Child story in hindi | Story for kids in hindi with moral
child story in hindi, दोस्तों इस कहानी मैं सरपंच को सही दिशा दिखने के लिए मोटू क्या करता है, ये आपको पता चलेगा. क्योकि कभी कभी एड़ी बड़ा आदमी कुछ आदेश भी दे, तो जरूरी नहीं होता है की वो सही मायने मैं सही ही हो. इसलिए कभी कभी हमे उसके विपरीत भी कुछ फैसले लेने पड़ते है. एक बार की बात है, बहुत सारी बिल्लियों ने गांव के लोगों को परेशान कर रखा था.
मोटू और सरपंच की कहानी :- Child story in hindi
बिल्लियों से छुटकारा पाने की बहुत कोशिशें की गईं. अंत में इस समस्या के हल के लिए सरपंच ने घोषणा की कि बिल्लियों को पकड़ने के लिए प्रत्येक परिवार को एक एक कुत्ता दिया जायेगा. कुत्ता की देख रेख का बोझ लोगों पर न पड़े इसलिए प्रत्येक घर को एक एक बकरी भी दी जाएगी. जिससे कि उस बकरी का दूध कुत्तो को पिलाया जा सके. पार्सद का यह निर्णय मोटू को पसंद नहीं आया और पार्सद को समझाने के लिए उसने एक योजना बनाई.
जल परी की कहानी
मोटू अपने कुत्ता को पीने के लिए प्रतिदिन गर्म दूध देता. कुत्ता जैसे ही दूध पीता उसकी जीभ बुरी तरह जल जाती. इसलिए कुत्ता ने धीरे धीरे दूध पीना ही छोड़ दिया. एक दिन पार्सद बिल्लियों का निरीक्षण करने के लिए शहर गए. सरपंच ने देख कि सभी घरों की बिल्लियां तो स्वस्थ हैं, परंतु मोटू का कुत्ता बहुत दुर्बल व पतला है.
पूछने पर मोटू बोला, यह कुत्ता दूध ही नही पीता. मोटू की बात की सत्यता जांचने के लिए पार्सद के कहने पर कुत्ता को दूध दिया गया, परंतु सदा की तरह अपनी जली जीभ की याद आते ही वह दूध देख तुरंत भाग गया. सरपंच समझ गए कि अवश्य ही इसमें मोटू की कोई चाल है. इससे अवश्य ही कुछ ऐसा किया है जिससे कि कुत्ता दूध को देखते ही भाग जाता है.
शेखचिल्ली की दुकान
वे क्रोधित होकर बोले, मोटू को 200 कोड़े मारे जाएं. मोटू ने सरपंच की ओर देखा और बोला, महाराज, मुझे 200 कोड़े मारिए, मुझे इसका कोई दुख नहीं है, परंतु मैं यही सोचता हूं कि जब मनुष्यों को पीने के लिए उपयुक्त मात्रा में दूध उपलब्ध नहीं है,
तब कुत्तो को इस प्रकार दूध पिलाना उचित है. सरपंच को तुरंत ही अपनी गलती का एहसास हो गया. उन्होंने तुरंत आदेश दिया कि बकरी के दूध का उपयोग कुत्तो के बजाय मनुष्यों के लिए किया जाए. तो दोस्तों आपको ये कहानी किसी लगी, कुत्तो और बिल्लियों की. हमे जरूर बताये, ताकी हम इससे भी ज्यादा बेहतर कहानिया आपको दे सके.
मोटू और साधु बाबा की मोरल कहानी :- story for kids in hindi with moral
जब मोटू ने देखा की एक साधु बाबा तपस्या कर रहे है.
वह उनके पास जाता है. मोटू बाबा से कहता है की आप यहां पर तपस्या कर रहे है.
आपको भूख नहीं लगती है. वह बाबा कहते है की यहां पर सभी लोग मेरे लिए फल की व्यवस्था कर देते है.
इसलिए मुझे भोजन की समस्या नहीं होती है. मोटू को भी अब लगने लगता है की
वह बाबा बन सकता है. क्योकि बाबा बहुत आराम से रहते है
छोटा भीम और जादूगरनी
अगले दिन मोटू बाबा बन जाता है. क्योकि उसे लगता है की भोजन की समस्या नहीं होती है.
धीरे धीरे लोग मोटू के पास भी आने लगते है मोटू देखता है की उसके लिए फल आये हैं.
वह बहुत खुश हो जाता है. लेकिन लोग अपनी समस्या उनसे पूछते है.
मगर मोटू को अब समझ नहीं आता है. वह उन्हें क्या कह सकता है. मोटू कहता है की
तुम्हे अब कल मिलना होगा हम कुछ समय बाद इस समस्या का इलाज कर सकते है.
कुछ समय बाद पतलू आता है वह देखता है की मोटू यह क्या कर रहा है.
पतलू कहता है की तुम्हे बाबा बनने की जरूरत नहीं है. क्योकि तुम्हे नहीं लगता है. यह काम ठीक कर रहे हो जबकि यह काम साधु बाबा का है. मोटू कहता है की मुझे भोजन की जरूरत महसूस हो रही थी इसलिए में बाबा बन गया हु लेकिन मुझे अब समझ आ गया है बाबा बनना आसान नहीं है क्योकि वह लोग अपनी समस्या पूछ रहे है. मुझे उनके जवाब नहीं मिल पाए है.
छोटा भीम और जादूगरनी
story for kids in hindi with moral, child story in hindi, पतलू कहता है की बाबा बनना आसान नहीं है. इसलिए तुम्हे बाबा का ज्ञान मिलना चाहिए उसके बाद तुम बाबा बन सकते हो. यह सुनकर मोटू कहता है आज के बाद में बाबा नहीं बन सकता हु वह यह काम छोड़ देता है क्योकि वह समझ गया था. उसका यह काम ठीक नहीं है. अगर आपको यह कहानी पसंद आयी है. शेयर जरूर करे.
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