Hindi story
Hindi story, hindi kahani, यह कहानी है एक मध्यम परिवार की जो अपने जीवन में बहुत सी परेशानी के सामना करते है. ये बात कुछ समय पहले की है, जब सुरेश के दो बच्चे जो रोज स्कूल जाते थे उनके रस्ते में एक गली पड़ती थी,
पत्नी का कहना एक हिंदी कहानी : Hindi story
Hindi story, उस गली में कुछ ऐसे बच्चे रहते थे जो न जाने कौन सी गाली देते थे जो की अच्छी बात नहीं थी सुरेश के दोनों बच्चे भी वही गाली सीखते थे क्योकि उन्हें रोज रोज उसी गली में से जाना पड़ता था सो उन्हें भी सुन ही जाता था इस बात की चिंता सुरेश की पत्नी को हमेशा रहती थी क्या किया जाए बच्चे के लिए ये सब अच्छा नहीं है. जब भी सुरेश घर आता तो उसकी पत्नी ने सुरेश से कहा, सुनिये जी ,
उनकी उम्र ही कितनी है :-
हां बोलो क्या बात है, हमारे बच्चे कुछ ठीक नहीं चल रहे,सुरेश ने कहा की क्या बात है जो तुम ऐसा कह रही हो,कुछ नहीं जी, वो बच्चे ठीक नहीं चल रहे अगर ऐसा ही चलता रहा तो न जाने आगे चलकर क्या बनेगे कुछ पता है तुमको. तुम क्या कह रही हो ऐसा कुछ नहीं है, अब उनकी उम्र ही कितनी है ऐसी उम्र में तो बच्चे नटखट होते ही है, जब उनकी उम्र हो जाएंगी तो अपने आप ठीक हो जायेंगे और उन्हें समझ भी आ जाएगी.
पर सुरेश की बाते को अनसुनी करके, उसकी पत्नी कहती है की तुम्हे बच्चो की फ़िक्र क्यों नहीं है, अगर हम आज ध्यान देंगे तो उनका भविष्य भी ठीक होगा और अगर आज ध्यान नहीं दिया गया तो आगे चलकर परेशानी हो सकती है और तुम मेरी बात को ध्यान से नहीं सुनते और मुझे हमेशा बच्चो की चिंता बानी रहती है कही ये बिगड़ न जाए पर आपका तो ध्यान ही नहीं है बच्चो पर,
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सामान उधर ले आते है :-
सुरेश हुआ क्या है ये बताओ जो इतना जोर दिया जा रहा है, क्या आपको पता है की जब दोनों बच्चो घर आते है तो बड़ी शरारत करते है, छुट्टी होने पर आने में बहुत देर करते है कभी आते आते गलियो में खलने लग जाते है और रिक्शे वाले की पीछे दौड़ते है और दूकानदार से कुछ भी सामान उधर ले आते है, और ये दुकानदार भी उन्हें कुछ भी दे देता है, क्योकि उसे तो अपनी दूकान चलानी है सो वो उन्हें सामान देता है, और गली में एक बुढ़िया जो बेकार से फल बेचती है वो भी उन्हें बेच देती है,
अब शरारते बढ़ती ही जा रही है, दोनों बछो पर ध्यान देना भी बहुत ही जरुरी है इसलिए कह रही हू की उन पर ध्यान दो. सुरेश ने सब सुना और कहा की देखते है और कहना कहा कर सो गया है, सुरेश एक दफ्तर में काम करता है और रोज सुबह जाकर शाम को ही घर वापिस आता है. और साथ ही सुरेश ट्यूशन भी पढ़ाता है और दोनों का गुजारा चल ही जाता है एक रात को सुरेश को आते आते देर हो गयी पत्नी भी इंतज़ार कर रह थी, सुरेश ने दरवाजा पर दस्तक दी,
बच्चो को ट्यूशन पढ़ाता :-
