Moral stories in hindi
moral stories in hindi, जीवन की सीख की दो अच्छी मोरल कहानी, ये कहानी आपको सिखाएगी की किस प्रकार से एक इंसान को अपने जीवन मैं हमेशा सिखने की ही परवर्ती रखनी चाहिए. ताकि वो अपने जीवन को सदा ही उच्च श्रेणी मैं रख सके. महात्मा बुद्ध के पास हर दिन कई विद्वानों का आना जाना लगा रहता था. सभी लोग उनसे कुछ न कुछ ज्ञान प्राप्त करके ही जाया करते थे . लेकिन स्वयं महात्मा बुद्ध खुद को कभी ज्ञानी नहीं मानते थे
जीवन की सीख की दो अच्छी मोरल कहानी :- Moral stories in hindi
moral stories in hindi, क्योंकि उनका मानना था कि इन्सान कभी भी ज्ञानी केसे हो सकता है जबकि हमेशा वो सीखता ही रहता है . एक दिन उनके एक शिष्य ने उनसे कहा कि आपके पास दुनिया भर के विद्वान आपसे ज्ञान लेने आते है और वो लोग आपसे बाते करते हुए अपना जीवन धन्य समझते है but भी आपकी एक बात मुझे आज तक समझ नहीं आई. इस पर महात्मा बुद्ध बोले तुम्हे किस बात की शंका है जाहिर तो करो जो पता चले .
एक बदलाव जीवन को बदल सकता है कहानी
शिष्य ने कहा आप खुद बड़े विद्वान और ज्ञानी है but फिर भी मेने देखा है, आप हर समय दूसरों से शिक्षा लेने को तत्पर रहते है . वह भी बड़े उत्साह और उमंग के साथ . इस से बड़ी बात है कि आपको साधारण व्यक्ति से भी सीखने में कोई परेशानी नहीं होती आप उस से भी सीखने को तत्पर रहते है . आपको भला सीखने को जरुरत क्या है कंही आप लोगो को खुश करने के लिए तो उनसे सीखने का दिखावा नहीं करते है.
moral stories in hindi, महात्मा बुद्ध जोर जोर से हंसने लगे तो शिष्य ने पूछा ऐसा क्यों तो महात्मा बुद्ध ने जवाब दिया कि इन्सान अपनी पूरी जिन्दगी में भी कुछ पूरा नहीं सीख सकता, हमेशा कुछ न कुछ अधूरा ही रहता है और फिर हर इन्सान के पास कुछ न कुछ ऐसा जरूर है जो दूसरों के पास नहीं है . इसलिए जीवन का यही सत्य है की हम सबको पुरे जीवन मैं हमेशा सीखते ही रहना चाहिए. Because कुछ सीखना या सीखना से इंसान छोटा या बड़ा नहीं होता है , बल्कि उसे अपने जीवन मैं एक नए रस्ते की राह मिलती ही चली जाती है.
क्रोध का जीवन हिंदी मोरल काहनी :- moral stories in hindi
moral stories in hindi, एक आदमी बहुत परेशान हो गया था, Because वह कुछ भी सोच नहीं पा रहा था उसकी सोच इसलिए ठीक से काम नहीं कर रही थी, Because वह बहुत अधिक क्रोध कर रहा था उसके अंदर क्रोध बहुत अधिक हो गया था वह कुछ भी करे उसमे क्रोध बहुत अधिक करता था, जिसके परिणाम उसके लिए अच्छे नहीं होते थे वह अपने ही काम को बिगाड़ देता था, उसे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था उसने देखा की एक साधू जी तपस्या कर रहे है,
वह आदमी पहले से ही बहुत क्रोधित था उस पर उसने सोचा की इनकी तपस्या को भंग कर देना चाहिए यह बहुत ही शांति से बैठे है, वह आदमी उनके पास जाता है उनसे बहुत कुछ कहता है वह उन्हें बुरा भला कहता है बार बार बात करता है जिससे वह अपनी तपस्या से उठ जाये मगर कुछ भी नहीं हो रहा था मानो उन साधु पर कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है यह कैसे हो सकता है, उसे कुछ समझ नहीं आता है, वह उनके पास बैठ जाता है Because अब उसके मन में यह सब कुछ जानने की इच्छा हो गयी थी, वह शांति से कैसे बैठे है,
देखने का नजरिया एक हिंदी कहानी
moral stories in hindi, कुछ समय बाद वह साधु अपनी आँखे खोलते है वह देखते है की एक आदमी बैठा है वह आदमी कहता है मेने आपको बहुत बुरा कहा था मगर अपनी आँखे भी नहीं खोली थी वह साधु जी कहते है की में सब जानता हु, तुम हमेशा क्रोध करते हो जबकि यह अच्छी बात नहीं है, तुम्हे अपना मन शांत करना चाहिए क्योकि जो लग अपना मन शांत रखते है, वह सब कुछ कर सकते है मगर क्रोध हमे कुछ नहीं करने देता है, यह क्रोध जब तुम छोड़ दोगे तुम भी अच्छे इंसा बन सकते हो तुम्हारे सभी काम पुरे होंगे आज उस आदमी को वह ज्ञान मिल गया था जोकि उसे अभी तक नहीं मिला था.
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