9 month pregnancy tips in hindi
9 month pregnancy tips in hindi, फर्स्ट प्रेगनेंसी हम सब के जीवन में सबसे अच्छा मां बनने का होता है मां बनना एक बहुत अच्छा जीवन है हम सबको इस पल का बेसब्री से इंतजार होता है मगर हमें खुद भी स्वस्थ रहें और एक स्वस्थ बच्चे को इस दुनिया में लाया
नाइन मंथ प्रेगनेंसी टिप्स इन हिंदी
इसके लिए हमें खुद का अच्छी तरह से ख्याल रखना होगा कि हम इन 9 महीनों में क्या खाए क्या करें क्या पहने इन सब बातों का ध्यान रखकर ही हम अपना व अपने बच्चे को स्वस्थ जीवन दे पाएंगे फर्स्ट प्रेगनेंसी टिप्स इन हिंदी में जिन्हे पहली बार प्रेगनेंसी होती है उन्हें तो हर बात का अच्छी तरह ध्यान रखना बहुत ही जरूरी है पहला महीना में जो हमारे पीरियड में बंद जाते हैं तो सबसे पहले हमें बिना देखे के डॉक्टर के पास चेक करवाने जाना चाहिए घर पर नहीं क्योंकि आजकल बहुत ही नकली चेक करने वाली वस्तु में बाजार में उपलब्ध है जो हमें गुमराह कर देती है
उसके बाद हमें शुरू के पहले महीने से ही अपने खानपान में बदलाव का बदलाव कर उसे अच्छी तरह खाना चाहिए डॉक्टर के परामर्श में कौन-कौन से इंजेक्शन लगवाने हैं उन्हें पूछ कर लें और समय-समय पर उनके पास जाकर उन्हें इंजेक्शन को लगवाते रहे.
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दूसरा महीना, दूसरे महीने से हमारे खान पान में बदलाव आने लगता है दूसरे महीने से हमारा मन कुछ खट्टा चीजों को करने के लिए करता है अतः हमें हमारा मन की चीजों को उसे खाना चाहिए सुबह शाम घूमने जाना चाहिए बयाम करना चाहिए भारी कामों को बंद कर देना चाहिए ऐसा नहीं कि बिलकुल भी काम ना करें इससे तो हमारा शरीर और जाम हो जाएगा बल्कि हल्के फुल्के काम करते रहना चाहिए तथा घूमते फिरते रहना चाहिए.
प्रेगनेंसी का तीसरा महीने में पेट भी थोड़ा निकलने लगता है तो हमें ऐसे कपड़े ढीले-ढाले कपड़े पहनने चाहिए जिससे ना तो हमें खुजली लगे और ना ही हमें भारीपन हो बच्चे का विकास भी होना तीसरे महीने में शुरू हो जाता है इस महीने से परफ्यूम की खुशबू से उल्टी आने लगती हैं पर घबराएं नहीं अगर किसी को ज्यादा ही उल्टी है तो डॉक्टर से सलाह लेने तीसरे महीने में अक्सर हमें अपने मुंह पर अच्छी तरह कपड़ा लपेट लेना चाहिए सेना तो मुंह पर झाइयां पड़ेगी और ना ही ज्यादा वह में उल्टियां आएंगी नाइन मंथ प्रेगनेंसी इन हिंदी में तीसरे महीने चाहिए हमें कुछ अच्छी किताबें पढ़ने शुरु कर देनी चाहिए.
चौथा महीना, चौथे महीने से हमें नहाते समय अपने शरीर को ज्यादा ना मले क्योंकि हमारे शरीर में कसावट आने लगता है हमें हर महीने अपना वजन भी चैक कराते रहना चाहिए कितना बढ़ रहा है जूस वह चाय कम पीनी चाहिए दूध अच्छी तरह पीना चाहिए वह फल व सब्जियों से हमें जितने विटामिन मिल सके हमें लेने चाहिए जंग फूड बहुत कम कर देना चाहिए कभी-कभी मन करें तो थोड़ा बहुत खा लेना चाहिए.
पांचवा महीना 5 महीने से हमें शाररिक सम्बन्ध बंद कर देना चाहिए क्योंकि इससे बच्चे के सिर पर गड्ढे हो जाते हैं चिंता से दूर रहें क्योंकि स्वस्थ मन में स्वस्थ सही निवास करता है 5 महीने से हमारा पेट पर खुजली सी लगने लगती है ऐसा हाथों से बल्कि धीरे धीरे धीरे मले आज कल बाजार में बहुत सी दवाइयां मिलती हैं उन दवाई उस ट्यूब को लेकर अपने पेट पर लगाएं इससे खुजली में आराम मिलता.
छठा महीना, छठे महीने से हमारा बच्चा हमारे पेट में घूमने लगता है और बच्चे का धीरे-धीरे विकास होने लगता है यह हमें महसूस नहीं होने लगता है अगर हमें थोड़ा बहुत फीवर हो गया सर में दर्द हो तो डॉक्टर से परामर्श करे ऐसे ही ही दवाई कभी नहीं खानी चाहिए यह हानिकारक हो सकती हैं तथा इससे हमें और हमारे बच्चे को भी नुकसान पहुंच सकता है
सातवां महीना, महीने से हमारे शरीर भारी होने लगता है वजन बढ़ने लगता है इस महीने से हमें अधिक ध्यान देना चाहिए जीना संभलकर उतरना व चढ़ना चाहिए सातवें महीने से किसी किसी के पैरों में सूजन आने लगती है ऐसे में घबराएं नहीं बल्कि गर्म पानी करके उसे अपने पैरों की सिकाई करें और सरसों के तेल में पानी मिलाकर अपने पैरों के तलवे में मालिश करें बहुत जल्दी आराम मिलेगा सातवें महीने से हमारे बच्चे घूमने लगता है हाथ पैर मारने लगता हमें भी महसूस होने लगता है जितना हो हमें खूब कि दूध खाना चाहिए इससे हमें अंदरूनी ताकत मिलती है
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आठवां महीना , बच्चा तेजी से बनने लगता है हमें योगा हल्के हल्के वायाम करते रहना चाहिए पैरों के बल कभी नहीं बैठना चाहिए खूब पानी फल व सब्जियां खानी चाहिए डॉक्टर के पास जांच के लिए अवश्य जाना चाहिए सोते समय ना तो ज्यादातर सीधे सोना, करवट लेकर सोने उल्टा तो कभी नहीं सोना चाहिए ऐसे महीने में ही डॉक्टर डिलीवरी की डेट भी दे देते हैं
9 month pregnancy tips in hindi, में नोवा महीना सबसे है महत्वपूर्ण होता है किसी किसी को पूरे महीने के 5 या 10 दिन बाद ही डिलीवरी हो जाती है और किसी को पूरा महीना पार करना होता है वह महीने में हमें भरपूर आराम करना चाहिए अच्छे 8 घंटे की नींद लेनी चाहिए एक जगह ज्यादा देना तो बैठना चाहिए और ना ही खड़े रहना चाहिए डिलीवरी की डेट पास आते ही जब कमर में तेज दर्द होता था पानी आने लगे तो तुरंत डाक्टर के पास चला जाना चाहिए हमें 9 महीने तक अपना पूरा भर को ध्यान रखना चाहिए तभी हम नॉर्मल डिलीवरी कर सकते हैं और एक स्वस्थ बच्चे कोई दुनिया में ला सकते हैं क्योंकि डिलीवरी के बाद हमें अपना और अपने बच्चे का भी उसी तरह भरपूर ध्यान रखना पड़ता है
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