राजा और महात्मा की कहानी, rochak kahaniya

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Rochak kahaniya | kahaniya 

Rochak kahaniya, राजा और महात्मा की कहानी, ये कहानी एक ऐसे राजा की है, जो की बहुत ही गुस्से वाला था. वो थोड़ी सी बात पर ही बड़ी जल्दी ही नाराज हो जाता था. उसे चापलूसी कतई भी पसंद नहीं थी. तो किस तरह से वो राजा आपने गुनहगारों को सजा देता था, आज हम इस कहानी मैं पढ़ेंगे. एक राजा अशोक को फूलों का शौक था. उसने सुंदर, सुगंधित फूलों के लगभग 100 गमले अपने कमरे के बरामदे मैं रखवा रखे थे.

राजा और महात्मा की कहानी : rochak kahaniya

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rochak kahaniya, उनकी देखभाल के लिए एक नौकर रखा गया था. जिसका नाम प्रेम था. एक दिन प्रेम से एक गमला टूट गया. राजा को पता चला तो वह आग बबूला हो गया. उसने आदेश दिया कि 3 महीने के बाद नौकर को फांसी दे दी जाए. मंत्री ने राजा को बहुत समझाया, लेकिन राजा ने एक न मानी. फिर राजा ने नगर में घोषणा करवा दी कि जो कोई टूटे हुए गमले की मरम्मत करके उसे ज्यों का त्यों बना देगा, उसे मुंह मांगा पुरस्कार दिया जाएगा. (rochak kahaniya)

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कई लोग अपना भाग्य आजमाने के लिए आए लेकिन असफल रहे. एक दिन एक महात्मा नगर में पधारे. जिनका नाम स्वदेश था. उनके कान तक भी गमले वाली बात पहुंची. वह राज दरबार में गए और बोले, महाराज तेरे टूटे गमले को जोड़ने की जिम्मेदारी मैं लेता हूं. but मैं तुम्हें समझाना चाहता हूं कि यह देह अमर नहीं तो मिट्टी के गमले कैसे अमर रह सकते हैं. ये तो फूटेंगे, गलेंगे, मिटेंगे. पौधा भी सूखेगा. but राजा अपनी बात पर अडिग रहा. आखिर राजा उन्हें वहां ले गया, जहां गमले रखे हुए थे. महात्मा ने एक डंडा उठाया और एक एक करके प्रहार करते हुए सभी गमले तोड़ दिए. थोड़ी देर तक तो राजा चकित होकर देखता रहा. rochak kahaniya

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उसे लगा यह गमले जोड़ने का कोई नया विज्ञान होगा. लेकिन महात्मा को उसी तरह खड़ा देख उसने आश्चर्य से पूछा, ये आपने क्या किया. महात्मा बोले, मैंने 99 आदमियों की जान बचाई है. एक गमला टूटने से एक को फांसी लग रही है. 99 गमले भी किसी न किसी के हाथ से ऐसे ही टूटेंगे तो उन को भी फांसी लगेगी. सो मैंने गमले तोड़कर उन लोगों की जान बचाई है. राजा महात्मा की बात समझ गया. उसने हाथ जोड़कर उनसे क्षमा मांगी और नौकर की फांसी का हुक्म वापस ले लिया. सही बात तो ये है की उस महात्मा ने राजा को ये बात समझायी की उसे कभी भी अपनी चीज़ो का ज्यादा लोभ नहीं करना चाहिए. देह हमेशा समय समय के साथ बदलती ही रहती है. इसका इतना लोभ किस काम का.

 

राजा और भिखारी की नयी कहानियां : kahaniya 

rochak kahaniya, साधु बाबा से भिखारी को देख रहे थे वह भिखारी चुपचाप खड़ा हुआ था सभी लोग राजा की जय जय कार कर रहे थे but भिखारी चुपचाप खड़ा हुआ था कुछ नहीं कह रहा था साधु बाबा उसकी और लगातार देख रहे थे उसके पास साधु बाबा भिखारी के पास जाते हैं और कहते हैं कि तुम चुप क्यों खड़े हो,

 

मुझे ऐसा लगता है कि तुम अंदर से बहुत दुखी हो और परेशान लग रहे हो तुम राजा की खुशी में भी शामिल नहीं हो रहे हैं जबकि राजा जंग जीत कर आए हैं भिखारी साधु बाबा से कहता है कि ऐसी कोई बात नहीं है राजा जीतकर आ चुके हैं और सभी लोग खुशियां मना रहे हैं but राजा ने कभी सोचा है कि इस नगर में कितने भिखारी हैं उनके लिए उन्होंने कुछ करने की कोशिश नहीं की इसलिए मैं सोच रहा था कि जय जयकार करूं यह सिर्फ अपने भाग्य को ही कोसता रहा हूं

