Hindi kahani | kahani in hindi
Hindi kahani, एक गांव में एक धनवान व्यापारी रहता था लोगों को ब्याज पर पैसे देता था और अपना व्यापार करता था यही उसका काम था यह धनवान जब भी किसी को ब्याज देता था तो कोई भी व्यक्ति उसका पूरा ब्याज नहीं दे पाता था क्योंकि उस का ब्याज ही बहुत ज्यादा था
एक धनवान व्यापारी हिंदी कहानी :- Hindi kahani
Hindi kahani, अगर एक बार आदमी ने उधार ले लिया तो जीवन भर उसी धनवान व्यक्ति का वह कर्जदार ही रहता था जब भी किसी को जरूरत होती थी तो वह वह व्यक्ति ही धनवान के पास जाता था वह धनवानों से ब्याज के पैसे दे दिया करता था, इस तरह धनवान और धनवान होता ही जा रहा था कुछ लोगों का तो खेती और जायदाद भी उसी धनवान के यहां पर गिरवी रखी हुई थी पर लोग क्या करते थे कि अभी जरूरत होती थी तो उसी धनवान के पास लोग जाया करते थे वह उनकी मजबूरियां को देखकर ही उधार पैसे देता था और आदमी मजबूरी में ओर कहां जा सकता है
उस धनवान से कुछ रुपया उधार :-
उस धनवान के सामने एक झोपड़ी थी जिसमें एक रामू नाम का व्यक्ति रहता था, रामू और उसकी पत्नी दोनों ही उस झोपड़ी में रहते थे 1 दिन गांव में ऐसी समस्या खड़ी हो गई, कि सब जगह अकाल पड़ गया और सभी को जरुरत आन पड़ी रामू ने अपनी पत्नी से कहा कि हमें भी उस धनवान से कुछ रुपया उधार ले लेना चाहिए जिससे कि हमारा गुजर बसर हो जाए पर रामू ने सोचा कि कुछ दिन और इंतजार कर लिया जाए ऐसा करते करते काफी दिन बीत चुके थे लेकिन कोई और समाधान रामू के सामने नहीं था
तो रामू ने सोचा कि चलकर उस धनवान से कुछ उधार ले ही लिया जाए फिर राम और धनवान के पास चला गया रामू सेठ के पास गया और कहा कि मुझे आपसे कुछ उधार चाहिए धनवान सेठ ने कहा कि मैं समझ सकता हूं कि गांव में अकाल पड़ा है वह सभी को जरूरत आन पड़ी है और तुम मेरे घर के सामने रहते हो मैं समझ सकता हूं कि तुम्हें पैसे की बहुत जरूरत है तो मैं तुम्हें उधार देने के लिए तैयार हूं
सेठ जी का धन्यवाद किया :-
धनवान सेठ ने कहा कि मैं तुम्हें तभी उधार दे पाऊंगा जब तुम अपना घर मेरे यहां पर गिरवी रखोगे जब तुम मेरा उधार चुका दोगे तो मैं तुम्हारे घर मैं वापस कर दूंगा अगर नहीं चुका पाए तो वह घर मेरा हो जाएगा पर वो धनवान सेठ यह जानता था कि रामू मेरा उधार कभी नहीं चुका पाएगा इसीलिए उसने बहुत सारी शर्तें उसके सामने रखी और फिर रामू को उधार दे दिया हो रामू ने सेठ जी का धन्यवाद किया और वहां से चला गया
रामू के घर के पास एक पीपल का पेड़ था रामू हर रोज पानी दिया करता था कोई भी परेशानी रामू को लेकिन वह पानी देना बिल्कुल भी नहीं छोड़ता था पर रामू को इस बात की बिल्कुल भी खबर नहीं थी किस पीपल के पेड़ के पास एक भूत रहता था और वह रामू को रोज पानी दिए हुए देखता था और कभी-कभी तो वह भूत उस पानी को पीता भी था जो रामू पीपल के पेड़ में दिया करता था ऐसे चलते हुए काफी दिन बीत गए और अब उधार चुकाने का भी वक्त बहुत नजदीक आ रहा था
काफी दिन बीत गए :-