पत्नी ने दरवाजा खोला, आज इतनी देर कैसे हो गयी, सुरेश का मूड आज खराब था, सुरेश जिन बच्चो को ट्यूशन पढ़ाता था उनमे से आज दो बच्चो ने ट्यूशन छोड़ दिया था और तंगी तो थी ही ऊपर से दो बच्चो ने भी ट्यूशन छोड़ दिया, सुरेश ने कहा की इस ट्यूशन से बढ़ी आमदनी आती थी अब वो भी नहीं रही ऊपर से काम भी एच नहीं चल रहा है जो की बेफिक्र हो कर रहा जाए क्या कर कुछ समझ में नहीं आता है,
पत्नी ने कहा की चलो मुह हाथ दो लो में खाने का इंतज़ाम करती हू ,आओ खाना लग गया है, दोनों ने खाना खाया और सुरेश कुछ देर टहलने के लिए छत पर चला गया, रात को वो हलकी हलकी हवा चल रही थी, ये शान मौसम सुरेश को अच्छा फील हो रहा था मनो वो सब कुछ भूल गया हो. कुछ देर बाद पत्नी आयी और बोली की सोना नहीं है आज, सुरेश को कुछ याद आया और बोला की मेरा दोस्त आज मुझे मिला था,
मेरा दोस्त बहुत ही सज्जन है :-
आज ही ऐसी शहर में आया है बैंक में काम करता है उसे किराये पर रहने के लिए मकान चाहिए क्या तुम्हारी नज़र में है कोई किराये पर मकान, हां शायद सामने वाला मकान खली है और वो किराये पर दे भी देंगे, सुरेश ने कहा की तुम बात करो और मुझे बताओ, हां ठीक है पर वो उस मकान में रह लेंगे आपने कहा की वो बैंक में काम करते है तो इस छोटे मकान में कैसे रहंगे, नहीं मेरा दोस्त बहुत ही सज्जन है और ज्यादा बात भी पसंद नहीं करता है,
इसलिए उससे किसी को भी ज्यादा परेशानी नहीं होगी, और परिवार भी ज्यादा बड़ा नहीं है वो आराम से रह लेगा. तुम बात करके बताओ. पत्नी के सामने सुरेश ने कुछ ज्यादा ही तारीफ कर दी अपने दोस्त की, याद तंखा मिलती है बड़े आराम से रहता है, इस पर पत्नी ने जवाब में कहा की कोई जरूरत नहीं है, उसे यह पर मकान दिलाने की आप में और उसमे बहुत ही ज्यादा फर्क है
मकान की जरूरत :-
वो अपने काम में आपसे ऊपर है और आप उससे कभी भी मिलान नहीं कर पाओगे मेरा कहना है की उसे यह लाने की कोई जरूरत नहीं है. पत्नी बात सुनकर तो अब सुरेश भी सोचने लगा की ठीक तो है पर उसे मकान की जरूरत तो है, और वो किसी को मेरे सिवाए यह जनता भी नहीं है, इसलिए उसने मुझसे कहा है.
ये सोचते सोचते सो गया और सुरेश सुबह उठा और अपने काम पर चला गया और जाते जाते यही सब कुछ सोच रहा था की, जहा पर में काम कटा हू वो एक दूकान है और में वह पर अकाउंट को देखा हू और मेरा दोस्त एक बैंक में काम करता है और बड़े आराम से रहता है, में एक छोटी से टेबल पर बैठता हू और वो बड़ी कांच की टेबल पर काम करता है मेरी कुसी में ऐसे पावे लगे है
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मेरी ज़िन्दगी :-
जब चाहे टूट जाए और घूमने वाली कुर्सी पर बैठा है. उसकी ज़िन्दगी बड़े आराम से बीतती है और मेरी ज़िन्दगी तो मानो बैलगाड़ी की तरह है जिसमे सिर्फ धक्के लगते है, मेरे परिवार को पूरा कहना भी नसीब नहीं होता है और उसका परिवार घूमने के लिए हेमशा कही न कही जाता ही रहता है.
