जादूगर और लालच की समस्या दो पंचतंत्र की कहानिया, panchatantra ki kahaniya

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Panchatantra ki kahaniya | Panchatantra ki kahani

जादूगर और लालच की समस्या दो पंचतंत्र की कहानिया, panchatantra ki kahaniya एक बार साधू अपने चार शिष्य को यह कहकर गए. शाम को कुछ भी हो जाए. But अपनी झोपडी का दरवाजा मत खोलना. 

जादूगर और लालच की समस्या दो पंचतंत्र की कहानिया :- Panchatantra ki kahaniya

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panchatantra ki kahaniya

भोजन तैयार किया :-

इस बात का बहुत ध्यान रखना है. तुम्हे में दो दिन बाद वापिस आ जायूँगा. Panchtantra ki kahaniya, इस बात को कहकर साधू जी चले गए. दोपहर को शिष्यों ने अपने ज़रूरत का समान जंगल से ले आये. जैसे की फलो का इंतज़ाम कर लिया. जंगल से कुछ लकडिया काट कर शाम से पहले अपने पास रख ली. जिससे उन्हें बाद में जाना न पड़े. Because साधू जी ने शाम को बाहर निकले से मना किया है. 

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चारो शिष्य अपने लिए भोजन तैयार कर रहे थे. तभी अचानक मौसम खराब होने लगा. सभी और हवा चलने लगी चारो शिष्य अपना खाना अंदर ले गए. बाहर अँधेरा हो चुका था. जब शिष्य अपना भोजन कर रहे थे. तभी दरवाजे पर दस्तक हुई और जब उन्होंने पूछा की कौन है. तब बाहर से आवाज आयी की में एक मुसाफिर हु और मौसम खराब होने के कारण रास्ता भटक गया हु. इसलिए कुछ देर के लिए मुझे आश्रय दे दे.

 

जादूगर जानता था :-

सभी शिष्य आपस में बात करने लगे की साधू जी ने तो मना किया था. की शाम होने पर दरवाजा मत खोलना अब क्या किया जाए. वो एक मुसाफिर है और रात को कहा जाएंगे. कुछ देर बाद उन्होंने ने उसकी सहायता करने के लिए दरवाजा खोल दिया. और जब दरवाजा खुला तो सामने एक जादूगर था. जिसने उन्हें एक पक्षी बना दिया और अपने साथ लेकर चला गया जब दो दिन बाद साधू वापिस आये तो उन्होंने देखा की कोई भी शिष्य यहां पर नहीं है

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साधू जी समझ गए की क्या हुआ होगा. फिर साधू जी दिन में ही उस जादूगर की जगह पर गए. और कहा की मेरे शिष्यों को छोड़ दो वरना तुम्हारा बहुत बुरा हाल होगा. जादूगर जानता था की. उसकी शक्तिया दिन में बेकार थी. और शाम को जादूगर की शक्तिया आ जाती थी. इसलिए जादूगर ने बिना कुछ कहे उन्हें जाने दिया. 

 

दरवाजा मत खोलना :-

साधू जी अपने शिष्यों को लेकर अपने साथ चल पड़े. तभी साधू ने कहा की तुमने मेरी बात क्यों नहीं मानी थी. जबकि मेने तुम्हे बताया था. की शाम को दरवाजा मत खोलना. फिर भी तुमने दरवाजे को खोल ही दिया और मुसीबत में फंस गए. साधू जी ने अपने शिष्यों को समझाया की तुम्हे अपने गुरु की बात कभी भी नहीं टालनी चाहिए.

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Because गुरु जानते है की किस्से क्या हो सकता है. इसलिए जब भी गुरु अपना आदेश दे. तो तुम्हे बिना सोचे विचारे वो कार्य करना चाहिए. Because जीवन के मार्ग को समझने के लिए गुरु की आज्ञा का पालन करना जरुरी है. अब सभी शिष्य अपने गुरु की बात को समझ गए थे. और जीवन में कभी भी कोई गलती न करने की बात कहते है. और अपने गुरु की आज्ञा का पालन करते है.

 

जीवन का सही मार्ग :-

दोस्तों हमे सही मार्ग हमारे गुरु ही दिखाते है. उनके मार्ग से ही हमे सही दिशा मिलती है. हमारे गुरु ही सही मार्गदर्शन कराते है. जब हमे वह कुछ सिखाते है. तो हमे सीखना चाहिए उनकी बातो को समझना चाहिए. Because उनकी बातो में ही सही ज्ञान छुपा हुआ था. जो हमारे बहुत काम आता है. जब आप उनकी बाते मानते है. तो आपके जीवन का सही मार्ग खुल जाता है. एक जादूगर की कहानी, panchatantra ki kahaniya, अगर आपको यह कहानी पसंद आयी है. तो आगे भी शेयर करे और हमे भी बताये.

 

लालच न करे हिंदी “पंचतंत्र” कहानी :- panchatantra ki kahani

“पंचतंत्र” की कहानी में एक यह भी कहानी है. जो आपको पसंद आयेगी. यह बात उस दिन की है. जब पहली बार उस आदमी को यह पता चल गया था. की एक जादुई छड़ी जिसके पास भी होती है, वह सब कुछ कर सकता है. But यह जादुई छड़ी किस जगह पर है. यह बात उसे पता नहीं थी. वह आदमी उसकी खोज में जाता है. Because वह अपना जीवन बदलना चाहता है. अगर एक बार जीवन बदल गया. तो सब कुछ बदल जायेगा.