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उसके बाद साधु बाबा समझ गए थे कि भिखारी के मन में क्या चल रहा है वह कहते हैं कि है तुम चिंता ना करो मैं राजा से इस बारे में बात करता हूं उसके बाद साधु बाबा राजा के पास जाते हैं और कहते हैं कि आपके नगर में सभी भिखारी बहुत परेशान है उन पर भी नजर रखनी चाहिए उनकी सभी समस्याओं को दूर करना भी आपका ही धर्म है आप अपने धर्म से दूर हो रहे हैं तभी राजा ने कहा कि मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है जबकि मैंने सभी भिखारियों के लिए अलग से सुख सुविधा का प्रबंध किया हुआ है, rochak kahaniya

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उसके बाद साधु बाबा उस भिखारी को बुलाते हैं और कहते हैं कि तुम्हें राजा के पास चलना होगा अपनी समस्याओं को बताना होगा भिखारी राजा के पास जाता है और कहता है कि हमें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है कभी-कभी पूरा दिन हो जाता है और हम भूखे ही रहते हैं यह बात सुनकर राजा को बड़ा आश्चर्य होता है क्योंकि राजा ने सभी भिखारियों के लिए दिन में एक बार का भोजन का प्रबंध किया हुआ था राजा भिखारी से कहते हैं कि क्या तुम्हें वह भोजन नहीं मिलता है

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भिखारी कहता है कि मुझे ऐसा लगता है कि किसी भी भिखारी को एक समय का भोजन भी नहीं मिलता है उसके बाद राजा सेनापति को बुलाते हैं वह पूरी बात पूछते हैं क्योंकि उन्हें भी समझ में नहीं आ रहा था कि यह सब क्या हो रहा है सभी भिखारी परेशान क्यों है तभी सेनापति कहता है कि यह काम मैंने एक सेठ को दिया था वही सारा इंतजाम करता होगा उसी को बुलाया जाता है और जब बात सामने आती है तो है सेठ किसी का भी इंतजाम नहीं कर रहा था बल्कि सारा धन वह अपने लिए रख रहा था

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किसी भी भिखारी को कोई भोजन नहीं मिल रहा यह बात सुनकर राजा को बहुत दुख होता है और वह समझ जाते हैं कि सेठ ही सब कुछ कर रहा है इसलिए उससे उसे पूरी बात की जाती है राजा सेठ को निकाल देता है और यह काम राजा अपने हाथ में लेता है उसे लगता है कि जो काम मैं खुद कर सकता हूं शायद वही सही होगा इसलिए राजा सभी के लिए भोजन तैयार करवाता और कोई भी भिखारी पूरे दिन में एक बार भोजन जरूर करता है साधु बाबा भिखारी के पास आते हैं और कहते हैं कि कभी कभी गलतियां हमें नजर नहीं आती है

rochak kahaniya, जब हमें पता चलता है तो हम दोषी किसी और को मान लेते हैं जबकि उसका दोष बिल्कुल भी नहीं होता है इसलिए सोच समझकर ही तुम्हें फैसले लेने चाहिए भिखारी इस बात को समझ जाता है कि हमारे राजा अच्छी हैं हमारा ध्यान रखते हैं

 

सुंदरवन की रोचक कहानी, rochak kahaniya

rochak kahaniya, सुंदरवन में एक आदमी रहता था उसका यही कहना था की जीवन में सब कुछ मिल सकता है but प्यार मिलना बहुत मुश्किल है Because इसे पाना आसान नहीं है बहुत मुश्किल से किसी पर भरोसा होता है तब कही जाकर एक रिश्ता गहरा होता है, एक दिन उस आदमी के पास एक आदमी आता है वह कहता है की में बहुत दूर से आया हु बहुत अधिक थक गया हु मुझे आगे नगर में जाना है लेकिन शाम हो गयी है, अभी रास्ता तय नहीं कर सकता हु, (rochak kahaniya)

 

वह आदमी कहता है की आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है आप यहां पर रुक सकते है यह सुंदरवन है यहां पर सभी लोग बहुत अच्छे है वह आदमी उसके पास रुक जाता है रात हो गयी थी, वह उसे खाना देता है Because आज वह उसका मेहमान था उसके बाद सोने चले जाते है but वह आदमी नहीं जानता था की जिसे वह रोक रहा है वह चोर है रात का समय हो गया था वह आदमी उठ जाता है उसके बाद वह घर का सामान लेता है, अपने थैले में भर देता है

 

rochak kahaniya, उसके बाद वह चोर बाहर जाता है तभी वह आदमी उठ जाता है वह समझ जाता है की वह चोरी कर रहा है वह उससे कहता है की तुम मेरे मेहमान हो. अगर तुम्हे यह सामान पसंद है तो तुम ले जा सकते हो, but अभी रात हो रही है, तुम रात के समय में किस जगह पर जा सकते हो, सुबह चले जाना, यह सुनकर वह चोर रुक जाता है उसे समझ आता है, की वह आज तक गलत कर रहा था आज के बाद ऐसा कुछ नहीं होगा, उस दिन से वह चोरी करना छोड़ देता है, जीवन में एक अच्छा काम सब कुछ बदल सकता है, but उसकी शुरुआत होनी चाहिए,

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