Free story in hindi
free story in hindi, free hindi story, best hindi kahani, beautiful story in hindi, एक नगर में एक बाबा आए हुए थे बाबा बहुत ही ज्ञानी थे वह लगभग सब कुछ बता देते थे but बाबा को अपने ऊपर बिल्कुल भी घमंड नहीं था वह समझते थे कि मैं इतना ज्ञानी नहीं हूं.
बाबा की सीख कहानी : free story in hindi
Because हर इंसान कुछ ना कुछ रोज सीखता ही रहता है और जब इंसान सीख रहा होता है तो इसका मतलब यह है कि वह ज्ञानी कैसे हो सकता है. दूर दूर से लोग उस बाबा के पास आया करते थे अपनी समस्याओं को लेकर और बाबा उनके समस्या थोड़ी ही देर में पूरी कर देते थे जो भी कोई व्यक्ति बाबा के पास समस्या लेकर आता था वह अपना समाधान लेकर ही वहां से जाता था
बाबा के पास एक शिष्य काम करता था वह यह रोज सबकुछ देखता था एक दिन बाबा से उसने पूछा कि आप तो बहुत बड़े ज्ञानी हैं सब कुछ बता देते हैं but फिर भी अपने आप को ज्ञानी नहीं मानते हैं और साधारण की तरह ही रहते हैं ऐसा क्यों है बाबा, फिर शिष्य ने कहा बाबा मैंने आपको कई बार देखा है कि आप दूसरे लोगों से प्रेरणा लेते हैं उनकी समस्याओं का भी समाधान करते हैं और कुछ बातों को उनकी अपना लेते हैं ऐसा क्यों Because आप तो बहुत बड़े ज्ञानी हैं
इस पर बाबा हंसने लगे कहने लगे कि हर इंसान से हमें कुछ ना कुछ बातें जरूर सीखनी चाहिए Because हर इंसान के पास ऐसी बातें होती हैं जो हम कभी नहीं जान सकते और इंसान अपने पूरे जीवन में सब बातों को कभी भी सीख नहीं सकता इसलिए हमें दूसरों की बातों को बड़े ध्यान से सुनना चाहिए और उनकी अच्छाइयों को अपनाना चाहिए हम कितने भी किताबें पढ़ने but बहुत सी बातें हमें इंसानो से ही पता लगती है और बहुत सी बातें किताबों में लिखी भी नहीं गई हैं अब बाबा का शिष्य पूरी तरह से समझ गया था कि हमें हमेशा सीखते रहना चाहिए Because इस सीखने से ही हमारी जिंदगी में बहुत बड़े बदलाव आ सकते हैं और यह हमारे जीवन को सफल बनाने में भी बहुत ही जरूरी भी है
सेवक की ईमानदारी की हिंदी कहानी :- Free story in hindi
वह “बाबा” भ्रमण करते हुए एक गांव में पहुंचे उन्होंने देखा कि उस गांव में एक मंदिर बना हुआ है और उसमें एक सेवक है जो कि मंदिर की साफ सफाई कर रहा है सुबह का समय हो रहा था शायद आरती होने ही वाली थी इसलिए वह “बाबा” मंदिर के पास ही बैठ जाते हैं और उस सेवक को देखने लगते हैं जो कि मंदिर में साफ सफाई कर रहा था
कुछ समय बाद एक सेठ वहां पर आते हैं और वह मंदिर में कुछ दान करने के लिए आए हुए थे उन्होंने मंदिर में दान करने के लिए सोने की मालाएं बनवा रखी थी जो कि मूर्तियों पर चढ़ाने थी उन सभी माला में से एक सबसे कीमती माला थी जिसमें एक हीरा लगा हुआ था वह हीरा गणेश जी की मूर्ति पर चढ़ाया गया उसके बाद सेठ ने सभी लोगों को लिए भोजन बनवाने की व्यवस्था की क्योंकि शायद वह उस दिन आरती करना चाहते थे भोजन भी धीरे-धीरे तैयार हो रहा था सब को भोजन कराया जा रहा था
लेकिन कुछ क्षण बाद देखा गया कि गणेश जी की मूर्ति में लगा हीरा कहीं गायब हो गया है मंदिर का पुजारी कहता है कि वह हीरा पता नहीं कहां चला गया है किसी ने भी उसे नहीं देखा है तभी सेठ जी ने कहा कि मुझे ऐसा लगता है यह सेवक यहां पर काम कर रहा है साफ सफाई कर रहा है इसी ने वह हीरा लिया होगा मुझे तो इसी पर पूरी तरह से शक है “बाबा” सब कुछ देख रहे थे वह जानते थे कि उसने कुछ नहीं किया है क्योंकि वह बहुत देर से साफ सफाई कर रहा है
