Story of birbal in hindi
Story of birbal in hindi, बीरबल की कहानी, राजा और बीरबल के ऐसे तो बहुत से किस्से हैं लेकिन उन्हीं में से एक ही किस्सा है जिसने राजा बीरबल को वादा करके भूल जाते हैं तभी बीरबल जी राजा को अपना वायदा याद दिलाने की कोशिश करते हैं
अकबर के वादे की story of birbal in hindi
अकबर एक दिन बीरबल से बातें कर रहे थे कि मैं तुमसे बहुत खुश हूं जब भी कोई परेशानी आती है तो तुम बड़ी आसानी से उस परेशानी को सुलझा देते हो अकबर बीरबल की तारीफ किए जा रहे थे और बीरबल सुन रहे थे तभी अकबर ने कहा कि चलो घूमने चलते हैं फिर राजा अकबर और बीरबल दोनों भाग में घूमने के लिए निकल चले और फिर राजा अकबर नहीं बीरबल को कुछ उपहार देने को कहा.
राजा ने बीरबल को उपहार में को जमीन देने के लिए कहा बीरबल बहुत खुश हुआ कि ऐसे उपाय में जमीन मिलेगी तभी राजा ने पूछा कि तुम अपनी जमीन में क्या उग आओगे, बीरबल ने कहा की कुछ जरूरत की सब्जियां और फल आदि में अपनी जमीन पर उग आऊंगा फिर राजा वादा करके अपने महल में चले गए कि कल मैं तुम्हें उस जमीन को दे दूंगा अगले दिन बीरबल राजमहल में पहुंचे पर राजा ने इस बारे में कोई भी बात नहीं की बीरबल को लगा कि
राजा और बीरबल जंगल में शिकार के लिए गए :-
शायद अब राजा इस बात को भूल गया है बीरबल ने सोचा कि अब तो लगता है राजा मुझे भी जमीन नहीं देने वाले कि वह अपना वादा भूल रहे थे तभी राजा और बीरबल जंगल में शिकार के लिए गए जंगल में शिकार करते हुए काफी देर हो चुकी थी, आप दोनों धीरे-धीरे वापिस महल की ओर आने लगे राजा की नजर एक ऊँट पर पड़ी जो कि पानी पी रहा था तभी राजा ने पूछा कि यह ऊंट की गर्दन मुड़ी हुई क्यों रहती है बीरबल ने सोचा कि आप राजा को याद दिलाना चाहिए कि उसने उससे वादा किया था इस पर बीरबल ने कहा है कि जो लोग अपने वादे को करके भूल जाते हैं उनकी गरदन ऊंट की तरह हो जाती है
राजा को अपनी बात याद आई और उसने कहा कि चलो बीरबल जी आप महल में चलते हैं काफी समय हो गया है फिर महल में पहुंचने के बाद राजा ने उस जमीन को जो कि बीरबल को देने का वादा किया था बीरबल को दे दी और कहा कि अब तो मेरी ऊंट की तरह गर्दन नहीं होगी ना और बीरबल जी मुस्कुराए और कहा नहीं है अब ऐसा नहीं होगा और राजा और बीरबल दोनों इस बात को सुनकर बहुत हंसी आ गई
Birbal की समझदारी story in hindi
एक दिन बीरबल घूमने के लिए नगर में गए थे तभी उनकी मुलाक़ात एक आदमी से होती है
वह बीरबल से कहता है की अगर वह उसे एक समझदार इंसान से मिलवा सकते है
तो उसे इनाम मिल सकता यही वह आदमी बीरबल को नहीं जानता था
क्योकि अभी तक बीरबल ने कोई भी परिचय नहीं दिया था बीरबल पूछते है की आपको किस्से मिलना है
वह आदमी कहता है की कोई भी हो मगर समझदार होना चाहिए
यह बात सुनकर बीरबल को समझ नहीं आता है की वह उस समझदार आदमी से क्या करवाना चाहता है
उसके बाद बीरबल उससे पूछते है की तुम उस आदमी से क्या करवाना चाहते हो
वह आदमी कहता है की में उस बीरबल को दरबार से निकलवाना चाहता हु
