राजा की आदत एक कहानी, one story in hindi

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राजा की आदत एक कहानी

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एक हिंदी कहानी, राजा का इंतजार महल में सभी लोग कर रहे थे लेकिन राजा अभी तक भी युद्ध से वापस नहीं लौटा था युद्ध अभी समाप्त हो चुका था लेकिन राजा का कोई भी पता लगा नहीं पाया था युद्ध में राजा की जीत हुई लेकिन राजा कहां गया इस बात का पता किसी को भी नहीं था सारे दरबारी यही सोच रहे थे कि हमारे राजा अभी तक भी वापस नहीं आए हैं और युद्ध को समाप्त हुए काफी समय बीत गया है

 

तभी राजगुरु आए और उन्होंने कहा कि हमें राजा को ढूंढना चाहिए क्योंकि हमें यह नहीं पता है कि राजा कहां है सभी लोग राजा की तलाश में बाहर निकल गए उधर राजा को किसी ने बंदी बनाकर एक जंगल में रखा हुआ था राजा की आंखों पर पट्टी बंधी थी और वह आदमी राजा के सामने खड़ा हुआ था वह आदमी राजा से यही कह रहा था कि तुम्हें जनता की भलाई के बारे में सोचना चाहिए

 

लेकिन तुम तो सिर्फ अपने बारे में सोचते हो और जनता को परेशान करते हो मैं भी जनता की और से बोल रहा हूं क्योंकि मैं भी जनता में से ही एक हूं तुमने सभी लोगों को बहुत परेशान कर रखा है किसी की भी गुजारिश तुम बिल्कुल भी नहीं मानते हो तुम सिर्फ अपने बारे में सोचते हो और अपने परिवार के बारे में सोचते हो लेकिन राजा को तो पूरी जनता के बारे में सोचना चाहिए लेकिन तुम ऐसा बिल्कुल भी नहीं करते हो

 

इसलिए मैं तुम्हें यहां पर बंदी बनाकर लेकर आया हूं जिससे मैं तुमसे बात कर सकूं राजा ने कहा कि मेरी आंखों की पट्टी खोल दो मैं देखना चाहता हूं कि तुम कौन हो उस आदमी ने कहा कि इसकी कोई आवश्यकता नहीं है कि मैं कौन हूं मैं जनता की ओर से आया हूं राजा चुपचाप उसकी बातें सुन रहा था उधर राजा ने सुना कि कुछ आवाजे जंगल में से आ रही हैं उस आदमी का ध्यान गया कि राजा को ढूंढने के लिए शायद कुछ लोग आ गए हैं

 

इसलिए वह राजा को छुपाने के लिए एक झाड़ी में ले गया सभी लोग ढूंढते हुए वहां से गुजर गए लेकिन राजा को कोई ढूंढ नहीं पाया क्योंकि राजा के आंखों पर पट्टी बंधी थी और उस आदमी ने राजा का मुंह भी बंद कर रखा था उस आदमी ने कहा कि अगर तुम ने ऐसा ही किया तो हम 1 दिन परेशान हो जाएंगे तुम्हें जनता की भलाई करनी चाहिए ना की जनता को परेशान करना चाहिए

 

इस तरह कहकर वह आदमी चला गया और राजा जंगल में अकेला भटक रहा था तभी राजा की मुलाकात राजगुरु से हुई और राजगुरु के साथ राजा अपने घर वापस आ गए जब राजा घर आए तब राजा ने राजगुरु को पूरी बात बताई और कहा कि वह नौजवान सच बोल रहा था हमने जनता को बहुत परेशान कर रखा था

 

एक हिंदी कहानी, गुरु ने राजा से कहा कि मैं भी यह बात आपसे कहना चाहता था लेकिन मैं कह नहीं पा रहा था कि आप यह सब छोड़ दीजिए राजा ने कहा कि आज के बाद किसी भी आदमी को परेशान नहीं किया जाएगा और इस तरह राजा ने यह ऐलान कराया कि अब कोई भी आदमी किसी भी परेशानी में मुझसे मिलने आ सकता है और उसकी परेशानियों का हल जल्द ही हो जाएगा शायद उस नौजवान की बात राजा को समझ में आ गई थी कभी-कभी हमें लगता है कि हमसे गलतियां हो रही हैं तो हमें उनमें सुधार कर लेना चाहिए सुधार करने से शायद गलतियां कम होती हैं.

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