दयालु लड़के की हिंदी कहानी, New Hindi kahani

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दयालु लड़के की कहानी, (New Hindi kahani) आपको पसंद आएगी क्योकि यह कहानी हमे कही-न-कही इंसानियत के बारे में बताती है, हमे सबकी मदद करनी चाहिए, यह बात हमे इस कहानी में पता चलती है  

दयालु लड़के की हिंदी कहानी :- New Hindi kahani

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यह एक ऐसे “लड़के की कहानी” है जिसने कभी भी हार नहीं मानी थी, उसके अंदर आत्मविश्वास बहुत अधिक था वह किसी भी काम को अधूरा नहीं छोड़ता था, अगर कोई भी उसे काम बता देता तो वह उसके लिए पूरी मेहनत करता था, वह किसी को भी मना नहीं करता था अगर हम उसके बारे में बात करे तो वह बहुत ही अच्छा “लड़का” था, जिससे सभी लोग खुश रहते थे,

 

लेकिन हर इंसान में कोई न कोई बात ऐसी होती है जो उसकी कमजोरी की और इशारा करती है एक बात उस “लड़के” में भी थी वह किसी को भी दुखी नहीं देखना चाहता था वह जल्दी ही भावुक हो जाता था और हर बात पर विश्वास कर लेता था उसे लगता था की वह सच बोल रहा है चाहे उससे झूट ही कहा जाए वह उस बात को भी सच मान लिया करता था एक बार गांव में मेला लगा हुआ था सभी गांव वालो के लिए यह त्यौहार से कम नहीं था, इसलिए सभी लोग हर रोज ही उस मेले में जाया करते थे,

 

उस मेले में तरह-तरह के सामान लगे हुए थे, सभी लोग कुछ-न-कुछ बेच दिया करते थे, वहा पर हर तरह की दूकान लगी हुई थी, उन दूकान में बहुत से सामान भी थे जिन्हे लोग बेच रहे थे, उनमे एक बुढ़िया भी थी जो अपना सामान बेच रही थी, वह “लड़का” भी वही पर घूम रहा था उसकी नज़र उस बुढ़िया पर गयी थी जोकि सामान बेच रही थी, उसकी उम्र बहुत ज्यादा लग रही थी, लड़के ने देखा की वह कुछ बच्चो के खिलोने बेच रही थी, वह “लड़का” उसके पास गया और सभी खिलोने के दाम पूछने लगा था  

बीते हुए पल की कहानी

बूढी अम्मा ने पूछा की तुम्हे कितने साल के बच्चे के लिए खिलौना चाहिए उस “लड़के” ने कहा की में तो देख रहा था की किस तरह के यहां पर खिलोने लगे हुए है फिर लड़के ने पूछा की आप यहां पर कब से है और यहां पर कब तक रहोगे, बड़ी अम्मा ने बताया की जब भी कही पर मेला लगता है तभी हमे वही पर जाना पड़ता है, और इस तरह हमे सामान बेचना होता है लड़के को उस बुढ़िया पर बहुत दया आ गयी थी जोकि इतनी ज्यादा उम्र में भी काम कर रही थी,

 

उस “लड़के” ने पूछा की आपके घर में कौन है उस बुढ़िया ने बताया की मेरे घर में कोई नहीं है और जब तक जीवन है इसी तरह मुझे यहां पर जीवन बिताना होगा लड़के ने पता नहीं क्या सोचा और उसे अपने साथ घर पर आने को कहा था बुढ़िया ने उस लड़के को देखा और सोचने लगी की में इसे जानती भी नहीं हु और फिर भी यह मुझे घर ले जाना चाहता था, लेकिन पता नहीं क्या हुआ की बुढ़िया भी उसके साथ उसके घर चली गयी थी,   

क्या आप यही सोचते है

जब बुढ़िया उसके घर पहुंची तो वहा पर उसे कोई भी नहीं दिखा था बुढ़िया ने पूछा की तुम यहां पर अकेले रहते हो उस “लड़के” ने कहा की में यहां पर अकेला ही रहता हु और मुझे इस बात का अहसास होता भी है की में यहां पर अकेला हु, बुढ़िया ने कहा की में जानती हु की अकेला रहना कितना मुश्किल होता है, “लड़के” ने कहा की इसलिए आज से आप मेरे साथ यही पर रहोगे आप भी अकेले हो और में भी यहां पर अकेला रहता हु और मुझे बिलकुल भी अच्छा नहीं लग रहा था की इस उम्र में आप काम करे,

एक घर की सच्ची कहानी

बुढ़िया ने “लड़के” की और देखा और उसे देखती ही रही “लड़के” ने पूछा की क्या देख रहे हो बुढ़िया ने कहा की आज अगर मेरा पोता होता तो तुम्हारे जैसा ही होता पोता का नाम सुनकर लड़के ने कहा की आज से आप मेरी दादी माँ है, बुढ़िया को हसी आ गयी थी और आँखों में आंसू भी थे, यह आंसू थे की भगवान् भी क्या करते है किसी का परिवार नहीं होता है और कोई परिवार का महत्व ही नहीं जानता है उस दिन के बाद लड़के और दादी माँ साथ में रहने लगे थे,

