तीनों दोस्तों की बकरी पंचतंत्र की कहानी, New panchtantra ki kahaniya

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New panchtantra ki kahaniya

तीनों दोस्तों की बकरी पंचतंत्र की कहानी, New panchtantra ki kahaniya, तीनों दोस्त राजा के पास जाने के लिए तैयार हो रहे थे क्योंकि उन्हें किसी बात की शिकायत थी जो राजा के पास लेकर आने वाले थे.

तीनों दोस्तों की बकरी पंचतंत्र की कहानी : New panchtantra ki kahaniya

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वह तीनों बहुत ही अच्छे दोस्त हैं but किसी कारण की वजह से उन तीनों के बीच झगड़ा हो गया और झगड़े को लेकर वह राजा के पास चले गए जब है राजा के दरबार पहुंच रहे थे तभी उन्हें रोक लिया गया और कहा गया कि अभी राजा से मिलने का समय नहीं है आप बाहर इंतजार कीजिए जब तक आप को बुलाया नहीं जाता तब तक आप यहीं पर इंतजार कीजिए पहला दोस्त कहने लगा कि हमारे राजा के पास ही समय नहीं है तो हमारे झगड़े कैसे दूर हो पाएंगे, जब तक राजा से हम बात नहीं कर लेते हमारे झगड़े ऐसे ही चलते रहेंगे तीनों ने कहा कि हम राजा के पास आने के लिए तैयार हुए थे because हमें लगता था कि राजा ही समस्या को सुलझा सकते हैं but हमें लगता है कि राजा के पास समय नहीं है हमें अपनी समस्या खुद ही सुलझानी होगी तीनों इसी बात को लेकर झगड़ने लगे क्योंकि उनके पास कोई उपाय नहीं सूझ रहा था

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तभी सैनिक आया और कहा कि यहां पर झगड़ा करने की जरूरत नहीं है अभी राजा के पास समय नहीं है तो ऐसा करो कि कल आना शायद कल तुम्हारी समस्या सुन ली जाए यह सुनकर तीनो दोस्त और नाराज हो गए और वहां से चले गए because राजा के पास इस समस्या को सुलझाने का समय नहीं था तीनों झगड़ रहे थे कि अगर हम झगड़ा अपने आप ही बंद कर दें तो ज्यादा अच्छा होगा तभी रास्ते में झगड़ते हुए आगे जा रहे थे एक आदमी उनसे मिला और कहने लगा कि तुम झगड़ा क्यों कर रहे हो तभी उन्होंने कहा कि हमारी समस्या इतनी बढ़ गई है कि हम उसे सुलझा  नहीं पा रहे हैं

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अगर आपके पास समय है तो हमारी समस्या सुन लीजिए और उसका समाधान कर दीजिए उस आदमी ने कहा कि अगर किसी की समस्या को मैं सुलझा सकता हूं तो यह तो बहुत अच्छी बात है तुम मुझे अपनी समस्या बताओ शायद मेरे पास तुम्हारे समस्या का निवारण हो सके वे तीनों कहते हैं कि आप आराम से बैठ जाइए में हम तीनों आपको अपनी समस्या बताते हैं पहले ने कहा कि मेरे पास एक बकरी थी वह बहुत ही अच्छी थी वह बहुत सारा दूध देती थी और मुझे उसका दूध बहुत पसंद था तभी मुझे किसी काम के लिए बाहर जाना पड़ा लेकिन मैंने अपनी बकरी की देखभाल करने के लिए अपने दूसरे दोस्त को उसे दे दिया और उससे कहा कि जब मैं वापस आ जाऊंगा तो अपनी बकरी ले लूंगा लेकिन मैं किसी कारणवश और दिन ज्यादा लग गए इसलिए मैं आ नहीं पा रहा था

