लालच एक सबक हिंदी कहानी, Real story in hindi

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Real story in hindi | Stories for kids in hindi 

Real story in hindi, एक नगर में एक साहूकार रहता था वह बहुत धनी आदमी था उसके पास उसके पिता की दी गई बहुत सारे दौलत थी जिससे उसने सारे ऐसो आराम में उड़ा दी थी वह ना तो कुछ काम करता था और अपने पिता की सारी संपत्ति उसमें इधर-उधर खर्च कर दी थी.

लालच एक सबक हिंदी कहानी :- Real story in hindi

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real story in hindi

उसके पास कुछ नहीं था उसने सोचा ऐसे कैसे काम चलेगा फिर उसने मेहनत की और पैसे कमा है जिससे उसने ऊंट खरीद लिए ऊंट का प्रयोग वह वह सामान को इधर से उधर पहुंचाने के लिए करता था इससे उसे अच्छे पैसे मिल जाया करते थे जिससे उसका काम चल जाता था.

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एक दिन वह किसी का सामान जहाज में पहुंचाने के लिए गया वापसी में वह एक पेड़ के नीचे बैठ गया और अपने ऊंट को भी उसने पेड़ से बांध दिया अचानक उसके पास एक साधू आकर  बैठ गया और बोला क्या मैं तुम्हारे साथ थोड़ी देर बैठ सकता हूं

 

साहूकार कहा हां क्यों नहीं बैठो और मैं खाना खा रहा हूं लो तुम भी खाना खा लो साधु पूछने लगा कि तुम क्या करते हो उसने बताया कि मैं  ऊंटों से सामान इधर से उधर पहुंचाता हूं और बदले में पैसे लेता हूं जिस से मेरा घर चल जाता है साधु बोला इसे तो तुम्हें कुछ ज्यादा नहीं मिलता होगा मेरे पास एक ऐसा खजाना है

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जिससे तुम बहुत अमीर बन सकते हो साहूकार ने कहा कहां है मुझे जल्दी ले चलो साधु ने कहा हां पर इसके बदले मैं तुम से आधे ऊंट लूंगा वह भी जेवरों से भरे हुए साहूकार, वह दोनों जंगल के उसी तरफ चलने लगे जहां गुफा में वह खजाना था कुछ दूरी पर जाकर साधु ने अपनी जेब से एक पुड़िया निकाले कुछ लकड़ियों में आग लगाई और उस पुड़िया को आग में गिरा दिया जिससे उसमें धुआं उठा

 

वह धुआं जिस तरफ चला साधू और साहूकार उसी तरफ जाने लगे धुआं एक गुफा के पास आकर रुक गया और एकदम से उसमें से कुछ निकला जिसे वह दरवाजा खुल गया दरवाजा खुलते ही साधु अंदर चला गया मैं भी उसके पीछे पीछे जाने लगा वहां जाकर देखा तो बहुत सारे हीरे और सोने चांदी से भरे थे

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साधु उनमें से सिर्फ हीरे हीरे लेने लगा और मुझे भी बोलने लगा मैंने बहुत सारे जेवर सोने चांदी के सिक्के सब अपने ऊंट के ऊपर रख लिए अब हम दोनों वहां से चल पड़े रास्ते में उस ऊंट को सोने चांदी से भरा देख लालच आ गया मैंने साधु से कहा आप तो साधु महात्मा हैं आपका तो इस संसार में कोई नहीं फिर आप 10 ऊंट का क्या करोगे

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इनमें से एक मुझे दे दो उसने हंस फिर मुझे और लालच आया मैंने कहा आप नोटों का क्या करोगे इनमें से 5 ऊंट और मुझे देदो साधु हंसा बोला ठीक है तुम ले लो मेरा लालच बढ़ता ही गया फिर मैंने साधु से कहा आप कहां इन्हें लेकर फिरोगे आप मुझे सारे के सारे  ऊंट दे दो

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साधु हंसा और उसने मुझसे कहा ठीक है तुम ही ले लो

साधु ने गुफा में से एक ऐसी डिब्बे अपनी जेब में रखी थी जिसमें कुछ था

मुझे लालच आ गया साहूकार ने कहा तो आप मुझे उस डिब्बे को भी दे दो

जो आपने खजाने में से उठाई थी आप उसका क्या करोगे

साधु ने कहा उसे मैं नहीं दूंगा मैंने सोचा कि पता नहीं इस डिब्बे में ऐसा क्या है

 

