Story in hindi | Moral story in hindi
Story in hindi, moral story in hindi, बहुत समय पुरानी बात है एक नगर में एक राजा जयंत राज्य करता था राजा बड़ा ही सुशील और उदारता वह अपनी प्रजा पर किसी भी प्रकार का कोई भी कर नहीं लगाता था और ना ही उन्हें परेशान करता था लेकिन उसकी प्रजा फिर भी दुखी थी.
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क्योंकि उसके राज्य में एक डाकू था जिसका नाम उंगली माल था वह इतना क्रूरता को था लोग उसके डर से कांपते थे क्योंकि वह लोगों को मारकर उनके हाथों की उंगली काट लेता था और उनकी माला बनाकर अपने गले में पहनता था सारे राज्य में उसी का डर था
राजा की सोच कहानी
राजा ने बहुत कोशिश कर ली थी कि उसे पकड़ा जाए लेकिन वह नहीं पकड़ा जाता था और ना ही वह सुधारना चाहता था उसी राज्य में एक साधु महात्मा आए थे वह बहुत ही सीधे सज्जन और उनके चेहरे पर एक अनोखा तेज था मानो वह किसी भगवान का रूप है
वह उस राज्य में तपस्या कर रहे थे कि उन्हें किसी ने बताया कि इस नगर में तो डाकू का बहुत बड़ा डर है कोई भी उसे समझा नहीं सकता साधु बोले कि तुम मुझे उसके पास ले चलो मैं उसे समझा दूंगा उस आदमी ने कहा नहीं आप अकेले उसके पास मत जाना नहीं तो वह अपनी तलवार से आपको भी मार डालेगा
साधु बोला मरने से कौन डरता है मैं तो जन्म और मरण के बंधन से मुक्त हो चुका हूं तभी तो मैं तपस्या कर रहा हूं जंगल जंगल घूम घूम कर वह उसे उस डाकू के पास ले गया डाकू ने जब उस साधु महात्मा को देखा तो कहा राजा ने तुम्हें मुझे पकड़ने के लिए भेजा है
एक धनी व्यक्ति
साधु बोला नहीं मैं तुम्हें क्यों पकड़ता को बोला क्या तुम्हें डर नहीं लगता लाओ मेरी तलवार दो मैं अभी तुम्हारा मार डालता हूं साधु बोला मैं तो कब का मर चुका हूं पर तुम कब जीना सीखोगे इस तरह लोगों को मार मार कर तुम पता नहीं कितने बार मरते हो और तुम्हें यह भी नहीं पता कि
तुम सही रास्ते पर चल रहे हो या गलत रास्ते पर उसकी आंखों में देखकर डाकू उंगली मन में एक शांति से आ गई उसके हाथों से तलवार अपने आप छूट कर नीचे गिर गई और वह उसे साधु के पैरों में गिर पड़ा और कहने लगा साधु महात्मा मुझे क्षमा करें
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मैंने अब तक जितने भी पाप किए हैं मैं उन पापों का प्रायश्चित करना चाहता हूं अगर तुम प्रायश्चित ही करना चाहते हो तो जाओ अपने आप को राजा के हवाले कर दो वही तुम्हारे बताएंगे कि तुम्हें कौन सी सजा मिलनी चाहिए
Story in hindi, moral story in hindi, वह साधु कोई और नहीं बल्कि गौतम बुद्ध थे वह जंगल जंगल घूम घूम कर ऐसे कई पापियों को सुधारते थे जो पाप किए जा रहे हैं और जिन्हें यह भी नहीं पता कि वह पाप कर ही क्यों रहे हैं.
जीवन में संतुलन की जरूरत हिंदी मॉरल कहानी :- Moral story in hindi
एक आदमी अपने दोनों लड़को से बहुत परेशान हो गया था.
क्योकि उनमे से एक लड़का बहुत कम खर्च करता था.
दूसरा लड़का बहुत अधिक ख़र्च करता था. जबकि वह आदमी चाहता था.
उन दोनों लड़को को सही समय पर सही मात्रा में खर्च करना आना चाहिए.
वह भी उन्हें समझाकर बहुत थक गया था. लेकिन वह नहीं समझते थे.
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एक दिन वह आदमी सुनता है की एक साधु जी गांव में आये है
वह सभी की समस्या को कम कर रहे है. यह सोचकर वह आदमी साधु के पास जाता है
उसके बाद साधु उनकी बात को सुनते है वह कहते है की
अपने दोनों लड़को को मेरे पास लेकर आओ. में उन्हें कुछ समझाना चाहता हु.
उसके बाद वह आदमी घर जाता है अपने दोनों लड़को से कहता है की
तुम्हे बाबा ने बुलाया है वह दोनों लड़के उनके पास जाते है.
साधु जी कहते है की में तुम्हे कुछ बताना चाहता हु
उसके बाद तुम मुझे सोचकर जवाब देना. साधु जी अपनी मुट्ठी को बंद करते है उसके बाद कहते है की
यह बताओ की तुम्हे क्या नज़र आता है वह दोनों कहते है की इससे ऐसा लगता है की
आपके शरीर में कोई बिमारी हो गयी है. उसके बाद साधु जी कहते है की
अगर मेरे हाथ को पीछे बांध दे तो में क्या कर सकता हु यह सुनकर वह दोनों कहते है की आप कुछ नहीं कर सकते है
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उसके बाद साधु जी कहते है की में तुम्हे यही समझाना चाहता था. की जीवन में जरूरत पड़ने पर खर्च करना आना चाहिए. जब जरूरत न हो तो कोई भी ख़र्च नहीं करना चाहिए अब दोनों बात को समझ गए थे उन्हें क्या करना है इसलिए जीवन में सही संतुलन की जरूरत होती है. अगर आप ऐसा करते है तो जीवन में कभी कोई समस्या नहीं आती है. अगर आपको यह Story in hindi, moral story in hindi, पसंद आयी है. शेयर जरूर करे
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