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मेरे दोस्त ने सोचा कि वह अभी तक नहीं आया है इसलिए उसे भी किसी काम से जाना पड़ रहा था उसने वह बकरी मेरे तीसरे दोस्त को दे दी और कहा कि जब मैं आऊंगा तो तुम से वापस ले लूंगा उसने कहा ठीक है मैं तुम्हारी बकरी रख लेता हूं उसके बाद वह भी चला गया हम दोनों दोस्तों को काफी समय लग गया था हम समय पर नहीं पहुंच पाए थे और इस तरह तीसरा दोस्त उस बकरी को रख रहा था जब हम दोनों वापस आए तो मेने दूसरे वाले से कहा कि मुझे अपनी बकरी चाहिए तो उसने कहा कि वह तो मैं तीसरे के यहां पर छोड़ कर गया था

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उसी के पास बकरी है जब हम तीसरे के पास बकरी लेने गए तो वह कहने लगा कि ठीक है तुम्हारी बकरी है but बकरी के रखने का जो भी खर्चा हुआ है वह तुम्हें देना होगा इसी तरह दूसरा दोस्त भी मुझसे यही बात कहने लगा मेरी समझ में यह नहीं आ रहा था कि मैं उन्हें खर्चा कैसे दूं अगर वह मेरी बकरी को रख रहे थे तो उसका दूध का भी इस्तेमाल कर रहे थे यह बात मैं भी बहुत अच्छी तरह जानता हूं कि मेरी बकरी बहुत सारा दूध देती है जो सुबह शाम इनको इतनी मात्रा में मिलता है कि शायद मेरे खर्चे देने की बात ही नहीं होती अब यह दोनों मुझसे खर्चा मांग रहे हैं जिसके लिए हम राजा के पास भी गए थे but राजा के पास समस्या अधिक होने की वजह से हमें मौका नहीं मिल पाया और हम वापस आ गए अब आप ही बताएं कि हमें क्या करना चाहिए

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आदमी कहने लगा कि मुझे आपकी समस्या समझ में आ गई है मुझे पता है कि अब क्या करना चाहिए तुम्हें अपने दोनों दोस्तों को खर्चा नहीं देना चाहिए because उन्होंने तुम्हारी बकरी का इस्तेमाल किया जबकि वह चारा तो बाहर से लेकर आते थे घर से उन्होंने उस पर कोई धन खर्च नहीं किया था जबकि उन्होंने बकरी के दूध का इस्तेमाल भरपूर किया था सुबह शाम उसका प्रयोग करते थे और इस बात को अगर देखा जाए तो तुम्हें दोनों को पहले दोस्त को ही कुछ खर्चा वापस देना चाहिए क्योंकि तुमने बकरी के दूध का इस्तेमाल कर लिया था जबकि बकरी का चारा बाहर से ही मिलता है जिस पर कोई खर्च नहीं हो सकता पहला दोस्त कहने लगा कि मैं तो आपकी बात से सहमत हूं लेकिन मैं इनसे कोई खर्चा भी नहीं मांग रहा हूं

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मैं तो यही कह रहा था कि तुम लोग मुझसे खर्चा क्यों ले रहे हो जो कि मेरी बकरी का दूध भी तुमने सुबह शाम इस्तेमाल किया था इससे ज्यादा तो मेरी बकरी का आप प्रयोग कर चुके हैं और यही बात मैं समझा रहा था but यह समझने के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं थे अब वे दोनों समझ चुके थे कि वह आदमी सही कह रहा है दोनों दोस्तों ने अपने दोस्त से माफी मांगे और कहा कि आप अपनी बकरी ले जा सकते हैं हमें कोई झगड़ा नहीं करना है हम बात को समझ गए हैं उस आदमी की बात से सभी सहमत हो गए थे, New panchtantra ki kahaniya, तीनों दोस्तों की बकरी पंचतंत्र की कहानी, अगर आपको यह कहानी पसंद आयी है तो आप इसे शेयर भी कर सकते है.

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