कभी भी आत्माये नहीं बदलती, bhut pret story

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कभी भी आत्माये नहीं बदलती

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bhut pret story, real bhoot, दोस्तों कुछ आत्माये ऐसी होती है जो की कभी भी अपने को बदलना नहीं चाहती है. इसलिए कहा जाता है की इन् आत्माओ से दूर ही रहना चाहिए. हम जिस घर में रहते थे वो लगभग बीस साल पुराना था और करीब दो  साल पहले तक तो कुछ नहीं हुआ.

 

लेकिन जिस जमीन पर हमारा घर बनाया गया था, उसकी नीव धीरे धीरे नस्ट होती जा रही थी, इसलिए वो तहखाने को पूरी तरह से ध्वस्त करती जा रही थी और दोबारा जब तक हम उस तहखाने को फिर से तैयार नहीं करते तब तक मैं हमेशा उसकी ऊपरी स्तर पर रहता था. मैं नोवी कक्षा में था जब मैं अपने कमरे में नीचे चला गया था.

पहली बार मेरे साथ कुछ ऐसा हुआ था की , मैं भूत को साफ़ देख रहा था, इससे पहले कि मैं बिस्तर पर गया, किसी को यह बताने के लिए इंतजार कर रहा था कि कुछ समय के लिए क्या हुआ था, क्योंकि वे मुझे डरा रहे थे कि वे मुझे इस शोक से बाहर निकलने के लिए तैयार कर लेंगे. मैं सिर्फ पांच मिनट के लिए बिस्तर में गया था जब मैंने एक आदमी की आवाज़ सुनाई दी थी, मैंने सोचा था कि मैं पिता के घर गया था, इसलिए मैंने कोई शोर नहीं किया लेकिन मेरे कमरे में कोई नहीं था.

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उसके बाद मैंने अपना रेडियो चालू कर दिया, मेरी घड़ी की रोशनी ने , मेरी आँखों को तंग कर रखा था. आवाज निश्चित रूप से छाल के माध्यम से नहीं आ रही थी, अगर मैं उन्हें उस तरह से सुनूं तो आवाज हमेशा गूंजती रहती है. कुछ हफ्ते बाद मैंने एक महिला को काना फूसी सुन रहा था  जो मैं काफी बाहर नहीं कर सका. तब से मैंने अपने कमरे में कोई आवाज नहीं सुनाई है, लेकिन मैंने हर बार छाया को देखा है.

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 तब से हमारे घर में और अधिक खौफनाक चीजें होती चली गयी. जब मेरी बहन घर पर बैठी थी. जब हम दूर होते हैं तो वह हमेशा आवाज सुनती है और अजीब बातें होती हैं. सबसे खास तौर पर, उसके पास एक बंद करने के लिए एक लिए एक दरवाजा था. बस आप जानते हैं, कोई भी मसौदा तैयार नहीं हो सकता है हमने हाल ही में महसूस किया है कि जब भी हम घर पर पुनर्निर्माण कर रहे हैं, तब भी इनमें से अधिकतर चीजें होती हैं. ये एक सच्ची कहानी है.

 

मोबाइल का प्रेत एक कहानी

ये कहानी एक सच्ची घटना पर आधारित है. क्युकि जब भी किसी के पास उसके मोबाइल पर एक अनजान कॉल आती है तो उसमे से एक ही आवाज़ निकलती है की अब तुम मारे जाओगे और उसकी कुछ ही दिनों मैं मोत हो जाती है. ये कहानी एक ऐसे ही मोबाइल के प्रेत की है , जो मैं आपको बताने जा रहा हु.

 

मेरा नाम सोहन है और मैं राजस्थान के जयपुर जिले का रहने वाला हु. एक दिन की बात है जब मैं अपने दोस्त की बर्थडे पार्टी मैं गए हुआ था और मुझे वहाँ से लौटने मैं बहुत ही रात हो गयी थी. की तभी मेरे मोबाइल पर एक कॉल आयी लेकिन उस पर किसी भी इंसान का कोइन भी नंबर डिस्प्ले नहीं हो रहा था.

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जो भी डिस्प्ले हो रहा था वो केवल अननोन नंबर ही दिख रहा था. मुझे लगा की शायद कोई मेरा दोस्त मुझे से मजाक कर रहा है, कोई नई नंबंर लेकर. मैंने जैसे ही कॉल उठायी तो आवाज़ आयी की ” तुम कुछ ही दिनों मैं मारे जाओगे”, और फिर कॉल कट गयी. मैंने तुरंत ही कॉल बैक की तो नंबर नॉट रीचेबल जा रहा था.

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मैं बहुत ही डर गया की ये नंबर किसका है और कौन मुझे जान से मरना चाहता है तो मैंने अपने सभी दोस्तों से पूछना शुरू कर दिया की मुझे कुछ इस तरहे से एक कॉल आयी थी क्या तुम लोगो ने की थी. लेकिन सभी ने मना किया की हमने तुझे कोई भी कॉल नहीं की है. अब तो मैं बहुत ही ज्यादा डर चूका था.

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एक रात मैं  जब सो रहा था तो अचानक से मेरे दरवाजे के बहार किसी के चलने की आवाज़ आ रही थी , तो मैंने उठ कर देखा तो कोई भी नहीं था. लगा शायद मेरा कोई वहम होगा. लेकिन जैसे ही मैं दोबारा सोने के लिए गया तो मुझे फिर से आवाज़ आने लग गयी. लेकिन इस बार मैं उठा नहीं बल्कि चादर मैं घुस गया और सो गया.

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अगली रात मेरे साथ फिर ऐसा ही हुआ. मुझे रात को लगभग 1 बजे किसी के चलने के आहट सुनाई दी तो मैं उठा और देखा की कोई भी नहीं था लेकिन आहट साफ़ सुनाई दे रही थी. मैं बहुत डर गया की तभी मेरे पास आकर कोई ज़ोर से चिल्लाया , मैंने देखा तो कोई भी नहीं था.

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बार बार वो आवाज़ यही कह रही थी की अब तुम ज़िंदा नहीं बेचोगे. तुम मारे जाओगे. अब तो मेरी साँसे मानो चलना ही बंद हो चुकी थी. मैं सहमा हुआ सा घर के एक कोने मैं जाकर बैठ गया. लेकिन फिर भी उन आवाज़ों ने मेरा जीना मुश्किल कर रखा था. वो आवाज़े रात भर मेरे कानो मैं गूंजती रही.

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bhut pret story, real bhoot,और रात भर मैं सो न स्का. मुझे लग रहा था की आज तो मैं ज़िंदा ही नहीं बचूगा लेकिन ये मेरी खुश नसीबी थी की मैं बच गया. लेकिन जब मैं अगली सुबह घर से बहार निकला तो मुझे पता चला की पड़ोस मैं रहने वाले अंकल की मोत हो चुकी थी, इसका मतलब ये है की वो किसी न किसी का तो नंबर आता ही है आप बच गए तो क्या हुआ वो किसी और को अपने साथ ले गयी.

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