अलादीन का जादुई चिराग, story hindi | Aladdin ka chirag

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Story hindi | Aladdin ka chirag

अलादीन का जादुई चिराग : Aladdin ka chirag, story hindi,  child story in hindi, अलादीन के चिराग की कहानी तो आपने कभी न कभी सुनी ही होगी, जिसमे आपने सुना होगा की “अलादीन” को एक चिराग मिल जाता है, और उसका वह  इस्तमाल करता है,

अलादीन के चिराग : Story Hindi

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Story hindi, पर क्या आपको पता है की उसको वह चिराग (aladdin ka chirag) कब और कैसे मिलता है, क्योकि “अलादीन” तो गरीब आदमी था तो उसके साथ इस क्या हुआ जो उसे वो चिराग मिला, यह बात को काफी साल बीत गए है पर ये किस्सा आज भी सभी को याद है, अफगानिस्थान में मुस्तफा नाम का आदमी रहता था मुसतफ़ा बहुत ही गरीब आदमी था लोगो के छोटे मोठे काम करता था अपना गुज़ारा करता था, लोगो के कपडे सीना, या कह की दरजी का काम करता था, उसका एक लड़का था जिसका नाम “अलादीन” था, मुस्तफा अपने लड़के को बहुत पढना चाहता था जिससे वो पढ़ लिख कर कुछ बन जाए पर “अलादीन”  का मन तो हमेशा ही खेल में लगा रहता था उसका मन न किसी काम में लगता था न पढ़ने में, 

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मुस्तफा “अलादीन” को हमेशा समझतता था की अगर वो पढ़ लिख लेगा तो कुछ बन जाएगा नहीं तो बेटा यही काम करना पड़ेगा जिसमे मुश्किल से ही गुज़ारा होता है, मुस्तफा जब “अलादीन” को देखता तो वो हमेशा ही खेलता रहता था, एक दिन मुस्तफा ने सोचा की ऐसे भी ये दरजी काम सिख देता हु आगे चलकर ये इसके काम ही आएगा पर जब मुसतफ़ा ने सीखना चाहा तो “अलादीन” ने ये करने से भी मन कर दिया,

 

अब मुसतफ़ा काफी परेशान हो गया था और खेत था की इस लड़के का अब में क्या करू, ये कुछ भी नहीं करना चाहता. “अलादीन” को जब भी मुसतफ़ा देखता तो उसे हमेशा ही चिंता बनी रहती की ये क्या करेगा और पता नहीं ये गलत रह पर न चले जाए ऐसी के चलते मुस्तफा एक दिन इस दुनिया से चला गया अब “अलादीन” और उसकी माँ ही रह गए थे, अब उसकी माँ को भी चिंता होने लगी की ये अब क्या करेगा और इसका अब ध्यान बहुत ही ज्यादा रखना पड़ेगा, पहले तो इसके बाबा थे अब वो नहीं रहे अब मुझे ही इसको समझाना पड़ेगा. 

 

एक दिन “अलादीन” अपने गाव से खेलता खेलता ज्यादा दूर निकल गया, जब अलादीन थोड़ा आगे आया गया तो उसे एक सौदागर मिला देखने में वो बड़ा अजीब सा दिखता था उसके हाथ में एक झोला लटका हुआ था, वह सौदागर पास आया और बोला की तुम्हारा ही नाम “अलादीन” है, अपना नाम सुनकर “अलादीन” को बड़ा अजीब सा लगा Because उसने कभी भी उस आदमी को नहीं देखा और उसका नाम कैसे जानता है, “अलादीन” ने सौदागर से पूछा  की मेने आपको कभी नहीं देखा पर आप मेरा नाम कैसे जाने हो इस पर सौदागर ने कह की मैं तुम्हारे बाबा को जानता हु और उन्ही से तुम्हारे बारे में मुझे पता चला. 

 

इस बात को सुनकर “अलादीन” ने कहा की आप हमारे घर तो कभी नहीं आये, सौदागर ने कहा की में तुम्हारा चाचा हू फिर “अलादीन” को गले से लगा लिया और कहा की में तुम्हे शहर ले जाना आया हू , फिर सौदागर “अलादीन” और उसकी माँ को अपने साथ शहर ले गया, जब रस्ते में सौदागर उन्हें ले जा रहा था तो अलादीन की माँ ने पूछा की हम तो आपको नहीं जानते है हमने कभी भी आपको नहीं देखा, इस पर सौदागर ने कहा की मेरा मुस्तफा से बहुत साल पहले ही झगड़ा हो गया था और में घर छोड़कर चला गया और अब मुझे खबर मिली तो में यह पर आ गया हू, तुम सब को लेने, अब थोड़ा थोड़ा यकीं हो रहा था, पर ये सौदागर और कोई नहीं एक बहुत बड़ा जादूगर था ,

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जो की अलादीन की सच्चाई से वाकिफ था वो जनता था की “अलादीन ही उस चिराग”  को ला सकता था, इस पर जब सभी लोग शहर आ गए तो जादूगर ने बातो बातो में पूछा की आप सबको तो धन की कमी होगी, अलादीन की माँ ने  कहा की हां Because अलादीन भी कुछ नहीं करता है, इस पर जादूगर ने कहा की अलादीन को काम भी दिलवा दूंगा और धन फिर कोई कमी नहीं होगी.

