समझदार गधे की पंचतंत्र हिंदी कहानी, panchatantra in hindi

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Panchatantra in hindi

panchatantra in hindi, panchtantra stories in hindi, समझदार गधे की पंचतंत्र हिंदी कहानी, एक आदमी के पास अपना एक गधा था वह उस गधे से अपना सारा काम लेता था लेकिन उसको खाने के लिए बहुत ही कम देता था गधा हमेशा सोचा करता था की इसे मेरी बिलकुल भी चिंता नहीं है

समझदार गधे की पंचतंत्र हिंदी कहानी : panchatantra in hindi

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यह मुझसे बहुत काम लेता है सारे दिन मुझे चलाता है और खाने की जब बारी आती है तो मुझे भर पेट खाना नहीं देता है मेरा मन तो ऐसा करता है की इसे छोड़कर चला जाऊ, but यह मुझे खोलकर भी तो नहीं रखता जिससे में यहां से भाग  जाऊ, गधा हमेशा अपने भागने के बारे में सोचा करता था butकभी भी उसे मौका नहीं मिल पाया, एक दिन रात को गधे ने अपनी बढ़ी रस्सी खोल दी और धीरे-धीरे से बहार की और चलने लगा वह आदमी सोया हुआ था उसे कुछ आवाज सुनाई दी और वह बहार देखने आया तो उसे लगा की कोई उसके गधे को चुरा रहा है वह अंदर से एक डंडा लेकर आया और गधे पर ही चला दिया गधा डर के अंदर चला गया और गधे ने सोचा की यहां से निकलना बहुत ही मुश्किल है इसने तो चोर समझकर मुझे ही पीट दिया

 

ऐसा लग रहा है की मेरी तो किस्मत ही खराब है जो इसके पल्ले बंध गया हु न खाने देता है न जाने देता है गधे ने सोचा की आज एक योजना बनानी चाहिए आज में काम ही नहीं करूँगा तब ऐसे पता चलेगा की जब काम नहीं होता है तो केसा लगता है आज वह अपने गधे को बाजार में ले जाने के लिए सोच रहा था बाजार से कुछ समान लेकर आना था वह जल्दी ही उठकर बाजार जाने के लिए तयारी करने लगा पर आज गधा कहा जाने वाला था, उस आदमी ने बहुत कोशिस की पर गधा नहीं उठ रहा था उसे लगा की आज गधे की तबियत खराब है इसलिए वह आज नहीं उठ रहा है   

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उसने सोचा की आज बाजार से में ही थोड़ा समान लेकर आ जाता हु, कल गधे को साथ में ले जायूँगा पर इस गधे को यहां पर छोड़ना भी मुसीबत है इसलिए उसने बहार से दरवाजा बंद कर दिया और बाजार चला गया गधे ने पूरी कोशिश की पर दरवाजा नहीं खुल रहा था थोड़ी देर बाद उसने पीछे के रस्ते में एक पैर मारा और कुछ हिस्से की दिवार गिर गयी Because वह हिस्सा अभी भी कच्चा था आज गधा आज़ाद था

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गधे बाजार की और जाने लगा और गधे को बहुत ही अच्छा लग रहा था आज वह कुछ भी कर सकता था जब गधा  बाजार पहुंचा तो उसे बहुत अच्छा लगा आज वह अपने मन से कुछ भी कर सकता था पर गधे की नज़र अपने मालिक पर पड़ी और मालिक ने भी अपना गधा पहचान लिया की ये यहां पर कैसे, गधे ने अपने मालिक को देखा और भागने लगा, अब उसके मालिक को बहुत तेज गुस्सा आ गया और वह गधे को पुरे रस्ते मरते हुए लाया अब गधा समझ गया था की अब मुझे जीवन भर इसी के साथ ही रहना है कोशिश करना सब बेकार है  

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panchatantra in hindi, panchtantra stories in hindi, आज भी वह गधा भागने की योजना बनाता रहता है कभी तो वह इस मुसीबत से निकल जाएगा, कोशिश करनी कभी नहीं छोड़नी चाहिए पता नहीं समय कब बदल जाए अगर आपको यह कहानी पसंद आयी है तो आगे भी शेयर करे और हमे भी बताये, 

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