Bhoot ki kahani | पेड़ के भूत की आवाज हिंदी कहानी
पेड़ के भूत की आवाज हिंदी कहानी, bhoot ki kahani, मुझे उस पेड़ से बहुत डर लगता है, मुझे आज भी याद है, उस पेड़ पर भूत रहता है, यह उस दिन की बात है, जब में अपने दोस्त के साथ गांव वापिस आ रहा था, हमे गांव पहुंचने में देर हो गयी थी,
पेड़ के भूत की आवाज हिंदी कहानी : bhoot ki kahani
हमे ऐसा लग रहा था की हमे इस वक़्त घर के लिए नहीं आना चाहिए था, तभी मेरे दोस्त ने पूछा की उस पेड़ के पास कोई खड़ा है, वह यही पर रहता है उसकी बताओ से कुछ समझ नहीं आया था, वह किस बारे में बात कर रहा था, उससे पूछा की तुम क्या कह रहे हो, उस पेड़ के पास तो कोई भी नहीं है Because रात हो गयी है, कोई उस पेड़ के पास क्यों होगा, वह कहता है मुझे अभी कोई नज़र आया था
इसलिए पूछ लिया था, उसकी बातो को समझकर मुझे लग रहा था की उसे क्या नज़र आया होगा, यह देखने हम दोनों जाते है but रात में कुछ नज़र भी नहीं आ रहा था, वह जगह मुझे ठीक लग रही थी, but उसे क्या नज़र आया था, यह बात समझ नहीं आयी थी, वह कहता है, मुझे उस पेड़ के पास कोई नज़र आया था वह हमे देख रहा था मुझे लगता है उस जगह पर कोई भूत है,
पेड़ का भूत :-
उसकी बताओ पर यकीन नहीं हो रहा था, Because वहा पर कोई नहीं है, तुम्हे वहम हुआ है, इसलिए हमे घर की और चलन चाहिए तभी पेड़ से आवाज आती है, तुम मेरे पास क्यों आये हो, मुझे कोई पसंद नहीं है अगर तुम यहां पर बहुत देर तक रुकते हो तो यह अच्छा नहीं होगा उसके बाद पेड़ बहुत तेज हिलने लगता है इस तरह तो कोई पेड़ हवा में भी नहीं हिलता है ऐसा लग रहा था की यह पेड़ गिरने वाला है, मेरा दोस्त बहुत डर गया था वह कहता है की यह पेड़ का भूत है, हमे यह से जाना चाहिए,
bhoot ki kahani, हम दोनों अपने घर वापिस आ गए थे but वह बात हमारे दिमाग में अभी तक घूम रही थी, वह पेड़ का भूत है, हमे आज तक इस बारे में क्यों पता नहीं है, अगली सुबह ही सभी लोग उस पेड़ के पास जाते है, क्योकि उस जगह पर भूत नज़र आया था मगर कोई भी नहीं था उस पेड़ पर तो कोई भूत नहीं है, अब यह बात क्या थी हमे भी पता नहीं चल रहा था सभी लोग कहते है की यहां पर कोई भूत नहीं है सभी लोग चले गए थे but वह भूत वही पर होगा, हमे यकीन नहीं हो रहा था Because हमने उसकी आवाज सुनी थी,
पेड़ का भूत एक कहानी :- bhoot ki kahani
bhoot ki kahani, ये कहानी सूरजपुर शहर के एक गांव की है जहा पर गांव मैं एक ऐसा पेड़ है जो की लगभग 500 वर्ष पुराना है. लोगो का ऐसा मानना है की उस पेड़ पर एक भूत रहता है जो की गांव के लोगो को कभी भी नुक्सान नहीं पहुँचता है बल्कि उनकी रक्षा करता है.
त्यौहार पर मेला :-
बहुत पुरानी बात है इस गांव मैं एक जमींदार रहता था जो की अपने गांव मैं रहने वाले लोगो पर अत्याचार न करके बल्कि उनकी हर तरह से सेवा और उनकी मदद करता था. उसने अपनी पूरी जमींदारी मैं कभी भी किसी को कोई भी दुख नहीं दिया, तभी लोग उसे अपना धरती पर भगवन मानते थे. साथ ही उसकी पूजा भी किया करते थे. जमींदार अपने गांव मैं हर त्यौहार पर मेला लगाता था और सभी गांव वालो को अपनी तरफ से खाने का न्योता भी देता था. सभी लोग बड़े ही खुश रहते थे. लेकिन एक दिन उस गांव मैं कुछ ऐसा घटा की तब से गांव वालो की पूरी ज़िन्दगी ही बदल गयी.
