Story in hindi | Best moral stories in hindi
Story in hindi, एक गांव में एक बूढी अम्मा रहती थी उसके पास कुछ बकरिया थी और उन्ही बकरियों के सहारे वह अपना गुजरा करती थी एक दिन वह अपनी बकरियों को लेकर जंगल की और गयी वही पर बकरी घास चर रही थी और बुढ़िया अम्मा अपनी कुछ लकड़ी काट रही थी,
8 नई हिंदी कहानी :- Story in hindi
story in hindi, जब शाम हो गयी तो बुढ़िया अम्मा अपनी बकरी को लेकर चली गयी और यह काम बुढ़िया हर रोज करती थी बुढ़िया अपनी झोपडी में अकेली ही रहती थी क्योकि उसके परिवार में अब कोई नहीं था रात होने ही वाली थी की बुढ़िया को कुछ हरकत दिखाई दी पर अँधेरा होने के कारण कुछ साफ़ नहीं देख पायी थी, अगली सुबह जब बुढ़िया उठी तो उसने देखा की एक बकरी कम थी अब बुढ़िया समझ गयी की कोई जंगल में है जिसने बकरी ली है अब ये बात उस गांव में फील गयी की लगता है कोई जानवर जंगल से गांव में आ रहा है और हमे नुक्सान पहुंचा रहा है
देखने का नजरिया एक हिंदी कहानी
इसी मुसीबत का हल सभी गांव वाले सोच रहे थे की कोन सा जानवर जंगल से आता है और बकरी को ले जाता है इस बात का पता लगाना चाहिए सभी लोगो ने बरी-बरी से पहरा देने का निर्णय लिया आज दूसरी रात थी आधी रात हो गयी थी पहरा देने वाले को लगा की अब कोई नहीं है थोड़ी नींद ले ली जाए और उसकी आँख लग गयी, तभी जंगल से कोई आया इस बार वह कुछ मुर्गिया ले गया और सुबह होने पर पता चला की फिर कोई आया था लेकिन इस बात का पता आज भी नहीं लगा बूढी अम्मा को बहुत दुःख हुआ और आज बूढी अम्मा ने खुद पहरा देने की सोची
भविष्य की चिंता की कहानी
जब बूढी अम्मा पहरा दे रही थी तो उसी वक़्त कोई जंगल से आया और चुराने की कोशिश करने लगा बूढी अम्म ने उस पर वार किया और देखा की ये तो कोई जानवर नहीं चोर है सभी लोग आवाज सुनकर आ गए और चोर पकड़ा गया इस तरह बूढी अम्मा को सभी ने धन्यवाद दिया, दोस्तों जैसा हमे हर बार लगता है वैसा हर बार होता नहीं है हमे लग रहा था की कोई जानवर है पर कोई जानवर नहीं था वो एक चोर था जो चोरी करने आया था सच को जाने बिना हम कह नहीं सकते की क्या है इसलिए हमे हमेशा हर बात की गहराई में जाना चाहिए. अगर आपको यह Story in hindi, Best moral stories in hindi, पसंद आयी है तो आगे भी शेयर करे और हमे भी बताये
हिंदी कहानी :- रेल का डिब्बा
story in hindi, हम सभी रेलगाड़ी का इंतजार कर रहे थे , हम सब यानी अनगिनत लोग , सभी गाड़ी में चढ़ने के लिए तैयार थे , गाड़ी आयी और रुकी सभी गाड़ी में चढ़ गए , और रेलगाड़ी चल दी , डिब्बे में देखा की बहुत से लोग बैठे है, बस में भी जगह देखकर बैठ गया , लोग न जाने क्या बात कर रहे थे , या युही समझिये की लोग एक दूसरे से अनजान थे बस आपस में बात कर रहे थे
जीवन अच्छे में बदल सकता है हिंदी कहानी
थोड़ी देर मैं एक चायवाला आया, कुछ ने चाय ले ली और मैने सोचा की में भी ले ही लू पर एक अजीब से आवाज आयी , मेरा तो समान ही लूट गया क्या कर अगर अकेला होता तो शायद ऐसा न होता पर बीवी बच्चे के ध्यान से में समान पर ध्यान ही नहीं रख पाया , अब क्या करू. उस व्यक्ति की उम्र लगभग चालीस साल की होगी उसके दो बच्चे पर ज्यादा उम्र नहीं थी बच्चे की.
उस व्यक्ति ने मुझसे मदद मांगी, की मेरा सारा समान लूट गया है. मेरे पास कुछ नहीं है. सब कुछ समान में ही रखा था. मेरा बच्चा भूखा है उसे कुछ खाने को दे दीजिये. मेने देखा की बच्चे का चेहरा लाल था और वो महिला उसके पास खड़ी थी.महिला बड़ी ही दुखी लग रही थी , अब में सोच रहा था की क्या करू इसकी कहानी पर विस्वास करू या न करू क्योकि आजकल बहुत से ठग ऐसे ही काम चलाते है.
बारिश अभी नहीं आयी मोरल कहानी
मेने कहा की कही तुम ठग तो नहीं हो, इस बात को सुनकर वो चुप हो गया और वही नीचे ही बैठ गया और साथ ही उसकी पत्नी भी वही बैठ गयी, उसकी पत्नी की आँखों में असू थे और मेरे मन मैं विचार चल रहे थे की मदद करू न करू, उनकी बातो पर ध्यान दिया तो लगा की ये बड़ी दूर से आ रहे थे उनकी भाषा चेन्नई की लग रही थी , पर मन की आवाज आयी शायद ये झूटे तो नहीं है.
