Akbar Birbal ki sachi kahani
Akbar Birbal ki sachi kahani, यह अकबर बीरबल की सच्ची कहानी है, शायद आपने यह कहानी कभी पढ़ी नहीं होगी, एक बार की बात है अकबर युद्ध करके अपने राज्य में लोटे थे, “अकबर” ने अपनी जीत की खुशी मनाने के लिए अपने राज्य में एक दावत का प्रोग्राम का आयोजन किया था, सभी लोगो को दावत में बुलाया गया था, “बीरबल” भी इस दावत में बहुत काम कर रहे थे,
Akbar Birbal ki sachi kahani :- अकबर बीरबल की सच्ची कहानी
“बीरबल” को यह भी ध्यान रखना था की राजा को किसी भी परेशानी का सामना न करना पड़े, इसलिए “बीरबल” ने बहुत इंतज़ाम किये हुए थे, क्योकि “बीरबल” को यह खबर मिल गयी थी, की जो राजा “अकबर” से हारा था उसने “अकबर” से बदला लेने के लिए योजना बना रखी थी, इसलिए “बीरबल” को यह परेशानी थी की कही “अकबर” को उस राजा से कोई हानि न हो जाए,
जब खाना खाने का समय हुआ तो भोजन लगाने के लिए तयारी चल रही थी, “बीरबल” बहुत ही सावधानी से आते हुए लोगो की जांच कर रहे थे, बीरबल ने सभी लोगो को देखा पर कोई भी उन्हें ऐसा नहीं नज़र आ रहा था जो कोई भी परेशानी को ला सके, “बीरबल” ने हर आदमी को अंदर जाने से पहले कोई भी समान जो राजा को नुक्सान में डाल सके, अंदर नहीं ले जाया जा सकता था,
तभी मनोरजन करने के लिए राजा ने एक मण्डली का आयोजन किया था, वह मण्डली भी अपने साथ कुछ मनोरजन का समान लायी थी, उसमे कुछ समान राजा को परेशानी में डाल सकते थे, इसलिए राजा “बीरबल” ने उन्हें वह समान अंदर ले जाने के लिए मना कर दिया था, दूसरे राजा ने अपना बदला लेने के लिए उस मण्डली में अपना एक आदमी भेजा था,
जो कोई भी समान जिससे राजा को नुक्सान पहुंच सकता था, वह आराम से ले जा सकता था, और वह उस समान को लेकर अंदर आ भी गया था, जब मनोरजन का प्रोग्राम हो रहा था, तभी “बीरबल” की नज़र उस आदमी पर पड़ी थी, वह उसी आदमी को देख रहे थे, क्योकि वह आदमी हर बार मोके की तलाश कर रहा था, और उस आदमी ने राजा “बीरबल” को देखते हुए, “अकबर” पर अपना वार किया, इससे पहले राजा को नुक्सान होता तो उससे पहले “बीरबल” ने वह पकड़ लिया था,
राजा “बीरबल” की वजह से आज “अकबर” की जान बच स्की थी, “अकबर” ने कहा की अगर आप यहां पर न होते तो आज मुझ पर मुसीबत आ सकती है, लेकिन “बीरबल” ने कहा की ऐसा नहीं हो सकता था, क्योकि हम आपकी सेवा में हर समय है, और ये तो हमारा काम है, क्योकि आप हमारे राजा है, इस तरह प्रोग्राम सुरक्षित पूरा हो गया था,
अकबर की परेशानी एक कहानी :- Akbar Birbal ki sachi kahani
एक बार “अकबर” बहुत ही परेशान बैठे हुए थे उनको एक बात बहुत ही परेशान कर रही थी जिसके बारे में सोच-सोच कर अकबर को रात में नींद भी नहीं आ रही थी अगले दिन जब “अकबर” अपने महल से बहार गए तो उन्हें एक गरीब आदमी मिला और वह अपने खेत में काम कर रहा था
“अकबर” अपने मन में यही सोच रहे थे की यह गरीब आदमी बहुत ही मेहनत करता है और मुझे तो ऐसा लग रहा है की यह बहुत ही खुश है और एक हम है जो हमेशा किसी न किसी बात को लेकर परेशान रहते है अक़ब उस आदमी को दूर से देखकर चले गए और अगली सुबह “बीरबल” को बुलाया गया और “बीरबल” से पूछा गया की आप हमेशा खुश रहते है
इस पर “बीरबल” ने “अकबर” से कहा की ये बात तो परिस्थि पर निर्भर करती है तभी पता लगया जा सकता है की हम खुश है या नहीं, इस बात को सुनकर राजा अकबर ने “बीरबल” को एक ऐसा आदमी खोजने को कहा की जो हमेशा खुश रहता हो और दुखी बिलकुल भी नहीं
अगर दो दिन बाद तक भी “बीरबल” ने ऐसा कोई आदमी नहीं खोजा तो बीरबल को काम से निकाल दिया जाएगा “बीरबल” इस बात को सुनकर वह से चले गए और उस आदमी को तलाश करने लग गए जो हमेशा खुश रहता हो बीरबल जानते थे की इसका पता लगाना बहुत ही मुश्किल है लेकिन जब राजा ने बोला है तो पता लगाना पड़ेगा
“बीरबल” एक नगर से दूसरे नगर तक गए और उनकी नज़र एक आदमी पर पड़ी जो बहुत ही बूढ़ा लग रहा था वह बूढ़ा आदमी अपने खेत में काम कर रहा था “बीरबल” उनके पास गए और उनसे बात की, अब “बीरबल” को ऐसा आदमी मिल ही गया था जो हर तरह से खुश था दो दिन भी अब पुरे हो गए
“बीरबल” का इन्तज़ार महल में किया जा रहा था. अकबर ने “बीरबल” को आवाज लगायी और जैसा कहा गया था उस आदमी को बुलाओ. “बीरबल” ने उस आदमी को आवाज लगायी और राजा ने उस आदमी से कुछ सवाल पूछे, राजा ने बूढ़े आदमी से पूछा की आप हमेशा खुश रहते है, बूढ़े आदमी ने कहा की हां में हमेशा खुश रहता हू.