इसलिए एक समझदार इंसान की तलाश है अब बीरबल को सब कुछ समझ आता है
अकबर के दरबार में मुझसे मिलना है :-
बीरबल कहते है की ठीक है में आपके लिए यह काम करना चाहता हु
मुझे इनाम मिलना चाहिए वह आदमी कहता है की आपको इनाम मिलेगा,
बीरबल उस आदमी को कहते है की कल अकबर के दरबार में मुझसे मिलना है
में आपको वही पर मिलूंगा अब वह आदमी कहता है की ठीक है अगले दिन का समय आ गया था
वह आदमी उस समझदार आदमी से मिलना चाहता था
बीरबल एक आदमी को यह लालच देकर लाते है उसे इनाम मिलेगा
दरबार के बाहर वह आदमी आ गया था बीरबल उस आदमी को मिलवाते है
यह बहुत समझदार आदमी है यह सुनकर वह आदमी कहता है की यह तो बहुत अच्छी बात है
इनाम की रकम बीरबल को मिल जाती है बीरबल उस रकम को लेकर चले जाते है
दरबार में वह आदमी आता है अकबर से कहता है की में बीरबल से भी समझदार आदमी लाया हु
अकबर कहते है की अगर यह सच है तो तुम्हे इनाम दिया जायेगा
बीरबल का सामना :-
वह आदमी बीरबल को दरबार से निकलवाना चाहता था और इनाम का लालच भी उसे यही कर रहा था, जब अकबर कहते है की वह आदमी कहा पर है जोकि बीरबल का सामना करने वाला है लेकिन उससे पहले ही बीरबल को वह आदमी देख चुका था अब उसे समझ आ गया था बीरबल से तेज कोई भी नहीं है क्योकि वह बीरबल अब सब कुछ जान चुका था
उसके बाद बीरबल कहते है की आपको अकबर जी ने कुछ कहा है उसके बाद आदमी का जवाब होता है की बीरबल से तेज कोई भी नहीं है इस तरह बीरबल मुस्कुराते है क्योकि वह समझ गए थे की वह आदमी अब उनके सामने नहीं आने वाला है अगर आपको यह सभी कहानी पसंद आयी है तो शेयर जरूर करे
Birbal जी का जीवन परिचय ki kahani
बीरबल मुग़ल शासक के दरबार के सबसे प्रसिद्ध व्यक्ति थे ये अपनी चतुराई के ले प्रसिद्ध थे इन पर काफी मात्रा मैं कहानी लिखी मिलती है , जिससे हमे पता चलता है की वे कितने महान व्यक्ति थे अकबर ने बीरबल को संभवतः १५५६ के आस पास अपने दरबार मैं एक कवी के रूप मैं किया था. अकबर बीरबल के काफी निकट थे और उन्हें पसंद करते थे
बीरबल जी प्रसिद्ध होने लगे :-
इसलिए उन्हें अपने दरबार मैं नवरत्नों मैं शामिल किया था . अग्र्र गोर करे तो हमे इतिहास मैं बीरबल की कहानी का कोई अस्तित्व नहीं मिलता है लेकिन लोगो के द्वारा बनायीं गयी कहानी मैं हमे इसकी एक झलक मिलती है. जैसे जैसे लोगो ने कहानी बनानी शुरी की वैसे वैसे बीरबल जी प्रसिद्ध होने लगे.
story of birbal in hindi, बीरबल जी का जन्म १५२८ मैं कल्पी के एक गाव मैं हुआ था जो की उत्तर प्रदेश जिले मैं पड़ता है. उनके पिता का नाम गंगा दास और माता का नाम दवितो था बीरबल जी का जन्म हिन्दू परिवार मैं हुआ था, बीरबल जी ने हिंदी संस्कृत मैं शिक्षा प्राप्त की थी , उनको कविताये लिखने का भी शौक था उनकी कविताये व्रज भाषा मैं होती थी. बीरबल जी बहुत ही दयालु और दानी भी थे और उपहार देने मैं प्रसिद्ध थे. अगर देखा जाये तो बीरबल जी एक महान व्यक्ति थे.
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