कंजूस का पैसा हिंदी कहानी, best story in hindi

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best story in hindi, hindi stories for reading, कंजूस का पैसा हिंदी कहानी, एक गांव में एक देवदत्त नाम का व्यापारी रहता था देवदत्त बहुत कंजूस था एक एक रुपया बड़ा सोच समझकर खर्च करता था उसकी इस कंजूसी से ना सिर्फ उसकी पत्नी बच्चे बल्कि गांव के सभी लोग परेशान थे.

कंजूस का पैसा हिंदी कहानी : best story in hindi

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वह कपड़ों का व्यापार करता था और अच्छा खासा पैसा कमा लेता था but उसे खर्च बहुत सोच-समझकर करता था पर उसे या उसकी पत्नी को कोई बीमारी हो जाए तो वह डॉक्टर के पास तो कभी नहीं जाता था और घर में ही इधर उधर से जुगाड़ करके कुछ ना कुछ खा कर अपनी बीमारी सही कर लेता था एक बार गांव में बाढ़ आ गई सब घरों में पानी भर गया और सारे किसानो की फसल बह गई सबके खाने के लिए कुछ नहीं बचा मैं सोचा कि आप सब मुझसे पैसे मांगने के लिए आएंगे उसने अपने जितने भी पैसे कमाए थे

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सब एक  मोटे गद्दे में भर दिए और ऊपर से कपड़े से सिल दिया ताकि किसी को पता ना चले और अगर उसकी पत्नी से कोई पैसे मांगने आए तो उसे कहीं भी पैसे ना मिले सारे गांव में बाढ़ का पानी भर गया था सबको खाने के लिए कुछ नहीं बचा सब अपना घर छोड़ छोड़ कर दूसरे काम के लिए जाने लगे उसकी पत्नी ने भी उसे चलने के लिए कहा but देवदत्त नहीं माना और बोला मैं तो यही रहूंगा और अपनी पत्नी से कहने लगा कि तुम भी यहीं रहो थोड़े दिन में सब ठीक हो जाएगा उसकी पत्नी और बच्चा बिना खाए और पिए जाते दिन तक सही नहीं रह सकें और दोनों धीरे-धीरे बीमारी में जकड़ गए

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देवदत्त ने उनके लिए खाने के लिए एक भी रुपया अपने गद्दे से नहीं निकाला वह रात दिन उसी गद्दे को साथ लेकर घूमता फिरता सब लोग उसे कहते कि इसमें क्या है but किसी को नहीं बताता था बिना खाए बिना पिए इंसान कितने दिन जीवित रहता है उसकी पत्नी और बच्चे मर गए उसे बहुत दुख हुआ उसने सोचा कि मैं मेरी पत्नी और बच्चे मर गए फिर भी मैंने अपने पैसे खर्च नहीं किया अब मैं भी ना तो कुछ खाऊंगा और ना पियूंगा और अपने पैसे को इसी तरह बचाकर ऊपर जब मारूंगा

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तो अपने साथ इस गद्दे को भी अपने साथ ले जाऊंगा मैं बिना कुछ खाए बिना कुछ भी एक इधर उधर घूमता रहा धीरे धीरे बाढ़ का पानी कम होने लगा तो दूसरे गांव के लोग आने लगे सब उसको देख कर ही रहते देवदत्त तुम कुछ खा पी लो तुमने जीवन भर इतना पैसा कमाया किस काम आएगा but उसने कहा मैं अपने पैसे को हाथ नहीं लगाऊंगा इस पैसे से ही तो मेरी पत्नी और मेरा बच्चा चला गया अब मैं भी इस दुनिया से ऐसे ही चला जाऊंगा ऐसे करते-करते वह एक गांव से दूसरे गांव ऐसे ही सुनता रहा और उस पर देखो अपनी पीठ पर बांधकर चढ़ गया जिसमें बहुत सारे पैसे और सोने जेवर और गहने भरे हुए थे चलते चलते वह जंगल में पहुंच गया जंगल में उसे डाकू को मिला उसने डाकू से कहा की मुझे मार दो उसके बदले मैं तुम्हें कुछ पैसे दूंगा डाकू ने कहा तुम्हारे पास कहां से पैसे आए तुम तो बहुत गरीब और भिकारी लगते