सोचा की थोड़ी देर और देखता हु, और एक चाय चायवाले से ली , चाय पिने लगा उसकी बातो मैं तो भूल ही गया था की मुझे चाय पीनी थी, चाय पीते-पीते सोच ही रहा था की क्या करू, की आवाज आयी दूध वाला दूध ले लो , दूध फिर दिमाग मैं आया की अब चाय वाला आया अब ये दूध वाला. फिर उस आदमी ने कहा की बच्चे को दूध ही पिला दो ये रो रहा है. मेने कहा की तुम लोग यही काम रोज करते हो, इस बात को सुनकर महिला फिर रोने लगी, अब में ये सोचने लगा की ये क्या हो रहा है, दिमाग फैसला भी नहीं ले पा रहा है की ये सच्चे या झूटे, बस मन मैं विचार ही दौड़ रहे थे,
जीवन में बदलाव लाये कहानी
तभी दूध वाले ने कहा की तुम लोग फिर, उसने कहा की ये तो पहले भी दूध माग रहे थे अभी तक यही , आदमी ने कहा की थोड़ा दूध दे दो भईया बच्चा रो रहा है. दूधवाले ने मना कर दिया. मुझे थोड़ा विस्वास हो रहा था की शायद ये सच बोल रहे है, ये आपस मैं बात कर रहे थे की बच्चे रोये जा रहा है, इसे कुछ खाने के लिए ला दो, ये सुबह से भूखा है. थोड़ी देर बाद छोलेवाला आ गया छोले ले लो मैने उसे छोले और दूध दिलवा दिए . वो बड़े खुश हुए और उन्होंने मुझे धन्यवाद दिया.
Story in hindi, Best moral stories in hindi, उस आदमी ने कहा की मेरी थोड़ी और मदद करदीजिये मेने कहा क्या, उसने कहा की हमारे टिकेट का इंतेज़ाम कर दीजिये हम अपने घर वापिस चले जायँगे. मेने उसे टिकेट के पैसे दे दिए , शायद अब मेरा स्टेशन भी आ गया था अब मुझे उतरना था, मैं उत्तर गया और उस आदमी ने धन्यवाद् दिया और में चल दिया, इस रेलगाड़ी में न जाने कितने लोग मिलते है. अच्छे भी और बुरे भी सभी और ध्यान रखना चाहिए शायद कुछ सफर यादगार बन जाते है.
राजा और चोर की कहानी :- Best moral stories in hindi
story in hindi, ये कहानी है एक शातिर चोर की, ये चोर बहुत ही चुतर था. कहते है की इस चोर जैसा कोई चोर नहीं था, बात बहुत ही पुराने जमाने की है, ये चोर जब भी चोरी करता था तो लोगो कभी पता नहीं चला. लोगो को इस बात का डर था की कही ये चोर हमारे यहाँ चोरी न कर दे, चोर ने सोचा की गाव में तो बहुत चोरी कर ली अब क्यों न राजधानी में चोरी की जाए, क्योकि अगर राजधानी में चोरी नहीं करेगा तो उसे कोण जान पायेगा और उसकी वाह-वही कैसे होगी, यही सोचकर अब उसने राजधानी में चोरी करने की योजना बनाई,
समस्या दूर हुई नयी हिंदी कहानी
पहले ये चोर राजधानी में गया और पुरे नगर का चक्कर लगाया, और तय किया की चोरी की शुरुवात राजा के महल से की जाए, पर जब महल का चोर ने जायजा लिया तो देखा की महल के चारो और तो सिपाही का घेरा है और बिना नज़र बचाये कोई भी अंदर नहीं जा सकता, राजा के महल में एक घडी लगी थी, जोकि हर घंटे पर आवाज करती थी, अब चोर ने सोचा की अगर चोरी नहीं की तो उसे कोण जान पायेगा और वह चर्चित कैसे होगा और चोर रातभर यही सोचता रहा की कैसे चोरी की जाए, पूरी रात भर सोचने पर चोर को एक योजना बना कर काम करना होगा यही सोचा की, की उसके दिमाग में एक बात आयी की दिवार पर एक घडी लगी है जिसका उपयोग किया जा सकता है, तो चोर ने यही सोचा की, हां ऐसा किया जा सकता है,
जब रात हुई तो चोर चोरी करने के लिए गया और दिवार घडी ने रात के बारह बजे घंटे के साथ आवाज दी और उसी वक़्त चोर ने कीले की दिवार में कीले ठोक दी, और हर घंटे पर चोर कीलों को ठोकता चला गया और साथ ही किले की दिवार पर चढ़ता चला गया, महल में दाखिल होने के बाद वह जहाँ पर खजाना रखा हुआ था वह पर पहुच गया और उनमे से हीरो को चुरा लिया और चोरी को करने के बाद वह चोर वह से भाग गया,
एक दिन की मेहनत कहानी
जब सुबह हुई तो राजा ने देखा की उसके खजाने में से हीरे घ्याब थे और राजा ने ये देख कर बड़ा ही नाराज हुआ की इतना पहरा होने के बाद भी चोरी हो गयी, राजा ने अपने मंत्री को बुलाया और इस बात की खबर दी और अपनी नाराजगी जताई की हमारे महल में जब चोरी हो सकती है तो आम आदमी का क्या हाल होगा और ये बात अगर नगर में फेल गयी तो जनता का राजा के पार्टी क्या विस्वास रह जायेगा,
इस पर राजा ने मंत्री को आदेश दिया की अगर कोई भी व्यक्ति रात के समय दिखाई दे तो उसे पकड़कर राजा के पास लाया जाए और सिपाही की संख्या भी दुन्गनी कर दी जाए और सारे राज्य पर पूरी नज़र राखी जाए,अब ये बात चोर को भी पता चल गयी की अब पहरा और सख्त कर दिया गया है और चोर की तलाश की जा रही है, इस बात पर चोर ने एक योजना बनाई और साधू का रूप बना कर वो चोर हर सिपाही की पत्नी के पास गया और बोला की अगर उसका पति चोर को पकड़ लेगा तो राजा उसके पति को इनाम देंगे और उसका पद भी बढ़ा देंगे इस पर सिपाही की पत्नी ने कहा की इसके लिए क्या करना होगा महराज जी, चोर ने कहा की जब चोर आएगा.
