Story in hindi
Story in Hindi, सीमा अपनी बात को पूरा ही करने वाली थी कि अचानक विनोद वहां पर आ गया विनोद को देखते ही सीमा ने अपनी बात को करना बंद कर दिया था जब विनोद ने पूछा कि सीमा क्या बातें कर रही थी सीमा ने बात को टालते हुए कहा कि कुछ नहीं आज तो बस ऐसे ही हम बैठे हुए बातें कर रहे थे विनोद को भी कुछ अजीब सा लगा
सिक्के के दो पहलू हिंदी कहानी :- story in hindi
क्योंकि सीमा साफ-साफ कुछ भी नहीं बता रही थी सीमा की सहेली रीमा ने भी विनोद को देखा और दूसरी तरफ नजर घुमाते हुए देखना शुरु कर दिया विनोद को रीमा का यह व्यवहार कुछ अजीब सा लग रहा था उसके बाद विनोद अंदर चला गया रीमा ने सीमा से कहा कि अब मुझे भी चलना चाहिए क्योंकि काफी देर हो गई है हमें बातें करते हुए जब रीमा रीमा के घर से चली गई तो विनोद सीमा के पास आया और पूछने लगा कि रीमा और तुम दोनों क्या बातें कर रहे थे
जो कि मेरे आने के बाद तुमने बातें करना बंद कर दिया था सीमा ने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है रीमा अपने पति के बारे में कुछ बता रही थी पति के बारे में सुनते ही विनोद के कान खड़े हो गए क्योंकि वह समझ नहीं पा रहा था कि वह क्या बातें कर रही है विनोद ने आगे बातें करते हुए कहा कि चलो अब बता भी दो कि यह भी रीमा अपने पति के बारे में क्या बात की है सीमा समझ चुकी थी कि विनोद उनसे पूछते जा रहे हैं
तो इसका मतलब यह है कि मुझे बता देना चाहिए सीमा ने विनोद से कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है लेकिन उसका पति अब ज्यादा परेशान रहने लगा है क्योंकि जहां पर वह नौकरी करता था अब वह वहां से निकाल दिया गया है वह बेरोजगार हो गया है विनोद को अब समझ में आ गया था कि यह समस्या बहुत बड़ी है क्योंकि जब आदमी काम करता है तभी घर का खर्च चलता है
सीमा ने विनोद से कहा कि अगर तुम कुछ कर सकते हो तो रीमा के पति के लिए कुछ ऐसा कर दो जिससे उन्हें काम मिल जाए और वह इस समस्या से भी छुटकारा पा सके विनोद ने अगले दिन रीमा के पति से मिलने की बात कही अगले दिन विनोद रीमा के पति से मिले और पूरी बात पूछी कि क्या हुआ था रीमा के पति ने कहा कि उन्हें ऑफिस से निकाल दिया गया है विनोद ने पूछा कि ऐसा क्या हुआ था कि तुम्हें निकाल दिया गया रीमा के पति ने बताया कि वह अक्सर लेट जाया करते थे क्योंकि घर की परेशानियां भी उन्हें और परेशान कर रही थी जिसके कारण वह हर रोज सो नहीं पाते थे
इसलिए ज्यादातर लेट हो जाने की वजह से उन्हें निकाल दिया गया विनोद को समझ में आ गया था यह कोई बड़ी समस्या नहीं है हमारी सभी की जिंदगी में सिक्के के हमेशा दो पहलू होते ही हैं एक अच्छा होता है एक बुरा होता है कभी कभी बुराई अच्छाई को जीतने लगती है जिसके कारण इंसान हारने लगता है विनोद ने कुछ ही दिनों में रीमा के पति के लिए एक अच्छी सी नौकरी तलाश कर ली थी
रीमा के पति अब कुछ परेशानी से दूर होने लगे थे और अगले दिन विनोद से मिलने के लिए घर पर आए विनोद ने कहा कि हमें हमेशा यह बात याद रखनी चाहिए कि हमारे काम करने के तरीके और हमारा पारिवारिक जीवन इनमें दोनों में अंतर होना बहुत जरूरी है अगर हम इन दोनों को एक साथ मिला लेते हैं तो समस्याएं बहुत ज्यादा बढ़ जाती हैं
Story in Hindi, जब परिवार में आप आते हैं तो परिवार के ही बारे में सोचना चाहिए काम के बारे में नहीं सोचना चाहिए अगर आप ऐसा करते हैं तो जीवन में जरूर सफल हो जाएंगे अच्छाई और बुराई तो जीवन में चलती ही रहती हैं इसलिए हमेशा अच्छाई का साथ देना चाहिए सीमा ने विनोद की जब यह बातें सुनी तो वह भी समझ गई थी कि विनोद एक बहुत ही अच्छे इंसान हैं जो कि दूसरों की मदद करते हैं इसलिए जीवन में हमें भी दूसरों की मदद करनी चाहिए.
