश ने मन कर दिया की इस पेड़ को मत काटे ये उनके दादा जी की जगह है, जब दादा जी ने पेड़ को लगाया था तो कहा था की इस पेड़ का हमेशा ध्यान रखना और कभी इस पेड़ को नुक्सान न होने पाए, इस पेड़ के होने से सुरेश को कभी दादा जी की याद ने नहीं सताया है, जब भी उनकी याद आयी

पेड़ की यादो में :-

तो सुरेश इस पेड़ के पास आया और यादो को भूल गया, इस पेड़ को सुरेश और उसके दादा जी ने मिलकर साथ में लगया था, यही पेड़ उनकी यादो में आज भी है, तो इस मत काटिये, पर सुरेश के पिताजी ने कहा की इस पेड़ से देखो हमे कितना नुक्सान हुआ है, और गली के बच्चे भी पत्थर फेकते है जिससे हमे हानि हो सकती है, इस कट जाना ही चाहिए, तुम सामने से हट जाओ. 

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इस पर सुरेश ने कहा की ये पेड़ हमारे लिए बहुत काम आता है, इससे बहुत सी वास्तु भी बनती है और इसकी पत्तिया भी हमारे काम आती है, और सबसे बड़ा फायदा ये है की दादा जी हमारे साथ है, सुरेश की बातो को सुनकर उसकी माँ ने भी पेड़ को काटने से मन कर दिया और फिर सुरेश के पिताजी जी भी मान गए,

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hindi motivational stories, सुरेश के पिताजी ने भी अपनी गलती मानी की हम लोग कितना गलत करते है पेड़ हमारे लिए बहुत ही उपयोगी है और हमारे साथ तुम्हारे  दादा जी का भी आशीर्वाद हमेशा रहेगा. इतना सुनकर सुरेश की आँखों में भी आंसू आ गए थे और पयार भरे शब्द निकले मेरे दादा जी आप हमेशा हमारे साथ रहना………….

 

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दादा जी कहते हैं कि तुम किसी की बात नहीं सुनते हो अगर तुम किसी का कहना नहीं मानोगे तो यह अच्छी बात नहीं होगी वह लड़का कहता है कि सभी मुझे डांटते रहते हैं इसलिए मैं किसी की भी बात नहीं सुनता हूं दादा जी कहते हैं तुम्हें मेरे साथ टहलने के लिए जाना होगा शायद मैं तुम्हें अच्छी तरह से समझा सकता हूं

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उसके बाद वह लड़का और दादा जी घूमने के लिए चले जाते हैं जब दादाजी एक पार्क में पहुंचते हैं तो उस लड़के को कहते हैं कि अब तुम्हें खेलना शुरू कर देना चाहिए क्योंकि हम यहां पर खेलने के लिए ही तो आए हैं लड़का कहता है कि आपने तो कहा था कि हम घूमने आए हैं दादा जी कहते हैं कि यह बात सही है लेकिन हम पार्क में आए हैं तो तुम्हें खेलना भी चाहिए

पार्क में सभी जगह :-

लड़का खेलना शुरू कर देता है उसके बाद दादा जी कहते हैं कि तुम्हें यहां पर नहीं जाना है बस इतने ही जगह में खेलना होगा वह लड़का मना कर देता है कि मुझे तो पार्क में सभी जगह खेलना है मैं इतनी सी जगह में नहीं खेल सकता क्योंकि वह किसी की भी बात नहीं मानता था कुछ समय तक वह खेलता रहा और फिर अचानक ही फिसल कर गिर गया

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क्योंकि उस तरफ बहुत पानी था जिसकी वजह से उसे काफी चोट आ गई थी उसके बाद दादाजी ने कहा कि अगर तुम मेरी बात सुनते तो तुम्हें यह चोट नहीं लगती तुम्हें समझ में आ गया है कि तुम्हें किसी की भी बात को आसानी से समझना चाहिए अगर वह लोग तुम्हें मना कर रहे हैं

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तो इसके पीछे का कोई कारण होगा जिसकी वजह से वह मना कर रहे हैं लड़के को बात समझ में आ गई थी, क्योंकि उसे चोट लग गई थी अगर वह दादाजी की बात मान लेता तो शायद वह पानी में फिसल कर नहीं करता लेकिन वह बात नहीं मानता था जिसकी वजह से उसे परेशानी का सामना करना पड़ा

बड़ों की बात :-

यह कहानी सिर्फ इतनी सी है कि हमें बड़ों की बात माननी चाहिए क्योंकि बड़े इस बात को जानते हैं कि हमें क्या करना है और क्या नहीं करना है अगर आपको यह hindi motivational stories पसंद आए तो आगे भी शेयर करें कमेंट करके हमें बताएं 

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6 thoughts on “दादा जी का पेड़ मोरल कहानी, Hindi motivational stories”

  1. HindIndia says:

    शानदार पोस्ट … बहुत ही बढ़िया लगा पढ़कर …. Thanks for sharing such a nice article!! 🙂 🙂

    1. पोस्ट को पढ़ने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद्

  2. Abhishek Meena says:

    Bahut hi badhiya article likha hai sir aapne. Aapke dwara likhi gyi is kahani ka purpose bahut hi achcha hai… Please isi baare me kuch aur articles jarur likhe.
    Thanyou for sharing…

    1. आपका बहुत बहुत धन्यवाद जो आपने अपना समय दिया

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