यह बात कभी न भूले मोरल कहानी
तो तुम एक कटोरे में तैल गर्म करके तैयार रखना और चोर पर दाल देना इस तरह चोर पकड़ा जायेगा, अब यही बात चोर ने उन सिपाही की हर पत्नी को बता दी जिनके सिपाही आज रात को घस्त पर निकले थे, अब सबकी पत्नी चोर का इंतज़ार करने लगी की जैसे ही चोर आएगा वो उसे पकड़ लेंगी इस बात की खबर किसी भी सिपाही को न थी, सिपाही अब इंतज़ार करते हुए सुबह के चार बज गए थे और अब सिपाही सोच रहे रहे थे की अब चोर नहीं आएगा और यही सोचकर सारे सिपाही घर की तरफ चल दिए उधर चोर का इंतज़ार कर रही उनकी पत्नी भी तैयार थी की जब भी चोर आएगा वो उसे पकड़ लेगी,
जैसे ही सभी सिपाही आये तो उनकी पत्नी ने सभी पर गर्म तैल दाल दिया इस प्रकार उन्होंने अपने पति को चोर समझकर पकड़ लिया और जब पता चला की वो सब उमके पति है तो उन्हें बढ़ा दुःख हुआ और सभी सिपाहियों को इलाज के लिए ले जाया गया, यह बात सुनकर राजा भी बहुत परेशान हुआ की उसके राज्य में ये सब क्या हो रहा है, इस बात का पता लगाने के लिए उसने कोतवाल को बुलाया और आदेश दिया की इस मामले की पूरी जाच की जाए और उस चोर को जल्दी पकड़ा जाए,
एक बदलाव जीवन को बदल सकता है कहानी
जब कोतवाल पुरे नगर में घूम रहा था तो एक गली से आवाज आयी की में चोर हू, इस पर कोतवाल ने कहा की तुम क्यों मजाक कर रहे हो और अगर ऐसा फिर किया तो में तुम्हे बंद कर दूंगा, इस पर चोर ने कहा की में ही वो चोर हू, कोतवाल ने कहा की में तुम्हे बंद कर रहा हू, इस पर चोर ने कहा की आप मुझे कहा बंद करंगे, उसने कहा की ये एक कमरा है में इसमे बंद करके बाहर से ताला लगा दूंगा,
इस पर चोर ने कहा की इस ताले को तो कोई भी खोल देगा, कोतवाल ने कहा की ये बहुत ही मजबूत है, इसे कोई नहीं खोल सकता, इस पर चोर ने कहा की तुम अंदर जाओ और में दिखाता हू की कैसे खोल सकता है कोई भी इस ताले को, कोतवाल को विस्वास था की ये तो वासे ही मजाक कर रहा है और जैसे ही कोतवाल अंदर गया तो चोर ने बाहर से ताला लगा दिया और बोला की मेने तो तुमसे कहा था की में वही चोर हू, पर तुम माने ही नहीं, और फिर चोर वह से चला गया.
मेरे जीवन का निर्णय प्रेरणादायक हिन्दी कहानी
पूरी रात भर उस कमरे में बंद रहे कोतवाल बेहोश हो गए और जब सिपाही ने देखा तो उन्हें भी इलाज़ के लिए ले जाया गया, ये बात भी राजा को पता चली तो राजा बहुत ही परेशान हुआ और कहा की आज में खुद ही निगरानी करूँगा और देखता हू की चोर अब कैसे बचेगा, जा ये बात राजा ने कही तो चोर वही खड़ा ये सब सुन रहा था और उसने सोचा की, आज रात में साधु का रूप बना कर रहूँगा,
चोर साधू का रूप बना कर एक पेड़ के नीचे आग जला कर बैठ गया, जब राजा ने नगर का चक्कर लगया तो साधु को वह पर बैठा देखा और पूछा की आपने यह से किसी को जाते हुए देखा है, चोर ने कहा की वो तो बस अपने ध्यान में ही मगन है और यहा से कोई गुज़रा भी होगा तो उसे पता नहीं,
बाते हमेशा याद रहती है मोरल कहानी
इस पर चोर ने कहा की आप ही क्यों न मेरे पास बैठ जाए और अगर यह से कोई गुज़रा भी होगा तो दिख जायेगा और आप उसे पकड़ लेंगे, ये बात सुनकर राजा के दिमाग में एक योजना आयी की क्यों न में ही साधू बनकर बैठ जायु और ये साधु मेरी जगह नगर का चक्कर लगा ले, राजा ने कहा की तुम नगर का चक्कर लगाओ और में तुम्हारी जगह बैठ जाता हू, बहुत ही देर बाद सोचने पर चोर राजी हो गया,
दोनों ने आपस में कपडे बदल लिए और चोर राजा के घोड़े पर बैठ कर महल की और चल दिया महल में पहुचने के बाद चोर राजा के बिस्तर पर गया और सो गया, उधर राजा इतनी ठण्ड में बैठा हुआ चोर का इंतज़ार कर रहा था, राजा को बहुत ही ठण्ड लग रही थी उधर चोर बड़े मजे से सो रहा था,बहुत देर हो गयी वो आदमी भी नहीं लोटा और चोर भी कही दिखाई दिया,
में अब बूढ़ा हो गया हू नयी कहानी
राजा ने सोचा की अब तो सुबह के चार बजे है और लगता भी नहीं है की अब चोर आएगा
यही सब सोचकर राजा ने अपने महल में जाने का निश्चय किया, और महल की और चल दिया.
जैसे ही महल में राजा गुसने लगा तो सिपाहियों ने राजा को पकड़ लिया,
राजा ने बहुत शोर मचाया पर उसकी कोई भी बात सिपाही ने नहीं सुनी और सुनते भी क्यों
क्योकि उनकी नज़र में तो राजा पहले ही आ चुका है,
राजा को पकड़र जेल में बंद कर दिया की जब राजा सो कर उठेंगे तो चोर का फैसला होगा.
