hindi ki kahaniya | इंसानियत की कहानी | hindi kahani

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Hindi ki kahaniya | Hindi kahani

इंसानियत की कहानी, Hindi ki kahaniya, यह बात एक बहुत ही बड़े महान आदमी ने सच ही कही थी  कि जो आज की दुनिया में जो कुछ नहीं करता है असल में दुखी वही व्यक्ति है जो लोग कुछ ना कुछ करते रहते हैं अपने काम को बढ़ावा देते हैं और उसे बढ़ाने की सोच लाते हैं  तो लोग उसी में ही कोई ना कोई कमियां निकालते रहते हैं

Hindi ki kahaniya | इंसानियत की कहानी

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hindi ki kahaniya, hindi kahani

उसके गुणों को नहीं अब गुणों को बड़ा चढ़ा कर कहते हैं जिससे कि उसका मन निराश हो जाता है और यही कारण है कि वह दुखी रहता है  आज की दुनिया बहुत ही बदल सी गई है आज ईमानदार व्यक्ति इतना सुखी नहीं है कि जितना आज झूठ-फरेब बोलने वाले इंसान ज्यादा फल फूल रहे हैं ईमानदारी  को तो अब लोग मूर्खता का ही परिणाम  समझ रहे हैं  क्योंकि यह झूठ फरेब की दुनिया बढ़ती ही जा रही है अगर देखा जाए तो इमानदारी  सिर्फ आज मन में ही है

समय अधिक बलवान है

अगर आप लोग बाहर इमानदारी दिखाएंगे तो लोग उसका कुछ और ही मतलब निकाल लेंगे पर जहां पर झूट लोग रहते हैं वहां पर इमानदारी भी कहीं ना कहीं छिपी हुई है एक बार की बात है कि मैं एक बस में सफर कर रहा था बस वाले का किराया 10 था और गलती से मैंने सो रुपए उसे दे दिया और मुझे भी याद नहीं रहा कि मैंने कितने रुपए दिए हैं और बस वाला टिकट देकर मुझे   ओर लोगों को टिकट देने के चला गया थोड़ी देरी बाद वह मेरे पास आया और बोला कि आपने भी ध्यान नहीं दिया और मैंने भी ध्यान नहीं दिया आपने मुझे सो रुपए दिए थे जबकि टिकट 10 का था यह लीजिए आपके  90 रुपए

भविष्य की चिंता की कहानी

मैं नहीं देखा और चकित रह गया कि देखो आज भी ईमानदार आदमी हर दुनिया में कहीं ना कहीं है शायद यह कहना गलत होगा कि इमानदारी पूरी तरह से खत्म हो गई है ऐसा नहीं है आज भी कुछ लोग इमानदारी  से जी रहे हैं ऐसा ही एक किस्सा हो रहा जा रहा है कुछ समय पहले की बात है कि बस में सफ़र किया जा रहा था और रात के तकरीबन 11:00 बजे होंगे एक सुनसान सी जगह बस सच जाकर कुछ दूरी पर खराब हो गई

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रात का समय जानकर सभी यात्री घबराने लगेगी यह बस खराब हो गई हो सुनसान सा इलाका यहां पर मदद कैसे मिलेगी थोड़ी देर बाद ही कंडक्टर बस से उतर गया और कुछ मदद लेने के लिए वहां से चला गया बस में बैठे व्यक्ति सभी तरह की बातें करने लगे कि कहीं ऐसा तो नहीं है यह हमें धोखा दे रहा है क्या कहीं पर जाकर किसी को बोला लाएगा क्योंकि यह इलाका आजकल चोरी वगैरह यहां पर होती हैं बस मैं कुछ बच्चे महिलाएं और यात्री सभी डरे हुए थे सबको लग रहा था कि कहीं हमारे साथ कोई हादसा ना हो जाए

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 लोगों को लग रहा था कि अब इस ड्राइवर को हमें पीटना चाहिए कि कहीं यह हमें धोखा तो नहीं दे रहा है क्या हमारे साथ कोई बुरा तो नहीं होने वाला और सब का मन यही करने लगा कि इस से पूछ लेना चाहिए क्योंकि उसका साथी तो निकल गया है उधर बस में कुछ लोग बड़े परेशान थे कि अब क्या होगा उधर बच्ची चिल्ला रहे थे उन्हें शायद प्यास लगी हुई थी महिलाएं भी सभी घबराई हुई थी उन्हें भी लग रहा था कि कहीं कुछ है ऐसा ना हो जाए रात का समय है और बस भी ऐसी खराब हुई है कि ना इधर कोई दिखाई दे रहा है ना उधर कोई दिखाई दे रहा है

