हीरे की सच्ची परख की हिंदी कहानी, hindi kids story

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Hindi kids story | Motivational stories hindi

Hindi kids story, एक बार की बात है एक मंदिर में एक महान संत अपना प्रवचन दे रहे थे तभी एक आदमी वहां आकर बैठ गया और उनका प्रवचन सुनने लगा उसे उस महात्मा जी की सारी बातें बड़ी अच्छी लगी और बोला महाराज मैं बहुत खुश हूं मैंने बहुत से साधु महात्मा देखे और उनके प्रवचन सुने लेकिन जो शांति आज मुझे आपके प्रवचन सुनकर मिल गई है वह मुझे कभी नहीं मिली

हीरे की सच्ची परख की हिंदी कहानी :- Hindi kids story

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महात्मा बोले हमारा तो काम ही है अच्छी अच्छी बातें बताना यहां मेरा 7 दिन तक वचन होगा अगर तुम चाहो तो रोज आ सकते हो यह आदमी बड़ा खुश हो गया और बोला महाराज का भजन लिखता हूं और गाता भी हूं अगर आपकी कृपा हो और आज्ञा हो तो मैं आप के प्रवचन के बाद भजन गा सकता हूं

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महात्मा जी बोले मुझे मुझे इस बात पर कोई भी संदेह नहीं आप भजन कर सकते हो इससे तो और अच्छा रहेगा अगले दिन महात्मा जी के प्रवचन के बाद उस आदमी ने भजन गाया भजन इतना अच्छा गाया कि जितने भी वहां पर औरत और आदमी बैठे थे सब के चेहरे खिल उठे मानो उसके भजन में सरस्वती मां खुद विराजमान हो उसका गला बड़ा ही सुरीला था और वह बहुत अच्छा भजन सुनाता था

धीरे-धीरे मंदिर में लोगों की भीड़ बढ़ने लगी सभी उसका प्रवचन सुनने लगे लेकिन दो-तीन दिन के बाद एक एक आदमी  ने महात्माजी से कहा महात्मा जी यह जो आदमी यहां आकर भजन गाता है यह अच्छा नहीं है क्योंकि धीरे धीरे लोग बीच कम होते जा रहे हैं

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पहले तो खूब लोग आते थे पर धीरे-धीरे कम होते जा रहे हैं क्योंकि यह आदमी अच्छा नहीं है यह यहां भजन गाता है और शाम को शराब पीता है मांस खाता है महात्मा जी मुस्कुराहट और बोले पर बहुत अच्छा है उसका दिल भी बहुत अच्छा है और मुझे क्या चाहिए

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मुझे इस से कोई मतलब नहीं कि यहां से जाने के बाद क्या करता है उस आदमी का नाम अमीचंद था अगले दिन महात्मा जी का प्रवचन खत्म हो गया और उसने सबको भजन गाकर बड़ा ही आनंद दिया महात्मा जी बोले तुमने बड़ा ही अच्छा भजन गाया है तुम कल फिर सुबह आना तुम्हारे अंदर सरस्वती जी वास करती है तुम्हारा गला कितना मीठा है

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अमीचंद को ऐसे लगा कि पहली बार किसी ने उसकी इतनी तारीफ की है

उसे लगा मानो उसे संजीवनी बूटी मिल गई हो उसने पहली बार ऐसा सोचा कि

उसके अंदर भी कुछ बोल है जिसे वह अब तक पहचान नहीं पाया था

वह बड़ा खुश हुआ और और अपने घर चला गया

घर जाकर उसने अपनी शराब की सारी बोतलें छोड़ दी और अपनी पत्नी से कहा

आज से हमारे घर में मांस मछली कभी नहीं बनेगी और मैं अब से ना ही किसी को सताऊंगा

नहीं परेशान करूंगा और ना ही कोई गलत काम करूँगा अब मुझे पता चला है

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कि पहले तो मैं कीचड़ में था पर किसी ने मुझे कीचड़ में से निकाल कर हीरा बना दिया है मैं वह कमल बनवा जो कीचड़ में खिलता है लेकिन सबसे अच्छा और सुंदर होता है अमीचंद के इस बदलते व्यवहार से उसकी पत्नी बड़ी खुश हुई थी धीरे-धीरे वह परोपकारी मनुष्य बन गया और अपनी सारी मेहनत भजन गाने और अच्छे अच्छे काम करने में लगा दी

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अमीचंद का एक भजन आज मिलकर गीत गाओ उस प्रभु को धन्यवाद आज बीच प्रार्थनाओं और उत्सव में गाया जाता है  अमीचंद को उस मंदिर महात्मा ने पहचान लिया क्योंकि हीरे की सही परख तो जोहरी ही कर सकता है और अमेजन वह हीरा था जिसे चमकना था और अपना नाम रोशन करना था

महाजन की कंजूसी

hindi kids story, motivational stories hindi, हम सब में कुछ गुण जरूर होते हैं बस जरूरत है कि कोई हमारे उस गुण को पहचान कर हमें बता दे ताकि हम अपने जीवन में सफलता हासिल कर सके और अपने जीवन में आगे बढ़ सके.

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