kids story in hindi | kids hindi story
रत्नावली का साहस : kids story in hindi, child story in hindi, kids hindi story, गुजरात जिले के एक गांव में रत्नावली अपने माता-पिता के साथ रहती थी वह बहुत सुंदर और सुशील थी सभी से मिलकर रहती थी पढ़ने में भी ठीख और घर के काम में अपनी मां की सहायता करते थे और घर बाहर सभी लोग उसकी बड़े ही तारीफ करते थे.
रत्नावली का साहस : kids story in hindi
हर रोज की तरह रत्नावली स्कूल से वापस आकर अपनी मां के काम में सहायता कर रही थी फिर कोई से पानी लेने के लिए जैसे ही बाहर निकले उसकी छोटी बहन शिवानी उसके पीछे पीछे चल पड़े रत्नावली ने 4 साल की शिवानी को अपने साथ ना चलने के लिए बहुत समझाया but वह नहीं मानी और जिद करने लगे कि वह भी रत्नावली के साथ कुए तक जाएगी कुए पर पहुंचकर रत्नावली को ऐसे रस्सी के सहारे पानी ऊपर चलाने लगी उसके पीछे जाकर उसकी बहन खड़ी हो गई और जैसे ही पानी का बर्तन उठा कर पीछे की ओर मुड़ी वैसे ही पीछे खड़ी नन्ही सी शिवानी कुएं में गिर गई
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कुआं करीब 35 फूट गहरा था अचानक छोटी बहन को कुएं में गिरता देख रत्नावली के होश उड़ गए वह जोर जोर से चिल्लाने लगी आस पास कोई भी नहीं था और जो उसकी सहायता कर सके रत्नावली के लिए एक एक पल भारी हो रहा था शिवानी को बचाने के लिए वह स्वयं ही कुएं में कूदना चाहती थी उसने बहुत कोशिश की but कुएं में नहीं कूद पाई पर उसने हिम्मत नहीं आ रही और कुएं में छलांग लगा दी छलांग लगाते ही वह कुएं में नीचे पहुंचे जहां उसकी बहन डूबने वाली थी उसने अपनी बहन को ऊपर उठा लिया और कुएं में से बाहर निकलने के लिए कोशिश करने लगी इधर जा बहुत देर तक वह दोनों बहने घर ना लौट सकी तो उसकी मां चिंता करने लगी कि पता नहीं मेरी बेटी अभी तक क्यों नहीं आई
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कुएं के पास पहुंची और देखा रत्नावली आवाज लगा रही थी कोई सहायता करो हुए मैं जाकर उसने दोनों बेटियों को देखा तो पास के खेतों में काम कर रहे लोगों को बुला, उन सब ने कोशिश की और दोनों बेटियों को कुएं से बाहर निकाल लिया दोनों को सही सलामत देखकर माँ रोने लगी और उन्हें प्यार करने लगी और बड़ी बेटी रत्नावली को बहुत सारी आशीर्वाद दिया वहां जितने भी लोग खड़े थे सभी ने रत्नावली के साहस की तारीफ की कि उसने अपनी जान की परवाह न करते हुए अपनी बहन की जान बचाई और कुएं में कूद गई Because कुएं में कूदना आसान नहीं था जो बहादुर होता है यह उसी का काम हो सकता है
समाचार पत्रों में रत्नावली की तारीफ के फोटो छपे और उसे इनाम भी मिला 26 जनवरी को बच्चों के साथ हाथी की सवारी की और प्रधानमंत्री ने भी उसको इनाम दिया उस समय वह बड़ी खुश थी Because उसने ना सिर्फ अपने माता-पिता का नाम रोशन किया बल्कि अपने जिले का नाम भी रोशन किया था हम सबके अंदर साहस होता है but हम में से किसी ने मैं भी उसे बाहर निकालने की हिम्मत नहीं होती हमें सबको साहस से काम लेना चाहिए
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एक गांव में एक बुढ़िया रहती थी 1 दिन उसे एक फकीर में एक दीपक देते हुए कहा बुढ़िया माई यह बहुत ही चमत्कारी दीपक है आंगन को लीप कर उसके बीच में इस दीपक को रखकर उसके इस दीपक के सामने हाथ जोड़कर जो भी मांगोगे वह मिलेगा but इस दीपक की एक बात ही अजीब है कि तुम जो भी मांगोगे उसका दुगना तुम्हारे पड़ोसी को मिल जाएगा इसलिए इस बात का ध्यान रखना बुढ़िया खुशी खुशी उस दीपक को घर ले आई वह बड़ी ही खुश हो रही थी उसने आंगन के बीच में दीपक पर रखकर कहा है
