story in hindi
सच की राह
story in hindi, दो दोस्त एक साथ गांव में रहते थे उनमें से एक दोस्त दूसरे शहर में चला गया कुछ दिन बाद दूसरा भी काम की तलाश में शहर की और चल दिया जब बहुत साल बीत गए तो एक दिन सुरेश ट्रैन से दूसरे शहर जा रहा था उसने अपनी पदहई पूरी कर ली थी
उसी ट्रैन में चोरी करता हुआ उसका दोस्त संजय को सुरेश ने पकड़ लिया और पूछा की यह सब क्या है, संजय ने बताया की उसने काम की बहुत तलाश की पर कोई भी काम उसे नहीं मिला और जो मिला उसमे गुज़ारा करना भी बहुत मुश्किल था इसलिए मजबूर होकर मेने ये रास्ता अपनाया
सुरेश ने संजय को कहा की ये ठीक नहीं है किसी का हक लेना अच्छी बात नहीं है हमे मेहनत करनी चाहिए तभी तो हम अच्छे इंसान कहलायेंगे संजय ने कहा की ये बाते सिर्फ किताबो में अच्छी लगती है असल ज़िन्दगी में इन्हे अपनाना बहुत ही मुश्किल है,
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सुरेश ने कहा की अब तुम ऐसा कोई भी काम नहीं करोगे, संजय ने अपने दोस्त की बात मान ली और पूछा की तुम्हे कोई काम मिला है सुरेश ने कहा की मेने पढ़ाई तो पूरी कर ली अब नौकरी की तलाश में आया हु संजय ने कहा ठीक है तुम मेरे घर पर ही रुकना हम दोनों साथ में रहेंगे,
सुरेश ने कहा ठीक है लेकिन तुम्हे सारे बुरे काम छोड़ने होंगे संजय ने कहा ठीक है अगले दिन दोनों एक साथ शहर आ गए और साथ में रहने लगे सुरेश हर सुबह काम की तलाश में निकल जाता और खली हाथ ही घर आ जाता है सुरेश के पास जो पैसे थे वो भी खत्म हो गए अब खाने के लिए भी मुश्किल का सामना करना पड़ा
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जिस मकान में संजय रहता था उस मकान मालिक की एक छोटी बेटी थी जो स्कूल में पड़ती थी वह मकान मालिक देख रहा था की दोनों बहुत ही परेशान है और कुछ दिनों से उन्होंने कुछ भी नहीं खाया है
अगले दिन मकान मालिक खाना लेकर उन दोनों के पास गया और कहा की खाना खा लो तुम दोनों ने कई दिनों से कुछ नहीं खाया है पर सुरेश ने मना कर दिया इस पर मकान मालिक ने कहा की इसके बदले में तुम मेरी छोटी बेटी को टूशन दे सकते हो इससे उसकी पढ़ाई में भी कोई दिक्क्त नहीं आएगी और तुम्हे भी परेशानी का सामना नहीं करना होगा,
सुरेश इस बात को मान गया और खाना खा लिया कुछ देर बाद संजय ने पूछा की ऐसे कब तक चलेगा नौकरी मिल नहीं रही है और अब तो खाने की समस्या बढ़ती ही जा रही है मेरी मानो तो तुम भी वही काम कर लो जो में करता था इस पर सुरेश ने कहा की हमे सही राह पर चलना चाहिए गलत पर नहीं.
सुरेश अपने irade का पक्का था पर नौकरी न मिली तो क्या होगा यही सब सोचा करता था हर रोज की तरह सुरेश नौकरी की तलाश में जाता और खाली हाथ आ जाता है अब परेशानी खत्म होने का नाम नहीं ले रही थी
संजय सोचने लगा की इसने तो मेरा काम भी बंद करवा दिया और अब भूखे ही रहना पड़ रहा है अब कुछ करना ही होगा उसने अपने दोस्त से कहा की अगर कल तक कोई नौकरी नहीं मिली तो तुम्हे मेरे हिसाब से चलना होगा इस बात को सुरेश मान गया और कब तक इंसान की हिम्मत बनी रहेगी
अगले दिन सुरेश काम की तलाश में निकल गया सुरेश ने देखा की एक गाड़ी पेड़ से टकरा गयी है उसमे एक सेठ बैठा था जोकि बेहोश हो गया था उसे वह अपने साथ इलाज के लिए ले गया और उसका इलाज करवा दिया सेठ को जब होश आया तो उसे सब पता चल गया की इस आदमी ने उसकी जान बचायी है
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सेठ के पूछने पर सुरेश ने सारी बात बताई और सेठ उसे अपने यह पर नौकरी दे दी अगले दिन सुरेश ने अपने दोस्त को भी सेठ का ड्राइवर बनवा दिया और एक बार फिर इंसान की हिम्मत जीत गयी अगर हम विस्वास करे और महनत करे उसका फल जरूर मिलता है
story in hindi, इसलिए दोस्तों जीवन में आगे बढ़ने के लिए हमेशा सच की राह ले अगर आपको यह कहानी पसंद आयी है तो आगे भी शेयर करे और हमे भी बताये
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