Champak kahaniya
Champak kahaniya, राजकुमार को अपना फल का पेड़ बहुत पसंद था. क्योकि वह उस पेड़ की हमेशा देखभाल करते थे. उन्हें लगता था. यह पेड़ मेरे जीवन में बहुत काम आ सकता है. क्योकि यह फल का पेड़ मुझे भूख लगने पर भी मेरी भूख दूर कर सकता है. वह राजकुमार उस पेड़ के पास बहुत अधिक समय बिताया करते थे. कोई भी सैनिक उस पेड़ के पास नहीं जाता था. क्योकि यह पेड़ राजकुमार का था.
राजकुमार का पेड़ हिंदी चम्पक कहानिया :- Champak kahaniya
एक दिन की बात है. बहुत गरीब आदमी अपने घर जा रहा था. उसे बहुत भूख लगी थी. उसने उस फल के पेड़ को देखा था. अब उसे लग रहा था. यह पेड़ मुझे फल दे सकता है. मुझे भूख भी लगी है. इसलिए वह उस पेड़ पर चढ़ जाता है. उसके बाद वह उस पेड़ से फल लेने लगता है. उन्हें खाता है. उधर राजकुमार अपने पेड़ को देखते है. उनके महल से पेड़ साफ़ नज़र आता है. वह देख रहे थे. पेड़ पर कोई है. क्योकि उन्हें कोई नज़र आ रहा था. वह सैनिक से कहते है.
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उस पेड़ पर जो भी है. उसे पकड़ लिया जाये. वह सैनिक उस गरीब आदमी को पकड़ लेता है. जोकि पेड़ से फल खा रहा था. कुछ समय बाद वह राजकुमार आते है. वह कहते है. तुमने इस पेड़ से फल लेने की जरूरत कैसे की है. यह पेड़ हमारा है. यह सुनकर वह गरीब आदमी कहता है. मुझे भूख लगी थी. इसलिए में उस पेड़ पर चढ़ गया था. उसके कुछ फल खाये है. मुझे नहीं पता था. यह पेड़ आपको बहुत पसंद है.
आज के बाद में इस पेड़ के पास नहीं आ सकता हु. मुझे माफ़ कर दे.
मगर “राजकुमार” का गुस्सा बहुत अधिक बढ़ गया था.
वह उस गरीब आदमी को पकड़ लेते है. कल दरबार में उसे सजा मिलने वाली है.
वह गरीब आदमी बहुत डर गया था. क्योकि उसे सजा मिल सकती है. वह नहीं जानता था. यह पेड़ राजकुमार का है. वह उसे सजा दे सकते है. अगला दिन आ जाता है. आज उस गरीब आदमी को सजा मिलने वाली थी. उस दिन दरबार में साधु जी भी आये थे. वह सोच रहे थे. यहां पर किसे सजा मिलने वाली है. अब उस गरीब आदमी को बुलाया जाता है.
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राजकुमार कहते है. तुमने अब सजा मिलने वाले है. क्योकि तुमने हमारे पेड़ से फल खाये है. यह सुनकर अब साधु जी कहते है. इसने कुछ नहीं किया है. इसे भूख लगी थी. जिसकी वजह से उसने यह फल खाये थे. राजकुमार साधु की बात सुन रहे थे. मगर वह उस गरीब आदमी को सजा देने चाहते थे. साधु जी कहते है. यह पेड़ राजकुमार ने लगाया है. राजकुमार मना कर देते है. वह भी नहीं जानते है. यह पेड़ किसने लगाया है. उसके बाद वह साधु जी कहते है. यह पेड़ सभी के होते है. हमे यह पेड़ फल देते है.
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जिन्होंने यह पेड़ लगाया था. वह जानते थे. यह फल सभी के है. शायद उस दिन राजकुमार को अपनी गलती का अहसास हो गया था. उस दिन के बाद राजकुमार ने उस पेड़ का ध्यान रखा था. क्योकि वह सभी के लिए है. सभी को फल देता है. गरीब आदमी को छोड़ दिया जाता है. हमे भी अपने जीवन में पेड़ लगाने चाहिए. क्योकि यह हमेशा सभी के काम आते है. अगर आपको यह Champak kahaniya पसंद आयी है. शेयर जरूर करे.