Story of hindi | Short moral stories in hindi
Story of hindi, Short moral stories in hindi, एक गांव में एक बाबा जी आए हुए थे उनके साथ कुछ शिष्य भी बाबाजी के साथ ही गांव में रहते थे शिष्य बाबा जी को बहुत अच्छा मानते थे और उन्हीं की बातों पर हमेशा चलते थे फिर एक दिन बाबा जी अपने शिष्यों को लेकर दूसरे गांव की ओर जा रहे थे.
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रास्ते में बाबा जी को एक आदमी मिला और वह बाबा जी को भला बुरा कहने लगा पर बाबाजी उसकी बात पर कोई भी ध्यान नहीं दे रहे थे और आगे चल रहे थे फिर आदमी पीछे से फिर आकर बाबा जी को और बुरा भला कहने लगा इस बात पर भी बाबा जी ने कोई भी प्रतिक्रिया नहीं की और अपने शिष्यों से कहा कि आओ चलते हैं
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फिर वह आदमी थक कर वहीं बैठ गया क्योंकि उसकी बात पर कोई भी ध्यान नहीं दे रहा था इस पर एक शिष्य ने कहा कि बाबा जी आपका तो उसने बहुत अपमान किया और आपने एक भी शब्द उसे नहीं कहा और वह व्यक्ति आपको भला बुरा कहता रहा और हम भी चुपचाप ही रहे क्योंकि आपने भी हमें कुछ भी करने को नहीं कहा
फिर बाबा जी ने कहा कि चलो अपनी कुटिया में चलते हैं जब बाबा जी कुटिया के पास आए तो अपने शिष्यों से कहा कि तुम यहीं रुको मैं भी कुछ लेकर आता हूं बाबा जी कुटिया में अंदर गए तो वहां से कुछ गंदे कपड़े अपने साथ लेकर आए उन कपड़ो को देखकर ऐसा लगता था कि वह काफी सालों से धोये भी नहीं गए थे और बाबा जी ने कहा कि अपने वस्त्र उतार कर इन कपड़ों को धारण करो
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इसपर शिष्य ने कहा कि यह तो बाबाजी बहुत गंदे कपड़े हैं और इनमें से तो बहुत बदबू आ रही है हम कैसे धारण कर सकते हैं इस बात पर बाबाजी ने समझाया कि जब वह हमें भला-बुरा कह रहा था अगर हम भी उसका जवाब देने लगते तो हम भी उसी की तरह गंदे हो जाते
इसलिए हमने कोई भी जवाब नहीं दिया अगर हम किसी की बातों को सुनकर उसका उल्टा जवाब देते थे हैं तो इससे भी हमारे अंदर और बुराइयां बढ़ती है और सामने वाले से इसी बात पर झगड़ा भी हो जाता है यह बात सुनकर सभी शिष्य समझ गए कि बाबा जी ने सच ही कहा है कि हमें बुराई से जितना दूर हो रहना चाहिए
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story of hindi, short moral stories in hindi, दोस्तों इस कहानी से यही सीख मिलती है कि अगर आपको भी कोई ऐसे ही कहता है तो उस बात पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं देना चाहिए और अपने काम से काम रखना चाहिए क्योंकि अगर हम उस बात का जवाब देंगे तो इससे बात ही बढ़ेगी कोई समाधान नहीं हो सकता.
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यह उस आदमी की कहानी है जो कि सभी की बुराई करता था.
वह जब भी किसी से मिलता था. तो हमेशा ही बुराइयां शुरू कर देता था.
वह यह नहीं सोचता था. की बुराई करने से उसे कोई लाभ नहीं होगा.
लेकिन फिर भी वह सभी की बुराई करता था.
जिससे कि लोग उससे धीरे-धीरे दूरियां बना चुके थे.
1 दिन में आदमी घूम रहा था और मैं सोच रहा था कि आज भी मुझे किसी की बुराई करनी है,
इसलिए उन लोगों को ढूंढ रहा था जो कि खाली बैठे हुए थे, जब वह देखता है,
तो उनकी ओर जाता है और कहता है कि मैं तुम्हें एक बात बताना चाहता हूं,
तभी सभी लोग कहते हैं कि हमें तुम्हारी बात से कोई मतलब नहीं है,
तुम हमेशा ही दूसरों की बुराई करते हो जो कि यह ठीक नहीं है,
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तुमने कभी यह सोचा है कि अगर तुम्हारी कोई बुराई करें तो तुम्हें कैसा लगेगा
यह बात सुनकर वह आदमी कहता है कि मुझे बहुत बुरा लगेगा
तभी सभी लोग कहते हैं कि इसलिए हमें लगता है कि बुराई करना ठीक नहीं है
उन लोगों की बातें सुनता है और उसके बाद वह अपने घर चला जाता है
2 दिन बाद में आदमी फिर से कुछ बात बताना चाहता था जो कि बहुत ही सही थी
लेकिन फिर भी लोग उसकी बात सुनने के लिए तैयार नहीं थे क्योंकि उन्हें लगता है कि यह फिर से बुराई करेगा जो ठीक नहीं है मैं तुम्हें एक सच बताना चाहता हूं तभी सभी लोग कहते हैं कि हमें तुम्हारी बात से कोई मतलब नहीं है तुम हमेशा ही झूठ बोलते हो दूसरों की बुराई करते हो इसलिए तुम्हारी बात सुनने से अच्छा है कि हम किसी काम में अपना मन लगाएं
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तुम से दूरी बनाना ही अच्छा होगा क्योंकि तुम से बात करने का मतलब है हम अपना समय खराब कर रहे हैं यह सुनकर आदमी सोचता है कि शायद उसने आज तक जो किया वो ठीक नहीं किया इसलिए जीवन में कभी भी किसी की बुराई नहीं करनी चाहिए क्योंकि बुराई करने से आप धीरे-धीरे उस इंसान से दूर चले जाते हैं
story of hindi, short moral stories in hindi, जिससे कि तुम हमेशा बात करने के बारे में सोचते हो इसलिए हमें सही काम करने चाहिए और बुराई से हमेशा दूर रहना चाहिए अगर आपको यह कहानी पसंद आयी है. तो आगे भी शेयर करें कमेंट करके हमें बताएं
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