सुखमय जीवन की कहानी

अगले दिन “लड़के” ने पूछा की आप अकेले कैसे हो गए थे, तभी बुढ़िया ने बताया की एक गांव में हम सभी लोग खेती करते थे, मेरे परिवार में मेरा “लड़का” और पोता थे हम सभी साथ में रह रहे थे, थोड़ी सी जमीन थी जिसको बो कर हम पाना परिवार चला रहे थे, लेकिन एक दिन अचानक ही गांव की नदी में बाढ़ आ गयी थी पूरा गांव बाढ़ में बहने लगा था सब कुछ बाह कर चला जा रहा था उस दिन की मुसीबत देखी नहीं जा सकती थी,

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एक आदमी ने मुझे बचा लिया था मगर और कोई भी परिवार में नहीं बचा था यह समय रात का था अचानक ही बारिश की वजह से बाढ़ आ गयी थी और उस झग को छोड़कर में वहा से दूर चली आयी थी और उसके बाढ़ का जीवन तो बहुत मुश्किल से कट रहा था, ऐसी घड़ी कभी भी नहीं आनी चाहिए, और दोनों कुछ देर तक चुप हो गए थे,  

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कुछ देर बाद वहा पर उनका पडोशी आ गया था और उसने वहा पर देखा की “लड़के” के साथ में कोई है और उसने पूछा की यह कौन है तब लड़का बोला की यह मेरी दादी है और उनके पडोशी ने फिर कुछ नहीं पूछा था कुछ देर बाद वह वहा से चला गया था और ददई ने लड़के से पूछा की तुम और क्या करते हो लड़के ने बताया की में एक सेठ के यहां पर उनके हिसाब को देखता हु और इस तरह अपना जीवन व्यतीत कर रहा हु,

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और जब भी वहा जाता हु तो खाना बनाकर ही जाता हु और आने के बाद भी अपना खाना बनता हु दादी ने कहा की तुम्हे शादी कर लेनी चाहिए लड़के ने कहा की में यह बात तो नहीं कर सकता हु क्योकि कोई भी मेरे घर में बड़ा नहीं है अब आप यहां पर आ गयी है तो आप ही बात को आगे बढ़ा सकती है फिर दादी उनके पडोशी से मिली, और उनके पडोशी ने जल्दी ही बात चला दी थी कुछ दिन बाद ही लड़के की शादी हो गयी थी लड़के की जीवन में बहुत जल्द ही सभी खुसिया आ गयी थी जिनका वह इंतज़ार कर रहा था

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दयालु लड़का की दूसरी हिंदी कहानी :- New Hindi kahani

“दयालु लड़के” ने देखा की एक छोटा लड़का जंगल में भागा जा रहा है, वह बहुत परेशान लग रहा था, वह “दयालु लड़का” उसके पीछा जाता है, क्योकि वह उसे उस जगह से जाने से रोकना चाहता है, वह देखता है, समस्या कम नहीं हो रही थी, बल्कि बहुत अधिक बढ़ती नज़र आ रही थी, क्योकि उस छोटे लड़के के सामने दो भेड़िये खड़े थे, वह छोटा लड़का बहुत डर गया था, वह अब आगे नहीं जा सकता था, “दयालु लड़का” सब कुछ समझ जाता है, फिर उस लड़के को बचा लेता है,

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वह “दयालु लड़का” छोटे लड़के से पूछता है, तुम यहां पर क्या कर रहे हो, वह छोटा लड़का कहता है, मुझे आज माता ने बहुत डाट लगाई थी, उसके बाद में घर से भागता हुआ आ गया था, मुझे समझ नहीं आ रहा था, क्या किया जाए, मुझे तो यह भी ध्यान नहीं था, में कब जंगल में पहुंच गया हु, यह सुनकर वह “दयालु लड़का” कहता है, तुम्हे यह सब कुछ नहीं करना चाहिए था, तुम्हे सोचना चाहिए था, तुम किस जगह पर जा रहे हो, वह छोटा लड़का कहता है, अब से में ऐसा नहीं करूंगा, तभी एक बाबा सामने से आते है, वह उस “दयालु लड़का” को देखते है,

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वह जानते है, यह लड़का सभी की मदद करता है, वह बाबा उस “दयालु लड़का” के पास जाते है, वह कहते है मुझे बहुत प्यास लगी है, लेकिन मेरे पास पानी नहीं है, क्या तुम मेरे लिए पानी ला सकते हो, वह “दयालु लड़का” कहता है, आप परेशान न हो, में आपके लिए पानी लाता हु, वह “दयालु लड़का” बाबा के लिए पानी लेने जाता है, उसके पास कोई भी बर्तन नहीं था, लेकिन वह कुछ पत्तो से पानी को भरने के लिए बर्तन बना लेता है, उसके बाद बाबा के लिए पानी लाता है, यह सब कुछ वह छोटा लड़का देखता है,

परिश्रम की हिंदी कहानी

वह देखता है, की यह पहले मुझे बचाकर लाये है, फिर बाबा के लिए पानी लाये है, मुझे भी बड़े भईया जैसा ही बनना है, उसके बाद वह “दयालु लड़का” उसे घर छोड़ने जाता है, सब कुछ घर में बता देता है, क्योकि सब कुछ पता होना चाहिए, उस दिन के बाद छोटे लड़के में बदलाव आ गया था, जीवन में एक घटना के बाद बदलाव आ ही जाता है, अगर आपको यह New Hindi kahani पसंद आयी है, तो शेयर जरूर करे

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