Bachon ki kahaniyan in hindi | children’s short stories in hindi
Bachon ki kahaniyan in hindi, children’s short stories in hindi, एक गांव में एक गरीब बूढ़ी महिला रहती थी और उसका एक बेटा था बूढ़ी महिला दूसरों के घरों में झाड़ू-पोछा करके अपना घर चलाती थी क्योंकि उसका बेटा कुछ नहीं करता था उनकी झोपड़ी के आगे एक पेड़ था.
चांदी के पंख बच्चों की कहानी : bachon ki kahaniyan in hindi
एक दिन उस पर एक चिड़िया आई और बूढ़ी महिला से कहने लगे मुझे पानी दे दो बहुत प्यास लग रही है बूढ़ी औरत ने उसको पानी दे दिया चिड़िया ने कहा तुम्हारा बहुत धन्यवाद मुझे बहुत तेज प्यास लगी थी बूढ़ी औरत ने कहा हमारे पास तो बस पानी ही है इसी से हम अपनी प्यास बुझा लेते हैं और जब हमें भूख लगती है इसी को पी लेते हैं Because हमारे पास ना तो अच्छा खाना खाने के लिए पैसे हैं और ना ही पहनने के लिए कपड़े चिड़िया ने बूढ़ी औरत को एक चांदी का पंख दिया और कहा लो इसे तुम अपने लिए खाना और अच्छे कपड़े का इंतजाम कर लेना
बूढ़ी औरत बहुत खुश हुई और उस दिन उन दोनों मां बेटा ने अच्छा खाना खाया और उनके पास कुछ पैसे भी हो गए थोड़े दिन बाद से चिड़िया आई और फिर उन्हें एक चांदी का पंख दे गई इस तरह बूढ़ी औरत ने अपने एक छोटी सी दुकान ले ली जिस पर उसका बेटा बैठने लगा और अब वह खुद भी दूसरों के यहां बर्तन हो झाड़ू करने नहीं जाती थी कुछ दिनों बाद चिड़िया फिर आई और एक चांदी का पंख दे गई एक दिन बूढ़ी औरत का बेटा सोचने लगा कि अगर यह चिड़िया हमारे यहां आना बंद कर देती तो फिर हमारा क्या होगा उसने चिड़िया को पकड़ा और उसके सारे पंख काट दिए चिड़िया मना करने लग गई थी
but वह लालच के कारण उसके सारे पंख काटता जा रहा था उसकी मां ने उसे बहुत मना किया but वह नहीं माना चिड़िया कहने लगी तुमने यह बहुत गलत किया है पंख पहले तो चांदी के थे पर थोड़ी ही देर में वह इधर उधर उड़ने लगे और वह ऐसे ही हो गए जैसे दूसरी चिड़ियों के होते हैं लड़का बोला अरे यह क्या हो गया अब क्या होगा चिड़िया ने कहा मैंने तुमसे मना किया था ना अब तुम्हारे ऐसे ही दिन आ जायेंगे थोड़ी देर में चिड़िया के नए पंख आ गए और वह उड़ के चली गई थोड़े दिन बाद उनके पास जितना भी धन था सब खत्म हो गया,
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bachon ki kahaniyan in hindi, children’s short stories in hindi, वह पहले की तरह ही भीख मांगकर अपना पेट भरने लगे इसीलिए कहते हैं हमारे पास जितना है हमें उसी में संतोष करना चाहिए जरूरत से ज्यादा की इच्छा हमारे पास सब कुछ खत्म कर देती है.
चांदी के पंख बच्चों की दूसरी कहानी : bachon ki kahaniyan in hindi
में जब वापिस आ रहा था तभी मेने देखा था की मुझे रस्ते में चांदी के पंख नज़र आये थे मुझे नहीं लगता था की जंगल में चांदी के पंख हो सकते है मुझे उन्हें देखकर भी यकीन नहीं हो रहा था मेने उन्हें उठा लिया था अपने पास रख लिए अब में तुम्हे यह दिखा रहा हु जब उसकी पत्नी ने देखा की यह तो चांदी के पंख है, वह कहती है की तुम्हे यह बहुत सारे मिल जाये तो हम धनी हो सकते है पति कहता है की मुझे नहीं पता है की यह कहा से आये है
मुझे ऐसा नहीं लगता है की वह पक्षी हमे आसानी से मिल सकता है जिसके यह चांदी के पंख है, पत्नी कहती है की हमे खोजना होगा, वह पत्नी के साथ चलती है जिस जगह पर वह चांदी के पंख मिले थे, वह देखती है की उस जगह पर अब कुछ भी नहीं है Because वह चांदी के पंख पता नहीं हमे मिल पाएंगे या नहीं कुछ भी समझ नहीं आता है वह आदमी कहता है की हमे यह मिल गया है मुझे लगता है की हमारी किस्मत में यही होगा, हमे लालच नहीं करना है
bachon ki kahaniyan in hindi, children’s short stories in hindi
वह दोनों चले जाते है, उसके बाद जब पति अगले दिन आता है तो उसे फिर से वह एक चांदी के पंख मिलता है उसे यह लगता है की यह मुझे रोज मिल रहा है but जब हम कल आये थे तो यहां पर कुछ भी नहीं था इसका मतलब यह हो सकता है, की यह मुझे एक साथ में नहीं मिलेगा वह पत्नी के पास जाता है वह कहता है की आज फिर से मुझे यह चांदी के पंख मिले थे पत्नी कहता है की तुम ठीक कह रहे हो मुझे लालच नहीं करना चाहिए जब तक यह मुझे मिलते है तब तक ठीक रहेगा जीवन में लालच ठीक नहीं है
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