Online story in hindi | Hindi full story
online story in hindi, hindi full story, एक गांव में एक बुढ़िया रहती थी और उसके दो बच्चे थे वह काफी छोटे थे बुढ़िया एक दिन अपने घर में कुछ समोसे बना रही थी यह बुढ़िया समोसे बना रही थी तो उसकी खुशबू चारों ओर फैल रही थी वहीं पर एक पेड़ था जिस पर एक काला कौवा बैठा हुआ था.
बुढ़िया के समोसे की हिंदी कहानी :- Online story in hindi
कौवे ने सोचा कि आज बूढ़ी अम्मा समोसे बना रही है इसका मतलब आज दावत बहुत बुढ़िया होने वाली है और वह समोसे आराम से खा लेगा लेकिन बढ़िया बहुत ही तेज थी जैसे ही कौवा बढ़िया के पास गया तो बुढ़िया ने उसे पकड़ कर बांध दिया कौवा यही सोचने लगा कि बुढ़िया ने दो मुझे बांध दिया और खाने को भी कुछ नहीं मिल रहा ह
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उसी पेड़ पर दूसरा कौवा यह सब बैठा देख रहा था उसने सोचा की बुढ़िया तो बहुत तेज है यह मुझे समोसे नहीं खाने देगी और मुझे भूख बहुत लगी है तब उसने उपाय सोचा कि मुझे छुपकर समोसा लेना चाहिए फिर वह चुपके से उसकी झोपड़ी के पीछे जाकर देखने लगा और जैसे ही बुढ़िया झोपड़ी के अंदर गई
कौवे ने समोसा उठाया और वहां से उड़ गया और अपने घोंसले में रख दिया जैसे ही को कौवे ने अपना समोसा खाने ही वाला था कि वहां पर लोमड़ी आ गई लोमड़ी ने कहा आज तो बहुत अच्छी दावत हो रही है तुम्हारी, कौवे ने कहा कि हां आज तो मुझे समोसा मिलेगा खाने को लोमड़ी ने सोचा समोसा मुझे ले लेना चाहिए लोमड़ी को एक उपाय सोचा लोमड़ी ने कहा कि कौवे जी आप तो बहुत अच्छा गाना गाते हो एक गाना मुझे भी सुना दो और जैसे कौवे ने गाना सुनाया
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online story in hindi, hindi full story, तभी समोसा नीचे गिर गया और लोमड़ी लेकर भाग गई कौवे ने सोचा है लोमड़ी तो बहुत तेज है मेरा समोसा भी लेकर निकल गई और मेरा बेवकूफ बना कर चली गई आज की दावत की जगह आज भी मुझे भूखे बैठे रहना पड़ेगा इसलिए बच्चों को किसी भी तेज आदमी से हमेशा सतर्क रहना चाहिए और हमें दूसरों पर भरोसा करने से पहले सौ बार सोचना चाहिए.
खरगोश और बुढ़िया की हिंदी कहानी :- hindi full story
एक बुढ़िया अपनी झोपडी में रहती थी. वह हमेशा सोचती थी. अगर कोई उसके साथ में बात करने के लिए होता. उसके बाद उसका जीवन ही बदल जाता. लेकिन वह अकेली रहती थी. एक दिन वह जंगल में लकड़ी लेने जाती है. उस जगह पर उसे एक छोटा खरगोश मिलता है. वह बुढ़िया उसे अपने घर लेकर आती है. वह उसके साथ बात करती है. लेकिन वह कैसे समझ सकता था.
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उसके बाद वह खरगोश बुढ़िया के साथ में खेलता था. एक दिन बुढ़िया रात को सो रही थी. उसकी नज़र खरगोश पर जाती है. वह भी सो रहा था. कुछ समय बाद एक भेड़िया आता है. उसे पता चल गया था. यहां पर खरगोश रहता है. इसलिए वह उस झोपडी के बाहर आ गया था. वह खरगोश को देख रहा था. लेकिन वह उस पर हमला नहीं कर सकता था. क्योकि वह खरगोश बुढ़िया के पास बैठा था.
कुछ समय बाद खरगोश आगे बढ़ता है. वह डरने लगता है क्योकि वह भेड़िया को देख चुका था. अब वह बुढ़िया के पास जाता है. उसके बाद बुढ़िया उठ जाती है. वह भेड़िया को देखती है. उसके बाद वह भेड़िया को भगाना चाहती है. क्योकि वह उस खरगोश पर हमला कर सकता था. कुछ समय बाद वह भेड़िया भाग जाता है. अब बुढ़िया को लगता है की वह खरगोश अब सुरक्षित है. बुढ़िया को लगता है अब से वह खरगोश उसके पास ही रहेगा.
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online story in hindi, hindi full story, कभी कभी जीवन में हम उनसे भी दोस्ती कर लेते है जिनके बारे में हम सोच भी नहीं सकते है. इस तरह खरगोश बुढ़िया का दोस्त बन गया था. वह उसके साथ ही रहता है. क्योकि उसे भी लगता है. वह बुढ़िया के पास सुरक्षित है. अगर आपको यह दोनों कहानी पसंद आयी है. शेयर करे.
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