Real hindi story | गांव की दौड़ शहर तक एक कहानी
गांव की दौड़ शहर तक एक कहानी, Real hindi story आपको जरूर पसंद आएगी, हमारा जीवन अगर गांव में हो तो सबसे अच्छा बीतेगा, क्योकि वहा की हवा भी शुद्ध होती है.
गांव की दौड़ शहर तक एक कहानी : Real hindi story
Real hindi story, एक दिन एक गांव से मेहमान आए वह मेहमान पहली बार शहर आए थे उन्होंने शहर कभी नहीं देखा था जब उन्होंने पहली बार शहर को देखा तो बहुत अजीब लग रहा था वह उस गांव से आए थे जहां पर कोई घोड़ा गाड़ी नहीं थी वहां के लोग ज्यादा से ज्यादा पैदल चलते थे और अपने काम को करने के लिए उन्हें काफी समय लगता था
क्योंकि उनके पास कोई ऐसा वाहन नहीं था जिससे वह काम को जल्दी पूरा कर पाएं जब पहली बार मेहमान शहर आए तो उन्होंने बहुत सी बड़ी गाड़ियों को देखा और कहने लगे यहां पर तो बहुत सी ऐसी गाड़ियां है जो कुछ ही देर में आपको बहुत दूर तक ले जा सकती हैं हमें उनकी बात बहुत अजीब लग रही थी but हम जानते थे कि वह गांव से आए हैं इसलिए उनकी बात पर हमने ज्यादा गौर नहीं किया
फिर उन्होंने पूछा कि आप लोग सब सामान कहां से लाते हैं हमने कहा कि सामान लेने के लिए तो हम बाजार जाते हैं बाजार का नाम सुनकर तो वह ऐसे देखने लगा कि जैसे मानो उसने जिंदगी में पहली बार बाजार का नाम सुना था उसने कहा कि बाजार क्या होता है मुझे यह मालूम नहीं है क्या आप लोग मुझे बाजार दिखाएंगे उसकी ऐसी बात सुनकर ऐसा लग रहा था कि अब तो उसे बाजार को दिखाना ही चाहिए नहीं तो वह जीवन भर यही सोचता रहेगा कि बाजार क्या होता है
बाजार की जगह हम उसे एक मॉल में ले गए मॉल में जाने के बाद वह यह कहने लगा यह कैसा बाजार है यहां तो सब कुछ एक जगह है आपको जो चाहिए वह आसानी से एक जगह मिल जाता है लेकिन हमारे गांव में ऐसा नहीं होता है हमारे गांव में तो छोटी-छोटी दुकान है जिनसे हम सामान लेते हैं और वह छोटी छोटी दुकानें भी बहुत बड़ी-बड़ी दुकानों से सामान लेकर अपने गांव में आते हैं हमारा गांव और शहर से लगभग 50 किलोमीटर दूर है इसलिए वह शहर जैसी जगहों से अनजान थे
तभी उनकी नजर एक आदमी पर गई जो बैठा हुआ दूसरों के पैसे ले रहा था और एक मशीन के द्वारा उसे जांच रहा था पहले आदमी पूछने लगा कि वह क्या कर रहा है हमने कहा कि वह पैसों की जांच कर रहा है गांव वाले आदमी ने बोला यहां तो बड़ी अजीब अजीब चीजें हमने तो ऐसा कभी भी नहीं देखा था कुछ देर तक घूमते रहे हो और जो सामान लेना था वह लेकर हम घर वापस आ गए जब घर वापस आ गए तो वह आदमी सोचने लगा कि यहां की ज़िंदगी तो बड़ी अजीब है
यहां तो सब चीजें हैं मशीनों से चलती हैं और बहुत से काम आसानी से हो जाते हैं वह आदमी आया तो पहली बार था but यहां से वह बहुत सारा ज्ञान बटोर कर ले जा रहा था उसने पहली बार मिक्सी को चलते हुए देखा था क्योंकि गांव में तो ऐसा होता नहीं है वह कुछ दिनों तक रहा उन दिनों में उसने बहुत कुछ सीखा और जब जाने लगा तो कहने लगा कि मैं एक बार फिर आऊंगा मुझे बहुत कुछ जानना है यहां की जिंदगी के बारे में,
हम बहुत ही पिछड़े हुए है, गांव में रहकर हमें बहुत सी चीजों का ज्ञान नहीं है इसलिए मुझे और भी ज्ञान की आवश्यकता है जिसके लिए मैं दोबारा एक बार फिर जरूर आऊंगा हमने उनका स्वागत किया और कहा कि आप फिर दोबारा आएंगे यह हमारा ही सौभाग्य है कि आप दोबारा आएं उसके बाद वह अपने गांव वापस लौट गए
भले ही शहरी जिंदगी कितनी भी अच्छी हो but गांव में जो सादगी है वह शहर में नहीं मिलती है गांव का जीवन हमेशा सदा ही रहता है उसमे शहर की तरह कोई भी दिखावापन नहीं है असल में देखा जाए तो अच्छा जीवन ही गांव का है यहां तो सभी लोगों की मजबूरियां हैं जो शहर में रह रहे हैं.
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