कुम्हार की हिंदी कहानी, kumhar hindi stories with moral

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Kumhar hindi stories with moral | Hindi stories

कुम्हार की हिंदी कहानी : kumhar hindi stories with moral, कुम्हार मिट्टी के बर्तन बना रहा था, तभी उसके पास एक आदमी आता है, वह थोड़ी देर तक उसे देखता है फिर कुम्हार से कहता है, की मुझे यह बर्तन चाहिए, वह आदमी को बर्तन दिखाता है, उसके बाद वह आदमी कुम्हार से पूछता है की यह बर्तन कितने का है कुम्हार उसे बर्तन की कीमत बता देता है, But उस आदमी को बर्तन की कीमत बहुत ज्यादा लग रही थी वह कुम्हार से कहता है की आप यह बर्तन बहुत महंगे दे रहे है.

कुम्हार की हिंदी कहानी :- kumhar hindi stories with moral

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kumhar hindi stories with moral

कुम्हार उस आदमी को देखता है और कहता है की आपको यह कीमत बहुत ज्यादा लग रही है, But इसके पीछे हमारी मेहनत बहुत ज्यादा लगती है, अगर आप उसे देखते है तो आप समझ सकते है, की यह कीमत ज्यादा नहीं है But उस आदमी को शायद उस कीमत पर वह बर्तन नहीं चाहिए वह चला जाता है, But कुम्हार कुछ नहीं कहता है Because वह जानता है की उसकी कीमत बहुत ज्यादा नहीं थी But वह कम कीमत पर बर्तन भी दे नहीं सकता है वह क्या करे, वह इस बात को जानता है

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मुझे कुछ ऐसा करना चाहिए :-

कुम्हार फिर से अपने बर्तन बनाने लगता है Because उसे तो अपना काम करना है वह फिर सोचता है की अगर मेरे बर्तन नहीं बिक रहे है तो मेरे सामने यह समस्या बहुत बड़ी है मुझे कुछ ऐसा करना चाहिए जिससे मेरे जीवन की परेशानी कम होने लगे तो बहुत अच्छा होगा But मुझे क्या करना चाहिए यह बात मुझे समझ नहीं आती है, कुछ देर बाद ही एक महिला बर्तन लेने आती है, कुम्हार कहता है की आपको क्या चाहिए वह एक बर्तन लेना चाहती है But उसे भी उसका दाम बहुत ज्यादा लग रहा था वह कुम्हार कहता है की ऐसा नहीं है आपको यह दाम ज्यादा क्यों लग रहा है  

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वह महिला कहती है मुझे ऐसा लगता है की आप बहुत ज्यादा ही दाम ले रहे हो वह कुम्हार कहता है की हम बहुत मेहनत करने के बाद इसे बनाते है तब जाकर यह बर्तन बनता है आप हमारी मेहनत नहीं समझ रहे है वह महिला कहती है की मुझे पता नहीं है अगर आप हमारी कीमत पर यह बर्तन दे सकते है तो ठीक है But कुम्हार सोचता है की मेरा बर्तन काफी समय से नहीं बिक रहा है वह उस महिला को बर्तन देता है वह महिला चली जाती है

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हम इंसान है :-

वह कुम्हार फिर से बर्तन बनाता है, कुछ समय बाद ही एक आदमी आता है वह उसे बर्तन बनाते हुए देखता है उसे लगता है की यह कुम्हार बहुत मेहनत कर रहा है But कोई भी इसकी मेहनत नहीं देख रहा है वह सिर्फ अपने बारे में सोचता है जबकि हम इंसान है हमे सभी के बारे में सोचना चाहिए जो इंसान सभी के बारे में सोचता है वही आगे जीवन में बहुत कुछ करता है अगर वह कीमत के बारे कहता है तो यह ठीक है Because उसकी मेहनत भी निकलनी चाहिए वह आदमी उससे बर्तन लेता है जो कुम्हार कहता है वह उसे वही दाम देता है 

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कुम्हार कहता है की आपको दाम काम नहीं करने है आपने तो एक बार भी मुझसे यह नहीं कहा की इसके दाम बहुत ज्यादा है वह आदमी कहता है की आपकी मेहनत के आगे कुछ नहीं है आप जितनी मेहनत कर रहे है उसके हिसाब से यह बहुत कम है वह कुम्हार उस आदमी की और देखता है और सोचता है की आप बहुत अच्छे आदमी है कुम्हार कहता है की आप यह मत सोचना की में इसलिए कह रहा हु की आपने मेरा बर्तन मेरी कीमत पर लिया है बल्कि इसलिए कह रहा हु की आपने हमारी मेहनत पहले देखी है,

यह कहानी हमे यही सिखाती है, की जीवन में सब कुछ देखकर ही फैसले करने चाहिए Because इससे हमारे जीवन पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है, कुम्हार की हिंदी कहानी, Kumhar hindi stories with moral, hindi stories, अगर आपको यह कहानी पसंद आयी है तो शेयर जरूर करे.

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