Story in hindi | Hindi stories
बूढ़े आदमी का जीवन हिंदी कहानी, story in hindi, पहली बार अपने दोस्त के साथ जब मैं पार्क में गया तो मैंने देखा कि चारों ओर काले बादल छाए हुए हैं और बहुत ही तेज ठंडी हवा चल रही है मौसम को देखकर ऐसा लगता था कि बारिश थोड़ी ही देर में होने ही वाली है उस पार्क में बहुत से लोग भी घूम रहे थे,
बूढ़े आदमी का जीवन हिंदी कहानी :- Story in hindi
तभी हमने देखा कि एक बुढ़िया बैठी हुई थी उसके हाथ में कुछ खाने का सामान था जिसे वह धीरे धीरे खा रही थी उस “बुढ़िया” को देखकर ऐसा लगता था कि शायद घर में अकेली होगी इसलिए काम करके वहीं पर बैठ कर खा रही थी बहुत बुरा लगता है जब कोई बूढ़ा आदमी घर में अकेला होता है और उसके साथ कोई भी नहीं होता, उसका जीवन बहुत ही दुखदाई होता है
आदमी का स्वभाव :-
बुढ़ापे के जीवन में काम करना बहुत ही मुश्किल होता है हाथ पैर भी नहीं चल पाते उसके बाद भी अगर काम करते हैं तभी खाना मिलता है हमें भी अपने बूढ़े लोगों के बारे में सोचना चाहिए हमें उन्हें कभी नहीं छोड़ना चाहिए Because बुढ़ापा आखिरकार सभी पर आता है बहुत से लोग ऐसा सोचते हैं कि बूढ़ा आदमी मुझे परेशान करता है इसलिए उन्हें वह घर से निकाल देते हैं जबकि ऐसा नहीं करना चाहिए बूढ़े आदमी का स्वभाव एक बच्चे की तरह होता है
इसलिए थोड़ी जिद्द करता है हमें हमेशा अपने बूढ़े आदमी की बातों को हल्के में ही लेना चाहिए ज्यादा हमें उनके बारे में नहीं सोचना चाहिए वह कहते रहते हैं हमें इस बात पर ध्यान नहीं देना चाहिए और उनकी सेवा करनी चाहिए तभी हम जीवन में एक सफल आदमी कहलाएंगे.
एक बुढ़िया की लघु हिंदी कहानी
वह लड़का उस “बुढ़िया” को देखता है, जोकि किसी पास के घर में काम करके जाती है, वह बहुत ही धीरे धीरे चल रही थी, वह उसे बहुत ध्यान से देखता है, वह “बुढ़िया” एक पेड़ के पास बैठ जाती है, फिर उसके पास जो खाना था वह उसे खाने लगती है, शायद उसे भूख लगी होगी, वह खाना खाती है, फिर वही पर आराम करती है, वह लड़का उस “बुढ़िया” के पास जाता है, वह कहता है अम्मा आप यहां पर क्यों बैठी है,
जीवन बहुत मुश्किल :-
आप अपने घर जाकर आराम कर सकती है, आपको यहां पर बहुत गर्मी लगेगी यह सुनकर वह “बुढ़िया” कहती है, मेरे घर होकर भी मेरा नहीं है, में वहा पर रहती जरूर हु, मगर उस जगह पर कोई नहीं रहता है, मेरी झोपडी यहां से कुछ दुरी पर है, मेरे साथ अब कोई नहीं रहता है वह घर होकर भी घर नहीं कहलाता है, जब कोई भी आपके पास बात करने के लिए नहीं होता है तो शायद यह जीवन बहुत मुश्किल हो जाता है, यह बुढ़ापा मुझे परेशान नहीं करता है, बल्कि वह खालीपन मुझे परेशान करता है,
जब तक में काम करती हु, मेरा मन लगा रहता है, मगर जब काम पूरा होता है, फिर मन में बहुत से ख्याल चलते है, जिनके बाद मन दुखी हो जाता है, वह लड़का अम्मा की बाते बहुत ध्याना से सुन रहा था, क्योकि वह सब कुछ जानना चाहता था, जोकि वह “बुढ़िया” कहना चाहती थी, कुछ देर बाद वह “बुढ़िया” से कहता है की मुझे आपकी वह झोपडी देखनी है, उसके बाद वह लड़का उसके साथ चलता है, दोनों कुछ समय बाद पहुंच जाते है, वह लड़का कहता है की अम्मा यहां पर तो कुछ भी नहीं है,
खालीपन :-
आपको यहां पर रहने में डर नहीं लगता है, क्योकि यहां से कुछ दुरी पर जंगल है, वह अम्मा कहती है, मेने तुम्हे बताया था की मुझे डर सिर्फ खालीपन से लगता है, क्योकि मेरे साथ कोई भी बात करने को नहीं है, यह सुनकर वह लड़का कहता है की में आपके पास यहां पर हर रोज आया करूंगा मुझे दोस्तों के सतह खेलना अच्छा नहीं लगता है, यह सुनकर वह “बुढ़िया” कहती है, तुम तो मेरे साथ में बोर हो जाओगे, वह लड़का कहता है, में आपसे कहानी सुनना पसंद करूँगा यह सुनकर आज “बुढ़िया” को लग रहा था, शायद अब कोई उसके जीवन में आया है, जिससे वह बात कर सकती है,
कहानी का मोरल :-
वह लड़का जब भी “बुढ़िया” के पास आता है, वह साथ में कभी भोजन कभी खाने का सामान लाया करता था, वह हर रोज अच्छी अच्छी कहानी सुनता था, अब “बुढ़िया” को भी वह जीवन अच्छा लग रहा था जिससे वह बोर हो चुकी थी, किसी की परेशानी को कम करने पर अगर उस इंसान को ख़ुशी मिल सकती है, तो आपको वह काम जरूर करना चाहिए, अगर आपको यह Story in hindi पसंद आयी है, तो शेयर करे
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