Bhavishya ki chinta story in hindi
यह भविष्य की चिंता की कहानी (Bhavishya ki chinta story in hindi) आपको पसंद आएगी, क्योकि अगर हमारे जीवन में चिंता है तो हम कभी खुश नहीं रहा सकते है, इसलिए चिंता छोड़िये और अपने जीवन को अच्छे से जिए.
भविष्य की चिंता की कहानी : Bhavishya ki chinta story in hindi
एक गांव में एक बहुत ही अमीर आदमी रहता था उसके पास इतना धन था कि वह अगर काम भी ना करे तो भी उसका धन खत्म होने वाला नहीं था उस आदमी ने अपने लड़के को बुलाया और पूछा कि हमारे पास कितना धन अभी बकाया है वह लड़का कुछ दिन के बाद अपनी सारी संपत्ति का विवरण लेकर अपने पिताजी के पास आया और कहने लगा कि हमारे पास इतना धन है कि
हमारी आने वाली पांच पीढ़ियों तक किसी को भी चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है जब उस अमीर आदमी ने यह सुना तो वह सोचने लगा कि सिर्फ पांच पीढ़ियों तक ही हमारे पास धन बचा रहेगा और इससे आने वाली पीढ़ियों के बारे में हमें कुछ सोचना पड़ेगा और वह हमेशा इस बारे में चिंता करने लगे यही कारण उस अमीर आदमी की तबीयत धीरे-धीरे खराब होने लगी और वह बहुत ज्यादा चिंता करने की वजह से बीमार पड़ गए तभी उनका पड़ोसी उनसे मिलने आया और पूछा कि बहुत दिनों से दिखाई नहीं दे रहे हो कहां पर रह रहे हो
अमीर आदमी ने सारी बात अपने पड़ोसी को बताई हो और तब उसका पड़ोसी बोला कि हमारे गांव में एक साधु महाराज जी आए हैं और वह आपकी समस्या का निवारण कर सकते हैं आप कौ मिलना चाहिए अमीर आदमी साधु जी की महाराज जी के पास गया और अपनी समस्या के बारे में उन्हें बताया साधु महाराज जी ने समस्या सुनी तो गया हंसने लगे
साधु महाराज जी को हंसता हुआ देखते है आदमी सोचने लगे कि यह मेरी चिंता का मजाक उड़ा रहे हैं फिर साधु महाराज जी ने उन्हें समझाया और कहा कि हमें आने वाले समय को देख कर काम करना चाहिए ना की चिंता करनी चाहिए अगर हम अपने भविष्य की चिंता करेंगे तो हम जीवन में कभी भी खुशी से अपना जीवन व्यतीत नहीं कर सकते हमें कल के बारे में क्या पता हमारे साथ क्या होने वाला है तुम्हारी बातों से तो यह लग रहा है कि तुम्हें 5 पीढ़ियों की चिंता हो रही है
देखने का नजरिया एक हिंदी कहानी
जबकि तुम्हें यह भी नहीं मालूम कि तुम्हारे साथ कल क्या हो सकता है इसलिए तुम्हें हमेशा आज की जीवन में अपना अपनी खुशी ढूंढनी चाहिए ना कि भविष्य में जो भविष्य की चिंता करते हैं वह हमेशा परेशान रहते हैं भविष्य के लिए हम काम कर सकते हैं but उनके बारे में सोच नहीं सकते इसलिए तुम्हें अपना जीवन आज के हिसाब से जीना चाहिए ना कि भविष्य के हिसाब से अब वह आदमी समझ चुका था कि मुझे चिंता करने की आवश्यकता नहीं है इसलिए उसके बाद वह खुशी खुशी से रहने लगा.
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