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चमत्कारी दीपक मेरे घर का एक कमरा पैसों से भर दो अगले दिन देखा तो गु बुढ़िया के घर का एक कमरा पैसों से भरा था बुढ़िया अपने को रोकना सकती है और इस घटना को बताने के लिए वह पड़ोसी के घर भाग गई but उसने देखा उधर से पड़ोसी उसे जोर से भगा हुआ आ रहा है और बोला पप्पू की मां पता नहीं आज क्या हो रहा है हमारे घर के दो कमरे रुपयों से भर गए हैं बुढ़िया को यह बात सुनकर बहुत दुख हुआ उसने सोचा कि मैं दीपक मेरा और इसका लाभ पड़ोसी उठाय यह नहीं हो सकता वह सिर्फ दीपक के पास गई और हाथ जोड़कर बोली है चमत्कारी दीपक महाराज मेरी एक आंख और एक हाथ तोड़ दो तुरंत बुढ़िया की एक आंख चली गई और उसका एक हाथ और एक पैर टूट गया but बुढ़िया बड़ी खुश हो रही थी Because पड़ोसी की दोनों आंखें दोनों पैर और दोनों हाथ टूट चुके थे पड़ोसी अंधा और अपाहिज हो गया था
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परंतु बुढ़िया बहुत खुश थी इसीलिए कहते हैं कि ईष्र्या आदमी से कुछ भी करा लेती है हम जिससे नफरत करते हैं उसका भला नहीं सोच सकते और हम यह भी नहीं सोचते कि हमारा भी कितना बुरा होगा. रत्नावली का साहस, kids story in hindi, hindi kids story, अगर आपको यह कहानी पसंद आयी है तो आगे भी शेयर कर सकते है और कमेंट करके हमे भी बता सकते है.
अपनी सोच बदले किड्स कहानी : child story in hindi
वह आदमी अपने घर के बाहर खाना खा रहा था तभी उसने देखा कि एक बूढ़े बाबा उसके पास आ गए हैं और वह खाने को मांग रहे हैं वह आदमी उन्हें खाना नहीं देता और कहता है कि यह तुम्हें यहां से चले जाना चाहिए तुम् सभी को परेशान करते हो यह बात मुझे पसंद नहीं है वह बूढ़े बाबा वहां से चले जाते हैं उसके बाद उस आदमी की पत्नी आती है और कहती है कि यह हर रोज मांगने आ जाता है मुझे यह पसंद नहीं है
आदमी कहता है कि मैं इससे बहुत बार मना कर चुका हूं but यह किसी की भी सुनता नहीं यार हर रोज यहां पर आ जाता है यह सब कुछ दूर खड़े हुए साधु बाबा देख रहे थे वह उनके पास आते हैं और कहते हैं कि मुझे भिक्षा चाहिए तभी उसकी पत्नी कहती है कि आप यहां पर रुकिए मैं आपके लिए कुछ लेकर आती हूं वह साधु बाबा कहता है कि मुझे तुम्हारी यह आदत बिल्कुल भी पसंद नहीं है तुम उस बूढ़े आदमी को खाना नहीं दे रहे हो जबकि मैंने भिक्षा मांगी तो तुम मेरे लिए खाना ला रहे हो
तभी वह आदमी कहता है कि यह हर रोज यहां पर आ जाता है इसलिए हमें यह पसंद नहीं है तभी साधु बाबा जी कहते हैं कि ऐसा नहीं सोचना चाहिए उसे भूख लग रही है तभी तो वह यहां पर आया है और उसे उम्मीद है कि तुम उसे खाना दे दोगे शायद यही कारण है कि वह आपके पास आता है मुझे नहीं लगता है कि अब वह आपके पास आएगा Because आपने उसे साफ साफ मना कर दिया उसे लग रहा है कि मुझे यहां से कुछ भी नहीं मिलने वाला है वह आदमी साधु बाबा की बातें सुनता है
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वह समझ जाता है कि उससे बहुत बड़ी गलती हुई है और जिसे भूख लग रही है अगर हम उसे खाना नहीं देंगे तो शायद यह हमारे लिए अच्छा नहीं होगा उस दिन के बाद उस आदमी की सोच बिल्कुल बदल गई थी और उसके बाद वह इस बूढ़े आदमी को हर रोज खाना दिया करता था जीवन में परेशानी किसके सामने नहीं आती सभी लोग परेशान होते हैं but उन परेशानियों को दूर किया जा सकता है दूसरों का भला भी किया जा सकता है अगर आप अपनी सोच को थोड़ा सा बदलने की कोशिश करते है, तो यह सब कुछ हो सकता है, अगर आपको यह तीनो कहानी kids story in hindi, child story in hindi पसंद आयी है तो आप शेयर कर सकते है
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