“अकबर” ने उस आदमी से पूरी बात पूछी, उसके बाद उस बूढ़े आदमी ने कहा की में हर रोज अपने काम पर जाता हू और मन लगा कर काम करता हू, जो मुझे मिलता है वो में खा लेता हू और भगवान् का हमेशा स्मरण करता हू, क्योकि उनके कारण ही मुझे सब कुछ मिला है, इसलिए मेरे मन में इच्छा नहीं है यही कारण है की में खुश रहता हू
“बीरबल” ने राजा को बताय की हमारी अगर बहुत सारी इच्छा होंगी तो हम उन्हें पाने के लिए हमेशा योजना बनाएंगे उनमे से कुछ पूरी हो जाएंगी और कुछ नहीं, जो इच्छा पूरी नहीं होगी उसके लिए हम दुखी हो जाएंगे इसलिए हम सभी दुखी रहते है और यही कारण है की आज हर आदमी दुखी ही है इस बात को सुनकर राजा अब समझ चुके थे की हम दुखी क्यों होते है अगर आपको यह कहानी पसंद आयी है तो आगे भी शेयर करे और हमे भी बताये.
बीरबल और किसान की हिंदी कहानी :- Akbar Birbal ki sachi kahani
“बीरबल” ने देखा की एक छोटा बच्चा काम कर रहा है वह बहुत छोटा यही और खेत में काम कर रहा है “बीरबल” उससे मिलने जाते है वह उससे कहते है की तुम अकेले यहां पर बहुत अधिक काम कर रहे है तुम्हे परेशानी का समाना करना पड़ सकता है वह छोटा बच्चा कहता है की मेरे पिताजी की तबियत ठीक नहीं है इसलिए वह आराम कर रहे है, में उनकी जगह पर काम करने आया हु, उनकी तबियत अधिकतर ठीक नहीं रहती है इसलिए फसल भी अच्छी नहीं होती है,
पिछली बार भी ऐसा ही हुआ था उनकी तबियत ठीक नहीं थी मुझे यहां पर आना पड़ा था लेकिन मुझसे यह काम नहीं हो पाता है, में अभी छोटा हु इसलिए शायद सभी काम में नहीं कर सकता हु, “बीरबल” ने उस लड़के की बाते सुनी तो उन्हें बहुत दुःख हुआ था, क्योकि वह बहुत छोटा है, इसलिए “बीरबल” उसके लिए कुछ करना चाहते थे इसलिए “बीरबल” उस छोटे लड़के के साथ उसके घर जाते है, जब वह घर पहुंचते है तो देखते है की उसके पिताजी बीमार थे उनके पास कुछ खाने को भी नहीं है, “बीरबल” उसके पिताजी से बात करते है
वह कहते है की जब आपकी तबियत ठीक हो जाए, तो अकबर से मिलने आना चाहिए, आपकी मदद हो जायेगी कुछ दिन बाद छोटे लड़के के पिताजी अकबर से निलने आते है वह अपनी समस्या बताते है, “अकबर” उस किसान की मदद करते है क्योकि “बीरबल” ने पहले ही सब कुछ बता दिया था, अगले दिन “बीरबल” से मिलने के लिए वह किसान आता है, किसान “बीरबल” से कहता है की आपने हमारी मदद बिना कहे ही कर दी है, हमे यकीन नहीं हो रहा है, “बीरबल” कहते है जो लोग बिना कहे बता समझ जाते है उन्हें पता होता है की क्या करना है
“बीरबल” कहते है जीवन में सभी के लिए बहुत कुछ करना चाहिए जितना आप कर सकते है क्योकि इससे किसी का जीवन बदल सकता है, अगर आपको यह Akbar Birbal ki sachi kahani पसंद आयी है तो शेयर करे
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