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Hindi story, भक्ति पर विश्वास, एक साहूकार था वह रात-दिन भगवान की पूजा किया करता था उसके किसी चीज की कमी नहीं थी परंतु उसको कोई पुत्र नहीं था इसीलिए भगवान की पूजा और पाठ किया करता था चाहे कुछ भी हो जाए परंतु वह भगवान की पूजा करना नहीं छोड़ता था 1 दिन उसकी पूजा से प्रसन्न होकर भगवान ने कहा बोलो तुम्हें क्या चाहिए
भक्ति पर विश्वास : Hindi story, Hindi stories
उसने कहा सब कुछ है पर मुझे एक बेटा नहीं है मुझे बेटा दे दो भगवान ने कहा ठीक है मैं तुम्हें एक बेटा दूंगा परंतु वह केवल 11 वर्ष तक ही जीवित रहेगा उसके बाद मर जाएग, ठीक है भगवान बोले कि तुम्हें बेटा चाहिए पर तुम्हें यह पता है कि वह मर जायेगा फिर भी तुम बोल रहे हो ठीक है साहूकार कहने लगा मुझे अपने “भक्ति” पर पूरा “विश्वास” है अगर मेरी भक्ति ठीक है तो भगवान उसे कुछ नहीं होने देंगे
साहूकार को एक बेटा हुआ धीरे-धीरे व बढ़ने लगा जब मैं 11 वर्ष का हो गया तो साहूकारनी कहने लगी की अब इसका विवाह कर दो परंतु साहूकार जानता था कि वह केवल 11 वर्ष तक ही जीवित रहेगा इसलिए उसने उसके मामा अपने साले को बुला कर कहा तुम बहुत सारा धन लेकर निकल जाओ हर नगर राज्य में यज्ञ कराओ और जिस राज्य में जाओ वहां पर उन सभी भूखे और भिखारियों को भोजन कराओ मामा भांजे दोनों घर से निकल गए एक नगर में उनका पड़ाव पड़ा उस दिन उस दिन राजा की कन्या की शादी थी परंतु जो दूसरे राजा बरात लेकर आया वह एक आंख से काना था दूसरे राजा को इस बात की बड़ी चिंता थी की कहीं राजा उन्हें देख लिया
तो शादी से मना कर देगा Because झूठ पर कोई भी भी बात नहीं टिकती जब उसने साहूकार के बेटे को देखा कि उसके मन में विचार आया अगर मैं इसी को दुहला बनाकर बिठा दो तो कितना अच्छा है इस से मेरे लड़के का सच भी किसी को पता नहीं चलेगा और उसकी शादी भी हो जाएगी साहूकार का लड़का भी इस बात को मान लिया उसने दूल्हे के कपड़े बनाकर उस लड़की के साथ शादी कर ले but जब वह जाने लगा तो उसने राजा की कन्या की चुनरी पर लिख दिया तुम्हारा विवाह मेरे साथ हुआ है मैं राजा का नहीं साहूकार का का पुत्र हूं और पढ़ने के लिए काशी जा रहा हूं
जब लड़की ने पढ़ा तो राजा के साथ जाने से इंकार का दिया राजा की बारात खाली हाथ ही लौट गई मामा भांजे कार्य की ओर चल पड़े हर राज्य में वह यज्ञ करते और भूखे-नंगे को खाना खिलाते जब वह काशी पहुंचे तो वह लड़का 11 वर्ष का हो गया था जिस दिन में 11 वर्ष का हुआ उस दिन भी यज्ञ दिनों की तरह उसके मामा करा रहे थे और भिखारियों को भोजन करा रहे थे उसने अपने मामा से कहा मेरी तबीयत ठीक नहीं है मामा ने कहा तो अंदर जाकर आराम कर लो थोड़ी देर में जब दक्षिणा देने का टाइम आया तो मामा ने उसे भुलाने के लिए आया तब तक वह मर चुका था Because वह घर 11 वर्ष का हो चुका था
मामा ने यह देख कर रोना पीटना शुरू नहीं किया बल्कि जो भिखारी बैठे थे उन को खाना खिलाया दक्षिणा दी और उसके बाद जो उसने रोना पीटना शुरू किया तो सभी सुनने वालों को बड़ा दुख हुआ उसी समय भगवान ने सोचा अगर मैं इसे ही जीवन दान दे दूं तो शायद इसके माता- पिता बच जाएंगे क्योंकि उसके माता पिता को यह पता था कि यह 11 वर्ष का होने के बाद जिंदा नहीं रहेगा इसलिए उसके माता-पिता अपने घर की छत पर चढे बैठे थे उन्होंने यह प्रतिज्ञा कर रखी थी जब मेरा पुत्र आएगा तो नीचे उतरेंगे नहीं तो ऊपर से ही कूद कर आत्महत्या कर लेंगे
मेरी किस्मत अचानक बदल गयी हिंदी कहानी
भगवान को उनकी प्रार्थना स्वीकार करनी पड़ी और वह लड़का जीवित हो गया पहले की तरह मामा भांजे दोनों वापस लौट रहे थे तो उसी नगर में पहुंचे जहां राजा की कन्या के साथ उस ने शादी की थी तो राजा ने अपने जमाई को पहचान लिया और बहुत सारा पैसे और धन देकर अपनी बेटी को विदा किया जिस समय लड़का अपने घर पहुंचने वाला था तो मामा ने कहा रुको मैं पहले तुम्हारे घर जाकर खबर करता हूं उसने घर जाकर उसके माता पिता को बताया तो वह बड़े खुश हुए उन्होंने उन्होंने भगवान का धन्यवाद किया और अपने पुत्र और उसकी पत्नी को गले से लगाया
साहूकार और उसकी पत्नी उनका पुत्र सब राजी खुशी से रहने लगे but फिर भी साहूकार ने भगवान की “भक्ति” करनी नहीं छोड़ी अगर हमें भगवान से कुछ चाहिए तो हमें उसकी “भक्ति” पर भी “विश्वास” होना चाहिए अगर हमें “विश्वास” नहीं है तो कुछ भी नहीं है. आपको यह कहानी, Hindi story | Hindi stories | story in hindi | kahani hindi | hindi kahani, अगर पसंद आयी है तो आगे भी शेयर जरूर करे और कमेंट करके हमे भी बताये.