 

सभी लोगों ने ड्राइवर को नीचे उतार लिया बस कुछ बातें करने लगे कि तुम्हारा साथी कहां गया है काफी देर हो गई लोग भी इंतजार करते रहे उन्हें भी डर था कि कहीं कुछ हादसा ना हो जाए अगर कंडक्टर भी गायब हो ड्राइवर कह रहा था वह मदद लाने के लिए गया है जल्दी लौट आएगा आप घबराइए नहीं पर लोगों का व्यवहार कुछ बदला सा नजर आ रहा था उनके तो दिमाग में बस यही था कि कहीं यह धोखा तो नहीं

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कहीं यह हमें लूटने की कोई साजिश तो नहीं हो रही पर ऐसा कुछ नहीं हुआ कुछ देर बाद कंडक्टर किसी को अपने साथ ले आया शायद वह बस को ठीक करने वाला ही था और वह बस के नीचे चला गया अपने औज़ारो से बस को ठीक करने लगा सभी लोगों को अपने पर पछतावा होने लगा कि हम क्या सोच रहे थे कि हम इस पूछना चाहते थे हमें लग रहा है तो कि आज इसी की वजह से सब कुछ होने वाला पर ऐसा कुछ नहीं हुआ

समस्या दूर हुई नयी हिंदी कहानी

आज भी कहीं ना कहीं इंसानियत (Humane hindi ki kahaniya) बची हुई है सभी लोगों में आज कहीं ना कहीं सच्चाई छुपी हुई है दया की भावना आज भी है तो कैसे कहें कि आज ईमानदारी खत्म हो गई है नहीं ईमानदारी  आज भी है बस उसे पहचानने की थोड़ी सोच हमें चाहिए. अगर इंसान में दया की भावना बनी रही तो किसी को भी कभी परेशानी नहीं होगी यही तो हमारी ईमानदारी  है जिससे सभी लोगो की समस्या दूर की जा सकती है यह कहानी हमे यही बताती है जीवन में हमेशा ईमानदार  होना चाहिए, इंसानियत की कहानी, hindi ki kahaniya, (hindi kahani), अगर आपको यह बात अपने जीवन में अपनाते है तो इससे जीवन में आने वाली परेशानी भी कम हो सकती है, अगर आपको यह कहानी पसंद आयी है तो शेयर जरूर करे 

Hindi ki kahaniya :- बूढी महिला की मदद की हिंदी कहानी 

यह एक बूढ़ी महिला की कहानी है जो कि सड़क के किनारे पर बैठी हुई कुछ फल बेच रही थी लेकिन कोई भी उस से फल नहीं ले रहा था उसके पास बहुत ही कम मात्रा में फल रखे हुए थे शायद इसी वजह से कोई भी फल लेने के लिए तैयार नहीं था क्योंकि उसके पास बहुत सारे फल नहीं थे उसी दिन मैं और मेरा दोस्त दोनों उसी रास्ते से होते हुए जा रहे थे तभी हमारी नजर उस बुढ़िया पर गई जो कि फल बेच रही थी

 

उसके पास कुछ फल रखे थे शायद वह उन्हें बेचना चाहती थी क्योंकि उसे धन की आवश्यकता हो सकती थी जब मैं उस बुढ़िया के पास पहुंचा और उसके फल देखने लगा तो बढ़िया कहने लगी कि मेरे पास आज बहुत अधिक फल नहीं है जिसके कारण कोई भी मेरे फल ले नहीं रहा है मुझे पैसों की जरूरत है लेकिन कोई भी मेरे फल खरीदने के लिए तैयार नहीं है मेरे पास खाने के लिए भी पैसे नहीं है यह थोड़े से फल बचे हैं अगर तुम ले जा सकते हो तो इससे मेरी मदद हो जाएगी

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बूढ़ी महिला की बात सुनकर ऐसा लग रहा था शायद वह बहुत ही परेशान है इसलिए वह फल बेच रही है और उसके पास बहुत ही कम फल है उसकी मदद करने के लिए मैंने उससे फल लेने चाहे लेकिन मेरे दोस्त ने कहा कि मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए क्योंकि उस बुढ़िया के फल ठीक नहीं लग रहे हैं इसलिए कोई उन्हें खरीद नहीं रहा है हमें भी वह फल नहीं लेनी चाहिए लेकिन मुझे अपने दोस्त की बात ठीक नहीं लग रही थी उस बुढ़िया को मदद की आवश्यकता थी और वह मदद सिर्फ फल बेचकर ही लेना चाहती थी