फेर दे रहे एक सिपाही ने राजा को पहचान लिया और राजा से माफ़ी मागने लगा की
हमे माफ़ कर दो हमने आपको पहचाना नहीं और फिर राजा को छोड़ दिया गया
उधर चोर ने देखा की सुबह हो गयी है चोर वह से राजा के कपड़ो में ही भाग गया.
राजा ने पूछा की सिपाही ने उन्हें क्यों पकड़ा था तो सिपाही ने बताया की आपकी पोषक में कोई राजा आपके बिस्तर पर लेता है, यहा सुनकर राजा ने जाच की तो पता चला की ये तो वही चोर है जिसे हम ढूढ रहे थे, अब राजा पूरी तरह से थक चुका था और उसकी समझ में आ गया की इस चोर को पकड़ना आसान नहीं है, इस बात का ऐलान किया गया की वो चोर अपने आप ही सामने आ जाये,
एक अनजान की मदद कहानी
Story in hindi, Best moral stories in hindi, और सामने आने पर उसे कोई भी सजा नहीं दी जायेगी, बल्कि उसे इनाम देकर छोड़ दिया जायेगा, यहा सुनकर चोर राजा के सामने आ गया और बोला की महाराज में ही वो चोर हू और राजा के सभी हीरे, राजा के कपडे आदि सभी समान राजा को वापिस कर दिए गए और राजा ने भी उसे माफ़ करके एक गाव इनाम में दे दिया और कभी भी चोरी न करने का वादा भी लिया, इस पर चोर ने चोरी न करने का वचन दिया और चोर भी खुसी से रहने लगा और उसने कभी चोरी नहीं की.
हिंदी कहानी विवाह :- Best moral stories in hindi
story in hindi, आज विवाह के उत्सव में पूरा मकान सज़ा हुआ था
सभी कमरो में हर तरह की सुविधा को उपलब्ध कराया जा रहा था
जिससे की मेहमान को कोई भी तकलीफ न हो और उसके पुरे आराम का इंतज़ाम भी कराया जा रहा था
क्योकि मेहमान शाम को आ जायेंगे सभी हर सुविधा मिलनी ही चाहिए और
उधर दुल्हन भी अकेले कमरे में बैठी थी और करे भी तो क्या करे,
शादी का समय भी नज़दीक आ रहा था सौ इंताजर के आलावा और किया भी क्या जा सकता था.
धीरे धीरे जीवन ही बदल गया
अपने पति के सपने में खो गयी की शादी हो गयी है और काफी अरसा भी बीत गया है
आज मेरे सर में बहुत दर्द हो रहा क्यों न आज हम खाना भी बाहर से मंगा ले,
ठीक है हम खाना बाहर ही खा आते है और साथ में घूमना भी हो जायेगा,
हां ये भी ठीक है इस ही करते है बाहर ही चलते है,
बाहर हम दोनों साथ साथ घूमते हुए चले जाते है
यह द्र्श्य भी बड़ा कमाल का लग रहा है,
आज हम दोनों साथ में कही बाहर जा रहे है,
खाने को खाने के लिए एक होटल में दाखिल होते है और वेटर आता है आर्डर के लिए पूछता है और
हम खाने में कुछ अच्छा ही आर्डर करते है
क्यों न आज कुछ अलग ही खाया जाए, हम रोज-रोज कुछ एक्स ही खाते है, ठीक है
जो तुम्हारा मन हो वो ही आर्डर कर लो, खाना आ जाता है और
हम दोनों साथ में खाना खाते है और खाना खा कर घूमते हुए होटल से बाहर आ जाते है,
वो साथ हमारा बिलकुल ही निराला लग रहा था, खुशियो की बाहर आ गयी हो जैसे,
मेहनत बेकार नहीं जाती
और जैसे ही ये स्वप्न टुटा तो मेरे सामने मेरा दोस्त शाम बैठा था, अरे शाम तुम कब आये,
बस अभी अभी आया हू और तुम सौ रही थी,
हां बस अकेले बैठी बैठी नींद ही लग और सुनाओ कैसे हो बस ठीक ही हू, और
तुम्हरी शादी की तैयारी तो बड़ी जोर से चल रही,
घर भी सजा हुआ है और सरे मेहमान भी धीरे धीरे आ रहे है,
और शाम हमे कुछ बताओ विवाह के बारे में,
क्या बताऊ, सुच तो ये है की ये एक इस लड्डू है जो
खाये वो पछताए और जो न खाये वो भी पछताए,
तुम मजाक छोड़ो और सही सही बताओ,
हां और हमारे समाज का सबसे बड़ा मजाक भी है,
अब तुम ये सब छोड़ो और सही सही बताओ,
जीवन में सफलता आसान नहीं कहानी
सही बात ये है, की मानव का ये एक बहुत ही जरुरी हिस्सा है और विवाह ही एक इस कार्य है जिसे दो लोग साथ में चलकर निभाते है और घ्रस्त जीवन में प्रवेश करते है. शाम ने कहा की ये सब छोड़ो और तैयार हो जाओ, और बाराती भी तो आते ही होंगे, और तुम्हरे पिताजी कहा गए है दिखाई नहीं दे रह, वो सब बारातियो को लेने स्टैशन गए , अच्छा ठीक है में नीचे देखता हू कोई और काम तो बाकि नहीं रहा,
उधर सभी लोग बैंड के साथ स्टेशन पर पहुचे तो देखा की यह तो सिर्फ तीन ही लोग दिखाई दे रहे है, लाडे के पिताजी, लड़का और लड़के का दोस्त, सिर्फ तीन, हम सब तो सोच रहे थे की कम से कम पचास साठ लोग तो आएंगे ही, अरे हमने सोचा की क्यों ज्यादा भीड़ इखठी की, हमे ज्यादा आडम्बर पसंद नहीं है,
एक सफल आदमी की कहानी
story in hindi, अब तीन बाराती और इनके पीछे बैंड वाले बैंड बजाते हुए चल रहे थे, दूल्हे का दोस्त सोच रहा था की ये सब हो क्या रहा रही हम तो बस तीन ही है और ऊपर से ये बैंड वाले भी बड़ा अजीब लग रहा अगर बहुत सारे लोग होते तो और भी अच्छा होता पर जब नहीं है तो इस बैंड की क्या ज़रूरत,
Story in hindi, Best moral stories in hindi, जैसे तैसे हम तीनो पहुच गए और चोक में दाखिल हुए तो ऊपर चाट पर से लोगो ने हमे देखा और उनके साथ और भी लोग वह आ गए और देखते भी क्या न, दूल्हा जो देखना था सभी को, लोग देख कम रहे थे हंस ज्यादा रहे थे, हम तो बस शर्म के पानी पानी हुए जा रहे थे क्योकि इतनी भीड़ भी हमारे साथ नहीं थी की कही छुपा जाए, बस अब तो यही लग रहा था की कब फेरे हो और यह से चला जाए, आख़िरकार सब कुछ ठीक ढंग से हो गया और बारात जो की थी ही नहीं, बस हम तीन व्यक्ति दुल्हन को लेकर चले गए और ये किस्सा आज भी याद आता है तो बड़ा अजीब सा लगता है.
