Story for kids in hindi
story for kids in hindi, एक बार की बात है किसी नगर में एक मकान बन रहा था वहां लकड़ी का काम चल रहा था बढ़ई लकड़ी के लंबे लंबे लकड़ी को बीच में से चीर रहा था उसे उस लट्ठे के कई टुकड़े करने थे उसे काम में दोपहर हो गई लेकिन वह लकड़ी को सही तरह से अलग नहीं कर पाया.
शरारती बंदर और जादुई आम की कहानी :- story for kids in hindi
वह लकड़ी को बीच में से ही चीर पाया दोपहर के खाने का समय हो गया था अब उसमें उन दोनों लकड़ी के बीच एक लट्ठे को फसाकर वह खाना खाने घर चला गया उसके जाने के बाद वहां शरारती बंदर का दिमाग में आया उन बंदरों में से एक बंदर बहुत शरारती था,
बंदर ने उसको मना किया :-
वह लकड़ी के लट्ठे के पास कूद कूद कर खेलने लगे उनमें से एक बंदर लकड़ी के लट्ठे को बार-बार फैसले लगा दो लकड़ी बढ़ाई उन दोनों के बीच में फसा कर गया था उनमें से एक बंदर ने उसको मना किया लेकिन वह नहीं माना वह उसे बार-बार खींचने लगा उसकी पूछ उस लकड़ी के लट्ठे के बीच में चली गई
story for kids in hindi, वह जोर जोर से उसे हिला रहा था जैसे ही उसने लकड़ी का वह टुकड़ा निकाला तो उसकी पूछ अंदर फस गई और उसे खींचने में उसकी पूछ आधी कट गई वह जोर-जोर से चिल्लाने लगा उसे इस बात का भी डर था कि कहीं बढ़ई ही आ गया तो बहुत मारेगा, इसलिए उसने जोर-जोर से अपनी पूंछ को खींचा तो वह टूट गई खून निकलने लग गया शरारती बंदर को उसकी शरारत का फल मिल गया अगर हम किसी के काम को बिगाड़ना नहीं चाहिए तो हमें जरूरी उसका परिणाम भी मिल जाता है.
जादुई आम की हिंदी कहानी
एक बार एक आम के पेड़ पर ऐसा आम लगा और आंखों से बिल्कुल अलग था
वह जादू याम था जो सोच सकता था बोल सकता था
1 दिन हमने सोचा क्यों ना गांव के आसपास घूमा जाए यह सोचकर वह पेड़ से नीचे उतरा लुढ़कता हुआ
आगे बढ़ा तो रास्ते में उसे एक खरगोश मिला.
खरगोश आम से बोला अरे रुको मैं तुम्हें खाना चाहता हूं
आम बोला तुम मुझे नहीं खा सकते मैं तो जादू ही आम हूं
मैं आगे आगे भागूंगा तुम कैसे मुझको खाओगे
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आम तेज लुढ़कता हुआ दौड़ने लगा खरगोश भी उसके पीछे थे तेज भागने लगा तभी एक छोटा लड़का आम को देखकर चिल्लाया रुको मैं तुम्हें खाना चाहता हूं, जादूई आम फिर हंसा और बोला मैं जादुई आम हूं तुम मुझे पकड़ नहीं पाओगे मैं आगे आगे भागूंगा तुम मुझे कैसे खाओगे आम तेजी से भागने लगा पीछे-पीछे खरगोश और उसके पीछे लड़का तेजी से भागने लगे आगे जाकर उसको एक औरत मिली औरत कहने लगी तुको मैं तुमको खाऊंगी
जादुई आम फिर हंसा :-
जादुई आम फिर हंसाना जादुई आम हूं तुम मुझे पकड़ ना पाओगी मैं आगे-आगे भागूंगा तुम कैसे मुझको खाओगी अब आगे आगे आम तेजी से लुढ़क रहा था और पीछे पीछे खरगोश लड़का और औरत तीनों भाग रहे थे थोड़ा और आगे बढ़ने पर शिकारी की नजर आम पर पड़ी वह चिल्लाया बोला अरे रुको, मैं तुम्हें खाना चाहता हूं यह सुनकर जादुई आम फिर हंसा और कहने लगा मैं जादुई आम हूं तुम मुझे पकड़ ना पाओगे मैं आगे आगे भागूंगा
तुम कैसे मुझको खाओगे अब आगे आगे आम तेजी से भागने लगा पीछे-पीछे खरगोश लड़का औरत और शिकारी चारों भाग रहे थे भागते-भागते आम थक गया, वह आराम करने के लिए घास के ढेर में छुप गया खरगोश लड़का औरत और शिकारी उसे ढूंढ नहीं पाए वह काफी गर्म महसूस कर रहा था उसने सोचा मैं यहीं ठहर जाता हूं कुछ ही दिनों में उस पर एक पौधा उगाया जानते हो आगे क्या हुआ
कहानी का मोरल :-
story for kids in hindi, कुछ सालों के बाद वही जादू आम का का पेड़ बन गया और अब किस का मन करता था उस पेड़ के आम को खा जाता था पहले तो लुढ़कता था और ना ही किसी को मना कर पाता था इसी तरह जब तक हमारे हाथ पैर सही सलामत होते हैं हम कुछ भी कर सकते हैं लेकिन जब हम बुरे हो जाते हैं तो दूसरे पर निर्भर हो जाते हैं.
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