तेनाली रमन और घोडा की हिंदी कहानी, tenali raman stories hindi

Author:

Tenali raman stories hindi

Tenali raman stories hindi, तेनाली रमन का जन्म गुंटूर जिले में हुआ था जो कि आंध्र प्रदेश राज्य में था यह ब्राह्मण परिवार में जन्मे थे और पेशे से कवि थे तेनाली रमन के पिता गर्लापतिथे जो की मंदिर में पुजारी का काम करते थे तेनाली को रामलिंगा भी कहा जाता था क्योंकि वह शिव के भक्त थे.

तेनाली रमन और घोडा की हिंदी कहानी :- Tenali raman stories hindi

tenali raman stories.jpg
tenali raman stories hindi

तेनाली रमन विजयनगर के महाराज कृष्णदेव राय के यहां पर हास्य कवि के रूप में जाने जाते थे उनका काम था सभी का मनोरंजन करना जब कभी भी महाराज को लगता था कि अब मनोरंजन का कार्यक्रम आरंभ करना चाहिए तो तेनाली रमन को ही बुलाया जाता था जिससे कि वह उनका मनोरंजन कर सकें

सभी घोड़ों को संभालने में परेशानी :-

एक दिन राज्य में अरब प्रदेश से एक व्यापारी घोड़े बेचने के लिए आता है अपने घोड़े का इतनी अच्छी तरह से विस्तार से वर्णन करता है कि महाराज को उसके घोड़े खरीदने के लिए मना लेता है और सभी घोड़े महाराज खरीद लेते हैं महाराज के पास पहले से ही बहुत से घोड़े थे और उन्हें खरीद के घोड़े  की संख्या और भी बढ़ गई सभी घोड़ों को संभालने में परेशानी होने लगी तभी महाराज ने नगर के प्रत्येक वासियों से कहा कि वह एक ही घोड़ा अपने पास एक 1 महीने तक रखें और उसके पालन पोषण का खर्चा महाराज ही देंगे और सभी नगर वासियों को एक एक घोड़ा दिया गया

हातिम ताई की कहानी

जब नगरवासियों को घोड़ा दिया जा रहा था तभी तेनाली रमन को ही घोड़ा दिया गया कि वह भी उनकी देखभाल करें तेनाली रमन ने वह घोड़ा लिया और अपने पीछे घर के बांध दिया और थोड़ा-थोड़ा खाना ही उसे दिया ऐसा करते-करते  एक महीना बीत गया और अब महाराज जी ने कहा कि सभी अपने अपने घोड़े लेकर यहां पर उपस्थित हो सभी लोग घोड़ों को लेकर अपने साथ आए लेकिन तेनालीरामन घोड़ा नहीं ला पाए घोड़ा नाल आने की वजह महाराज जी ने पूछी और तेनाली रमन ने बताया कि घोड़ा बहुत ही गुस्से वाला हो गया है और मेरे साथ नहीं है आ रहा मुझे उसे लाने में भी डर लग रहा है

सेनापति ने घोड़े की तरफ देखा :-

तो कृपा करके आप खुद ही उस घोड़े को लेकर आएं इस पर महाराज ने सेनापति को कहा कि जाओ तेनाली रमन के साथ और घोड़े को लेकर आओ जब सेनापति घोड़े को लेने के लिए आया तो देखा कि अरे तुमने तो यह छोटी सी जगह पर बांध रखा है तेनाली रमन ने कहा कि मेरे पास तो इतनी ही जगह है तो सो मैंने इसे यहां पर लिया कर कर क्या आप इसे यहां से ले जाइए जैसे ही सेनापति ने घोड़े की तरफ देखा तो घोड़े ने सेनापति की दाढ़ी को अपने मुंह में पकड़ लिया और खींचने लगा बहुत मुश्किलो के बाद घोड़े से सेनापति की दाढ़ी को छुड़वाया गया और फिर  सेनापति घोड़े को ले जाकर राजा के सामने प्रस्तुत है

बीरबल के प्रति राजा की चिंता कहानी

तभी राजा ने कहा की घोड़े की हालत तो बड़ी खराब है घोड़ा बहुत ही कमजोर लग रहा था जिसकी सब के घोड़े बड़े अच्छे खासे लग रहे थे तभी महाराज ने तेनाली रमन से पूछा कि यह घोड़े की ऐसी कैसी हालत हो गई है तभी तेनाली रमन ने कहा कि महाराज जी जितना आपने इनका खर्च दिया था मैं उतने में ही घोड़े को पाल पाया हूं और महाराज ने कहा कि सबके घोड़े दो बड़े अच्छे दिख रहे हैं उन्होंने तो इनकी बड़ी सेवा की है बड़ा खिलाया-पिलाया है पर तुमने तो कहा कि मैंने उतना ही खर्च किया है जितना इसकी जरूरत थी तभी तेनाली रमन ने कहा कि सब ने आप के डर से अपना पेट काटकर  घोड़ों को खिलाया है

तेनाली की सही सूझ-भूज :-

पर महाराज मेरी इतनी सामर्थ्य नहीं है कि मैं उससे अपने से ज्यादा खिलाफ हूं तेनाली रमन ने कहा कि  राजा का  दायित्व तो प्रजा की रक्षा करना है उन पर भोज डालना नहीं है आपकी दिए हुए धन से उन्होंने घोड़ों को और भी अच्छा वाला और मैं खुद दुर्बल हो गए अब महाराज को सारी बात समझ में आ गई की गलती खुद उन्हीं की है इस प्रकार तेनाली को पुरस्कार दिया गया और उनकी सूझबूझ का भी व्याख्यान किया गया.  

