सम्मान की दो हिंदी कहानी, story in hindi

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Story in hindi | Hindi kahani

Story in hindi, मेरे सहपाठियों ये कहानी एक सम्मान पर आधारित है, क्युकी हर इंसान का सम्मान उसके लिए बहुत महत्व रखता है. बिना सम्मान के लोगो का जीवन ही निर्थक होता है. इसलिए ये जीवन का एक हिस्सा ही है. इसको बनाये रखना बहुत ही महत्वपूर्ण होता है. तभी आप इस सम्मान के हक़दार हो सकते है. अब सीधे हम कहनी की और आते है. एक समय की बात है , जब राजा विक्रम का राज हुआ करता था.

सम्मान की दो हिंदी कहानी : Story in hindi

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story in hindi

एक गांव मैं एक पण्डित जी रहते थे, जिनका नाम था आदित्यनाथ. एक बार आदित्यनाथ ने सोचा, राजा विक्रम मेरा बहुत सम्मान करते हैं. यह सम्मान मेरे ज्ञान का है या सदाचार का. इसकी पहचान करनी चाहिए. एक दिन राजसभा से लौटते हुए आदित्यनाथ कोषागार के पास से निकल रहा था. उसने चुपचाप एक सिक्का उठाकर अपने पास रख लिया. कोषाध्यक्ष यह देखकर हैरान हुआ. वह सोचने लगा, देवमित्र जैसे महान व्यक्ति ने सिक्का क्यों उठाया होगा, और उठाया है तो अवश्य कोई प्रयोजन होगा.

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आज हो सकता है जल्दी के कारण कुछ नहीं बताया, बाद में बता देगा. दूसरे दिन भी आदित्यनाथ ने यही किया. कोषाध्यक्ष आज भी धैर्य बनाए रहा. तीसरे दिन भी आदित्यनाथ ने मुट्ठी भरकर स्वर्ण मुद्राएं उठा लीं. अब कोषाध्यक्ष से नहीं रहा गया. उसे दाल में कुछ काला नजर आया. उसने तत्काल सिपाहियों को बुलाकर आदित्यनाथ को गिरफ्तार कर लिया.

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दूसरे दिन उसे राजा के समक्ष पेश किया गया. सभी चकित थे कि इतना बड़ा विद्वान और ऐसी चोरी. राजा ने आदित्यनाथ से कहा आपने बहुत बड़ा अपराध किया है. साथ ही हमारी श्रद्धा को चोट पंहुचाई है. उसने सजा के तौर पर आदित्यनाथ जी का एक हाथ काटने का फरमान भी सुना डाला. फैसला सुनने के बाद आदित्यनाथ मुस्कराकर बोला, मैंने धनवान बनने की इच्छा से चोरी नहीं की थी.

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मैं तो यह जानना चाहता था कि आप मेरा सम्मान ज्ञान के कारण करते हैं या सदाचार के कारण. मैंने परीक्षा ली है. मेरा ज्ञान तो जितना कल था उतना आज भी है. दो दिन में फर्क सिर्फ इतना आया है कि मेरा सदाचार खंडित हुआ है. इसके कारण मुझे सजा मिली है. राजा विक्रम को पूरा माजरा समझ में आ गया. उन्होंने आदित्यनाथ को सम्मान सहित आजाद कर दिया. तो दोस्तों इस प्रकार आदित्यनाथ जी ने अपने सम्मान को बरकरार रखने के लिए , ये सब कुछ किया. जिससे उन्हें कभी भी जीवन मैं कोईं भी दिक्कत नहीं हुई.

 

सेनापति और किसान की कहानी :- story in hindi

सेनापति ने देखा की कुछ लोग खेत में काम कर रहे है, वह सेनापति सभी को परेशान किया करता था, उसे अधिक धन की जरूरत थी, इसलिए वह सोचा करता था, उसे धन कैसे मिल सकता है, वह उन सभी किसने के पास जाता है जो खेत में कमा कर रहे थे वह सेनापति कहता है, आज से तुम सभी किसान मुझे हर हफ्ते धन दे सकते है, अगर किसी ने मना किया तो अच्छा नहीं होगा, यह राजा ने एलान किया है, एक किसान उसकी बात सुन रहा था.

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वह किसने सेनापति के पास आता है, वह कहता है की राजा ने ऐसा कोई भी एलान नहीं किया है, क्योकि हमे यह बात अभी तक पता नहीं है, हमे लगता है, तुम यह बात सही नहीं कह रहे हो, वह सेनापति कहता है तुम यह बात जानते हो, तुम्हे इस बात की सजा मिल सकती है, लेकिन वह किसान कहता है, अगर तुम सच बोलते हो, तो ठीक है, हम आपका सम्मान करते है, मगर सही नहीं है, तो हम यह बात सह नहीं सकते है किसान की बात सुनकर सेनापति उसे पकड़ लेता है, यह सभी दूसरे किसान देखते है, वह सेनापति किसने को ले गया था,

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सभी किसान राजा के पास जाते है उन्हें सब कुछ बता देते है, जब राजा यह बात सुनते है तो उन्हें भी पता नहीं था वह सेनापति ऐसा भी कर सकता है, राजा सेनापति को बुलाते है, उसके बाद उनसे पूछते है सेनापति मना कर देता है, लेकिन जब यह बात बहुत अधिक किसान कहते है तो यह झूट नहीं हो सकती है, सेनापति को सजा मिलती है उन्हें आगे से ऐसा कुछ भी नहीं करना है, यह बात उस किसने की नहीं थी, बल्कि हमे भी सोचना चाहिए अगर किसी के साथ गलत होता है, तो हमे उसकी मदद करनी चाहिए, अगर आपको यह कहानी, story in hindi पसंद आयी है, तो शेयर करे

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