उन दोनों की मदद मोरल कहानी

मैंने अपने दोस्त को समझाया और कहा कि मुझे उस से फल लेनी चाहिए क्योंकि इससे उसकी मदद हो जाएगी और शायद मुझे भी अच्छा लगेगा तुम्हें शायद यह बात पसंद नहीं आएगी लेकिन मैं फल इसलिए नहीं ले रहा हूं कि मुझे उनकी आवश्यकता है बल्कि इसलिए ले रहा हूं जिससे कि उस बुढ़िया को मदद मिल सके और वह अपने खाने की व्यवस्था कर पाए मेरी बात सुनकर मेरा दोस्त कहता है कि अगर तुम्हें यह ठीक लग रहा है तो तुम यह कर सकते हो

मेरे जीवन का निर्णय प्रेरणादायक हिन्दी कहानी

मैंने उस बढ़िया से फल लिए और उसे पैसे दे दिए जबकि उसके पास खुल्ले पैसे नहीं थे फिर भी मैंने उससे खुल्ले पैसे नहीं मांगे और कहा कि जब तुम्हारे पास होंगे तब दे देना उसके बाद हम दोनों बातें करते हुए आगे बढ़ गए मेरे दोस्त ने पूछा कि क्या हमारी यह मदद ठीक रहेगी इस तरह तो हम सभी की मदद नहीं कर पाएंगे आज जो तुमने किया मुझे नहीं लगता कि ठीक है

देखने का नजरिया एक हिंदी कहानी

कल को कोई और भी ऐसा करेगा तो हम उसकी समस्या सुनकर उसका समाधान तो नहीं कर पाएंगे उसकी बात सुनकर मैंने उसे यही कहा कि जितना हम से हो सकता है हम कर सकते हैं हमें किसी लालच की नहीं है हमें सिर्फ मदद करनी है अगर हमारी छोटी सी मदद किसी के काम आ सकती है तो हमें वह करनी चाहिए 

 

सेठ की इंसानियत की हिंदी कहानी :- Hindi ki kahaniya

“इंसानियत” की बाते सभी करते है मगर क्या बाते करने से कुछ होता है जब तक हम उन बातो को अपने जीवन में नहीं अपनाते है, तब तक वह सभी बाते बेकार है, वह सेठ देखता है सभी मजदूर काम कर रहे है, उन मजदूर में एक लड़का भी काम कर रहा था, शायद उसकी तबियत खराब थी लेकिन वह काम करने आया था, उसे पता है, की अगर वह काम नहीं करेगा तो शायद उसके परिवार में किसी को खाना नहीं मिल पायेगा, वह सेठ सभी को देखता है

में अब बूढ़ा हो गया हू नयी कहानी

क्योकि वह जानना चाहता है की सभी काम कर रहे है या नहीं, तभी वह सेठ देखता है की वह लड़का काम नहीं कर पा रहा है वह सेठ उसके पास जाता है वह कहता है की अगर तुम्हे काम नहीं करना है तो तुम मुझे बता सकते हो लेकिन तुम आये भी हो और काम भी नहीं कर रहे हो वह लड़का कहता है की आप चिंता न करे में जल्दी ही इस काम को पूरा कर दूंगा वह सेठ कहता है की काम करो या यहां से जा सकते हो, वह सेठ कहकर चला जाता है, वह लड़का काम करना चाहता है मगर उससे यह काम नहीं हो रहा था,

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क्योकि वह बीमार हो गया था, सेठ की नज़र फिर से उस लड़के पर जाती है, वह लड़का उसे बैठा हुआ मिलता है, वह लड़के के पास जाते है, उसका हाथ पकड़ता है वह सेठ कहता है की तुम्हे तो बुखार है फिर भी तुम काम पर आये हो जबकि तुम्हे यहां पर नहीं आना चाहिए वह सेठ लड़के को डॉक्टर के पास ले जाता है उसका इलाज करवाता है उसके बाद उसे दवाई मिलती है, वह लड़के घर के घर जाता है उसे आराम करने को कहता है यह देखकर लड़के के घर वाले कहते है की आप में “इंसानियत” है,

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आप हमारे घर में आये है उसे दवाई दी है आप महान हो वह सेठ कहता है की ऐसा नहीं है, हम सभी इंसान है इंसान ही इंसान के काम आता है मेने कुछ नहीं किया है यह सुनकर लड़का कहता है की आप हमारे लिए बहुत कुछ कर रहे है, सेठ के काम के बारे में जब सभी मजदूर को पता चला तो सभी ने सेठ के बारे में यही कहा की उनमे आज भी “इंसानियत” है, क्योकि वह सभी की मदद करते है अगर आपको यह hindi ki kahaniya पसंद आयी है, तो शेयर जरूर करे

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