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best story in hindi, hindi stories for reading, देवदत्त ने कहा नहीं मेरे पास यह गद्दा इसमें मैंने अपने सारे पैसे और जेवर बन सकते हैं अगर तुम मुझे मार दोगे तो मैं तुम्हें कुछ पैसे दूंगा डाकू को लालच आ गया उसने उसको मार डाला और उसके सारे पैसे लेकर भाग गया इस तरह देवदत्त ने पैसों से भरा गद्दा अपने लिए खर्च नहीं किया अपने परिवार के लिए और बाद में खुद भी मर गया.

 

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घर में कदम रखते हुए ही बच्चो ने ऐसे देखा की शायद में उनके लिए कुछ लाया हु, लेकिन यह कहना बहुत मुश्किल हो रहा है, मेरे पास “पैसे” नहीं है, यह घर भी अब बहुत मुश्किल से चल रहा है, हर रोज मेहनत करने के बाद भी ऐसा लगता है मेरे पास “पैसे” नहीं है, जब पत्नी ने पूछा की आप थक गए होंगे आप के लिए पाने लेकर आती हु, तो शायद मुझे लगा की आज भी बच्चे यही सोचते होंगे की पिताजी कुछ नहीं लाये है, वह मन उनकी बाते में ही लग रहा था,

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पानी का तो मुझे ध्यान भी नहीं रहा था, यह नौकरी भी मेरे लिए मज़बूरी बन गयी है, इसमें ख़र्च ही चल जाये यही बहुत हो सकता है, इससे अधिक “पैसे” मेरे पास नहीं है, जिससे कुछ बाहरी ख़ुशी में बच्चो को दे सकता, पत्नी को भी लग रहा था, आज शायद में अधिक परेशान हु वह जानती है, की हम बहुत मुश्किल से घर चला रहे है, वह अंदर चली जाती है, क्योकि खाने का समय हो गया था, बच्चे फिर से खेलने लगते है यह जीवन नहीं है, मुसीबत से भरा हुआ कोई टोकरा लगने लगा है, जिस जगह पर समस्या खत्म नहीं होती है,

 

बल्कि यह तो लगातार बढ़ रही है, हर रोज सुबह को यही सोचता हु की शायद कोई और अच्छा काम मिल जाये तो यह नौकरी छोड़ देता हु मगर दिन भर की भागदौड़ के बाद कुछ नहीं मिलता है, शाम होने के बाद फिर से घर जाता हु उसके बाद वही बाते सामने आ जाती है, यह सब कब तक चलेगा क्या कोई बदलाव नहीं आएगा, क्या हम ऐसा जीवन जीते रहेंगे सवाल बहुत है मगर जवाब कोई नहीं है, क्योकि जवाब की तलाश आज से नहीं है, यह तो हर वक़्त चलता रहता है,

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मुझे नहीं पता है की इस समस्या का कोई जवाब मुझे मिल पायेगा लेकिन हर बार यही सोचता हु की अगर मुझे जल्दी जवाब नहीं मिला तो मुझे अच्छा नहीं लगेगा, यह सवाल मेरे सामने खड़ा है जब तक कोई जवाब नहीं मिलता है तो क्या होगा कुछ समझ नहीं आता है मुझे उतने “पैसे” तो मिलने चाहिए जितने मेरे घर की जरूरत को पूरा कर सके, हर रोज घर आते हुए यह सवाल मेरे दिमाग में रहता है यह उस दिन की बात है जब में अपनी नौकरी से घर आ रहा था,

 

