Darawni kahani in hindi

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Darawni kahani in hindi

एक घर की डरावनी कहानी, darawni kahani in hindi, यह बहुत ही डरावनी कहानी है, जब रमेश ने अपने उस घर के बारे में बताया जो उन्होंने ने अभी हाल में लिया था, उसकी बात सुनकर मुझे बहुत डर लगने लगा था, पहले तो मुझे यकीन नहीं हुआ था, लेकिन जब उसकी पूरी बात मेने सुनी तो बहुत डर लगने लगा, ऐसा कभी पहले तो नहीं सुना था,

एक घर की डरावनी कहानी :- darawni kahani in hindi

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darawni kahani in hindi

एक दिन की बात है, रमेश मेरे घर आया और उसने अपने घर के बारे में बताया था, रमेश के पापा की प्राइवेट कम्पनी में काम करते है, इसलिए वो ज्यादातर बाहर ही रहते है, क्योकि उनकी कम्पनी दूसरे शहर में थी, इसलिए वो रोज नहीं आया करते थे, रमेश और उसका भाई ही उस घर में रहते थे, रमेश अभी भी पढ़ रहा था, जब रमेश मेरे घर पर आया था, तो उसने बताया था, की जब से वो इस घर में आये है, तब से रात को पास वाले घर में से कुछ आवाज आती है, पास वाला घर बहुत साल से बंद है,

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दूसरे देश में चले गए :-

अगर हम पास वाले घर को देखे तो उसमे बहुत से पौधे उग आये है, या घर बहुत साल से बंद है और यहां पर कोई आता भी नहीं है, इस घर में रहने वाले लोग अब दूसरे देश में चले गए है, इसलिए वो आते नहीं है, और इस घर में कोई दूसरा आदमी भी नहीं आता है, जब रमेश के पापा ने यह घर लिया था, तो उन्हें यह काफी सस्ते में मिल गया था, रमेश के पापा कुछ दिन रह कर अपने काम पर चले गए थे,

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अब इस घर में रमेश और उसका भाई रहता है, रमेश कहता है, जब रात हो जाती है, तो पास वाले घर में जो रमेश के घर की बगल में है, उसमे किसी के चलने की आवाज आती है, यह हर रोज रात को ऐसा ही रहता है, कभी किसी के बोलने की आवाज भी आती है, और कभी समान के उठाने की आवाज आती है, ऐसा रात को ही होता है, इस बारे में रमेश के पापा को बताया था, लेकिन उन्होंने ने इस बारे में कुछ नहीं किया था, वो कहते है की यह वहम हो सकता है,  

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उन्हें तो विस्वास ही नहीं हुआ :-

एक दिन की बात है, रमेश के पापा कुछ दिन की छुट्टी लेकर घर आये हुए थे, जब वो रात में सो रहे थे, तब उन्हें प्यास लगी थी, पानी पीने के लिए जब वो उठे थे, तो उन्हें भी कुछ आवाज सुनाई दी, आवाज को सुनने के लिए उन्होंने ने थोड़ा ध्यान से सुनना चाहा, पर कुछ भी सुनाई नहीं दिया था, जब उन्हें कुछ महसूस हुआ की कोई बगल में सीढ़ी पर चढ़ रहा है, तो उन्हें तो विस्वास ही नहीं हुआ था, जब वो अपने घर के बाहर निकले तो पास वाले घर में अँधेरा था, वहा पर कोई नहीं था, ऐसा कैसे हो सकता है,

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भूतो का संसार

जब सुबह हुई तो इस बारे में उन्होंने ने किसी दूसरे आदमी से पूछा था की क्या कोई इस घर में आता है, पर कोई इस बारे मे नहीं जनता है, कुछ समझ नहीं आ रहा था, बहुत ही मुश्किल से यह घर मिला था, रमेश ने भी यह बताया था, की पास वाले घर से आवाज आती है, इस बात पर अब उन्हें यकीन था, लेकिन कुछ नहीं किया जा सकता था, वो लोग आज भी उस घर में रहते है जिसमे उन्हें आज भी डर लगता है,

भूत का रहस्य

वह इस बात को जानते है की घर उन्हें नहीं मिलने वाला है इसलिए वह उस घर में रहने पर मजबूर है मगर वह कुछ नहीं कर सकते है जिस घर में डर लगता है उसमे रहना आसान नहीं है मगर वह कुछ नहीं कर सकते है यह बात वह जानते है, एक घर की डरावनी कहानी, darawni kahani in hindi, अगर आपको यह कहानी (bhoot ki kahani hindi) शेयर करनी है तो आप कर सकते है.

 

घर के डर की हिंदी कहानी

डर किसे नहीं लगता है, जब वह रात याद आती है, तो सबसे अधिक डर लगता है,

रात के समय में उस जगह पर कोई रुक नहीं सकता था,

इसका मुख्य कारन उस जगह पर रात के समय में चीजों का उड़ना देखा गया था,

अब बहुत से लोग मानते है कुछ नहीं, यह घर बहुत साल से बंद है,

अगर हम उस घर में दिन के समय में जाते है, कुछ नहीं होता है,

ऐसा लगता है की यह अपर कुछ भी ऐसा नहीं है, जिससे डरा जा सकता है,

लेकिन आधी रात के समय में रुकना बहुत डरावना लगता है,

कमरा नंबर 303

दो दोस्त उस घर में गलती से चले जाते है, उन्हें नहीं पता था, की यहां पर क्या है,

यह उस दिन हुआ था, जब वह दोनों दोस्त घूमते हुए उस घर के पास आ गए थे

उन्होंने देखा की मौसम बहुत खराब हो गया है, कुछ समय बाद ही बारिश आने वाली है,

इसलिए वह उस घर की और जाते है, वह उस घर में अंदर जाते है और देखते है की

यहां पर एक ही कमरा था, उस कमरे में बहुत पुराना सामान रखा था ऐसा लगता था.

