रामू की अनोखी मोरल हिंदी कहानी, hindi moral stories

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Hindi moral stories

Hindi moral stories, जब भी पंडित रामू को देखते थे उन्हें यही लगता था, रामू बहुत मेहनत करता है, वह हर रोज सुबह ही मंदिर आता है, उसके बाद अपने खेत पर जाता है, रामू जितनी मेहनत शायद ही कोई कर रहा था, रामू ने एक दिन देखा की उनके पड़ोसी का छोटा लड़का बीमार है, जब रामू को पता चला की उनका पड़ोसी किसी काम से बाहर से बाहर गया हुआ है, उनके घर में कोई भी उसे दवाई दिलवाने के लिए नहीं है, रामू उनके घर जाता है,

रामू की अनोखी मोरल हिंदी कहानी :- Hindi moral stories

Hindi moral stories
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रामु कहता है, में आपके लड़के को डॉक्टर के पास लेकर जाता हु, क्योकि यह बहुत अधिक बीमार हो सकता है, यह रात का समय था, बाहर ठंड बहुत अधिक पड़ रही थी, कुछ भी तो नज़र नहीं आ रहा था, कोहरा सभी जगह पर फेल गया था, यह देखकर भी रामू को सिर्फ उस लड़के की चिंता थी, इसलिए रामू उसे ले जा रहा था, रामू को आज उस कोहरे के बारे में भी सोचने की जरूर नहीं पड़ रही थी, क्योकि आज उसे कैसे भी करके गांव से दूर एक डॉक्टर है उसके पास जाना था,

एक नाटक से सीख

यह रात का समय था, रामू उस डॉक्टर के पास आ गया था, मगर शायद डॉकटर घर चले गए थे, इसलिए रामू उनके घर ही चला गया था, जब रामू उनके घर आया, तो डॉक्टर ने कहा की यह कोई समय नहीं है, तुम यहां पर क्यों आये हो, तुम्हे दिन के समय में आना चाहिए था, रामू ने कहा की यह देखो लड़के की तबियत बहुत खराब हो रही है, यह बीमार है, डॉक्टर ने कहा की तुम दिन में क्यों नहीं आते हो, अब रात के 12 बजे है, रामू ने कहा की आप इसे देखिये, वह डॉक्टर कहता है, अभी तो में देख रहा हु, मगर आगे से ध्यान रखना होगा,

छोटी सी बात हिंदी कहानी

वह डॉक्टर लड़के को देखता है, फिर उसे दवाई देता है, वह कहता है की दो दिन में यह ठीक हो जाएगा, डॉक्टर कहता है की तुम्हारा लड़का इतना बीमार है, फिर भी तुम आज इसे लाये हो, रामू कहता है की यह मेरे पड़ोसी का लड़का है, वह घर पर नहीं है, इसलिए जब मुझे पता चला तो में आपके पास लेकर आ गया हु, यह सुनकर डॉक्टर को आज लग रहा था, रामू बहुत अच्छा है, यह दूसरे की फ़िक्र कर रहा है, रात के समय में उसे लेकर आया है,

गमले वाली बूढ़ी औरत

वह डॉक्टर कहता है, मुझे ऐसा लगता है, की तुम ही बहुत अच्छा काम कर रहे हो, क्योकि तुम इतनी रात को ठंड के समय में आये हो, जबकि कोई और होता तो शायद यह काम नहीं करता, रामू कहता है, हम सभी इंसान है, हमे एक दूसरे की तकलीफ समझ आती है, इसलिए हम दुसरो को भी तकलीफ में देखना नहीं चाहते है, उस दिन के बाद डॉक्टर को भी लग रहा था, वह भी सभी की मदद के लिए हमेशा तैयार रहे, अगर आपको यह मोरल कहानी पसंद आती है, तो आगे भी शेयर कर सकते है,    

 

पंडित और रामू की कहानी :- Moral Hindi Story

moral hindi story, hindi moral stories, story hindi, वह कहानी तो आपने सुनी होगी कि एक बार बोले हुए शब्द वापस नहीं लिए जा सकते हम किसी भी व्यक्ति को बुरा भला कह देते हैं लेकिन हमें बाद में याद आता है कि हमें ऐसा नहीं करना चाहिए था क्योंकि एक बार शब्द तो मुंह से निकल जाते हैं, लेकिन उन्हें वापस कभी नहीं बुलाया जा सकता है और सामने वाले को कितनी परेशानी होती है यह सामने वाला ही जानता है इसलिए हमें बोलने से पहले सो बार सोचना चाहिए कि हम क्या बोल रहे हैं और किसको बोल रहे हैं

रामनाथ की साइकिल हिंदी कहानी

हमारे मुंह से निकले हुए शब्द किसी को कितनी ठेस पहुंचा सकते हैं यह बात आपको जानने चाहिए एक रामू नाम का आदमी था वह अपने दूसरे व्यक्तियों को भला बुरा कह देता था और बिल्कुल भी नहीं सोचता था कि मैंने उसे क्यों कहा और बाद में उसे बिल्कुल भी पछतावा नहीं होता था, एक बार रामू की लड़ाई किसी से बहुत ज्यादा हो गई है और रामू को इस बार लगा की  उसने बहुत बड़ी गलती की है तो इसका पश्चाताप करने के लिए वह एक पंडित जी के पास गया और पंडित जी से बोले हैं कि महाराज कुछ ऐसा उपाय कीजिए कि जिससे कि सामने वाला हमारा खुश हो जाए

राजा की सोच कहानी

क्योंकि मैंने उसे बहुत ही गलत कहा है और मुझे उसके लिए बहुत बुरा लग रहा है पंडित जी ने उसे कहा कि तुम ऐसा करो कि यह थैला ले जाओ इस थैला में बहुत सारे पंख रखे हुए हैं यह सभी पंख कबूतर के हैं और इससे तुम ले जा कर खुले मैदान में रख दो और फिर थोड़ी देर बाद में भरकर मेरे पास ले आना और जब वह व्यक्ति खुले स्थान पर पंखों को रख कर बैठा और थोड़ी देर में पंख चारों तरफ फैल गए और वह उन्हें वापस थैला में नहीं ला सका वह खाली थैला लेकर पंडित जी के पास आया और कहा कि पंडित जी वह तो सारे पंख उड़ गए हैं

छोटी सी मुलाकात कहानी 

moral hindi story, hindi moral stories, story hindi, इस पर पंडित जी ने कहा कि यही तुम्हारे शब्द हैं मुंह से एक बार निकल जाते हैं फिर कभी भी वापिस नहीं आते हैं और इन शब्दों का कभी भी पश्चाताप नहीं हो सकता है इसलिए बोलने से पहले सौ बार सोचना चाहिए कि तुमने किसी को क्या बोला है

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