मेरे दोस्त की सच्ची कहानी :- Best moral stories in hindi
story in hindi, ये कहानी है मेरे दोस्त की आजकल ये विस्वास करना भी बहुत मुश्किल है की
जुडवा लोग होते है या नहीं अगर होते भी है तो वो हमसे इतनी दूर होते है की
हम उनसे मिल भी नहीं पाते और शायद यही समझते है की जुड़वाँ होते ही नहीं है,
ये भी एक किस्सा है मेरे दोस्त का, जब उसने बताया की उसके साथ क्या हुआ
तो मुझे भी लगा की में भी ये बात आप के साथ शेयर करू, और आप भी जान पाए की
उस दिन मेरे दोस्त के साथ क्या हुआ था.
जीवन की सफलता की कहानियां
मेरे दोस्त की बात जब आरम्भ होती है जब उसके कहर पर
एक शादी का कार्ड आया और बोला की देखो शादी का कार्ड आया है और बरात भी कितनी दूर जानी है ,
उसके पापा ने किसी कारण के शादी में जाने से मन कर दिया और
मेरे दोस्त को कुछ और दोस्त के साथ ही शादी में जाना पड़ गया,
शादी की बरात को दिन में ही जाना था तो बस निकलने का समय सुबह दस बजे था क्योकि शादी दोपहर में थी, बस का सफर लगभग तीन घंटे का था तो बस का निकलने का समय दस बजे रखा था जिससे बरात टाइम पर पहुच जाए, दिन की शादी और गर्मियों का दिन बहुत ही मुसीबत का काम था, खैर बस में सभी लोग चढ़ गए और बस सवा दस बजे चल दी, बस में, मनोरंजन का बस एक ही साधन था गाने का पूरी बस में बस गाने ही बज रहे थे और गाने को सुनते सुनते हमारी बस उस गाव में पहुच गयी जहाँ पर शादी होनी थी,
सही मार्ग कौनसा है हिंदी कहानी
सभी बाराती को कुछ दुरी पर था दिया था क्योकि अभी काफी समय था, सभी इंतजर कर रहे थे क्योकि सभी लोगो को वापिस जाना था लगभग दो बजे का समय था और फिर खाने का प्रोग्राम चल पड़ा और सभी लोग खाने के लिए चल दिए, खाने का पूरा इंतज़ाम एक बड़े से घेर में कराया गया और वो जगह पूरी तरह से भरी थी उसमे कुछ बराती और कुछ वही के लोग भी थे जो खाना खा रहे थे, गाव की शादी और ऊपर से इतनी भीड़ की खाने में बड़ी समस्या हो रही थी, क्योकि खाने का प्रोग्राम ही इतनी देर में शरू किया था तो भीड़ तो होनी थी, गाव के लोग ऐसे खा रहे थे की खा कम रहे थे और उदार इधर ज्यादा घूम रहे थे,
खाना खा कर लोग धीरे धीरे बहार आने लगे और मेरा दोस्त भी खा कर बाहर आ गया और
बाहर आने पर देखा की ये गाव तो बहुत ही अच्छा है एक डीएम ताज़ी हवा चल रही थी और
हमारे शहर की हवा तो बस आप लोग जानते ही कैसी है चारो और प्रदूषण ही प्रदूषण है.
मेरे दोस्त ने सोचा की क्यों न यह पर आये है तो थोड़ा घूम ही लिया जाए
अभी बस निकले में काफी समय भी है और ज्यादा दूर भी नहीं जाएंगे तो
मेरे दोस्त के दोस्त थोड़ा घूमने के लिए वह से चल दिए तो कुछ दूरी पर लोग अपने खेत में काम कर रहे थे,
हमने सोचा की की क्यों न इनसे बात की जाए और उनके बारे में जाना जाए की
वो लोग कब से यह है और क्या क्या करते है है,
सफलता कुछ ही दूरी पर थी
तभी हमने उनसे बात की और वो भी हमसे बात करने लगे तो,
उनमे से कुछ दूरी पर एक बूढ़े बाबा बैठे थे
हमने देखा की वो चिलम से हुक्का पि रहे थे और
थोड़ा थोड़ा ख़ास भी रहे थे हमने पूछ की
ये बाबा तो बहुत ही बूढ़े लग रहे है ये कौन है,
उनमे से एक आदमी ने बताया की ये हमारे दादा जी है और ये खेत में बहुत मेहनत करते थे
अब उनसे काम नहीं हो पाता है सो हमारे साथ ही खेत आ जाते है और बेथ जाते है,
हमारा भी मन लगा रहता है और हम भी बोर नहीं होते है.
story in hindi, और तुम बताओ तुम कौन हो हमने तुम्हे पहले नहीं देखा है मेरे दोस्तों ने बताया की हम लोग शादी में यह आये है उन्होंने कहा की अच्छा तो हीरा की बेटी की शादी में आये हो, हमने कहा की हां, वही तभी मेरे दोस्त ने सोचा की बूढ़े बाबा को भी नमस्कार किया जाए तो वो आगे जहाँ पर बूढ़े बाबा बैठे थे चला गया और बोला की बाबा जी नमस्कार, बूढ़े बाबा ने देखा तो देखता ही रह गया
एक मदद से जीवन सफल कहानी
बूढ़े के मुह से बस यही शब्द निकले भूत, भागो भूत आया, भागो भूत आया,
मेरे दोस्त ने कहा की कहा है भूत उसने फिर कहा की भोगो भूत आया,
और वो सभी लोग खेत छोड़कर भाग गए और हम सब भी वही छिप गए.