अकबर और बीरबल की सात नयी कहानी 

तेनाली रमन और घोडा, tenali raman stories hindi, यह कहानी एक राजा और उसके घोड़े की थी, जिसे तेनाली ने अपने रखा हुआ था अपनी सही सूझ-भूज से तेनाली ने ऐसा किया था तेनाली ने अपने दिमाग से ऐसा किया था जिसके बड़ा उन्हें इनाम भी दिया गया था अगर आपको यह कहानी पसंद आयी है तो आप इसे शेयर भी कर सकते है 

 

राजगुरु और तेनाली रमन की stories hindi

एक दिन की बात है तेनाली रमन के पास एक आदमी आता है वह कहता है की

आपको राजगुरु महल से निकलवाने के लिए बहुत कोशिश कर रहे है आपको कुछ करना चाहिए,

यह बात सुनकर तेनाली रमन कहते है की तुम्हे यह सब कुछ कैसे पता है

वह आदमी कहता है की जब में अपने घर आ रहा था तभी मेने सुना था,

यह सुनकर तेनाली रमन कहते है की ठीक है

तेनाली रमन और राजगुरु की कहानी

मुझे क्या करना चाहिए वह आदमी कहता है की में आपको एक योजना बताता हु

अगर आप उस पर चलते है तो कोई समस्या नहीं आएगी अगर आप राजगुरु को डराने की कोशिश करते है

तो यह बात अच्छी होगी, यह सुनकर तेनाली रमन कहते है की

मुझे कैसे यह सब कुछ करना होगा, वह आदमी कहता है की

जब राजगुरु रात के समय में सोये होंगे तो यह सब कुछ हो सकता है

तेनाली रमन को कुछ ठीक नज़र नहीं आ रहा :-

यह सुनकर तेनाली रमन कहते है की आज वह मुझे किस जगह पर मिलेंगे तभी वह आदमी कहता है की

आज राजा किसी काम से बाहर जा रहे है राजगुरु महल के अंदर ही सोयेंगे तेनाली रमन कहता है

तुम्हे बहुत कुछ पता है मुझे तो कुछ भी पता नहीं है

वह आदमी कहता है की में आपकी मदद करने आया हु

तेनाली रमन को कुछ ठीक नज़र नहीं आ रहा था फिर तेनाली रमन कहते है की

आज राजगुरु को डराया जाएगा उसके बाद वह आदमी चला जाता है

तेनाली रमन को पहले ही यकीन नहीं था

तेनाली रमन और राजा की सैर कहानी

लेकिन फिर भी वह महल जताए है रात का समय हो रहा था तभी एक सैनिक तेनाली रमन के पास आता है वह कहता है की राजा अभी सो रहे है आप अभी नहीं मिल सकते है तेनाली रमन कहते है की मुझे सब पता है में यह पूछने आया था राजगुरु कहा पर है सैनिक कहता है की वह अपने घर पर है अब तेनाली रमन को सब कुछ समझ आ जाता है की अगर वह राजगुरु को डराने जाते तो

मगर तेनाली रमन तो राजदरबार में है :-

tenali raman stories hindi, वह बहुत बड़ी गलती कर सकते थे क्योकि राजा उस जगह पर सोये थे यह सब कुछ राजगुरु की चाल थी जिससे तेनाली रमन को महल से निकाला जा सके सुबह हो गयी थी राज गुरु को अब अच्छा लग रहा था अब तो तेनाली रमन को निकाल भी दिया होगा मगर तेनाली रमन तो राजदरबार में है अब राजगुरु को समझ आ गया था उनकी सभी चाल समाप्त हो गयी है फिर बह राजगुरु तेनाली रमन के पास आते है वह कहते है की तुम मुझे वाकई में बहुत तेज लगते हो, तेनाली रमन कहता है मुझे भी वैसा ही लगता है

Read More Tenaliram ki kahani :-

तेनाली रमन के डर की कहानी

अलादीन का जादुई चिराग

तेनालीरमन की दावत कहानी

अकबर बीरबल की मजेदार नयी कहानियां

तेनाली रमन पर हमला कहानी

तेनाली ने सिखाया सबक कहानी

तेनालीराम और सोने की गुफा