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वह जानता था. की ऐसी जादुई छड़ी आसानी से नहीं मिलती है. उनके लिए कोई ख़ास जगह होती है. वह आदमी एक बात यह भी जानता था. की उसके यहां पर एक गुफा है. जिसमे कोई नहीं जाता है. शायद उस गुफा ऐसे कोई सुराग मिल सकता है. वह उस पुरानी गुफा में जाता है. Because उसे लगता है. की शायद यहां से कोई रास्ता मिल सकता है. वह उस गुफा में देखता है. But उसे नज़र कुछ भी नहीं आता है. वह सोचता है. की यह से तो कुछ भी मुझे नहीं मिलने वाला है, वह बहुत थक जाता है. वह सोचता है, की मुझे यह से जाना ही होगा.

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गुफा के नीचे के रास्ते :-

यहां पर कुछ भी नहीं है. वह उस गुफा से बाहर जाने की सोचता है. तभी उसकी नज़र गुफा के एक कोने में जाती है. यह कोना बहुत चमक रहा था. ऐसा लग रहा था. की यहां पर कुछ है. वह उसे देखता है उसके बाद उसे कोने में से आयी रौशनी को देखने में समय बिताता है. अब उसे कुछ नज़र आने लगता है. वह सोचता है. की मुझे कुछ नज़र आ रहा है. वह गुफा में से एक रास्ता नज़र आता है. जोकि गुफा में नीचे की और लेकर जाता है. वह गुफा के नीचे जाता है. उसे गुफा के नीचे के रास्ते के बारे में तो कुछ भी नहीं पता था.

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But आज उसे नज़र भी आ गया था, उस गुफा के नीचे जब वह पहुंच जाता है, तो उसके बाद वह देखता है उस जादुई छड़ी को, जिसके बारे में वह नहीं जानता था, की यह छड़ी यहां पर हो सकती है, वह अब बहुत खुश होता है, Because अजा उसे वह छड़ी मिल गयी थी, जिसके बारे में वह सिर्फ सोच रहा था, जैसे ही वह उसे लेने जाता है वह छड़ी गायब हो जाती है, यह कैसे हुआ है, उसे समझ नहीं आता है, यह छड़ी गायब हो गयी है, तभी उसे आवाज आती है,

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यह छड़ी इसलिए गायब हुई है, Because तुम बहुत लालच करते हो अगर जीवन में तुम लालच नहीं करते हो यह छड़ी तुम्हे मिल सकती है, मगर यह लालच ही इस छड़ी को गायब कर चूका था, वह आदमी अपने घर वापिस चला जाता है Because वह लालच कर रहा था, जीवन में हमारे लालच से हम बहुत कुछ खो सकते है, इसलिए लालच न करे, अगर तुम्हारे अंदर लालच नहीं होता है, तो तुम्हे सब कुछ मिल सकता है, अगर आपको यह लालच नहीं करना चाहिए “पंचतंत्र” कहानी (panchatantra ki kahaniya) पसंद आयी है, तो शेयर करे

 

लालच की समस्या पंचतंत्र की कहानिया 

इस जंगल से कैसी आवाज आ रही है, मुझे कोई बुला रहा है. but यहां पर तो कोई भी नज़र नहीं आ रहा है. वह आदमी परेशान हो जाता है. Because यह आवाज क्यों आ रही है. मुझे कोई नज़र क्यों नहीं आता है. वह देखता भी है. but कुछ भी समझ नहीं आता है. वह आगे जाकर देखता है. उसे फिर भी कोई नज़र नहीं आता है. वह सोचता है. की जब भी मुझे आवाज आएगी. तो में उसी और चला जाऊंगा. वह आवाज फिर आती है. वह उसी जगह पर जाता है. वह आवाज एक मटके से आती है. उसका नाम भी ले रहा है वह आदमी देखता है, की इसमें कौन हो सकता है यह मटका तो बहुत छोटा है,

 

फिर भी इसमें से आवाज आती है वह आदमी मटके को देखता है मटके से आवाज आती है मुझे बाहर निकाल दो, में यहां पर फंस गया हु, यह सुनकर वह आदमी कहता है की तुम कौन हो, जो मेरा नाम भी जानते हो, मटके से आवाज आती है, मुझे यह से बाहर निकाल दो, में तुम्हे बहुत सारा धन दूंगा, यह सुनकर वह आदमी खुश हो जाता है, वह मटके को खोल देता है, उसके बाद उसमे से एक बहुत बड़ा आदमी बाहर आता है

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मुझे धन दो :-

जबकि वह छोटे से मटके में कैसे गया होगा. कुछ समझ नहीं आता है वह आदमी कहता है. की मेने तुम्हे बाहर निकाल दिया है अब मुझे धन दो. जोकि तुमने कहा था. वह बड़ा आदमी कहता है. की तुम्हे कुछ नहीं मिलेगा. तुम जैसे आदमी ने मुझे यहां पर बंद कर दिया था. अब में यहां से निकल सकता हु.

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वह बड़ा आदमी जादू से उस आदमी को मटके में बंद कर देता है उसके बाद वह आदमी सोचता है की अगर में लालच में न आया होता तो ऐसा कभी भी नहीं होता, इसलिए लालच नहीं करना चाहिए, अगर आपको यह लालच की समस्या पंचतंत्र की कहानिया, panchatantra ki kahaniya, panchtantra ki kahani पसंद आयी है तो शेयर करे.

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