पर हमे कोई भूत नज़र नहीं आ रहा था हम सभी दोस्त यही सोच रहे थे की
ये बाबा तो बस मजाक कर रहा है और न जाने उसके पोते भी कहा भाग गए,
अब हमारा मूड भी खराब हो गया था ये गाव के लोग न जाने कस मज़ाक करते है
भागो भूत आया, अरे भाई ये कोई बात है, मज़ाक करने के लिए हम ही मिले थे और कोई नहीं,
हमने सोचा की चलो यारो अब चलते है यहाँ से, हम सभी वापिस आने लगे तो
बाबा का पोता हमे रस्ते मिल गया और उसने कहा की तुम भूत हो,
हमने कहा की ये क्या भूत भूत लगा रखा तुम सबने और तुम मुझे भूत कह रहे हो,
कामयाबी मिल जाती है कहानी
मेरे दोस्त ने कहा की कही तुम सब पागल तो नहीं हो, फिर बाबा के पोते ने कहा की बाबा तुम्हे देख कर दर गए थे और उसने कहा की चलो उस पेड़ के पास बैठे है वही बताऊंगा की क्या बात है, हमने कहा की चलो,फिर हम सब वही बैठ गए और उसने एक किस्सा सुनाया और हम सब डर के मारे कॉप रहे थे और बस हमने तो यही मन बना लिया की यहाँ से भागो, और हम सबने कहा की अब हम चलते है
story in hindi, हरी बस जाने का टाइम हु चूका है और उसने कहा ठीक है
जब इस गाव आओ तो हमारे पास जरूर आना सभी ने कहा ठीक है चलते है यहाँ से,
बस थोड़ी दूरी पर खड़ी थी और हम सभी बस में बैठ गए और
बस कुछ देर में चल दी और सभी लोग घर वापिस आ गए और
मेरे दोस्त ने मुझे बुलाया और सारा किस्सा सुनाया और
वो बात भी बताई की उसके पोते ने उससे क्या कहा था.
मेहनत ही जीवन का धन है कहानी
Story in hindi, Best moral stories in hindi, उसने बताया की दादा जी के समय पर दादा जी का एक दोस्त एक लड़की से प्यार करता था और
जब ये बात गाव वालो को पता चली तो इस बात का विरोध किया और दादा जी के दोस्त और
उस लड़की ने साथ में जान दे दी और आज भी वो लड़की की आत्मा वही जंगल में घूमती है और
मेरे दोस्त को देख कर दादा जी ने मेरे दोस्त को भूत समझ लिया और
वह से भाग गए और हम सब भी वह पर और रुकना नहीं चाहते थे,
ये किस्सा मुझे अच्छा लगा तो मेने सोचा की आप
सभी भी इस बारे में जाने की हमशक्ल होना भी कई बार मुसीबत बन जाता है,
जैसा की आपने इस किस्से में पढ़ा,
नयी सोच कहानी :- Best moral stories in hindi
story in hindi, रमेश के हाथों में चाय का प्याला देते ही रमा कुछ सोच में पड़ गई रमा को सोचते हुए रमेश ने कहा कि क्या सोच रही हो बात को डालते हुए रमा ने कहा कुछ खास नहीं फिर रमेश ने रमा को बताया कि अब कुछ साल रह गए हैं, अब रिटायर में रमा ने सुनते ही पूछा कि कितने साल रहेंगे रिटायरमेंट में रमेश ने कहा है कि यही कुछ 2 साल बस 2 साल बाद अब काम से छुट्टी ही मिल जाएगी रमा कुछ सोचते हुए किचन में चली गई और नाश्ता तैयार करने लग गई नाश्ता बनाते बनाते रहना कुछ सोच रही थी कि
जिंदगी का सबक एक कहानी
अब वह दिन नहीं रहेंगे बस सारा काम ही मुझे ही करना पड़ेगा और पति देवी घर पर ही रहेंगे घर पर रहेंगे तो काम ज्यादा रहेगा बार-बार की सोच जब कोई व्यक्ति खाली होता है तो ज्यादा ही सोचता है थोड़ी देर बाद रमेश जी किचन में आ जाता है और पूछता हो रमा क्या सोच रही है मैंने देखा कि तुम कुछ सोच रही हो रोमा ने कहा कि बहुत ही जल्दी भी दिन बीत गए ऐसा लगता है कि अभी की बात है 2 साल बाद आप रिटायर हो जाओगे फिर बच्चे भी आज पढ़ ही रहे हैं इस पर रमेश ने कहा कि क्या सोचने की जरूरत यह तो होना ही था जो होना था वह तो होकर ही रहता है
रोमा सोच रही थी कि नहीं अगर ऐसा थोड़ा और समय बढ़ जाता तो और भी अच्छा होता हम शायद अपना ही एक जगह ले लेते और फिर कब तक एक किराए की जगह पर रहेंगे रमेश कहता है कि छोड़ो इस बात को चलो कुछ नाश्ते में अच्छा सा बना दो फिर मुझे भी काम पर जाना है, रोमा जल्दी जल्दी खाना तैयार करने लगी और फिर रमेश अपने ऑफिस चले गए रमा काम करते-करते वही सब सोच रही थी कि अब कुछ दिन बाद सब बदल जाएगा रमेश घर पर ही रहेंगे और बच्चे भी अभी पढ़ रहे हैं पहले नौकर काम कर देते थे लेकिन
बदलते विचार की हिंदी कहानी
अब सब बदलने के बाद सब काम मुझे खुद ही करना पड़ेगा रोमा सोच रही थी कि अगर बच्चे जल्दी कुछ बन जाते तो ज्यादा अच्छा होता आप रिटायरमेंट भी नजदीक आ रही है और बच्चे भी अभी पढ़ रहे हैं फिर घर की जिम्मेदारी और घर खर्च कैसे चलेगा