इस सामान का कोई भी प्रयोग नहीं करता है चारो और मकड़ी के जाले लगे हुए है,

 

बहुत तेज बारिश हो रही थी :-

वह दोनों बैठने की जगह तलाश कर रहे थे, उन्हें अभी तक कोई भी जगह ठीक नज़र नहीं आ रही थी, उस घर में लगभग सभी सामान था मगर उन पर बहुत धुल जमी हुई थी कोई भी उस घर में बहुत समय से आया नहीं था, इसलिए ऐसा लग रहा था बाहर बहुत तेज बारिश हो रही थी, जब बारिश कम होगी तो वह दोनों उस जगह से चले जायेंगे यही बता वह दोनों सोच रहे थे तब ही पहला दोस्त कहता है की मुझे ऐसा लग रहा है, मेरे सामने का सामान अभी हिला था, यह कैसे हो सकता है, दुसरा दोस्त कहता है की यहां पर कुछ नहीं है,

तालाब का भूत एक सच्ची घटना

हम दोनों ही यहां पर है, मुझे और कोई नज़र भी नहीं आ रहा है, हो सकता है की तुम्हारा कोई वहम हुआ होगा, पहला दोस्त कहता है की तुम ठीक कह रहे हो. उसके बाद दोनों बाते करते है सोचते है की जल्दी ही बारिश रुक जाए मगर तभी एक बड़ा सामान अलमारी से नीचे गिरता है, वह दोनों बहुत डर जाते है उन्हें नहीं पता था, की यह सब कैसे हो रहा है, क्योकि यह सामान बहुत भारी है, अपने आप नहीं गिर सकता है वह देखते है की अलमारी में क्या है, मगर कुछ नज़र नहीं आता है, फिर भी यह कैसे गिरा है,     

 

समय से बाहर नहीं आते :-

वह दोनों देख ही रहे थे की फिर से कुछ गिरता है, वह सोचते है की हम किसी ऐसे घर में आ गए है जोकि ठीक नहीं है, यहां पर भूत का साया है, वह दोनों इससे पहले उस जगह से भाग जाते है कुछ सामान उन्हें उड़ते हुए नज़र आते है अब वह पहले से भी अधिक डर जाते है, वह उस घर से बाहर निकल जाते है वह देखते है की आज तो वह बहुत मुश्किल से बच पाए है, अगर वह सही समय से बाहर नहीं आते तो कुछ भी हो सकता है,

रात का डरावना सफर

उन दोस्तों को समझ आ गया था की हमे ऐसे ही कही भी चले नहीं जाना चाहिए क्योकि कोई नहीं जानता है की उस जगह पर क्या हो सकता है, इसलिए यह कहानी हमे कहती है, हमे बिना सोचे समझे कोई भी कदम आगे नहीं बढ़ाना चाहिए, अगर आपको भी यही लगता है तो हमे जरूर बताये,    

रस्ते में मिला भूत की कहानी

भूत की कहानी  पर हमेशा यकीन नहीं होता है मगर कुछ ऐसी बाते है, जिनसे हमे पता चल जाता है की यहां पर कुछ ऐसा अभी है जिस पर यकीन किया जा सकता है यह बात उस समय की है, जब वह लड़का अपने घर शाम के वक़्त आ रहा था, उसे नहीं पता था की कोई आवाज उसका उसका पीछा कर रही है, वह कुछ आवाज से रुक जाता है, वह सोचता है की उसके पीछे कोई है, मगर कोई भी नहीं था,

 

वह कुछ समय रुकता है क्योकि उसे लगता है जरूर कोई है, मगर उसे कुछ भी पता नहीं चलता है, वह सोचता है शायद उसका कोई भृम हो सकता है, वह आगे बढ़ता है वह बढ़ता जाता है मगर उसके सामने एक छोटा सा पेड़ आकर गिरता है वह डर जाता है, यह कैसे हो गया था, क्योकि उसे यकीन नहीं हो रहा था एक पेड़ जोकि जड़ से उखड़ा हुआ लग रहा था वह मेरे सामने कैसे आ गया है, वह रुक जाता है आज उसे पता चल गया था, जरूर कोई मेरा पीछा कर रहा है वह आवाज लगाता है तुम कौन हो, मेरे सामने क्यों नहीं आते हो, उसे आवाज सुनाई देती है,

 

भूत हो सकते है :-

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2 thoughts on “Darawni kahani in hindi”

  1. tarun patel says:

    vaahh bhutt hii aachi or khatrnaak story thii..maja agaa..
    keep it up..

  2. RAMESH PATIL says:

    bAHUT HEE ACHHI KAHANI HEIN

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