वह सेवक यह काम नहीं कर सकता है लेकिन सभी को उस सेवक पर शक हो रहा था सेवक को बुलाया गया और इस बारे में पूछा गया लेकिन सेवक ने मना कर दिया उसने कहा कि मैंने तो हीरा देखा भी नहीं है सेठ को बहुत गुस्सा आया और कहने लगे कि मुझे लगता है इसने हीरा कहीं छुपा दिया है और इसे सजा मिलनी चाहिए जिसके बाद यह हमें बता देगा कि वह हीरा कहां पर है पुजारी कहता है कि मुझे नहीं लगता है कि इसने हीरा चुराया क्योंकि यह यहां पर बहुत साल से काम करता है और यहीं पर रहता है
यह अकेला है और यह ऐसा काम बिल्कुल भी नहीं कर सकता लेकिन सेठ बिल्कुल भी मानने के लिए तैयार नहीं थे वहीं पर बैठे हुए “बाबा” सब कुछ देख रहे थे और उनके पास आते हैं और कहते हैं कि मुझे लगता है कि सेवक ने कुछ नहीं किया है तभी सेठ जी कहते हैं कि आप यहां पर नहीं रहते लेकिन मुझे लगता है कि इसने चोरी की है और वह हीरा भी लिया है बाबा कहते हैं कि आपको कुछ क्षण इंतजार करना होगा तो शायद मैं कुछ कर पाऊं “बाबा” मूर्ति के पास जाते हैं और देखते ही की मूर्ति के पीछे ही वह हीरा गिरा हुआ था और वह हीरा उठाकर लेकर आते हैं और सेठ जी को दिखाते हैं
जब सेठ जी को यह हीरा नजर आता है तो उन्हें अपनी बातों पर बहुत पछतावा होता है उन्हें लगता है कि उन्होंने आज बहुत गलत काम किया है वह सेवक से माफी मांगना चाहते हैं लेकिन सेवक कहता है कि आप मुझसे बड़े हैं आप जो भी चाहे वह कह सकते हैं आपको मुझसे माफी मांगने की जरूरत नहीं है शायद इतनी बात सुनकर आज सेठ को यह लग गया था कि इससे बड़ा आदमी और कोई नहीं हो सकता
जबकि गलती मेरी है और मुझे ही क्षमा मांगने चाहिए लेकिन वह सेवक मुझे इस काम के लिए मना कर रहा है उस दिन के बाद सेठ के अंदर बहुत बड़ा बदलाव आ गया था जीवन में हमारे सामने ऐसी बहुत सी समस्याएं आती हैं जिनके समाधान के लिए हम कुछ भी सोच लेते हैं जबकि हम यह नहीं समझ पाते हैं कि जो हम कर रहे हैं वह सही है या गलत है यह कहानी सिर्फ हमें यही शिक्षा देती है कि किसी पर भी बातों को कहने से पहले हमें बहुत बार सोचना पड़ता है
बिना सोचे समझे जो कही बातें हम किसी को कहते हैं उससे हमारे जीवन पर भी असर पड़ पड़ता है “बाबा” उस सेवक से मिले और उससे बातचीत की उन्हें लग रहा था कि इससे अच्छा इंसान शायद मुझे कहीं नहीं मिलेगा इसे किसी तरह का लोभ नहीं है यह सिर्फ अपने भगवान के प्रति सेवा करता है और भगवान इसकी सारी समस्याओं को दूर करेंगे वह इतना कह कर चले जाते हैं,
बाबा की सीख दूसरी कहानी : beautiful story in hindi
बाबा देखता है की कुछ बच्चे नदी में से मछली को निकालते है और उनके साथ बाहर ही खेलते है बाबा उनके पास जाते है और कहते है की आप यह सब क्या कर रहे है, वह बच्चे कहते है की हम सभी इन मछली के साथ खेल रहे है, but बाबा देखते है की बच्चे उन्हे परेशान कर रहे है यह ठीक नहीं है बाबा कहते है की इनके साथ तुम नहीं खेल नहीं सकते हो Because यह पानी से बाहर आते ही मर जाती है
free story in hindi, free hindi story, best hindi kahani, beautiful story in hindi, बाबा बच्चो को बताते है की तुम्हे ऐसा नहीं करना चाहिए, Because अगर ऐसा करते हो तो यह अच्छी बात नहीं है अगर तुम्हे कोई नदी में गिरा देता है और फिर बाहर निकाल लेता है ऐसा वह हर बार करता है तो तुम्हे कैसा लगता है वह सभी बच्चे कहते है की हमने यह तो सोचा ही नहीं था Because इस तरह हमे परेशानी होती है इसलिए वह बाबा कहते है की सभी मछली को छोड़ देना चाहिए वह बच्चे मछली को छोड़ देते है यह बाबा की सीख उन्हें याद रहती है की कभी भी किसी को परेशान नहीं करना चाहिए,
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