जब सभी लोग घर में रहेंगे तो घर का खर्च भी बढ़ेगा यही सोचते सोचते रमा अपना काम कर रही थी और याद कर रही थी वह दिन की जब जब पहली बार वह दुल्हन बनकर घर आई थी क्या दिन थे वह आज समय बदल गया है बहुत कुछ बदल गया है उम्र भी बढ़ गई है
जैसे को तैसा हिंदी कहानी
अब वह दिन कहां ना शरीर में वह ताकत जिससे सारा काम बहुत तेजी से हो जाता था जब रमेश रिटायर हो जाएंगे तो दिन भी अब ज्यादा अच्छे नहीं रहेंगे एक कमाई का जरिया भी था वह भी अब बंद हो जाएगा सब कुछ हाथ बांधकर करना होगा कभी शाम होते ही रमेश घर पर आते हैं
story in hindi, रमा को देखकर करते हैं ये आज लगता है पूरे दिन सोच में ही दूंगी रही है मुझे ऐसा लगता है कि जैसे ही मैंने रिटायरमेंट बात कही अभी से तुम ज्यादा सोचने लगी हो रामाने जैसी सुना तो कहा कि ऐसा नहीं है मैंने तो बस यही सोचा था कि बच्चे कुछ बन जाते तब तक आपकी जॉब भी रहती तो और भी अच्छा होता
भगवान की मर्जी :-
Story in hindi, Best moral stories in hindi, अब जैसे भगवान की मर्जी जो भगवान चाहते हैं होता तो वही है पर इंसान कोशिश करना नहीं छोड़ता बस यही एक इंसान की पहचान है हम पूरी जिंदगी मेहनत करते हैं पर फल तो भगवान ही देते हैं रमेश ने कहां की छोड़ो इस बात को आप को चाय बनाना हो और फिर रामा सोचते-सोचते किचन में चली गई और चाय बनाने के लिए चली गई रमा का चेहरा देखकर अब रमेश भी सोच में पढ़ने लगा था वह भी सोच रहा था कि रमा शायद सच कह रही है
महाजन की कंजूसी हिंदी कहानी :- Best moral stories in hindi
story in hindi, एक गाव में महाजन रहता था महाजन बड़ा ही कंजूस था
पर महाजन की पत्नी बहुत ही खाना खाती थी, इस बात की खबर उस महाजन को बिलकुल भी नहीं थी,
एक दिन महाजन राशन के लिए बाजार गया और सोचा की आज कुछ महीने के लिए राशन ले लेता हु
फिर बार बार लाना पड़ता है इस बार महाजन ने सभी सामान कुछ महीने के लिए लगवा लिया और
सामान लेकर वो अपने घर की और चल दिया,
मीठे पकवान बनाये :-
घर पहुचने पर उसने अपनी पत्नी को आवाज दी और कहा की
ये लो महीने भर का समान अब बार बार मत कहना की ये खत्म हो गया ले आओ,
महाजन की पत्नी कहा की ठीक में इस सामान को अंदर रख देती हू.
फिर महाजन ने कहा की मुझे दो दिन के लिए किसी काम से बहार जाना पड़ेगा
तुम ऐसा करो की कुछ खाना बना दो में साथ लेकर चला जायूँगा
फिर महाजन की पत्नी ने खाना बनाया और
महाजन खाने को लेकर महाजन चला गया,
जैसे ही महाजन गया महाजन की पत्नी ने खाना बनाना शरू कर दिया
बढ़िया खाना बनाया और मीठे पकवान बनाये और सारा खाना घी में बनाया और
ऐसा दो दिन तक चलता रहा, फिर दो दिन बाद महाजन आया और
फिर वो ही सामान्य खाना बना जो की महाजन के समय में बनाता है,
राशन में घी की मात्रा :-
पर महाजन को कुछ शक हुआ की राशन में घी की मात्रा कुछ कम लग रही थी
जिसमे की दो दिन में तो इतना घी खत्म नहीं हो सकता, महाजन को लगा की कही
ये मेरे पीछे कुछ ज्यादा तो इस्तमाल नहीं कर रही,
इस पर महाजन ने सोचा की इस बारे में पता लगाया जाए की क्या हो रहा है,
फिर महाजन ने एक योजना बनाई और अपनी पत्नी से कहा की दो दिन बाद मुझे किसी काम से एक हफ्ते के लिए बहार जाना है, ऐसा करो की कुछ खाने के लिए बना दो और कुछ बांधने के लिए भी बना देना जिसको में रस्ते में खा लूंगा, महाजन की पत्नी ने वो ही खाना बनाया जिसको महाजन ने कहा था, सब कुछ तैयार हो गया और महाजन वह से चला गया,
राशन कितना बनता :-
महाजन कुछ दुरी पर जाकर रुक गया और रात का इंतज़ार करने लगा जब रात हुई तो महाजन अपने घर में गया और छिप गया उधर महाजन की पत्नी अपने पडोश में गयी हुई थी और अपने साथ अपनी एक सहेली को ले आयी क्योकि महाजन की पत्नी एकेली थी इसलिए वो अपनी सहेली को साथ में सोने के लिए बुला ले आयी,
सोने से पहले महाजन की पत्नी ने बढ़िया खाना बनाया और साथ में मिलकर खाना खाया और महाजन ये सब छिप कर देख रहा था की उसके पीछे राशन कितना बनता है, आधी रात हुई और महाजन की पत्नी उठी और बोली की बूख लग रही रही ऐसा करो की तुम देसी घी में हलवा बना लाओ हम दोनों खा लेंगे, उसकी सहली ने हलवा बनाया और दोनों ने मिलकर खाया, इसे देख कर महाजन को बहुत ही गुस्सा अय्या और सोचा की देखो दूसरे को भी घी खिला रही है,
