School ka pehla din kahani | स्कूल का पहला दिन हिंदी कहानी
School ka pehla din kahani, स्कूल का पहला दिन हिंदी कहानी, आज मेरा स्कूल का पहला दिन है, मुझे नहीं लगता है यह बहुत अच्छा हो सकता है, आज में पहली बार इस शहर के स्कूल में आया हु, मेरा अकोइ भी दोस्त नहीं है, शायद मुझसे कोई दोस्ती नहीं करेगा यह कहानी है, हमारे नायक रमेश की, रमेश को आज बहुत अजीब लग रहा था, वह स्कूल में बैठ गया था, सभी बच्चो को देख रहा था, रमेश कक्षा सात का विद्यार्थी था, आज वह इस स्कूल में पहली बार आया था, वह गांव में अभी तक पढ़ा हुआ था,
School ka pehla din kahani
आज उसे शहर बहुत अच्छा लग रहा था, यह स्कूल भी बहुत अच्छा है, रमेश को टीचर बुलाते है, वह सभी बच्चो से कहते है, यह पहली बार स्कूल आया है, सभी को इससे दोस्ती करनी चाहिए, क्योकि यह तुम्हारे साथ में आज से पढ़ाई करेगा, but कोई भी उससे दोस्ती नहीं कर रहा था, Because वह उनसे अलग था, आज रमेश सभी से अलग बैठा था आज उसे लग रहा था, शायद वह गांव में ही अपनी पढ़ाई कर सकता था, but पिताजी ने पता नहीं मुझे यहां पर क्यों भेजा है, रमेश ने देखा की सभी बच्चे खाना खा रहे है, मगर रमेश आज खाना नहीं लाया था,
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क्योकि वह कल ही गांव से यहां पर आये थे, अभी तक कोई भी घर का सामान नहीं लग पाया था, मगर वह नाश्ता करके आया था, रमेश ने देखा की एक लड़का उसकी और आ रहा है, शायद वह उससे बात करना चाहता है, वह रमेश से पूछता है तुम खाना नहीं खा रहे हो, रमेश कहता है की मेरे पास खाना नहीं है, हम यहां पर कल ही आये है, वह लड़का कहता है, मेरे पास खाना है तुम मेरे खाने से ले सकते हो, but रमेश मना करता है, Because यह अच्छी बात नहीं है,
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अगर तुम मुझे खाना देते हो, तो तुम्हारे पास खाना कम हो सकता है, वह लड़का कहता है, कोई बात नहीं है, उसके बाद रमेश उससे खाना लेता है, उसके बाद वह लड़का कहता है तुम्हे यहां पर परेशान होने की जरूरत नहीं है Because यह तुम्हारा पहला दिन है, तुम्हे अजा अच्छा नहीं लग रहा होगा, क्योकि तुम सभी के लिए अनजान हो, धीरे धीरे सब ठीक हो जायेगा, सभी बच्चे जान जायँगे, तुमसे दोस्ती कर पाएंगे, यह सुनकर रमेश सोचता है वह लड़का ठीक कह रहा है, उसके बाद वह लड़का रमेश के पास बैठ जाता है, दोनों बातें करते है,
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रमेश घर चला जाता है, but वह देखता है, वह जिसका दोस्त है, वह उनके घर के पास में रहता है, अब रमेश को कोई भी परेशानी नहीं होती है, Because उसका दोस्त भी वही पर रहता है, दोनों साथ में स्कूल में जाते है, आज रमेश सोच रहा था, मुझे वह स्कूल भी अच्छा लग रहा है, जोकि कुछ समय पहले तक बिलकुल अच्छा नहीं था, कुछ दिन तक सब कुछ समान ही चल रहा था, एक दिन स्कूल में रमेश की कक्षा में बंदर आ जाते है, सभी बच्चे डरने लगते है, क्योकि वह बंदर सभी का सामन फेंक रहे थे but रमेश के लिए यह कोई बात नहीं थी,
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Because वह गांव में हर रोज बंदर को देखता है, रमेश ने सभी बंदर को भगा दिया था, यह बहुत अच्छी बात थी, वह किसी भी बंदर से नहीं डरता था, यह देखकर सभी बच्चो को लगता था, रमेश बहुत ही बहादुर है, क्योकि वह किसी भी बंदर से नहीं डरता है, कुछ समय बाद ही टीचर आते है, सभी बच्चे टीचर से कहते है, रमेश ने सभी बंदर को भगा दिया है, यह सुनकर टीचर कहते है, यह बहुत अच्छी बात है, वह दिन रमेश के लिए बहुत अच्छा दिन था, क्योकि उसके बाद सभी बच्चे उससे बात करने लगते है,
School ka pehla din kahani, अब रमेश को अच्छा लगता है, उसे लगता है, सभी उसकी बाते सुन रहे है, उसे पूछ रहे है, जिससे कोई बात करना भी पसंद नहीं करता था, आज उसे सभी अपने पास बैठाना चाहते है, रमेश की जिंदगी यहां से बदल गयी थी, but समय बहुत लग रहा था, समय के साथ बहुत कुछ ठीक हो सकता है, अगर आपको यह School ka pehla din kahani पसंद आयी है, आप शेयर कर सकते है,
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