सच्ची भक्ति की हिंदी कहानी :- Hindi story and Hindi stories
उस आदमी को अपनी “भक्ति” पर बहुत विश्वाश था, भले ही उसका जीवन परेशानी में था, वह जानता था, उसका परिवार मुश्किल से चल रहा है मगर फिर भी वह अपने भगवान पर “विस्वाश” करता है क्योकि उसे लगता है भगवान उसकी मदद जरूर करेंगे, वह आदमी अपनी “भक्ति” हर रोज की तरह करता था, उसे यह पता था जब भगवान के पास समय होगा वह मेरी मदद जरूर करेंगे लेकिन उस आदमी की पत्नी कहती है, मुझे लगता है की कुछ भी होने वाला नहीं है,
हमारे सामने मुसीबत बनी रहेगी वह कम नहीं होगी, लेकिन वह आदमी अपनी पत्नी से कहता है तुम ऐसा क्यो सोचती हो, तुम्हे विश्वाश होना चाहिए भगवान सभी की मदद करते है मेरी भी मदद करने जरूर आयंगे लेकिन यह कब होगा यह सब कुछ उनकी इच्छा पर निर्भर होता है, पत्नी इस बहस में नहीं पड़ना चाहती थी, वह कुछ नहीं कहती है, वह आदमी अपनी “भक्ति” करता हु काम पर चला जाता है वह अपना काम भी “भक्ति” के गुणगान करता हुआ करता है शायद उसे भगवान पर बहुत यकीन है वह जरूर आयंगे उनकी तकलीफ दूर करने के लिए,
शाम को जब वह आदमी घर आ रहा था, उसे एक बाबा मिलते है जोकि बहुत भूखे लग रहे थे वह आदमी उन्हें अपने साथ लेकर आता है वह बाबा कहते है मुझे लगता है की तुम्हे भगवान पर बहुत “विस्वाश” है, वह आदमी कहता है की में उनकी “भक्ति” करता हु मुझे ऐसा लगता है की मेरा मन बहुत अच्छा हो जाता है सब कुछ आसान लगने लगता है, वह बाते करते हुए घर आ जाते है, वह आदमी अपनी पत्नी से कहता है मेरे साथ एक बाबा आये है उन्हें बहुत भूख लगी है, कुछ बनाकर ले आओ,
वह आदमी बाबा को भोजन करा देता है उसे बाद बाबा कहते है की मुझे अब चलना चाहिए क्योकि रात होने वाली है, वह आदमी कहता है की अगर आप चाहे तो हमारे पास ठहर सकते है लेकिन बाबा कहते है की मुझे जाना ही होगा, बाबा कहते है की मुझे आज बहुत अच्छा लगा है की तुमने मेरी सेवा कि है, तुम एक सच्चे भक्त हो तुम्हारी “भक्ति” भी सच्ची है, तुम्हे भगवान पर “विस्वाश” है इसलिए में तुम्हे प्रसाद में यह फूल देता हु, यह तुम्हारी इच्छा को पूरी करेगा वह बाबा चले जाते है, वह आदमी उस फूल को रख देता है, सुबह हो जाती है,
Hindi story | Hindi stories | story in hindi | kahani hindi | hindi kahani, वह आदमी उस फूल को देखता है, सोचता है की बाबा ने यह मुझे दिया है लेकिन इससे क्या होगा कुछ समय बाद पत्नी भी आती है, कहती है, की इस फूल को देखने से कुछ नहीं होगा, इससे जीवन नहीं बदलने वाला है, अगर हमारे पास बहुत धन होता तो बहुत अच्छा होता कुछ समय बाद वह फूल गायब हो जाता है उसके घर में सोना आ जाता है, जबकि उन्हें उम्मीद भी नहीं थी, वह आदमी समझ जाता है की मेरी “भक्ति” से खुश होकर हमे यह सब कुछ मिला है, भगवान ने हमे बहुत कुछ दिया है, यह देखकर पत्नी को भी यकीन हो जाता है उस आदमी की “भक्ति” सच्ची है,
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