एक घर की सच्ची कहानी, Read real story in hindi

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Read real story in hindi

एक घर की सच्ची कहानी (Read real story in hindi) आपको पसंद आएगी मुसीबत तो हमेशा साथ में रहती है इसलिए आपको उनके साथ ही चलना पड़ता है, तभी आप अपनी मंजिल तक पहुंच जाते हैं,

एक घर की सच्ची कहानी : Read real story in hindi

उसके पास पढ़ने के लिए समय नहीं था क्योकि वह हर वक़्त काम में लगा रहता था सुबह उठते ही वह अपने खेत में चला जाता था और सारा काम करके ही “घर” आया करता था उसे पिताजी अक्सर बीमार ही रहते थे वह उनकी सेवा भी बहुत करता था लेकिन जब भी उसके साथ के लड़के स्कूल जाया करते थे तो वह भी यही सोचा करता था मगर क्या किया जा सकता था

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Read real story in hindi

उसके पास समय था ही नहीं तो वह क्या करे “घर” में सिर्फ उसके पिताजी और वह सुशांत ही रहता था सुशांत अपने पिताजी के लिए खाना बनाना और “घर” की साफ सफाई और अपने खेत के सारे काम वही करता था वह इन सब काम के करने के बाद भी यही सोचा करता था की मेरे साथ बहुत परेशानिया है घर में हम दो लोग ही रहते है पिताजी अकसर बीमार रहते है  मेरे साथ के सभी लड़के स्कूल जाते है सुशांत को पढ़ना अच्छा लगता था मगर वह कुछ नहीं कर पा रहा था,

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तभी एक दिन उसकी बुआ सुशांत के “घर” आयी और कहने लगी की ऐसा कब तक चलेगा तुम बहुत परेशान हो ऐसा करो की तुम मेरे साथ चलो और वही पर रहो, सुशांत के पिताजी ने कहा की ऐसा हो नहीं सकता है तुम इस बात को अच्छी तरह जानती हो, मगर सुशांत को तो मेरे साथ भेज सकते हो वह अकेला यहां पर कब तक ऐसे ही रहेगा, और तुम्हारे लिए भी में ऐसा ही कह रही हु, सुशांत अगर यहां पर रहेगा तो वह कभी पढ़ नहीं पायेगा, और जीवन में उसे आगे बढ़ना है तुम ही ऐसा सोचते क्यों नहीं हो,

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सुशांत के पिताजी यह बात अच्छी तरह जानते है मगर अगर सुशांत भी चला गया तो में अकेला यहां पर कैसे रहूँगा, सुशांत की बुआ को कुछ भी समझ नहीं आ रहा था तुम उसे मेरे साथ भेजना भी नहीं चाहते हो और खुद भी जाना नहीं चाहते हो ऐसा कब तक चलेगा, और क्या इसका कोई और भी हल है, अभी वह छोटा है वह जब बड़ा होगा तो उसकी भी जिम्मेदारी बढ़ेगी तुमने कुछ सोचा है अभी तो कुछ सोचा नहीं है मगर में सोच रहा हु की उसकी जल्दी ही शादी कर दू,

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उससे उसे भी आराम मिलेगा और हमारा “घर” भी चल जाएगा, बुआ ने कहा की तुम्हे कुछ समझ नहीं आता है अभी वह छोटा है अभी उसकी शादी ठीक नहीं है में ऐसा करती हु की मौसी की लड़की को यहां पर भेज देती हु जिससे तुम्हे खाने की परेशानी नहीं होगी और तुम्हे इलाज भी करवा लेना चाहिए जिससे जल्दी ही ठीक हो जाओ ऐसा कब तक चलेगा बीमार होने पर कुछ नहीं होगा ठीक रहोगे तो सब अच्छा होगा,

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अगले दिन बुआ के साथ में मौसी की लड़की भी आ गयी थी और बुआ ने यह कहा की जब तक सुशांत की शादी नहीं होगी तब तक तुम्हे “घर” का कोई भी काम नहीं करना होगा मौसी की लड़की सब “घर” का काम जानती है यह सब कर लेगी, उसके बाद सुशांत को भी अच्छा लग रहा था अब उसे ज्यादा काम नहीं करना पड़ रहा था, उधर सुशांत के पिताजी भी ठीक होने लगे थे, और जब वह ठीक हुए तो सुशांत का काम भी कम हो गया था,

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अब वह अपनी पढ़ाई को अच्छे से का सकता था यह सब मौसी की लड़की की वजह से हो पाया था आदमी कितना भी काम कर ले मगर वह कुछ ऐसे काम जो नहीं कर पाता है, धीरे-धीरे समय बीतता चला गया था, अब मौसी की लड़की भी बड़ी हो गयी थी, उसके बाद बुआ ने कहा की इसकी भी शादी का रिश्ता आने लगा है और मेरी मानो तो सुशांत की भी अब शादी कर सकते हो, मौसी की लड़की का रिश्ता तय हुआ तो सुशांत ने भी बहुत अच्छी तरह से “घर” में तयारी की थी,

