Stories in hindi | Hindi kahani
stories in hindi, हिंदी कहानी विवाह, आज विवाह के उत्सव में पूरा मकान सज़ा हुआ था सभी कमरो में हर तरह की सुविधा को उपलब्ध कराया जा रहा था जिससे की मेहमान को कोई भी तकलीफ न हो और उसके पुरे आराम का इंतज़ाम भी कराया जा रहा था Because मेहमान शाम को आ जायेंगे सभी हर सुविधा मिलनी ही चाहिए और उधर दुल्हन भी अकेले कमरे में बैठी थी और करे भी तो क्या करे, शादी का समय भी नज़दीक आ रहा था सौ इंताजर के आलावा और किया भी क्या जा सकता था.
हिंदी कहानी विवाह :- stories in hindi
stories in hindi, अपने पति के सपने में खो गयी की शादी हो गयी है और काफी अरसा भी बीत गया है आज मेरे सर में बहुत दर्द हो रहा क्यों न आज हम खाना भी बाहर से मंगा ले, ठीक है हम खाना बाहर ही खा आते है और साथ में घूमना भी हो जायेगा, हां ये भी ठीक है इस ही करते है बाहर ही चलते है, बाहर हम दोनों साथ साथ घूमते हुए चले जाते है यह द्र्श्य भी बड़ा कमाल का लग रहा है, आज हम दोनों साथ में कही बाहर जा रहे है,
खाने को खाने के लिए एक होटल में दाखिल होते है और वेटर आता है आर्डर के लिए पूछता है और हम खाने में कुछ अच्छा ही आर्डर करते है क्यों न आज कुछ अलग ही खाया जाए, हम रोज-रोज कुछ एक्स ही खाते है, ठीक है जो तुम्हारा मन हो वो ही आर्डर कर लो, खाना आ जाता है और हम दोनों साथ में खाना खाते है और खाना खा कर घूमते हुए होटल से बाहर आ जाते है, वो साथ हमारा बिलकुल ही निराला लग रहा था, खुशियो की बाहर आ गयी हो जैसे,
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और जैसे ही ये स्वप्न टुटा तो मेरे सामने मेरा दोस्त शाम बैठा था, अरे शाम तुम कब आये, बस अभी अभी आया हू और तुम सौ रही थी, हां बस अकेले बैठी बैठी नींद ही लग और सुनाओ कैसे हो बस ठीक ही हू, और तुम्हरी शादी की तैयारी तो बड़ी जोर से चल रही, घर भी सजा हुआ है और सरे मेहमान भी धीरे धीरे आ रहे है, और शाम हमे कुछ बताओ विवाह के बारे में, क्या बताऊ, सच तो ये है की ये एक इस लड्डू है जो खाये वो पछताए और जो न खाये वो भी पछताए, तुम मजाक छोड़ो और सही सही बताओ, हां और हमारे समाज का सबसे बड़ा मजाक भी है, अब तुम ये सब छोड़ो और सही सही बताओ,
सही बात ये है, की मानव का ये एक बहुत ही जरुरी हिस्सा है और विवाह ही एक इस कार्य है जिसे दो लोग साथ में चलकर निभाते है और घ्रस्त जीवन में प्रवेश करते है.शाम ने कहा की ये सब छोड़ो और तैयार हो जाओ, और बाराती भी तो आते ही होंगे, और तुम्हरे पिताजी कहा गए है दिखाई नहीं दे रह,
वो सब बारातियो को लेने स्टैशन गए , अच्छा ठीक है में नीचे देखता हू कोई और काम तो बाकि नहीं रहा, उधर सभी लोग बैंड के साथ स्टेशन पर पहुचे तो देखा की यह तो सिर्फ तीन ही लोग दिखाई दे रहे है, लाडे के पिताजी, लड़का और लड़के का दोस्त, सिर्फ तीन, हम सब तो सोच रहे थे की कम से कम पचास साठ लोग तो आएंगे ही, अरे हमने सोचा की क्यों ज्यादा भीड़ इखठी की,
हमे ज्यादा आडम्बर पसंद नहीं है, अब तीन बाराती और इनके पीछे बैंड वाले बैंड बजाते हुए चल रहे थे, दूल्हे का दोस्त सोच रहा था की ये सब हो क्या रहा रही हम तो बस तीन ही है और ऊपर से ये बैंड वाले भी बड़ा अजीब लग रहा अगर बहुत सारे लोग होते तो और भी अच्छा होता पर जब नहीं है तो इस बैंड की क्या ज़रूरत,
जैसे तैसे हम तीनो पहुच गए और चोक में दाखिल हुए तो ऊपर चाट पर से लोगो ने हमे देखा और उनके साथ और भी लोग वह आ गए और देखते भी क्या न, दूल्हा जो देखना था सभी को, लोग देख कम रहे थे हंस ज्यादा रहे थे, हम तो बस शर्म के पानी पानी हुए जा रहे थे क्योकि इतनी भीड़ भी हमारे साथ नहीं थी की कही छुपा जाए, बस अब तो यही लग रहा था की कब फेरे हो और यह से चला जाए,
stories in hindi, hindi kahani, आख़िरकार सब कुछ ठीक ढंग से हो गया और बारात जो की थी ही नहीं, बस हम तीन व्यक्ति दुल्हन को लेकर चले गए और ये किस्सा आज भी याद आता है तो बड़ा अजीब सा लगता है. दोस्तों अगर ये किस्सा आपको पसंद आये तो आगे जरूर शेयर करे.
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