फिर अगले दिन वह सेठ रामू के घर आया और कहा कि काफी दिन बीत गए हैं तुमने मेरा उधार भी नहीं चुकाया अब तुम्हें यह घर है खाली करना होगा रामू ने कहा कि सेठ जी मुझे कुछ दिन और दे दीजिए आप तो जानते हैं कि हमारी हालत कितनी मंदी चल रही है अगर आप समय मुझे दे देते हैं तो इससे मैं आपका उधार भी चुका दूंगा हमें अभी बहुत परेशानियां हैं धनवान सेठ से रामू ने सब बातें कही फिर एक शर्त रखी कि ठीक है मैं तुम्हें समय दे देता हूं
लेकिन मेरी एक शर्त है कि तुम इस घर में दिन में नहीं रहोगे
सिर्फ रात में ही रहोगे दिन भर आप चाहे कहीं भी वक्त बिता दें
लेकिन आपको बस रात के लिए ही यह घर में दूंगा अगर यह शर्त आपको मंजूर है
तो ठीक है नहीं तो मेरा उधार चुका दो या फिर इस घर को छोड़ कर चले जाओ
फिर यह सारी समस्या वह पीपल के पेड़ पर बैठा भूत देख रहा था
वह सोच रहा था कि देखो जो सबकी मदद करता है आज वो कितनी परेशानी में है
मुझे उसकी मदद करनी चाहिए फिर उस भूत ने रात को ही
एक के पोटली में बहुत सारा रूपया भर्खर नीचे गिरा दिया क्योंकि वह जानता था कि
रामू अगली सुबह उस पेड़ पर पानी जरूर देने आएगा
यह सारा धन हमें दिया है :-
फिर रामू अगले दिन सुबह उठा और पीपल के पेड़ में पानी देने के लिए गया रामू ने देखा की पोटली में बहुत सारा धन उस पेड़ के नीचे रखा हुआ है फिर रामू ने देखा कि धन बहुत सारा रखा हुआ है और कहा कि भगवान ने हमारी मदद के लिए ही यह सारा धन हमें दिया है धन को लेकर अपने घर पर गया और अपनी पत्नी को दिखाया कि अब हमारे दुख के दिन बीत गए हैं और फिर रामू और उसकी पत्नी धन लेकर व्यापारी के पास गए फिर व्यापारी आया और कहा कि क्या बात है दोनों के दोनों साथ में ही आए हुए हो
राम ने कहा कि मैं आपका उधार चुकाने आया हूं सेठ जी आप धन ले लीजिए और हमारा घर वापस कर दीजिए सेट ने सोचा कि इतने कम समय में यह मेरा उधार कैसे चुका सकता है जरूर कोई ना कोई ऐसी बात है जो मुझे नहीं पता लग रहे हो और इसके पास इतना सारा धन इतनी जल्दी कैसे आ गया कुछ तो पता लगाना चाहिए लेकिन व्यापारी को बहुत ही गुस्सा आ रहा था कि यह मैं घर वापिस नहीं कर सकता क्योंकि बड़ी मुश्किल से वह घर उसे मिला था व्यापारी ने कहा कि मैं घर वापस नहीं दूंगा क्योंकि कल ही मैंने तुमसे वह घर ले लिया था
तुम्हारा घर वापस नहीं करूंगा :-
अब तुम चाहे कितना भी रुपया पैसा दो मैं तुम्हारा घर वापस नहीं करूंगा राम ने कहा कि
आप उस घर का क्या करेंगे आप उसमें ज्यादा दिन रह भी नहीं सकते हैं
फिर उस धनवान व्यापारी ने कहा कि मैं तुम्हारा घर वापस नहीं करूंगा
तुम यहां से चले जाओ कहां से रामू और उसकी पत्नी वापस घर आ गए यह सब चीजें हैं
वह भूत जो पीपल के पेड़ के पास बैठा था सब कुछ देख रहा था
फिर उस बहुत ने सोचा कि मुझे रामू की मदद करनी चाहिए
उसका घर उसे वापस दिलाना चाहिए
फिर एक दिन व्यापारी जैसे ही कहीं जा रहा था
तो घर भी उसके साथ साथ चलने लगा व्यापारी को बहुत डर लगा कि घर उसके पीछे कैसे जा सकता है
व्यापारी दौड़ने लगा तो घर भी उसके पीछे पीछे ही दौड़ने लगा
जब दौड़ते-दौड़ते बहुत देर हो गई तो वह व्यापारी उसी पीपल के पेड़ के नीचे बैठ गया
जहां पर रामू पानी दिया करता था जागो सेठ उस पेड़ के नीचे आराम कर रहा था
तो ऊपर से पत्थरों की बरसात होने लगी और ऊपर देखा कि पत्थर कौन फेंक रहा है
ऊपर सेठ को कोई भी नहीं दिखाई दिया
उस धनवान सेठ ने कहा :-