कुए से पानी :-
अब सुबह होने वाली थी देखा महाजन ने की अब महाजन जंगल में वापिस जाकर दुबारा
वह से वापिस आने लगा और महाजन की पत्नी कुए से पानी को लेकर आ रही थी
तभी महाजन को देख कर रुक गयी और बोली की तुम वापिस कैसे आ गए,
महाजन कहा की रस्ते में मुझे लगा की म अपना जरुरी समान तो घर भूल गया हू
इस लिए वापिस उसे ही लेने आया हू, पर महाजन की पत्नी को कुछ शक हुआ की
महाजन कुछ भूलते नहीं है, पर ये कैसे हो गया,
Story in hindi, Best moral stories in hindi, फिर दोनों घर की तरफ चल दिए और महाजन बोला की रात को मुझे सपना आया की में हलवा खा रहा हू और मेरा मित्र वो हलवा बना रहा था और मेने सपने में देखा की मुझे बहुत ही अच्छा पकवान मिल रहे है और में पेट भर कर खा रहा हू, अब महाजन की पत्नी को पूरा यकीं हो गया की महाजन को सब पता चल गया है, फिर उसके बाद महाजन ने कभी भी अपनी पत्नी को नहीं रोका और कभ भी उसकी पत्नी ने पकवान नहीं बनाये, महाजन की कंजूसी भी छूट गयी पर खाना वही सामान्य बनता रहा……
राजा का आदेश हिंदी कहानी :- Best moral stories in hindi
story in hindi, बात बहुत समय पहले की एक राज्य में एक राजा का राज था
राजा इतना कठोर था की सभी लोग उस राजा से डरते थे,
अगर राजा ने कोई भी ऐलान किया की ये काम होना है
तो किसी की भी हिम्मत नहीं होती थी की
उसकी बात को न माने, एक दिन दूसरे पडोसी के राज्य के साथ युद्ध शुरू हो गया
राजा का युद्ध कुछ दिन चला और युद्ध की समाप्ति के बाद राजा अपने राज्य में वापिस आ रहे थे
पैरो में पत्थर :-
जब राजा अपने राज्य में आ रहे थे तो उनके पैरो में पत्थर, कंकड़, आदि
सभी चुभ रहे थे चुभने के कारण राजा के पैरो का बुरा हाल था
पैरो में झख्म हो गए थे और चलना भी मुश्किल हो रहा था,
राजा कभी आराम करते और चलते ऐसी तरह कुछ दिनों में अपने राज्य में वापिस आये,
वापिस अपने राज्य में आने के बाद राजा ने अपने मंत्रियो को बुलाया और कहा की
ये देखो हमारे पैरो में क्या हो गया है पैर सूज रहे है और झख्म हो रहे है,
इस पर मंत्री ने देखा और जसे ही मंत्री बोलने के लिए आगे आये
तो राजा ने कहा की हमारे राज्य की सभी सड़को पर चमड़े का रूप दे दो,
यानी सभी सड़को को चमड़े की बना दो यही मेरा हुक्म है,
समस्या का हल :-
राजा की बात सुनकर सभी लोग चुप रहे और मंत्री भी कुछ नहीं बोल पा रहे थे और
वह से चले गए, राज्य में चारो और यही बात होने लगी की
राजा ने ये केसा हुक्म दे दिया जबकि कोई भी राजा ऐसा नहीं करता है,
मंत्री भी इस बात को लेकर बहुत ही चिंतित थे की
राज्य का सारा धन ऐसे ही बर्बाद हो जाएगा,
ऐसा कोई नहीं करता है की राज्य की सारी सड़को को चमड़े की बनवाये,
अब राज कोष के स्वामी मंत्री के पास आये और बोले की आप राजा को रोकिये वो ऐसा न करे इससे राज्य को धन हानि होगी, और आप राजा को कोई और मार्ग बताये जिससे राजा की परेशानी दूर हो जाए, इस बात को सुनकर मंत्री ने सोचा की कुछ भी हो अब राजा के पास जाकर इस समस्या का हल निकलना ही पड़ेगा, मंत्री राजा के पास गए और बोले की आप राज्य की सड़क को चमड़े की न बनवाये, मंत्री की बात सुनकर राजा को गुस्सा आया और बोले की आप हमारी बात नहीं मान रहे इसका अंजाम क्या हो सकता है आप जानते है, मंत्री कहा की में आपका राज्य खली होते नहीं देख सकता,
राजा को अच्छा लगा :-
story in hindi, इसलिए अगर आप माने तो में एक सुझाव दे सकता हू, राजा थोड़ी देर चुप रहे और फिर कहा की और क्या सुझाव है बताओ, मंत्री कहा की आप क्यों न अपने लिए चमड़े के जूते ही बनवा ले इस परेशानी से आप भली भाती बच सकते है और इसमे कोई ज्यादा खर्च भी नहीं आएगा, मंत्री की बात सुनकर राजा को अच्छा लगा और फिर उन्होंने अपने लिए जूते बनवा लिए और इस प्रकार राज्य का धन भी सुरक्षित रहा,
Story in hindi, Best moral stories in hindi, अगर हम अपनी सूझभूज का सही प्रयोग करे तो हम हर परेशानी का हल ढूंढ सकते है इसलिए जल्बाजी में कोई भी फैसला न ले, बात को सुनकर उस पर विचार करे फिर निर्णय ले,
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