 

अगले दिन अलादीन को काम दिलवाने के बहाने ले गया और एक गुफा के पास जाकर जादूगर ने कहा की इस गुफा के अंदर बहुत सारा धन छिपा हुआ है, और अलादीन अगर तुम धन ले आते हो तुन्हें कुछ भी काम नहीं करना पड़ेगा, और उसी धन से तुम सब कुछ ले सकते है, और कहा की अंदर एक “चिराग भी है जो जल रहा है उसी को अपने साथ लेकर भी आना अगर तुम उसे साथ नहीं लाये तो अनादर ही बंद हो जाओगे, अगर चिराग तुम्हरे साथ होगा तो तुम बड़ी आसानी से बहार आ जाओगे, 

 

“अलादीन” अनदर गया और देखा की “चिराग” अंदर है और उससे रौशनी निकल रही है, अलादीन सच्चा आदमी था इसलिए जादूगर ने उसे भेज था “अलादीन” ने चिराग उठाया और बहार की और आने लगा गुफा में बहार निकले का रास्ता ऊपर की और था जहा पर जादूगर इन्तज़ार कर रहा था जादूगर ने अलादीन को देखा और फिर कहा की चिराग मुझे दे दो फिर में तुम्हारा हाथ खींच लूंगा, पर चाचा की बात पर अलादीन को विस्वास नहीं हो रहा था उसे लग रहा था कही वो उसे अंदर ही न छोड़  दे, अलादीन ने “चिराग” देने से मन कर दिया और जादूगर को गुस्सा आ गया और फिर जादूगर ने गुफा का मुह अपने जादू से बंद कर दिया और वह से चला गया, 

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“अलादीन” वह दो दिनों से भटकता रहा और उसे कोई भी रास्ते बाहर निकलने देखा  नहीं दे रहा था इस पर अलादीन अपने मन में अल्लह को याद करने लगा, और अचानक ही एक रोशनी हुई  और गुफा का देखा  खुल गया और अलादीन बहार आ गया, “अलादीन उस चिराग” को लेकर घर वापिस आने लगा, माँ ने कहा की बेटा इतने दिनों से कहा थे और अलादीन ने सारी बात अपनी  माँ को बता दी  और जादूगर भी वह वापिस नहीं आया था, जादूगर अपने वतन को वापिस लोट गया था, “अलादीन” और माँ को बहुत भूख लग रही थी माँ ने कहा की इस चिराग को बेचकर ही कुछ खाने को ले आओ, “अलादीन” कहा की ठीक है माँ में इसे बेचकर ले अत हू पर इसे थोड़ा चमक दू जिससे इसकी अच्छी कीमत मिल जाए,

 

अब जैसे ही “अलादीन ने चिराग” को घिस तो उसमे से जिन्न बहार आ गया और बोला की क्या हुक्मम है मेरे आका, इस पर अलादीन ने कहा की तुम हमारे लिए क्या कर सकते है, जिन्न ने कहा जो तुम चाहो, “अलादीन” ने कहा की हमारे लिए खाने का इंतज़ाम कर सकते है, जिन्न वह से गायब हो गया और फिर बहुत सारा खाना ले आया और अब साडी बात अलादीन की समझ  में आ गयी थी की क्यों इसका चाचा इसे लेना चाहता था, अब “अलादीन” ने कहा की हमारे लिए बहुत सारी असर्फिया ले आओ,

 

जिन्न वो भी ले आया, “अलादीन” और उसकी माँ बड़े आराम से रहने लगे कुछ दिन बीत गए, और एक दिन अलादीन को राजा की लड़की  से पयार हो गया और उसने अपनी माँ से कहा की मुझे रानी से शादी करनी है, फिर “अलादीन” ने जिन्न को बुलाया और कहा की हमारे लिए बहुत सारी असर्फिया और एक महल का इंतज़ाम करो. जिन्न ने एक महल बना दिया और सोने के जावर और बहुत सारी असर्फिया का इंतज़ाम कर दिया, फिर अलादीन की माँ बहुत से उपहारों को लेकर राजा के पास गयी और राजकुमारी से शादी करने का प्रस्ताव रखा ,राजा भी इस बात को मान गया, और अलादीन की शादी हो गयी,

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“अलादीन” और उसकी माँ किसी काम से बहार गए हुए थे अलादीन की पत्नी ही घर पर थी, उधर जादूगर को पता चल गया की अलादीन के पास वो चिराग है, वह जादूगर नए चिराग बेचने के लिए गया और बोला की पुराने चिराग दे दो और नए चिराग ले लो, “अलादीन” की पत्नी की नज़र उस चिराग पर गयी और उसने सोचा की ये तो बहुत ही पुराण चिराग है, इसे बेचकर नया चिराग ले लिया जाए, उस चिराग के बारे में “अलादीन” की पत्नी को पता नहीं था, उसने वह चिराग उस जादूगर को दे दिया, चिराग लेकर जादूगर को बहुत खुसी हुई, और फिर जादूगर ने चिराग को घेस और जिन्न को हुक्म दिया की राजकुमारी सहित पूरा महल यह से ले चलो, जिन्न ने पूरा महल ही गयाब कर दिया और वह से ले गया उधर जब अलादीन घर वापिस आया तो महल गयाब था. 