फिर ऐसे ही करते हुए सेठ को काफी दिन बीत गए और वह घर भी सेट कर लगभग रोज ही पीछा करता था और यह बात सारे गांव को पता चल गई, गांव वाले नए सेठ जी को कहा कि आप किसी ऐसे व्यक्ति से मिली है जो आपकी समस्या का समाधान कर सके हमें तो बड़ा अजीब लग रहा है कि यह घर कैसे किसी का पीछा कर सकता है फिर एक उनमें से गांव वाले ने कहा कि आप एक साधु महाराज से मिली है वह आपकी समस्या का समाधान कर पाएंगे और वह उनसे मिलने के लिए चले गए धनवान सेठ साधू के पास पहुंचे तो
सारी बातें उस साधु जी से कहिए और साधु ने अपनी अंतरात्मा से यह सब जान लिया कि ऐसा क्यों हो रहा है फिर साधु ने कहा कि तुम ने जबरदस्ती सबके घर हड़प लिए हैं और इसीलिए तुम्हें परेशानी हो रही है उस धनवान सेठ ने कहा कि मुझे इस परेशानी से दूर करने का कोई उपाय बताइए साधु महाराज जी ने कहा कि आप सब की जमीने वापस कर दीजिए कभी आपको इस परेशानी से छुटकारा मिल सकता है
उसकी बात पर ध्यान नहीं दिया :-
जब साधु ने सब कुछ बता दिया तो सेठ वहां से आ गया और सोचा कि
मैं क्यों उसकी बात मानूं यह तो मुझे और नुकसान में पहुंचाने वाला है
इसलिए उसकी बात पर ध्यान नहीं दिया और कोई भी काम जो कि साधु ने बताया था
बिल्कुल भी नहीं किया परेशानियां और बढ़ती ही चली गई सेट और परेशान हो गया
कभी उसका घर पीछा करता है कभी घर में अचानक आग लग जाती और
इस तरह से काफी परेशानियां वह चल रहा था
धीरे-धीरे सेठ का दिमाग भी बहुत खराब होता जा रहा था और सोचता था कि
अगर ऐसा ही होता रहा तो मैं बड़ा परेशान हो जाऊंगा
फिर यह सब सोचकर फिर सेठ दुबारा साधु महाराज जी के पास गया और कहा की
कोई उपाय बता दीजिए साधु महाराज जी ने कहा की आप को ही करना होगा
सब की जमीन जायदाद सब वापस कर दीजिए तभी आप इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं
फिर उस धनवान सेठ ने सोचा कि और कोई चारा नहीं है
इसलिए उसने सब की जमीन जायदाद के कागज सब वापस कर दिए
सेठ जी में इतना बदलाव कैसे आ गया :-
फिर सब को समान हो गया और सेठ जी की सारी परेशानियां भी धीरे-धीरे खत्म होने लगी
सेठ भी सभी को ब्याज बगैर किसी कर्ज के दिया करता था फिर रामू ने देखा कि
सेठजी में इतना बदलाव कैसे आ गया सेठ जी तो बड़े लालची थे
तब रामू को याद आया कि सेठजी एक साधु महाराज जी के यहां गए थे
तभी उनकी समस्या का हल हुआ है कभी रामू ने भी सोचा कि
मुझे भी जानना चाहिए कि मेरी परेशानियां इतनी जल्दी कैसे समाप्त हो गई तो
वह साधु महाराज जी के पास गए और पूछा कि आप सब कुछ बता सकते हैं हमारी सारी परेशानियां किस तरह खत्म हुई तभी साधु महाराज ने अपनी आंखें बंद करके सब कुछ जान लिया और रामू से कहा की तुम्हारी मदद उस पेड़ ने की है जिस पेड़ में तुम रोज पानी दिया करते हैं वहां पर एक अच्छी आत्मा का भूत रहता है जो कि तुम्हारी मदद कर रहा है
“एक धनवान व्यापारी की हिंदी कहानी hindi kahani” तुम्हें उसके पास जाकर अपनी समस्या का समाधान जो हुआ है उसके लिए धन्यवाद कहना चाहिए और फिर रामू उस पेड़ के पास गया और उनसे कहा कि आपका बहुत-बहुत धन्यवाद जो आपने मेरी मदद की तो फिर खुशी खुशी राम अपने घर चला गया और सभी खुशहाल जीवन बिता कर रहने लगे..