क्या आप यही सोचते है

सुशांत जनता था की अगर वह न होती तो हमारे “घर” में कुछ भी नहीं होता, उसकी नवजह से में आगे पढ़ पाया हु, और पिताजी की तबियत भी ठीक हुई है यह हमारे लिए बहुत सारी खुशिया लेकर आयी है, इसलिए उसकी शादी में कोई भी कमी नहीं होने वाली थी सुशांत के पिताजी ने उसे अपनी बेटी की तरह ही समझा था इसलिए उसके लिए वह सब कुछ कर रहे थे, सुशांत ने भी अपनी तरह से काफी तोफे दिए थे,  

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जब शादी का प्रोग्राम समाप्त हुआ तो सभी लोग अपने-अपने “घर” चले आये थे सुशांत के पिताजी ने भी सुशांत की शादी तय कर दी थी, क्योकि अब वह घर को खाली नहीं रखना चाहते थे, इसलिए सुशांत की शादी भी अब तय हो गयी थी और अगले महीने उसकी शादी थी, सुशांत भी अपने पिताजी को खुश देखना चाहता था क्योकि वह जानता था की पिताजी ने जीवन भर बहुत मुश्किल में मुझे संभाला है, और धीरे-धीरे पिताजी का काम भी कम कर दिया था,

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सुशांत को एक सेठ के यहां पर अच्छी नौकरी मिल गयी थी, सेठ का गोदाम था और उसमे सामान रखा हुआ था सभी लेन-देन सुशांत ही कर रहा था, सेठ को भी सुशांत का काम अच्छा लग रहा था क्योकि वह बहुत ही ईमानदारी से सब कुछ कर रहा था, सुशांत की अब शादी भी होने वाली थी, शादी में जब बुआ आयी तो कहने लगी की अब सब कुछ अच्छा चल रहा है, सुशांत के पिताजी ने कहा की यह सब तुम्हरी वजह से हुआ है,

 

बुआ ने कहा की तुम छोटे हो इसलिए छोटो की मदद करना यह बहुत जरुरी है, इसमें और कुछ भी कहने की जरूरत नहीं है अब सुशांत बड़ा हो गया है, और वह तुम्हारी सबकी देखभाल कर सकता है, अब चिंता की बात नहीं है सुशांत की भी शादी हो चुकी थी और अब सुशांत और उसकी पत्नी पिताजी की सेवा में लगे हुए थे, सुशांत जनता है की उसके पिताजी ने उसके लिए बहुत मुश्किल उठायी है और अब उन्हकी सेवा करना उसका धर्म था इस तरह सुशांत का जीवन सफल  हो गया था और वह अपने काम को अच्छे से कर रहा था मुश्किलें आती है और हमे सीखा जाती है इसलिए कभी परेशान न होना जीवन बढ़ने का नाम है और हमेशा आगे बढ़ते रहना, अगर आपको यह एक घर की सच्ची कहानी, (Read real story in hindi) पसंद आयी है तो आप इसे शेयर जरूर करे और कमेंट करके हमे भी बताये.

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जब से यह “घर” गिरवी रखा गया है तभी से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है मुझे नहीं लगता है कि हम इस “घर” को जल्दी ही वापिस ले सकते हैं क्योंकि हमने सेठ से कर्जा लिया है यह पूरा होने में हमें बहुत समय लग जाएगा लेकिन सेठ हमारे “घर” को चाहता है हमने उस सेठ से बहुत बार बात की लेकिन वह बात को मानने के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं है
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उसे लगता है कि उसका धन समय से नहीं मिला तो वह इस “घर” को बेच देगा उसके बाद अपने धन की पूर्ति करेगा जब से यह बात सुनी है तभी से मन में बहुत सारी परेशानियां चल रही है जिनका समाधान होना बहुत जरूरी है लेकिन समाधान मिल नहीं रहा है यह “घर” की समस्या बहुत अधिक बढ़ गई है जब तक यह घर हमारे पास है तब तक हम कुछ कर सकते हैं अगर एक बार “घर” चला गया तब हम कुछ भी नहीं कर पाएंगे हमारे पास इतना धन भी नहीं है

 

