love story in hindi
प्यार के क़िस्से की कहानी
मेरा नाम दिनेश है और मैं दिल्ली का रहने वाला हु. ये कहानी मेरी अपनी है. जो आज मैं आपको बताने जा रहा हु. मेरे घर के हालात ही कुछ ऐसे थे की आधा घर किराये पर देना पड़ा और किस्मत देखो की घर को किराये पर लेने आई दो लड़कियां. दोनों बहने थी और कॉलेज में पड़ती थी. छोटी अभी स्कूल में ही थी. स्टूडेंट्स होने की वजह से हमने उन्हें जल्दी से घर किराये पर दे दिया.
मैं भी उन दिनों कॉलेज में ही पड़ता था. उस उम्र के किसे भी लड़के की तरह, मेरी भी इच्छा थी की मैं दुनिया जीत लूँ. अपने नए पडोसी को देख के बहुत ही उत्साहित था पर बात करने की कभी हिम्मत नहीं हुई. लगता था कि, कोई और लड़का था उसकी जिंदिगी में. अपने मन को बार बार यह कह के समझाता था की यार, वो तुझ से बड़ी है. उसकी खूबसूरती कुछ ऐसी की बस देखते रहो. धीरे धीरे मैं उस के कॉलेज आने जाने का टाइम मन ही मन नोट करने लगा. कोशिश करता की मेन डोर मैं ही खोलूँ.
यह सिलसला बहुत दिनों तक चलता रहा. अब तक उस ने भी नोटिस करना शुरू कर था कि मैं उसे हर रोज़ देखता हूँ पर कभी ज्यादा बात नहीं कर पाया. कुछ समय के बाद हमारी बात ज्यादा होने लगी और मैं उस के और करीब आ गया. घंटो उस से बात होती रहती और अब मुझे उससे उसके बॉयफ्रेंड के बारे में भी सुनना बुरा नहीं लगता था. छोटा था, पर मुझे कोई शक नहीं था की मुझे उस लड़की से प्यार हो गया है.
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इतना ज्यादा की आज, 16 साल के बाद भी उसके बारे में सोचता हूँ तो एक सुन्दर से अहसास में घिर जाता हूँ. दिन बीतते गए और फिर वो लम्हे आये जब हम देर रात तक बात करते थे. अगस्त की एक रात, हम छत पर साथ बेठे थे. उस दिन बहुत हल्की बारिश हो रही थी और किसी कारण से वो बहुत उदास थी. लग रहा था की उसका, बॉयफ्रेंड से किसी बात पे झगडा हुआ था. मैं उस के साथ था , उस का हम साथी बन के उसके दुःख से दुखी. न जाने कब यह हुआ की बस वो बात करते करते रो पड़ी.
उस को इस हाल में देखना मेरे लिए बहुत कठिन था. वो मेरे कंधे पर सर रख के रोने लगी. मेरी दुनिया में अब सिर्फ वो ही थी. मेरी ज़िन्दगी अब उस के बिना थी. उसको पाना और उस के साथ सारी जिंदगी बिताना ही मेरा सपना बन गया था. एक दिन मेरे घर वाले शादी अटेंड करने शहर से बाहर गये. हम दोनों जानते थे की उस रात हम ज़रूर मिलेंगे. फिर एक दिन ऐसा भी आया कि उसे हमारा घर छोड़ कर जाना पड़ा. उस समय मुझे अहसास हुआ कि मैं क्या खो रहा हूँ. मैंने बहुत कोशिश की पर मैं उसे रोक नहीं पाया. उस के बाद हम कभी नहीं मिले. आज, 16 साल के बाद भी, उस के साथ बिताया, हल पल मुझे ऐसे याद है जैसे कल की ही बात हो. वो दिन कभी लौट के नहीं आयेंगे.
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