Hindistory | Hindi long story
Hindistory, hindi long story, hindi story free, श्याम की दुकान की हिंदी कहानी, उस दुकान पर समान लेने के लिए जाया करते थे वैसे हमारी कोई खास जान पहचान तो नहीं थी लेकिन फिर भी काफी समय से जानते थे हम उस दुकान वाले को इसलिए समान भी उसी से लेते थे महीने भर का राशन तो नहीं लेकिन हां सप्ताह में एक बार या दो बार तो जरूर जाना होता था उसके पास,
श्याम की दुकान की हिंदी कहानी : Hindistory
एक दिन को सामान लेने के लिए गए और सामान की कीमत बैठी डेढ़ सौ रुपया जैसे ही हम उसे पैसे देने लगे तभी एक या दो और कस्टमर वहां पर आ गए और वह भी अपना सामान मांगने लगे 500 का नोट निकालते ही हमने उसे दे दिया और कहा कि यह लीजिए काट लीजिए उसने 500 का नोट लिया और उसे बड़ी गौर से देखने लगा और कहने लगा कि आजकल बहुत सारे नकली नोट आ रहे हैं इसलिए देखना तो जरूर पड़ता है सही है या नहीं हमने भी कह दिया
हमने कहा हां यह भी बात सही है और बाकी के पैसे वह गिनने लगा और हमें दिए और हमने अपनी जेब में रख लिए और वहां से चल दिए हमने अपना सामान उठाया और अपने थैले में डाल दिया और वहां से चल चल रहे थे हमने देखा इसने तो सो रुपए अधिक दे दिए हैं तो हमने सोचा कि क्यों उसका नुकसान किया जाए और वापस मुड़े और उसे वह सो रुपए वापस करने लगे और कहने लगे कि यह सो रुपए तुमने हमें ज्यादा दे दिए
पहले तो वह हमें ऐसे देखने लगा कि जैसे कि मानो हमने कोई गुनाह कर दिया हो उसे पैसे लौटा कर फिर बोला कि आजकल तो कोई पैसे देता भी नहीं है चुपचाप रखता और अपना निकल जाता पर आप पहले ऐसे आदमी हो जिसने पैसे को वापस किया है इस पर हमने बोला कि हम रखे करेंगे भी क्या हो सकता था कि यह हमसे कहीं निकल जाता सोचा कि इसे वापस ही करना ठीक है हमने कहा यह तो माया है आज तुम्हारे पास है कल किसी और के पास होगी है
hindistory, hindi long story, hindi story free, यह तो चलती रहती है Because इसके तो पांव लगे हुए हैं यह ठहरती कहां है वह सब चुपचाप सुन रहा था वह सोच रहा था कि न जाने मुझे यह क्यों भाषण से दिए जा रहे हैं फिर हमने उसे धन्यवाद दिया और अपने घर की ओर चल दिए. दोस्तों इस कहानी से आप यह जान सकते है की हमे किसी की कोई भी वस्तु नहीं रखनी चाहिए. अगर आपको यह कहानी पसंद आयी है तो आगे भी शेयर करे और हमे भी कमेंट करके बताये
श्याम की दुकान की दूसरी हिंदी कहानी : hindi long story
श्याम ने अभी अभी एक दुकान खोली थी, उसे यही लगता था की वह कोई और काम नहीं कर सकता है इसलिए उसने दूकान खोलने का फैसला किया था उसकी अभी नयी दुकान थी, अभी वह चल नहीं पायी थी Because अभी तक उसे कोई भी जानता नहीं था वह शहर में पहली बार आया था इससे पहले वह गांव में कुछ काम करता था
उसके पास एक छोटा लड़का आता है वह कुछ मांगता है वह जानता था की वह लड़का मांगने वाला है श्याम उसे अपनी दुकान में से बिस्कुट देता है वह चला जाता है पड़ोस की दुकान से एक आदमी आता है वह कहता है, की आप यहां पर नये है, श्याम कहता है की में पहली बार यहां पर आया हु, अभी दूकान कुछ ख़ास नहीं चल रही है वह आदमी कहता है की शुरू में कुछ परेशानी आती है but बाद में धीरे धीरे इसका असर नज़र आता है वह आदमी कहता है की अभी अपने एक छोटे लड़के को बिस्कुट दिया था वह हर रोज मांगने आता है आपको ऐसा नहीं करना चाहिए, Because इससे तो वह हर रोज आएगा आपको नुकसान होगा,
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श्याम कहता है की ऐसी कोई बात नहीं है वह भूखा लग रहा था मेने तो इसलिए उसे खाने को दिया था अगर वह कल भी आएगा तो उसे फिर से मिल जायेगा इसमें कोई भी ऐसी बात नहीं है जिसमे हमे सोचने की जरूरत है, इससे कोई भी फर्क नहीं पड़ता है वह पड़ोसी दूकान वाला चला जाता है जीवन में हमे अच्छे काम करने चाहिए जिससे सभी को फायदा हो सके, अगर आपको यह श्याम की दुकान की दूसरी हिंदी कहानी पसंद आयी है तो शेयर करे
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