जो हम सेठ को दे पाए और अपने “घर” को वापस पा सके जीवन में बहुत सारी परेशानियां चल रही है उनका समाधान होना इतना आसान नहीं है जितना हम सोचते हैं हमें एक बार सेठ से चलकर बात करनी चाहिए शायद वह हमारी बात मान जाए तभी एक आदमी उनके “घर” पर आता है बहुत पुराना दोस्त था और बहुत साल बाद हमसे मिलने के लिए आया है वह देखता है कि सभी लोग परेशान बैठे हुए शायद कोई ऐसी बात है जो उन्हें अंदर तक परेशान कर रही है

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इसलिए उनका दोस्त इस बारे में बात करना चाहता है लेकिन कोई भी इस बारे में बात नहीं कर रहा था शायद वह किसी को भी अपनी समस्या बताना जरूरी नहीं समझते थे लेकिन जब उनके दोस्त ने बहुत बार पूछा तो वह कहते हैं कि हमने बहुत समय पहले इस “घर” पर कर्जा लिया था जो कि पूरा नहीं कर पाए हैं सेठ अब इस “घर” को बेचना चाहता है जिसकी वजह से हमारे सामने समस्या आ रही है हम कुछ भी नहीं कर पा रहे हैं हमारे पास ऐसा कोई भी साधन नहीं है जिससे कि हम इस “घर” को बचा सके हमारे पास थोड़ी सी जमीन है

 

जिससे हम अपना गुजारा कर पा रहे हैं अगर हम जमीन को बेचकर अपना घर बचा भी लेते हैं तो हमे अपने खाने की समस्या का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि हमारा छोटा सा खेत खाने को देता है अगर वही नहीं रहेगा तो हम खाने को कहां से हासिल कर पाएंगे उसके दोस्त को यह बात पता चलती है तो बहुत बुरा लगता है और सोचता है कि मेरे दोस्त ने आज तक भी समस्या का जिक्र नहीं किया है क्योंकि शायद वह समझता है कि इसका समाधान नहीं हो सकता है इसलिए उसका दोस्त कहता है कि मैं तुम्हारी समस्या को दूर कर देता हूं

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लेकिन जीवन में एक बात हमेशा ध्यान रखना दोस्त हमेशा मदद करने के लिए तैयार रहता है अगर तुम मुझसे इस बारे में बात करते हो जब अपने दोस्त की आदमी सुनता है तो उसे लगता है कि शायद उसके जीवन में एक अच्छा दोस्त है इसलिए उसकी मदद करने के लिए यहां पर आ गया जबकि वह बहुत समय से यहां पर आया भी नहीं आज हमें बहुत जरूरत थी इसलिए यहां पर आ गया वह इस बारे में जानता भी नहीं था लेकिन सच्चा दोस्त है इसलिए वह हमारी परेशानी को दूर करने के लिए यहां पर आ गया है

 

उसका दोस्त सेठ को बहुत सारा धन देता है जिससे कि उसका घर वापस मिल जाता है उसका दोस्त कहता है कि मेरे पास धन की कोई कमी नहीं है लेकिन तुमने कभी भी मेरे सामने इस बारे में बात नहीं की शायद तुम्हें पसंद नहीं होगा इस बारे में बात करना लेकिन जब मैंने तुम्हारी समस्या सुनी तो मुझे लगा कि तुम्हें मुझसे बात करनी चाहिए थी आदमी सोच रहा था बात करने की लेकिन मुझे लग रहा था कि मेरे बात करने से शायद तुम्हें दुःख पहुंचेगा और इस बारे में अगर तुम कुछ नहीं कर सके तो तुम परेशान हो जाओगे

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इसलिए मैंने तुमसे नहीं कहा उसका दोस्त कहता है कि अपनी तकलीफ को अधिकतर लोगों के साथ शेयर करना जरूरी नहीं होता लेकिन तुम अपने अच्छे दोस्तों के सामने बता सकते हो शायद कोई ना कोई तुम्हारी समस्या का हल निकाल सके और आज उसे पता चल चुका था कि उसका सच्चा दोस्त जो कि उसके पास हमेशा ही था वह उससे इस बारे में बात करके अपनी परेशानी को दूर कर सकता था लेकिन वह ऐसा नहीं कर पाया और शायद यह इसलिए भी है कि वह आज मेरे पास आया और मेरी समस्या को दूर कर सका

 

जीवन में सच्चे दोस्त के सामने अपनी समस्या कहने से कुछ हद तक हल निकल सकता है वह आदमी अपने दोस्त की वजह से अपने घर को बचा सका और अपने दोस्त को भी धीरे-धीरे धन देकर उसका कर्जा भी चुका रहा था जीवन में एक अच्छा दोस्त जो कि तुम्हें बहुत अच्छी तरह से समझता है वह आपके काम आ सकता है अगर आपको यह कहानी पसंद नहीं है तो आगे भी शेयर करें कमेंट करके हमें बताएं 

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