Best kahani for child | चापलूस जानवरों की कहानी
Best kahani for child, एक जंगलो मैं एक आजाद नाम का बाघ रहता था, जो की जंगल का राजा कहलाता था. उसके 4 सेवक थे गिद्ध, गीदड़, लोमडी और चीता. गिद्ध दूर दूर तक उडकर समाचार लाता . चीता राजा का रक्षक था. सदा उसके पीछे चलता. गीदड़ मंत्री था. उनका असली काम तो बाघ की चापलूसी करना था. इस काम में चारों माहिर थे. इसलिए जंगल के दूसरे जानवर उन्हें चापलूस मंडली कहकर पुकारते थे. बाघ शिकार करता. जितना खा सकता वह खाकर बाकी अपने सेवकों के लिए छोड जाया करता था.
Best kahani for child : चापलूस जानवरों की कहानी
Best kahani for child, उससे मजे में चारों का पेट भर जाता. एक दिन गिद्ध ने आकर चापलूस मंडली को सूचना दी भाईयो, सडक के किनारे एक घोड़ा बैठा हैं. गीदड़ चौंका घोड़ा, किसी काफिले से बिछुड गया होगा. चीते ने जीभ चटकाई हम बाघ को उसका शिकार करने को राजी कर लें तो कई दिन दावत उडा सकते हैं. लोमडी ने घोषणा की यह मेरा काम रहा. “Best kahani for child”
लोमडी बाघ राजा के पास गई और अपनी जुबान में मिठास घोलकर बोली महाराज, दूत ने खबर दी हैं कि एक घोड़ा सडक किनारे बैठा हैं. मैंने सुना हैं कि मनुष्य के पाले जानवर का मांस का स्वाद ही कुछ और होता हैं. बिल्कुल राजा महाराजाओं के काबिल. आप आज्ञा दें तो आपके शिकार का ऐलान कर दूं. बाघ लोमडी की मीठी बातों में आ गया और चापलूस मंडली के साथ गिद्ध द्वारा बताई जगह जा पहुंचा.
वहां एक कमजोर सा घोड़ा सडक किनारे निढाल बैठा था. उसकी आंखें पीली पड चुकी थीं. उसकी हालत देखकर बाघ ने पूछा क्यों भाई तुम्हारी यह हालात कैसे हुई. घोड़ा कराहता हुआ बोला जंगल के राजा, आपको नहीं पता इंसान कितना निर्दयी होता हैं. मैं एक घोड़ो के काफिले में एक व्यापार माल ढो रहा था. रास्ते में मैं बीमार पड गया. माल ढोने लायक नहीं उसने मुझे यहां मरने के लिए छोड दिया. आप ही मेरा शिकार कर मुझे मुक्ति दीजिए. घोड़ा की कहानी सुनकर बाघ को दुख हुआ. अचानक उसके दिल में राजाओं जैसी उदारता दिखाने की जोरदार इच्छा हुई. बाघ ने कहा घोड़ा, तुम्हें कोई जंगली जानवर नहीं मारेगा.
मैं तुम्हें अभय देता हूं. तुम हमारे साथ चलोगे और उसके बाद हमारे साथ ही रहोगे. चापलूस मंडली के चेहरे लटक गए. गीदड़ फुसफुसाया ठीक हैं. हम बाद में इसे मरवाने की कोई तरकीब निकाल लेंगे. फिलहाल बाघ का आदेश मानने में ही भलाई हैं. इस प्रकार घोड़ा उनके साथ जंगल में आया. कुछ ही दिनों में हरी घास खाने व आरम करने से वह स्वस्थ हो गया. बाघ राजा के प्रति वह घोड़ा बहुत कॄतज्ञ हुआ. बाघ को भी घोड़ा का निस्वार्थ प्रेम और भोलापन भाने लगा. घोड़ा के तगडा होने पर बाघ की शाही सवारी घोड़ा के ही आग्रह पर उसकी पीठ पर निकलने लगी लगी वह चारों को पीठ पर बिठाकर चलता.
एक दिन चापलूस मंडली के आग्रह पर बाघ ने हाथी पर हमला कर दिया. दुर्भाग्य से हाथी पागल निकला. बाघ को उसने सूंड से उठाकर पटक दिया. बाघ उठकर बच निकलने में सफल तो हो गया, पर उसे चोंटें बहुत लगीं. बाघ लाचार होकर बैठ गया. शिकार कौन करता. कई दिन न बाघ ने ने कुछ खाया और न सेवकों ने. कितने दिन भूखे रहा जा सकता हैं. लोमडी बोली हद हो गई. हमारे पास एक मोटा ताजा घोड़ा हैं और हम भूखे मर रहे हैं. चीते ने ठंडी सांस भरी क्या करें. बाघ ने उसे अभयदान जो दे रखा हैं. देखो तो घोड़ा की पीठ का कूबड कितना बडा हो गया हैं. चर्बी ही चर्बी भरी हैं इसमें.
गीदड़ के मुंह से लार टपकने लगी घोड़ा को मरवाने का यही मौका हैं दिमाग लडाकर कोई तरकीब सोचो. लोमडी ने धूर्त स्वर में सूचना दी तरकीब तो मैंने सोच रखी हैं. हमें एक नाटक करना पडेगा. सब लोमडी की तरकीब सुनने लगे. योजना के अनुसार चापलूस मंडली बाघ के पास गई. सबसे पहले गिद्ध बोली महाराज, आपको भूखे पेट रहकर मरना मुझसे नहीं देखा जाता. आप मुझे खाकर भूख मिटाइए. लोमडी ने उसे धक्का दिया चल हट, तेरा मांस तो महाराज के दांतों में फंसकर रह जाएगाअ. महाराज, आप मुझे खाइए. गीदड़ बीच में कूदा तेरे शरीर में बालों के सिवा हैं ही क्या. महाराज, मुझे अपना भोजन बनाएंगे. अब चीता बोला नहीं, गीदड़ का मांस खाने लायक नहीं होता.
Best kahani for child, मालिक, आप मुझे खाकर अपनी भूख शांत कीजिए. चापलूस मंडली का नाटक अच्छा था. अब घोड़ा को तो कहना ही पडा नहीं महाराज, आप मुझे मारकर खा जाइए. मेरा तो जीवन ही आपका दान दिया हुआ हैं. मेरे रहते आप भूखों मरें, यह नहीं होगा. चापलूस मंडली तो यहीं चाहती थी. सभी एक स्वर में बोले यही ठीक रहेगा, महाराज, अब तो घोड़ा खुद ही कह रहा हैं. चीता बोला महाराज, आपको संकोच हो तो हम इसे मार दें. चीता व गीदड़ एक साथ घोड़ा पर टूट पडे और घोड़ा मारा गया. इस कहानी से हमे यही सीख मिलती है की हमे कभी भी चापलूसों से किसी भी प्रकार का दोस्ताना नहीं रखना चाहिए, क्योकि ये बहुत ही ज्यादा खतरनाक होते है. Best kahani for child, अगर आपको यह कहानी पसंद आयी है तो आप शेयर कर सकते है
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