जीवन में धैर्य की कहानी, Best hindi ki kahaniya

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Best hindi ki kahaniya, हमे हमेशा जीवन में धैर्य से काम लेना चाहिए, आपको यकीन नहीं होगा की जब धैर्य रखते है तो आपकी बहुत समयसा का हल अपने आप ही हो जाता है, यह कहानी जीवन में धैर्य की कहानी आपको जरूर पसंद आएगी.

जीवन में धैर्य की कहानी : Best hindi ki kahaniya

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Best hindi ki kahaniya, सभी लोग यह सोचते होंगे कि हमें बहुत जल्दी-जल्दी अपने कामों को करना चाहिए लेकिन जल्दबाजी में हमेशा ज्यादातर काम बिगड़ जाते हैं अगर हम वही काम थोड़े समय बाद करते हैं तो वह जरूर पूरा हो जाता है हमारा जीवन भी इसी प्रकार है अगर हम उसमें बहुत जल्दबाजी करेंगे तो हमे हमेशा मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा

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हम इस कहानी से बहुत अच्छी तरह से समझ सकते हैं कि हमें धैर्य क्यों रखना बहुत जरूरी होता है एक बार एक साधु महाराज जी को शिष्यों को लेकर जंगल के रास्ते से जा रहे थे धूप बहुत तेज हो रही थी और इसी कारण उन्हें कुछ समय बाद ही थक कर बैठना पड़ा साधु महाराज जी ने अपने शिष्य को बुलाया और कहा कि पास में एक झरना है उससे जाकर सभी के लिए पानी की व्यवस्था करो

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शिष्य पानी लेने के लिए झरने की तरफ गया but वहां पर उसने देखा कि बहुत से जानवर झरने में खेल रहे हैं जिससे झरने का पानी बहुत गंदा हो गया था वह पीने योग्य नहीं था वह बिना पानी लिए ही वापस आ गया उसके बाद साधु महाराज जी ने कहा कि तुम्हे पानी मिला नहीं, शिष्य ने बताया कि वहां पर कुछ जानवर खेल रहे थे जिसे पानी बहुत गंदा हो गया है मैं ऐसा करता हूं कि पास में नदी जो बह रही है उससे पानी ले कर आता हूं but साधु महाराज जी ने मना कर दिया वह कहने लगे कि तुम्हें झरने से ही पानी लेकर आना चाहिए नदी काफी दूर है

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शिष्य पानी लेने के लिए फिर से दोबारा झरने के पास गया तो देखा कि जानवर तो वहां नहीं है but पानी अभी भी गंदा है उसके बाद फिर वापस आ गया साधु महाराज जी ने पूछा कि तुम खाली हाथ आए हो शिष्य ने बताया कि अभी भी झरने पर पानी गंदा है वह पीने योग्य नहीं है उसके बाद साधु महाराज ने कहा की दोबारा फिर से जाओ शिष्य दोबारा पानी लेने के लिए झरने के पास गया तो देखा कि झरने का पानी बहुत साफ हो गया था जो गंदगी पानी में थी वह बैठ चुकी थी और अब साफ पानी बह रहा था शिष्य ने सभी के लिए पानी की व्यवस्था की इस पर साधु महाराज जी से उसने पूछा कि पानी एकदम साफ पानी कैसे हो गया

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साधु महाराज जी ने कहा कि हमें अपने जीवन में धैर्य रखना चाहिए जितना हम धैर्य रखेंगे उतनी ही सफलता की ओर आगे बढ़ेंगे अगर हम अपने जीवन में हर काम जल्दबाजी में करेंगे तो इससे हमें परेशानी ही होगी अगर तुम घूमकर नदी का पानी लेकर आते भी तो तुम्हें बहुत समय लग सकता था जब कुछ देर आराम करने के बाद भी तुम्हें पानी झरने का बिल्कुल साफ दिखाई दे रहा है यह हमें धैर्य रखना सिखाता है शिष्य ने गुरु की बात बहुत ध्यान से सुनी और अपने जीवन को भी उसी अनुरूप ढाल लिया हमें भी अपने जीवन में यही बातें अपनानी चाहिए.

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वह आदमी एक दूकान पर काम करता था मगर उसका ध्यान तो हमेशा ही भगवान में रहता था, वह सभी को सामान भी देता था हमेशा भगवान का गुणगान करता था, इसलिए कभी कभी उसे नुक्सान भी होता था, क्योकि वह अधिक सामान भी दे देता था, एक दिन दुकान पर एक आदमी आता है, वह देखता है की दुकानवाला तो भगवान का ध्यान कर रहा है, उसला फायदा लिया जा सकता है, वह आदमी दुकानवाले से कुछ सामान लेता है,

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but वह धन बहुत कम देता है, जबकि दुकानवाले ने उसे धन के बारे में बताया था उसके बाद वह आदमी चला जाता है, दूर खड़ा हुआ आदमी सब कुछ देखता है, वह दुकानवाले के पास आता है, वह कहता है, तुमने उससे बहुत कम धन लिया है वह आदमी तुम्हे बहुत कम धन दे गया है तुम्हे नुक्सान हो गया है, वह दुकानवाला कहता है मेने तो उसे धन की पर्ची दी थी, उसके बाद भी उसने बहुत कम धन दिया है, वह आदमी दुकानवाले से कहता है इस तरह तुम्हे कोई भी घाटे में डाल सकता है, वह दुकानवाला कहता है सब भगवान देख रहा है,

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इसलिए वह उसे बुरा भला नहीं कहता है, क्योकि उसे भगवान पर विश्वाश है, अगले दिन वह आदमी उस दुकानवाले के पास आता है, वह कहता है की आपने मुझे पूरा सामान दिया था मगर मेने तुम्हे धन बहुत कम दिया है, वह दुकानवाला कहता है की कोई बात नहीं है, तुम्हे शायद धन की अधिक जरूरत है, मगर वह आदमी कहता है, की में रातभर सो नहीं पाया था, मुझे लग रहा था, की मुझे तुम्हारे साथ ऐसा नहीं करना चाहिए था, इसलिए वह दुकानवाले को धन देकर चला गया था, जो भगवान का ध्यान करते है उन्हें कभी नुकसान नहीं होता है, अगर आपको यह दोनों कहानी, Best hindi ki kahaniya पसंद आयी है, तो शेयर करे

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