Story in hindi | Hindi story
Story in hindi, में उस रात पहली बार अपने घर वापिस आ रहा था, यह सर्दियों की रात भी बहुत लम्बी थी, सफर पर भी बहुत ज्यादा ठण्ड लग रही थी, बाहर से आती हुई हवा बहुत ठंडी थी, सर्दियों का सफर करना बहुत ही कठनाईओ भरा होता है, लेकिन कुछ किया भी नहीं जा सकता था,
ठंडी रात का सफर एक कहानी :- Story in hindi
बस जब रुकी तो वो जगह बहुत ही सुनसान थी, बस में कुछ खराबी आ गयी थी, जिसे सही करने के लिए बस का ड्राइवर नीचे उतरा, उसके साथ ही कुछ और भी लोग बस से नीचे उतर गए थे, बहार कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था, चारो और सिर्फ शांति ही थी, कोहरे की वजह से भी कुछ साफ़ नहीं दिख रहा था,
चाय बनवायी :-
थोड़ा बहुत जब खोहरा हटता तो कुछ नज़र आता था, शायद कोई ढाबा हो सकता था, लेकिन कुछ साफ़ नहीं दिख रहा था, इसलिए ढाबा है या कुछ और समझ नहीं आ रहा था, बस को अभी ठीक होने में बहुत समय लगने वाला था, इसलिए ढाबा की तलाश में आगे जाने की कोशिश की, तभी कुछ नज़र आने लगा था, वो ढाबा ही था,
जब ढाबे पर गया तो देखा की रौशनी अंदर जल रही थी, उसके बाद चाय बनवायी, और कुछ देर बाद बाकी लोग भी आ गए थे, सभी लोगो ने चाय पी, हवा भी अपने जोरो पर चल रही, ठंडी हवा को झोका भी बहुत तेजी आता था, शरीर के अंदर जब हवा लगती तो ठण्ड और भी बढ़ जाती, तभी पता चला की बस आज ठीक नहीं होगी, हमे इंतज़ार करना होगा सुबह तक,
कभी-कभी यह किस्सा :-
उस रात का सफर हमेशा याद आता है, ठण्ड में रात का सफर कभी नहीं करना चाहिए, सर्दियों की रात बहुत ही ठंडी थी, उस दिन के बाद कभी रात का सफर नहीं किया था, इस बात को आज बहुत साल बीत गए है, कभी-कभी यह किस्सा याद आ जाता है, तो ठण्ड भी महसूस होती है,
अगर आपके पास भी ऐसा ही कोई किस्सा है, जो आप कभी भूलते नहीं है तो आप हमे यहां पर भेज सकते है, अगर आपको यह पसंद आया है तो आगे भी शेयर करे और हमे भी बताये,
सर्दियों की ठंडी रात की हिंदी कहानी
उस दिन की बात मुझे अच्छे से याद है वह सर्दी की रात से पता चल गया था बहुत ठंड हो रही थी. उस ठंड के बाद घर से निकलने के बाद भी बहुत सोचना पड़ता था. वह दिन मुझे याद है उस दिन बहुत कोहरा था कुछ भी नज़र नहीं आ रहा था मगर वह लड़का एक पेड़ के पास बैठा था. उसने अपना चहेरा छुपाया हुआ था
क्योकि उसे बहुत ठंड लग रही थी. वह क्या कर सकता था उसके पास कुछ भी नहीं था वह ठंड से बहुत परेशान था. उसे बहुत अधिक ठंड लग रही थी. दिन का समय था लेकिन रात जैसा लग रहा था, अभी शाम ही हुई थी उसके पास कोई भी गर्म कपड़ा नहीं था वह बहुत गरीब था उसकी ठंड से पता चल गया था की वह उसे बर्दाश नहीं कर सकता था.
ठंड से काँप रहा था :-
मेने भी सोचा था की देखने से कुछ नहीं होता है इसलिए उस लड़के पास गया था उससे पूछा था की वह किस जगह पर रहता है मगर वह कुछ नहीं कह रहा था. क्योकि ठंड से काँप रहा था उसे कुछ गर्म पीना चाहिए था इसलिए उसके लिए गर्म चाय लेकर आ गया था वह उसे पीता है उसके बाद कहता है की आप कौन है मेने उसे बताया था की उसे देखने के बाद उससे मिलने आया हु
उसे कुछ गर्म कपड़े भी दिए थे उस लड़के ने बताया था वह यहां पर अकेला ही रहता है कुछ काम मिल जाता है उसे वह कर लेता है जिससे खाने का कुछ इंतज़ाम हो सके उसके पास कुछ नहीं था क्योकि वह गरीब था ठंड बहुत अधिक थी अब उसे ठीक लग रहा था उसे गर्म कपड़े मिल गए थे भले ही यह हमारे बहुत छोटी कोशिश थी. मगर हमे मदद करनी चाहिए आपकी मदद से बहुत कुछ हो सकता है अगर आपको यह story in hindi पसंद आयी है शेयर जरूर करे
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