लड़के और सिक्के की नयी कहानी :- Story in Hindi
लड़के की पिताजी अपने लड़के को अपने पास बुलाते है, वह कहते है की जीवन में तुम्हे कोई तो काम करना ही होगा, क्योकि अगर तुम कुछ नहीं कर सकते हो तो जीवन में तुम कुछ नहीं बन सकते हो, पिताजी अपने पास से एक सिक्का निकालते है, वह उस लड़के को देते है वह कहते है, यह “सिक्का” देख रहे हो यह सिक्का जीवन में तुम्हे कमाना होगा, अगर तुम यह कमा नहीं सकते हो तो जीवन में कुछ नहीं कर सकते हो, पिताजी वह “सिक्का” लड़के को देते है, वह कहते है की अब तुम इसे लेकर जा सकते हो,
अगर तुम कुछ नहीं कर सकते हो तो तुम्हे आज से खाना नहीं मिलने वाला है, यह सुनकर लड़के को दुःख होता है क्योकि उसके पिताजी यह बात कह रहे है वह घर से चला जाता है वह अपने एक दोस्त के पास जाता है उसे सब कुछ बता देता है, उसका दोस्त कहता है तुम्हे कोई तो काम करना ही होगा, वह सही कह रहे है तुम कोई भी काम नहीं करते हो तुम अधिक समय तक सिर्फ घूमते रहते हो इसलिए तुम्हे कुछ काम भी करना चाहिए, यह सुनकर वह लड़का समझ जाता है मगर वह क्या काम कर सकता है, यह “सिक्का” उसके लिए काफी नहीं है,
वह एक दूकान वाले के पास जाता है, उसे वह “सिक्का” देता है वह कहता है की इसमें क्या आ सकता है दूकान वाला कहता है की इसमें कुछ ही टॉफिया आ सकती है, अगर तुम चाहो तो में तुम्हे दे सकता हु, वह लड़का कहता है की अगर आपके पास कोई काम हो तो मुझे दे सकते हो, वह दुकानवाला कहता है की अभी मेरे पास काम नहीं है, अगर तुम और जगह पर तलाश कर लो तो तुम्हे काम मिल सकता है,
वह लड़का उस “सिक्के” के साथ दूसरी दूकान पर जाता है उसे काम मिल जाता है, जो भी समान दूकान में था उसे हर रोज सही तरिके से लगाना था, जिसके बाद उसे कुछ सिक्के मिल सकते है उसे काम तो मिल गया था, मगर वह बहुत मेहनत करने के बाद भी कुछ “सिक्के” ही कमा सकता था, आज वह मेहनत कर रहा था, क्योकि उसे जीवन में कुछ करना था, वह लड़का काम करके कुछ सिक्के कमा सकता था, शाम हो गयी थी, वह कुछ “सिक्के” लेकर घर जाता है, वह अपने पिताजी को वह सिक्के देता है, वह खुश होते है क्योकि उसके लड़के ने काम करना शुरू कर दिया था,
उसके पिताजी कहते है की मेरी बात तुम्हे बुरी जरूर लगी होगी, क्योकि मेने तुम्हे वह कहा था, जो तुम्हे पसंद नहीं आया होगा लेकिन में तुम्हे इस “सिक्के” की कीमत समझाना चाहता था, तुम्हे आखिर पता चल ही गया की यह “सिक्का” कमाना कितना मुश्किल होता है, वह लड़का कहता है, मुझे सब कुछ समझ आ गया है, में आपसे नाराज नहीं हु, उस दिन के बाद वह लड़का सब कुछ समझ गया था, जीवन में हमे क्या करना है, अगर सभी लोग समझ जाए तो यह जीवन बहुत अच्छा हो सकता है, अगर आपको यह Story in Hindi पसंद आयी है तो शेयर करे
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