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महल को गायब देख राजा ने “अलादीन” को बंदी बना लिया और कहा मेरी बेटी कहा है इस पर राजा से “अलादीन” ने कहा की में वापिस ले आयुंगा बस कुछ दिन मुझे मोहलत दे दो, राजा ने कुछ दिन मोहलत दे दी और फिर अलादीन ने बहुत खोज पर कुछ हाथ न लगा, फिर वो एक जाने माने फ़क़ीर बाबा के पास आ गया और उनको सारी बात बताई बाबा ने उसे एक जादुई कालेन दिया जिस पर बैठकर “अलादीन” उस जादूगर की जगह आ गया और चुपके से रानी के पास गया और उस चिराग के बारे पूछा रानी ने बताया  की चिराग हमेशा उसके पास रहता है, फिर एक योजना “अलादीन” ने बांयी और उसके खाने में  कोई वास्तु  मिला दी और चिराग को रगड़ कर महल सहित अपने घर पर वापिस आ गया 

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वापिस आने पर राजा को सारी बात बताई और फिर राजा ने अलादीन को माफ़ कर दिया रानी ने भी अपनी गलती मानी और आगे से कोई भी चीज बगैर पूछे नहीं बेचेगी, अलादीन और उसके परिवार खुसी खुसी रहने लगा. अलादीन की यह कहानी आपको कैसी लगी है हमे जरूर बताये जिससे हम आपके लिए ऐसी बहुत सी कहानी यहां पर लाये जिन्हे पढ़कर आपको अच्छा लगे, story hindi, child story in hindi, अलादीन का जादुई चिराग, (aladdin ka chirag) अगर ये किस्सा आपको पसंद आया हो तो आप आगे शेयर जरूर करे.

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“अलादीन” के पास चिराग आ गया था, वह उसे लेकर एक नगर में जा रहा था, अब “अलादीन” को किसी भी चीज की कोई कमी नहीं थी, क्योकि उसके पास जिन्न था, “अलादीन” नगर में से कुछ सामान ले रहा था, उसके बाद उसे अपने घर जाना था, “अलादीन” के पास धन की कोई भी कमी नहीं थी, वह जिन्न ने पूरी कर दी थी, यह बात एक धनवान जानता था, उसे पता था, की “अलादीन” के पास जिन्न है, वह उस चिराग को पाना चाहता था,

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मगर चिराग को पाना आसान नहीं था, इसलिए उसने एक चोर को बहुत अधिक धन दिया था, जोकि “अलादीन” के थैले में से चिराग को निकालकर उसे दे सकता है, वह चोर ऐसा ही करता है वह उस थैले से चिराग को निकाल लेता है, उसके बाद उस थैले को धनवान आदमी के पास ले जाने लगता है, मगर यह सब कुछ होते हुए “अलादीन” का बंदर देख लेता है, वह बंदर “अलादीन” को बताना चाहता है, वह चोर “अलादीन” का चिराग लेकर चला गया है, बंदर की हरकत से “अलादीन” अपने थैले में देखता है तो चिराग नहीं था,

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वह सब कुछ समझ जाता है, उसके बाद वह बंदर के सतह उस चोर के पीछे जाता है, जिसने “अलादीन” का चिराग चुराया था, वह चोर उन्हें नज़र आ जाता है, मगर उससे चिराग लेना आसान नहीं था, वह उसका पीछा करते है, वह किस जगह पर जाता है, कुछ समय बाद वह चोर एक धनवान के पास जाता है, वह चोर धनवान से कहता है की में चिराग लेकर आ गया हु, वह चोर कहता है की आप इस पुराने से चिराग का क्या करंगे, वह धनवान कहता है की मुझे यह चिराग पसंद है, चोर चला जाता है, क्योकि उसे धन मिल गया था,

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story hindi, child story in hindi, उसके बाद “अलादीन” धनवान को देख चुका था, वह बंदर से कहता है की तुम्हे वह चिराग लेकर आना है, बंदर यह काम आसानी से कर सकता है, वह बंदर चिराग लेकर आ जाता है, मगर अब “अलादीन” समझ गया था, की यह बता और लोगो तक भी पहुंच सकती है, इसलिए वह यहां से जाना चाहता था, वह जिन्न को बुलाता है, उससे कहता है की हमे यहां से बहुत दूर लेकर जाओ क्योकि यहां के लोग हमारे लिए खतरा बन सकते है, आज “अलादीन” का चिराग बंदर की वजह से बच गया था, अगर बंदर मदद नहीं करता तो शायद वह जिन्न को वापिस नहीं ला सकते थे, एक अच्छा दोस्त जीवन में अगर हो तो समस्या बहुत कम आती है,

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