जब सुरेश घर आया तो उसकी की पत्नी ने कहा की उसे मकान कही भी दिलाओ पर अपने बच्चो को अगर कुछ बनाना चाहते हो तो इस मोहले से चलो वरना बच्चे यह पर बिगड़ जायेगे और उनका भविष्य भी, क्योकि बच्चे रोज रोज नई- नई गालिया सिख रहे है, अब बहुत हुआ मुझे ये बर्दाश नहीं है यह का माहौल बिलकुल भी ठीक नहीं यह से चलो,
इस पर सुरेश ने कहा की देखते है और खाना कह कर सुरेश सो गया, जब सुबह हुई तो पत्नी ने पूछा की रात भर आपने क्या सोचा, इस पर सुरेश ने कहा की ठेके है आज में जल्दी घर आ जायूँगा फिर कही और करिये पर मकान ले लेंगे, इस पर पत्नी ख़ुशी देखने लायक थी. पत्नी का कहना, hindi story, hindi kahani, hindi stories, अगर आपको यह कहानी पसंद आयी है तो आप इन्हे शेयर कर सकते है
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वह अपनी पत्नी का कहना नहीं मानता था, जबकि उसकी पत्नी उससे कहती थी,
अगर तुम यह लालच छोड़ देते हो, तो बहुत अच्छा होगा,
क्योकि यह लालच हमे एक दिन गलत राह पर ले जा सकता है,
वह आदमी एक जगह पर काम करता था,
लेकिन वह कुछ सामान अपने सेठ से छुपाकर बेच देता था,
जिससे उसे बहुत अच्छी आमदनी होती थी,
लेकिन इससे सेठ को बहुत नुकसान होता था,
यह बात जब उसकी पत्नी को पता चली तो उसे बहुत बुरा लगा था,
क्योकि यह ठीक बात नहीं थी, वह सेठ बहुत ही अच्छा था,
हमेशा मदद करता था, मगर उस आदमी ने शायद अपनी पत्नी की बात को न मनना ही जरुरी समझा था,
वह एक दिन सोच रहा था, आज सेठ के यहां पर बहुत अधिक सामान आया है,
उसे आज बहुत अधिक आमदनी होगी,
सामान छुपाते हुए :-
वह सेठ का कुछ सामान छुपा चुका था, लेकिन सेठ को यह बात पता चल गयी थी, क्योकि उसे सामान छुपाते हुए एक आदमी ने देख लिया था, वह सेठ को सब कुछ बता आया था, वह सेठ रात के समय में आता है, वह उस आदमी को बुलाता है, सेठ कहता है मुझे सब कुछ पता चल गया है, वह सामान तुम जिस जगह पर रखा है उस जगह से लेकर आओ, उसके बाद सुबह को मुझसे मिलने आ जाना,
अब वह आदमी समझ गया था, आज उसकी नौकरी चली जाएगी वह अपनी पत्नी से कहता है, मेने तुम्हारी बात नहीं मानी थी, आज मुझे सेठ ने बुलाया है, अब हम परेशानी में आने वाले है, पत्नी कहती है, मुझे समझ आ गया है लेकिन तुमने कभी भी बात को नहीं समझा था, आज सेठ को पता चल गया है, जबकि मुझे पहले से ही पता था, यह ठीक नहीं हो रहा है, वह सेठ के पास जाता है, शायद सेठ माफ़ कर सकते है,
इतना धन नहीं है :-
वह सेठ के पास गया और माफ़ी मांगने लगा था, सेठ ने कहा की में तुम्हे माफ़ कर सकता हु लेकिन तुम्हे मेरा किया गया नुक्सान वापिस करना होगा, यह सुनकर वह आदमी कहता है की मेरे पास अब इतना धन नहीं है, सेठ कहता है की फिर कुछ नहीं हो सकता है तुमने जो किया उसकी सजा यही है, की अब तुम यहां पर काम नहीं कर सकते हो, वह आदमी घर चला जाता है, पत्नी कहती है, आज हमारे सामने समस्या आ गयी है,
कहानी का मोरल :-
पत्नी की बात न मानकर उस आदमी ने अपने लिए और अपने परिवार के लिए समस्या खड़ी कर दी थी, जीवन में कभी कभी हमारे सामने ऐसा भी समय आता है, जब हमे किसी की भी बात सही नहीं लगती है, लेकिन हमे खुद ही सोचना चाहिए की क्या हम सही कह कर रहे है, शायद फिर आपको जवाब मिल सकता है, अगर आपको यह hindi story, hindi kahani, hindi stories पसंद आयी है, शेयर करे,
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