साहूकार जिद करने लगा साधू ने कहा ठीक है यह लोग इस डिब्बे को अपने सीधी आंख पर लगाओगे

तो तुम्हें ऐसी बहुत सारी दुआएं मिलेंगी जिनमें खजाना भरा होगा और

अगर तुमने गलती से यह अपनी उलटी आंख के ऊपर लगा ली

तो तुम जिंदगी भर के लिए अंधे हो जाओगे

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साहूकार ने साधु से कहा आप ही मेरी एक आंख से इसे लगा दो उसने मेरी एक आंख पर लगा दी अब मुझे बहुत सारी खजाने भरी गुफाओं का रास्ता दिखने लगा मैंने सोचा यह साधु झूठ बोल रहा है दूसरी आंख पर लगाने से और सोना चांदी मिलेगा मैं लालच में इतना अंधा हो चुका था कि और कुछ मुझे दिखाई नहीं दे रहा था, साधु ने साहूकार को बहुत रोका लेकिन वह नहीं माना और बार-बार जिद करने लगा अब साधु ने उसकी उल्टी आंख पर वह डिब्बे लगा दी जिससे उसकी वह हमेशा के लिए अंधा हो गया साहूकार चिल्लाने लगा साधू सारे के सारे ऊंट लेकर चला गया

 

Real story in hindi, Stories for kids in hindi, साहूकार अंधा हो चुका था उसे ऊंट के जाने की आवाज सुनाई दी वह चिल्लाया रोया इधर उधर घूमने लगा पर उसकी आवाज सुनने वाला कोई नहीं था कुछ दिन बाद वहां से कुछ आदमी गुजरे उन्होंने उसको उसके घर बताए पते पर पहुंचा दिया वहां जाकर वह खूब रोया और भीख मांगने लग गया अगर साहूकार का लालच ना करता तो वह आज सुखी जीवन जी रहा होता.

 

गिलहरी के लालच की मोरल हिंदी कहानी :- Stories for kids in hindi

हमे जीवन में लालच नहीं करना चाहिए, क्योकि अगर हम ऐसा करते है.

इससे हमारे जीवन में समस्या भी आ सकती है. यह कहानी एक गिलहरी की है.

वह गिलहरी लालच में आ जाती है. उसके बाद वह बहुत बड़ी समस्या में आती है.

उसका दोस्त चूहा उसकी मदद करता है. यह उस दिन की बात है.

जब वह आदमी उस गिलहरी को पकड़ना चाहता था.

इसलिए वह उस गिलहरी को पकड़ने के लिए आगे बढ़ता है.

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लेकिन वह गिलहरी बच जाती है. उसके बाद वह उस गिलहरी को पकड़ने के लिए जाल बिछा देता है.

उसके बाद कुछ मूंगफली भी रख देता है. उसके बाद वह चला जाता है.

कुछ समय बाद गिलहरी आती है.

उस मूंगफली को खाती है. उस जाल में आ जाती है.

उसके बाद वह बाहर नहीं आती है.

कुछ समय बाद उसका दोस्त चूहा आता है.

वह देखता है. गिलहरी फंस जाती है.

उसके बाद चूहा कहता है. तुम यहां पर आकर फंस गयी हो.

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उसके बाद वह गिलहरी कहती है. मुझे यह लालच आ गया है. उसके बाद में यहां पर फंस गयी हु. लेकिन उसका दोस्त चूहा कहता है. तुम्हे लालच नहीं करना चाहिए था. उसके बाद वह चूहा कहता है. तुम्हे में यहां से निकाल देता हु. उसके बाद वह चूहा बचा लेता है. लेकिन वह सबक देता है. तुम्हे कभी भी लालच नहीं करना चाहिए. अगर तुम लालच करते हो. इससे तुम्हारे जीवन में मुसीबत आ सकती थी. इसलिए उस दिन के बाद वह गिलहरी लालच से दूर रहती है. अगर आपको यह Real story in hindi, Stories for kids in hindi पसंद आयी है. शेयर जरूर करे.

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