एक धनवान आदमी और गिलहरी की kahani in hindi
वह धनवान आदमी सभी जानवर से बहुत प्यार करता था, उसे पता था की यह जानवर हमारी भाषा समझ नहीं पाते है, लेकिन फिर भी प्यार की कोई भाषा नहीं होती है, उसके बाद भी सभी जानवर समझ जाते है, एक दिन उस धनवान आदमी के पास एक गरीब आदमी आता है, वह धन की मांग करता है,
क्योकि उसके पास धन की बहुत कमी हो गयी थी वह धनवान आदमी किसी को भी खाली हाथ नहीं जाने देता था, वह उसे धन देता है उसके बाद कहता है की अगर धन की जरूरत और भी बढ़ जाती है तो तुम मुझसे कह सकते हो, वह गरीब आदमी कहता है की आप बहुत अच्छे हो. धनवान आदमी कहता है हम सभी इंसान बहुत अच्छे है. उसके बाद धनवान आदमी अपने खेत की और जाता है
वह धनवान आदमी :-
उसे रस्ते में एक गिलहरी मिलती है, वह चल नहीं सकती थी. उसे क्या हुआ था. वह नहीं जानता था. मगर उसकी मदद करने के लिए वह धनवान आदमी उसके पास जाता है. वह कहता है की तुम बीमार हो, मगर वह फिर सोचता है यह गिलहरी बात कैसे कर सकती है, वह उसे घर लेकर आता है. उसका इलाज करवाता है. वह धनवान आदमी किसी को भी दुखी नहीं देख सकता है
निरंतर चलते रहिये प्रेरित कहानी
यही बात उसकी बहुत अच्छी लग रही थी. क्योकि वह धनवान आदमी सभी की मदद करता था चाहे वह कोई भी हो सकता है. दो दिन के बाद वह गिलहरी बिलकुल ठीक हो जाती है. क्योकि उसका इलाज बहुत अच्छे से हो गया था. वह गिलहरी उस धनवान आदमी के घर में घूमती रहती थी. धनवान आदमी भी बहुत खुश था. उसके बाद वह गिलहरी समझ गयी थी. इसने मुझे बचाया है.
धनवान सोचता है :-
इसलिए वह डरती नहीं थी, एक दिन रात का समय हो रहा था. वह धनवान आदमी सो रहा था. उस दिन एक चोर चोरी करने आता है. धनवान आदमी को कुछ भी पता नहीं था वह तो सो रहा था. मगर गिलहरी को लगता था. कोई अनजान आदमी यहां पर आया है. वह धनवान के कमरे में जाती है. उसे नींद से जगा देती है. वह धनवान सोचता है की यह गिलहरी मेरे पास क्यों आयी है.
Hindi kahani, तभी उसे कुछ आवाज आती है. वह देखता है की एक चोर आया है. वह धनवान को देखकर भाग जाता है. अब धनवान आदमी कहता है की आज तुमने यह साबित कर दिया है की तुम बहुत वफादार हो. तुमने वह काम किया है जोकि मुझे उम्मीद भी नहीं थी. लेकिन में समझ गया हु की अगर आप जानवर से प्यार करते है तो वह भी आपको बहुत प्यार करते है. अगर आपको यह धनवान की kahani in hindi पसंद आयी है. शेयर जरूर करे,
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