रास्ते में मुझे एक सेठ मिलता है उसकी गाडी खराब हो गयी थी, वह बहुत परेशान लग रहा था क्योकि उसे गाडी की समस्या समझ नहीं आ रही थी, वह क्यों रुक गयी है, वह सोचता है की अगर वह समय से घर नहीं पहुंचा तो मुसीबत भी आ सकती है, मेने सोचा की उसकी समस्या को पूछ लिया जाए क्योकि वह यहां पर अकेले है में उनके पास गया तो वह कहते है की कार खराब हो गयी है, में यह नहीं समझ सकता हु की क्या हुआ होगा, वह सेठ कहता है की अगर तुम इसे देख सकते हो तो बहुत अच्छा होगा,

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कुछ देर बाद पता चल गया था, की वह स्टार्ट क्यों नहीं हो रही थी, क्योकि उसकी बैटरी का कोई तार ढीला हो गया था, उसके बाद वह कार चल सकती थी, यह देखकर वह सेठ बहुत खुश हो गया था, वह सेठ कहता है की तुम कही जा रहे हो तो में तुम्हे छोड़ सकता हु उसके बाद वह मुझे कार में लिफ्ट देते है वह सेठ बताते है की उनकी बहुत बड़ी दुकान है वह सोने और हीरे के व्यापारी है, उसके बाद उन्होंने मुझे घर छोड़ दिया था, वह अपना कार्ड देते है और मुझे बुलाना चाहते है,

 

उसके बाद वह सेठ चले जाते है, जब पत्नी देखती है, की आज कोई आया था वह चला अभी गया है तो उसे भी पता चल जाता है की यह कोई सेठ है कुछ दिन बाद वह सेठ से मिलने जाता है, उसे लगता है की उस दिन सेठ ने बुलाया था जब वह सेठ की दूकान पर गया तो वह कहता है की अगर आपके पास कोई कमा है तो मुझे दे सकते है सेठ उस आदमी की बात सुनता है उसके बाद कहता है की आप परेशान ना हो, मुझे पूरी बात बताये,

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जब सेठ को अपने घर की हालत बताई और अपनी नौकरी में कुछ भी बचता नज़र नहीं आता है तो सेठ को बहुत दुःख होता है क्योकि उन्हें पता है की वह बहुत अच्छा आदमी है जिसने उस दिन मदद की थी, जबकि कोई भी मदद के लिए नहीं रुकता था, वह सेठ कहता है की आप परेशान ना हो, आपको में कमा दे सकता हु में तुम्हे उतना “पैसे” दे सकता हु जिससे तुम्हे कभी कोई परेशान नहीं होगी, उसके बाद वह सेठ कहता है की तुम्हे कल से ही काम पर आ जाना है, सेठ की बात सुनकर बहुत ख़ुशी हुई थी,

 

ऐसा लग रहा था की शायद आज वह जवाब मुझे मिल गया है जिसके जवाब के लिए में हमेशा सोचता रहता था, उस दिन बच्चो के लिए भी कुछ लिया तो क्योकि जो ख़ुशी उन्हें नहीं दे पाया था आज वह ख़ुशी उन्हें मिल सकती है, जब घर गया तो आज चेहरे पर ख़ुशी नज़र आ रही थी, आज लग रहा था की में भी बहुत खुश हु बच्चे भी बहुत खुश हो गए थे वह हमेशा इन्तज़ार करते थे में उनके लिए क्या लेकर आता हु, यह सब देखकर पत्नी को भी लगता है आज कुछ ऐसा हुआ है, जिससे कुछ बदलाव आया है,

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जब उसे सब कुछ बता दिया तो वह बहुत खुश हुई थी क्योकि शायद अब हमारा घर कुछ अच्छा चल सकता था शायद अब जीवन में बदलाव आने वाला है यह सब कुछ उस सेठ की मदद करने से हुआ था, जीवन में कब आपको अचानक क्या मिल जाये कोई कह नहीं सकता है लेकिन एक बात है, जीवन कभी भी बदल सकता है इसलिए अपने जीवन में निस्वार्थ ही मदद करनी चाहिए हो सकता है की आपकी मदद से आपका आने वाला कल ही बदल जाए, अगर आपको यह best story in hindi, hindi stories for reading पसंद आयी है तो शेयर करे

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One thought on “कंजूस का पैसा हिंदी कहानी, best story in hindi”

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