आत्मा उस गांव से दूर :-
एक दिन जमींदार के घर मैं कुछ डकैत घुस गए और उन्होंने जमींदार और उसके सभी घर वालो की हत्या कर दी और साथ ही सारा जेवर और पैसा लूट कर भाग गए. तब से आज तक कभी भी उस गांव मैं ना तो कोई मेला लगा और ना ही कभी कोई त्यौहार ही मनाया गया. but जमींदार की आत्मा उस गांव से दूर ना हो पायी और वो गांव की सीमा पर लगे एक पीपल के पेड़ पर बेथ गयी सदा के लिए.
एक हवैली
जमींदार की आत्मा ना तो किसी को परेशान करती है और ना ही किसी को कभी कोई नुकसान ही पहुँचती है. लेकिन जब भी गांव के किसी आदमी पर कोई भी समस्या आती है तो वो उसे दूर करती है. तभी लोगो का ये माना है की जमींदार की आत्मा एक पवित्र आत्मा है , इसलिए गांव के लोग भगवन के साथ साथ उस जमींदार की आत्मा की भी पूजा करते है.
एक साधु आये :-
एक बार गांव मैं एक साधु आये और उन्होंने कहा की अगर तुम सब जमींदार की आत्मा को यहाँ से भागना चाहते हो तो मैं तुम्हारी मदद कर सकता हु. but गांव वालो ने उस बाबा या साधु को कहा की ये आत्मा एक पवित्र आत्मा है जो की हमे कभी भी नुकसान नहीं पहुँचाती है बल्कि ये तो हमारी रक्षा करती है. तब बाबा या साधु ने सोचा की गांव वालो को कैसे बेवकूफ बनाया जाये.
तब उसने सोचा की कुछ करते है जिससे इन् लोगो को पागल बनाया जय और कुछ दान या पैसा इनसे हड़पा जाए. तो उसने लोगो को नुकसान पहुंचना शुरू करवा दिया. और दिखाया की ये सब तुम्हारे जमींदार की आत्मा कर रही है. लोगो को उस पर विस्वास होने लगा और वो उस आत्मा से छुटकारा पाने के लिए साधु को पैसा और बहुत कुछ देने लग गए.
साधु के बारे मैं :-
bhoot ki kahani, but जब एक दिन गांव के सरपंच को सपने मैं जमींदार ने आकर सब कुछ साधु के बारे मैं बताया तो उन्होंने जाँच की तो पता चेला की ये सब तो साधु का काम है तब सभी गांव वालो ने मिलकर साधु की खूब पिटाई की और अपने गांव से निकल दिया. और फिर से सभी गांव वाले सुखी पूर्ण रहने लग गए. इसे ही कहते है एक पवित्र आत्मा. अगर आपको भी ऐसा लगता है की ऐसा आपके साथ भी कभी हुआ है तो हमे भी बताये और हमे लिखकर आप भेज सकते है
पेड़ के भूत का धन हिंदी कहानी
सभी गाव वालो को लगता था, उस पेड़ के पास कुछ है, Because रात के समय में उस पेड़ से आवाज आती थी, एक दिन की बात है, उस पेड़ के पास एक चोर आता है, वह जब उस पेड़ के पास आया, उसे भी ऐसा लग रहा था, कोई पेड़ पर बैठा है, पहले तो उसे लगा की कोई उसे डरा रहा था, but जब उसने ध्यान से देखा तो उसे पता चल गया था, यह कोई आत्मा है,
वह चोर बहुत डर गया था, उसे लग रहा था, यह कोई भूत है, वह चोर उस जगह से भाग जाता है, मगर भागते हुए वह सारा धन वही पर छोड़कर चला जाता है, Because वह बहुत अधिक डर गया था, सुबह हो जाती है, वह धन उस पेड़ के पास रखा होता है, कोई भी गांव का आदमी उस पेड़ के पास नहीं जाता है, Because उन्हें डर लगता है, वह भूत पेड़ के पास रहता है, उनमे से एक लड़का आता है, वह देखता है, उस पेड़ के पास कुछ रखा हुआ है, यह तो धन रखा हुआ है,
धन गायब हो जाता :-
bhoot ki kahani, यह कहा से आया होगा, but इन सभी बातो से दूर वह भूल गया था, यह पेड़ भूत का है, वह धन भूत का भी हो सकता है, Because यह पेड़ भूत का है, यहां का धन भी पेड़ का हो सकता है, वह लड़का यही बता सोच रहा था, वह धन को लेकर जाए यहां पर छोड़कर जाए, तभी वह धन गायब हो जाता है, वह लड़का डर जाता है, वह भाग जाता है, उस दिन के बाद कोई भी उस पेड़ के भूत के पास नहीं जाता है, Because सभी को बहुत डर लगता है, Because वह भूत किसी पर भी हमला कर सकता है,
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